प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में भारत ने पिछले 11 वर्षों में इंफ्रास्ट्रक्चर के क्षेत्र में अभूतपूर्व प्रगति की है। मोदी राज में आए बदलाव ने देश की आर्थिक विकास और नागरिकों की जीवन गुणवत्ता दोनों को नई ऊंचाइयों पर पहुंचाया है। यह #11YearsOfInfraRevolution के रूप में जाना जाता है, जिसमें रेलवे, हाईवे, हवाई अड्डे, बंदरगाह और डिजिटल नेटवर्क सहित कई क्षेत्रों में व्यापक विकास हुआ है।
Runways in remote lands, tunnels through the toughest terrains — PM Modi is not just changing how India moves, but what India dares to dream.#11YearsofInfraRevolution pic.twitter.com/QBxuFdWYwe
— BJP (@BJP4India) June 11, 2025
1. राष्ट्रीय राजमार्ग और सड़क नेटवर्क का विस्तार
2014 में भारत के राष्ट्रीय राजमार्गों की लंबाई लगभग 91,287 किलोमीटर थी, जो बढ़कर 2024 तक 1,46,145 किलोमीटर हो गई है। सड़क निर्माण की गति भी 12 किलोमीटर प्रति दिन से बढ़कर 33.8 किलोमीटर प्रति दिन हो गई है। ग्रामीण सड़कों का निर्माण भी जोर-शोर से हुआ है, जिससे लगभग 3.74 लाख किलोमीटर ग्रामीण सड़कें बनीं और 99 प्रतिशत ग्रामीण भारत राष्ट्रीय सड़क नेटवर्क से जुड़ गया है। इससे ग्रामीण इलाकों की आवाजाही और आर्थिक समावेशन को मजबूती मिली है।
The Modi government has rebuilt Bharat by presenting the nation with one engineering marvel after another in #11YearsOfInfraRevolution.
The newly built state-of-the-art infrastructure projects have strengthened the unity of the nation by bringing the people closer and enabled… pic.twitter.com/dqADLTGXTz
— Amit Shah (@AmitShah) June 11, 2025
2. ब्रिज इंफ्रास्ट्रक्चर का अभूतपूर्व विकास
पिछले 11 वर्षों में भारत में ब्रिज इंफ्रास्ट्रक्चर पर विशेष ध्यान दिया गया है, जिससे देश के विभिन्न हिस्सों में कई विश्वस्तरीय और रिकॉर्ड तोड़ टनल और पुलों का निर्माण हुआ है। इनमें प्रमुख हैं- अटल सेतु (मुंबई ट्रांस हार्बर लिंक): यह भारत का सबसे लंबा और आधुनिक समुद्री पुल है, जिसकी लंबाई लगभग 21.8 किलोमीटर है। अटल सेतु के बन जाने से मुंबई, पुणे, गोवा और दक्षिण भारत की ओर आवागमन तेज और सुगम हुआ है, साथ ही मुंबई के दोनों हवाई अड्डों की कनेक्टिविटी भी बेहतर हुई है। हाल ही में उद्घाटित चेनाब ब्रिज विश्व का सबसे ऊंचा रेलवे आर्च ब्रिज है, जो जम्मू-कश्मीर के दुर्गम क्षेत्र में बनाया गया है। भूपेन हजारिका सेतु यानी ढोला-सादिया ब्रिज असम और अरुणाचल प्रदेश को जोड़ने वाला यह पुल 9.15 किलोमीटर लंबा है और यह भारत का सबसे लंबा नदी पुल है। इनके अलावा, देशभर में बोगीबील ब्रिज, पंबन ब्रिज, बांद्रा-वर्ली सी लिंक, विक्रमशिला सेतु, अटल टनल, जैसे कई बड़े पुलों का निर्माण और आधुनिकीकरण हुआ है, जिससे क्षेत्रीय संपर्क, व्यापार, पर्यटन और राष्ट्रीय सुरक्षा को नई मजबूती मिली है।
3. रेलवे नेटवर्क का अभूतपूर्व विकास
मोदी राज में 2014-2024 के दौरान भारतीय रेलवे ने 31,000 किमी नए ट्रैक बिछाए, जबकि 2004-2014 में यह आंकड़ा 14,900 किमी था। विद्युतीकरण 35 प्रतिशत से बढ़कर लगभग 100 प्रतिशत के करीब पहुंच गया है। वंदे भारत, अमृत भारत और डेडिकेटेड फ्रेट कॉरिडोर जैसी परियोजनाओं से रेलवे आधुनिक और विश्वस्तरीय बना है। भारत अब दुनिया का सबसे बड़ा लोकोमोटिव निर्माता भी बन चुका है, जिसने 2024-25 में 1,681 लोकोमोटिव बनाए, जो संयुक्त रूप से अमेरिका, यूरोप और जापान से अधिक है। भारतीय रेलवे अब विश्व का दूसरा सबसे बड़ा माल परिवहनकर्ता है, जो प्रति वर्ष 1,617 मिलियन टन माल ढोता है। पूर्वोत्तर राज्यों तक रेलवे कनेक्टिविटी बढ़ने से क्षेत्रीय एकीकरण को भी बल मिला है। डेडिकेटेड फ्रेड कॉरिडोर (DFC) परियोजना से माल परिवहन में दक्षता और यात्री मार्गों पर भीड़ कम होगी।
#11YearsOfInfraRevolution | Infrastructure that Empowers, Connects, and Transforms.
PM @narendramodi has made infrastructure the backbone of India’s development, driving connectivity, growth, and national progress.
From highways and railways to airports, ports, and waterways… pic.twitter.com/GBsZdC23Ld
— DD News (@DDNewslive) June 11, 2025
4. हवाई अड्डों और वायु यात्रा का विकास
नरेंद्र मोदी के प्रधानमंत्री बनने से पहले 2014 में भारत में 74 हवाई अड्डे थे, जो बढ़कर 2025 में 162 हो गए हैं। UDAN योजना के तहत दूर-दराज के क्षेत्रों को हवाई संपर्क से जोड़ा गया है। सरकार का लक्ष्य 2047 तक 300 से 400 हवाई अड्डे बनाना है, जिससे भारत एक वैश्विक विमानन महाशक्ति बन सके। घरेलू हवाई यात्रियों की संख्या 37.6 करोड़ तक पहुंच गई है, जो देश में वायु यात्रा की बढ़ती मांग को दर्शाता है। इस क्षेत्र में रोजगार के अवसर भी बढ़े हैं, साथ ही क्षेत्रीय विकास और आर्थिक समावेशन को भी बढ़ावा मिला है। हालांकि, पर्यावरणीय और सामाजिक चुनौतियां भी इस विस्तार के साथ जुड़ी हैं, जिनका समाधान करना आवश्यक है।
5. बंदरगाह और जल परिवहन
मोदी राज में मेक इन इंडिया और सागरमाला जैसी योजनाओं के तहत बंदरगाहों की क्षमता और दक्षता में वृद्धि हुई। कार्गो हैंडलिंग क्षमता और लॉजिस्टिक्स की लागत में कमी आई, जिससे निर्यात और व्यापार को बल मिला। सागरमाला भारत सरकार की एक प्रमुख योजना है, जिसका उद्देश्य देश के समुद्री बुनियादी ढांचे का आधुनिकीकरण, बंदरगाहों की क्षमता और दक्षता को बढ़ाना, और बंदरगाह आधारित औद्योगिक विकास को प्रोत्साहित करना है। गंगा, ब्रह्मपुत्र, गोदावरी, कृष्णा जैसी नदियों पर राष्ट्रीय जलमार्ग विकसित किए गए हैं। वाराणसी से हल्दिया तक नेशनल वॉटरवे-1 पर कंटेनर और कार्गो ट्रांसपोर्ट शुरू हो चुका है। तटीय शिपिंग को बढ़ावा देने के लिए 200 से अधिक तटीय जहाजों को परिचालन में लाया गया है, जिससे सड़क और रेल पर दबाव कम हुआ है।
6. स्मार्ट सिटी मिशन और शहरी विकास
शहरी क्षेत्रों में स्मार्ट सिटी मिशन के तहत 8,000 से अधिक परियोजनाएं चलाई गई हैं, जिनमें 1.64 लाख करोड़ रुपये का निवेश हुआ है। दिल्ली मेट्रो जैसे मास रैपिड ट्रांजिट सिस्टम का विस्तार 15 शहरों तक हो चुका है, जिससे शहरी आवाजाही सुगम और सुरक्षित हुई है। यह मिशन शहरी जीवन की गुणवत्ता बढ़ाने और आर्थिक गतिविधियों को प्रोत्साहित करने में सहायक रहा है।
India is building like never before — faster, smarter, and stronger🛣️🏗️
India’s leap from vision to reality is powered by cutting-edge transport and seamless connectivity💥🇮🇳
Watch the Infrastructure comeback📽️#11YearsOfInfraRevolution pic.twitter.com/4Z2hcDUWml
— PIB India (@PIB_India) June 11, 2025
7. स्वच्छ ऊर्जा और सतत विकास
सौर ऊर्जा उत्पादन क्षमता 2014 में 2.82 गीगावाट से बढ़कर 2024 में 105.65 गीगावाट हो गई है। कुल स्वच्छ ऊर्जा क्षमता अब 228.28 गीगावाट है, जिससे भारत दुनिया में तीसरा सबसे बड़ा सौर और चौथा सबसे बड़ा पवन ऊर्जा उत्पादक बन चुका है। यह पहल भारत को पर्यावरणीय दृष्टि से सतत विकास की ओर ले जा रही है।
8. डिजिटल इंफ्रास्ट्रक्चर और शासन सुधार
मोदी राज में डिजिटल पेमेंट्स, आधार, यूपीआई जैसे प्लेटफॉर्म्स के माध्यम से भारत ने सार्वजनिक डिजिटल इंफ्रास्ट्रक्चर में अभूतपूर्व प्रगति की है। इस डिजिटल आधारभूत संरचना ने ग्रामीण बैंकिंग, सामाजिक सुरक्षा योजनाओं के सीधे लाभार्थी तक पहुंचाने और आर्थिक समावेशन को बढ़ावा दिया है। विश्व बैंक ने भी इसे असाधारण उपलब्धि बताया है, जो आमतौर पर दशकों में होती है। भारत का डिजिटल इंफ्रास्ट्रक्चर अब 12 से अधिक देशों में अपनाया जा चुका है। देशभर में 6.92 लाख किमी से अधिक ऑप्टिकल फाइबर बिछाने के साथ 12 लाख से अधिक घरों में फाइबर-टू-होम कनेक्शन पहुंचाए गए हैं।
9. आर्थिक और सामाजिक प्रभाव
इन सभी इंफ्रास्ट्रक्चर सुधारों ने भारत की आर्थिक वृद्धि को तेज किया है। 2014 से औसत आर्थिक वृद्धि दर 6.4 प्रतिशत से बढ़कर हाल के तिमाही में 7.4 प्रतिशत हो गई है। मुद्रास्फीति नियंत्रण में भी सुधार हुआ है, जो 9.4 प्रतिशत से घटकर 4.6 प्रतिशत पर आ गई है। गरीबी दर में भी उल्लेखनीय कमी आई है, जो 29.17 प्रतिशत से घटकर 11.28 प्रतिशत हो गई है, जिससे करोड़ों लोग गरीबी रेखा से ऊपर उठे हैं।
आधुनिक इंफ्रास्ट्रक्चर से विकसित भारत की बुनियाद बन रही मजबूत।#11YearsOfInfraRevolution pic.twitter.com/tOHo7N12Vc
— BJP Mahila Morcha (@BJPMahilaMorcha) June 11, 2025
10. ग्रामीण विकास और जल जीवन मिशन
मोदी सरकार ने जल जीवन मिशन के तहत 15.6 करोड़ से ज्यादा नल जल कनेक्शन लगाए गए है। स्वच्छ भारत अभियान में 11.72 करोड़ शौचालय बने, जिससे ग्रामीण स्वास्थ्य और स्वच्छता में क्रांतिकारी सुधार हुआ। इससे महिलाओं और बच्चों को पानी लाने में लगने वाले समय और श्रम में भारी कमी आई है। साथ ही, स्वच्छता और सुरक्षित जल आपूर्ति से ग्रामीण क्षेत्रों में जलजनित बीमारियों की घटनाओं में भी उल्लेखनीय गिरावट दर्ज की गई है।
11. आत्मनिर्भर भारत और भविष्य की दिशा
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा है कि भारत की अगली पीढ़ी की इंफ्रास्ट्रक्चर नीति सततता और दीर्घकालिक दृष्टिकोण पर आधारित है, जो आत्मनिर्भर भारत की नींव रख रही है। देश 2047 तक विश्व की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनने की ओर अग्रसर है, और इसका आधार मजबूत इंफ्रास्ट्रक्चर ही है। भारत का यह इंफ्रास्ट्रक्चर क्रांति न केवल आर्थिक विकास को गति दे रही है, बल्कि नागरिकों के जीवन को भी बेहतर बना रही है।
सड़कें जो दूरियाँ घटाएँ, पुल जो दिलों को जोड़ें, और नेटवर्क जो सपनों को उड़ान दें – यही है #NewIndia की इंफ्रास्ट्रक्चर क्रांति।
आइए देखें…#11YearsOfInfraRevolution pic.twitter.com/eI3U6h9yRw
— MyGov Hindi (@MyGovHindi) June 11, 2025
साफ है कि पिछले 11 वर्षों में प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में भारत ने इंफ्रास्ट्रक्चर के हर क्षेत्र में अभूतपूर्व विकास किया है। यह विकास केवल सड़कों, रेलवे या हवाई अड्डों तक सीमित नहीं है, बल्कि डिजिटल नेटवर्क, स्वच्छ ऊर्जा और स्मार्ट शहरों के माध्यम से जीवन की गुणवत्ता और आर्थिक समृद्धि को भी बढ़ा रहा है। इस इंफ्रास्ट्रक्चर क्रांति ने भारत को एक आत्मनिर्भर, समृद्ध और टिकाऊ राष्ट्र के रूप में स्थापित किया है, जो आने वाले दशकों में विश्व के अग्रणी देशों में अपनी जगह बनाएगा।