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मोदी राज के 11 वर्षों में रक्षा क्षेत्र में हुई अभूतपूर्व प्रगति: आत्मनिर्भरता, रणनीतिक साझेदारी से बढ़ी वैश्विक साख

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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में पिछले 11 वर्षों में भारत ने रक्षा क्षेत्र में जो क्रांतिकारी बदलाव किए हैं, वे देश की सुरक्षा को मजबूत करने के साथ-साथ भारत की वैश्विक साख को भी नई ऊंचाइयों पर ले गए हैं। मोदी सरकार ने ‘आत्मनिर्भर भारत’ के संकल्प को रक्षा क्षेत्र में पूरी ताकत से लागू किया, जिससे देश ने हथियारों के आयात पर निर्भरता कम की और स्वदेशी उत्पादन को बढ़ावा दिया। साथ ही, रणनीतिक साझेदारियों और आधुनिक तकनीकों के जरिए भारत ने अपनी सैन्य ताकत और वैश्विक प्रभाव दोनों को बढ़ाया है। आइए विस्तार से जानते हैं मोदी सरकार के 11 वर्षों में रक्षा क्षेत्र की 11 बड़ी उपलब्धियां:-

1. आत्मनिर्भर भारत: रक्षा उत्पादन में अभूतपूर्व वृद्धि
मोदी सरकार के कार्यकाल की सबसे बड़ी उपलब्धियों में से एक है रक्षा उत्पादन में अभूतपूर्व वृद्धि। 2014-15 में भारत का रक्षा उत्पादन लगभग 46,429 करोड़ रुपये था, जो 2023-24 में बढ़कर 1,27,434 करोड़ रुपये हो गया है, यानी लगभग 174 प्रतिशत की वृद्धि। यह वृद्धि ‘मेक इन इंडिया’ और ‘आत्मनिर्भर भारत’ के तहत रक्षा क्षेत्र को स्वदेशी बनाने के लिए उठाए गए कदमों का नतीजा है। इस दौरान सरकार ने रक्षा उत्पादन में निजी क्षेत्र की भागीदारी को बढ़ावा दिया, जिससे न केवल उत्पादन में तेजी आई बल्कि रोजगार के नए अवसर भी पैदा हुए। रक्षा उत्पादन का लक्ष्य 2029 तक 3 लाख करोड़ रुपये तक पहुंचाने का लक्ष्य रखा गया है, जो भारत को वैश्विक रक्षा बाजार में एक प्रमुख खिलाड़ी बनाएगा।

2. स्वदेशी हथियार प्रणालियों का विकास और निर्यात
भारत ने कई स्वदेशी हथियार प्रणालियों का सफल विकास किया है, जिनमें एस-400 ट्रायम्फ मिसाइल सिस्टम, बराक-8 मिसाइल, आकाश मिसाइल, तेजस हल्का लड़ाकू विमान, और काउंटर-यूएवी तकनीक शामिल हैं। इन हथियार प्रणालियों ने भारत की सैन्य ताकत को बढ़ाने में अहम भूमिका निभाई है। इसके साथ ही, भारत अब लगभग 80 से 100 देशों को सैन्य उपकरणों का निर्यात करता है। भारत का रक्षा निर्यात वित्त वर्ष 2014-15 में 1,941 करोड़ रुपये से वित्त वर्ष 2024-25 में 23,662 करोड़ रुपये तक 1,100 प्रतिशत से अधिक बढ़ गया है। यह भारत की तकनीकी श्रेष्ठता और आत्मनिर्भरता का प्रमाण है। रक्षा निर्यात को बढ़ावा देने के लिए सरकार ने कई नीतिगत सुधार किए हैं, जिससे भारत वैश्विक हथियार बाजार में अपनी पकड़ मजबूत कर रहा है।

3. रक्षा बजट में लगातार वृद्धि और बेहतर प्रबंधन
रक्षा बजट में लगातार वृद्धि के साथ-साथ बेहतर प्रबंधन भी मोदी सरकार की खास उपलब्धि है। 2014-15 में रक्षा बजट लगभग 2.29 लाख करोड़ रुपये था, जो 2025-26 में बढ़कर लगभग 6.81 लाख करोड़ रुपये तक पहुंच गया है। इस बजट का उपयोग नई तकनीकों के विकास, हथियारों की खरीद, सैनिकों के वेतन और कल्याण, और सीमा सुरक्षा को मजबूत करने में किया जा रहा है। बजट वृद्धि के साथ ही सरकार ने रक्षा खरीद प्रक्रिया को पारदर्शी और तेज़ बनाया, जिससे संसाधनों का बेहतर उपयोग सुनिश्चित हुआ।

4. निजी क्षेत्र और विदेशी निवेश को बढ़ावा
मोदी सरकार ने रक्षा क्षेत्र में निजी क्षेत्र की भागीदारी को बढ़ावा देने के लिए कई बड़े कदम उठाए हैं। रक्षा क्षेत्र में अब 74 प्रतिशत तक विदेशी निवेश की अनुमति दी गई है, जिससे विदेशी कंपनियां भारत में तकनीकी सहयोग और निवेश कर रही हैं। निजी कंपनियों को बड़े रक्षा परियोजनाओं में शामिल किया गया है, जैसे कि अडवांस्ड मीडियम कॉम्बैट एयरक्राफ्ट (AMCA), स्वदेशी पनडुब्बी निर्माण, और इलेक्ट्रॉनिक युद्ध प्रणाली। इससे तकनीकी विकास में तेजी आई है और उत्पादन क्षमता में वृद्धि हुई है।

5. रक्षा खरीद प्रक्रिया में पारदर्शिता और तेजी
पहले रक्षा खरीद प्रक्रिया लंबी और जटिल होती थी, जिससे हथियारों की आपूर्ति में देरी होती थी। मोदी सरकार ने इसे सरल, पारदर्शी और तेज बनाया है। ‘मेक इन इंडिया’ को प्राथमिकता दी गई है, जिससे घरेलू उद्योगों को बढ़ावा मिला है। डिफेंस एक्सपोर्ट प्रमोशन योजना, ई-प्रोक्योरमेंट और फास्ट ट्रैक खरीद जैसी नीतियों ने रक्षा खरीद प्रक्रिया को आधुनिक बनाया है। इससे सेना को समय पर आवश्यक उपकरण और हथियार मिल रहे हैं।

6. रणनीतिक साझेदारियों से वैश्विक साख में वृद्धि
भारत ने अमेरिका, रूस, फ्रांस, इजराइल, जापान, ऑस्ट्रेलिया और कई अन्य देशों के साथ गहरी रक्षा साझेदारी स्थापित की है। इन साझेदारियों के तहत तकनीकी सहयोग, हथियारों की खरीद, संयुक्त सैन्य अभ्यास, और रणनीतिक संवाद बढ़े हैं। उदाहरण के लिए, अमेरिका के साथ ‘लॉजिस्टिक्स एक्सचेंज मैमोरेंडम ऑफ़ अंडरस्टैंडिंग’ (LEMOA), ‘कॉमप्रिहेंसिव डिफेंस पार्टनरशिप’, और ‘क्वाड’ जैसे मंचों ने भारत की वैश्विक रक्षा साख को मजबूत किया है। इन साझेदारियों से भारत को अत्याधुनिक तकनीक और हथियारों की आपूर्ति सुनिश्चित होती है।

7. आधुनिक हथियार प्रणालियों से सेना को लैस करना
मोदी सरकार ने भारतीय सेना, वायुसेना और नौसेना को कई आधुनिक हथियार प्रणालियों से लैस किया है। इनमें एस-400 ट्रायम्फ मिसाइल सिस्टम, बराक-8 मिसाइल, आकाश मिसाइल, के9 वज्र-T हॉवित्जर, एम777 अल्ट्रा-लाइट हॉवित्जर, राफेल लड़ाकू विमान, तेजस एलसीए और पनडुब्बी आईएनएस कलवरी शामिल हैं। इन हथियार प्रणालियों ने भारत की सैन्य ताकत और युद्ध क्षमता को कई गुना बढ़ाया है, जिससे देश की सीमाओं की सुरक्षा और आक्रामक क्षमता दोनों मजबूत हुई हैं।

8. महिलाओं की सेना में बढ़ती भागीदारी
मोदी सरकार ने सेना में महिलाओं की भागीदारी को बढ़ावा दिया है। अब महिलाएं कई महत्वपूर्ण सैन्य पदों पर कार्यरत हैं, जिनमें लड़ाकू और कमांडिंग पद भी शामिल हैं। यह बदलाव सेना में विविधता लाने के साथ-साथ महिलाओं को सशक्त बनाने का भी प्रयास है। इससे सेना की कार्यक्षमता और समावेशिता दोनों बढ़ी हैं।

9. सैनिकों के कल्याण और मनोबल में सुधार
सैनिकों के कल्याण के लिए मोदी सरकार ने कई योजनाएं लागू की हैं। वन रैंक वन पेंशन योजना के तहत सैनिकों को बेहतर पेंशन और कल्याण सुविधाएं दी गई हैं। सैनिकों के परिवारों को बेहतर चिकित्सा, आवास, शिक्षा और सामाजिक सुरक्षा उपलब्ध कराई गई है। इन सुधारों से सैनिकों का मनोबल बढ़ा है और वे अपने कर्तव्यों को और बेहतर तरीके से निभा पा रहे हैं।

10. सफल सैन्य अभियान और सीमा सुरक्षा
2016 की उरी सर्जिकल स्ट्राइक, 2019 की बालाकोट एयरस्ट्राइक और 2025 में ऑपरेशन सिंदूर जैसे सैन्य अभियानों ने भारत की सैन्य ताकत और संप्रभुता की रक्षा को साबित किया है। साथ ही, सीमा पर ड्रोन निगरानी, सीमा बाड़, इलेक्ट्रॉनिक युद्ध प्रणाली और अन्य आधुनिक तकनीकों के जरिए सुरक्षा को और मजबूत किया गया है। इससे भारत की सीमाओं की सुरक्षा में काफी मजबूती आई है।

11. नई तकनीकों और भविष्य की तैयारी
भारत आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, साइबर सुरक्षा, हाइपरसोनिक हथियारों, क्वांटम कंप्यूटिंग और अंतरिक्ष तकनीक में तेजी से काम कर रहा है। रक्षा उपग्रहों की मदद से सेना की निगरानी और संचार प्रणाली को बेहतर बनाया गया है। गगनयान मिशन और स्वदेशी स्पेस स्टेशन विकसित करने की योजना से भारत की रक्षा प्रणाली और अधिक सक्षम बनेगी। यह भविष्य की चुनौतियों का सामना करने में भारत को सक्षम बनाएगा।

साफ है कि मोदी सरकार के 11 वर्षों में रक्षा क्षेत्र में हुई अभूतपूर्व प्रगति ने भारत को एक आत्मनिर्भर, मजबूत और विश्वसनीय रक्षा शक्ति के रूप में स्थापित किया है। रक्षा उत्पादन में वृद्धि, रणनीतिक साझेदारियां, तकनीकी उन्नति, सैनिकों के कल्याण और सफल सैन्य अभियानों ने भारत की सुरक्षा को नई ऊंचाइयों पर पहुंचाया है। इससे वैश्विक मंच पर भारत की साख मजबूत हुई है और आने वाले समय में यह ताकत और भी बढ़ेगी।

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