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इकनॉमिक टाइम्स के साथ प्रधानमंत्री मोदी की खास बातचीत: सबसे पसंदीदा निवेश डेस्टिनेशन होगा भारत, हर नागरिक को लगेगी कोरोना वैक्सीन

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प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने प्रतिष्ठित समाचार पत्र ‘इकनॉमिक टाइम्स’ के साथ खास बातचीत की है। ‘इकनॉमिक टाइम्स’ के साथ एक्सक्लूसिव इंटरव्यू में प्रधानमंत्री मोदी ने करीब 7 महीने से कोरोना के खिलाफ जंग लड़ रहे देश की अर्थव्यवस्था, लॉकडाउन के फैसले, कोरोना वैक्सीन टीकाकरण, कोरोना के खिलाफ भावी जंग को लेकर तमाम सवालों के जवाब दिए हैं। प्रधानमंत्री मोदी ने कोरोना के खिलाफ जंग में अहम भूमिका निभाने के लिए देश की जनता का धन्यवाद दिया। आप भी पढ़िए एक्सक्लूसिव इंटरव्यू के कुछ अंश..

मार्च में लगे लॉकडाउन के बाद कोरोना वायरस के खिलाफ चल रही लड़ाई को 7 महीने से ज्यादा हो चुके हैं। इस आपका क्या कहना है कि हमने अभी कितनी दूरी तय कर ली है?
हम सब इस बात को लेकर सहमत है कि इससे पहले कभी इस ऐसे वायरस से हम में से कोई परिचित नहीं था, तो जब ऐसे किसी अनजाने दुश्मन का हमला हुआ तो जहिर है हमने अपने आप को उसी तरीके ढालने की कोशिश की। मैं कोई स्वास्थ्य विशेषज्ञ तो नहीं हूं लेकिन मेरा आंकलन के हिसाब से अगर आंकडों पर नजर डालें तो हमें ये बात ध्यान रखनी होगी कि हमने बहुत सारी जानें बचाईं हैं। हमारे देश में मृत्यु दर दुनिया में सबसे निचले पायदान पर है, यहां तक की प्रति मिलियन की मृत्यु पर देखा जाए तो कई विकसित देशों से भी हम बेहतर हैं।

इस वायरस देश के कई हिस्सों को बुरी तरह प्रभावित किया इनमें गुजरात, केरल और कर्नाटक मुख्य तौर पर हॉटस्पाट के रूप में शामिल रहे, लेकिन यहां अब स्थति कंट्रोल में है। अपने 20 अक्टूबर को देश के नाम संबोधन में मैंने खुद इस चीज को महसूस किया है कि हमारे लिए अभी सभी एहतियातों का पालन करना बहुत जरूरी है इनमें चाहे वो मास्क पहनन हो या हाथ धोना या फिर सोशल डिस्टेंसिंग का पाल ही करना क्यों न हो, क्योकिं ‘जब तक दवाई नहीं तब तक ढिलाई नहीं।’

आपके लिए इस दौरान सबसे बड़ी सीख क्या रही?
बीते महीनों में एक बात जो एक पॉजिटिव लर्निंग के तौर पर सामने आई है वह यह है कि इस तरह की महामारी के दौर में हमें डिलेवरी मेकेनिज्म को आधार बनाकर सरकार कोरोना जैसी बीमारी से जंग को जीता जा सकता है। मैं आपको दो उदाहरण देता हूं, पहला ये कि हम डायरेक्ट ट्रांसफर बेनिफिट के जरिए हम लाखों लोगों तक उनके बैंक खातों में पैसे ट्रांसफर करके उन्हें सीधे तौर पर फायदा पहुंचा सकते हैं। इस पूरे इन्फ्रास्ट्रक्चर को बनाने में हमें 6 साल का समय लगा अगर यदि यह नहीं होता तो देश के गरीब वर्ग को बड़े पैमाने में भ्रष्टाचार के चलते इसका कभी फायदा नहीं मिल पाता, लेकिन हमने इतने कम समय में वो बिना किसा भ्रष्टाचार की शिकायत के यह करके दिखाया है।

हमारे लिए सबसे बड़ी सीख यही है कि देश की सरकार और इस देश के लोग एकसाथ किसी भी चुनौती का सामना कर सकते हैं। केंद्र और राज्य सरकारें एक टीम के तौर पर काम कर रही हैं, पब्लिक और प्राइवेट सेक्टर पर साथ आए हैं इसके अलावा सभी मंत्रालयों द्वारा सभी जिम्मेदारियों का ठीक से निर्वहन भी किया जा रहा है। यहां तक कि जनता भी इस लड़ाई में पूरी तरह साथ दे रही है।

भारत में कोरोना संक्रमण की स्थिति के बारे में आपका क्या आकलन है?
देश में कोरोना के शुरुआती तौर पर संक्रमण ने हमें उसके खिलाफ सटीक रणनीति तैयार करने में काफी मदद की है, क्योंकि किसी भी एक व्यक्ति की असमयिक मृत्यु बहुत दर्दनाक क्षण है, और ऐसे में जब हमारे इतने बढ़े देश के तौर पर जहां इतनी कनेक्टविटी और खुलापन है इसकी संभावना बढ़ जाती है। फिर भी हमारे देश की मृत्यु दर दुनिया में सबसे कम है और रिकवरी रेट सबसे ज्यादा। इसके अलावा एक्टिव केसेज की संख्या में भी लगाता गिरावट दर्ज की जा रही है। सितम्बर माह में हम 97,894 डेली केसेज के पीक पर थें वहीं अब अक्टूबर के अंत में नए केसों की संख्या 50 हजार तक आ पहुंची है, ऐसा इसलिए संभव हो पाया क्योंकि पूरा भारत ने एकजुट होकर ‘टीम इंडिया’ की तरह काम किया।

हर नागरिक को लगेगी कोरोना वैक्सीन

इसके साथ ही प्रधानमंत्री मोदी ने कोरोना वैक्सीन को लेकर भी अपनी सरकार की तैयारियों की जानकारी दी। उन्होंने आश्वस्त किया कि देश के आखिर छोर पर मौजूद आदमी तक कोरोनी वैक्सीन पहुंचाई जाएगी। किसी को भी छोड़ा नहीं जाएगा। प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, ‘मैं देश को आश्वस्त करना चाहता हूं कि कोरोना की वैक्सीन जब भी बनेगी, हर किसी का टीकाकरण किया जाएगा। किसी को छोड़ा नहीं जाएगा। हां, इस टीकाकरण अभियान के शुरुआत में कोरोना के खतरे के सबसे नजदीक मौजूद लोगों को शामिल किया जाएगा। इसमें कोरोना से जंग लड़ रहे फ्रंटलाइन वर्कर्स शामिल होंगे।’

इकनॉमिक टाइम्स को दिए एक्सक्लूसिव इंटरव्यू में उन्होंने कहा, ‘हम यह पता होना चाहिए कि वैक्सीन बनने की प्रक्रिया अभी चल रही है। ट्रायल हो रहे हैं। एक्सपर्ट अभी यह कह सकने की स्थिति में नहीं हैं कि वैक्सीन कैसी होगी, हर व्यक्ति को कितने डोज दिए जाने होंगे या फिर यह एक बार दिया जाना होगा कि समय-समय पर। एक्सपर्ट की राय के मुताबिक ही हम देश में वैक्सीनेशन की दिशा में आगे बढ़ेंगे।’

तेजी से पटरी पर लौट रही इकॉनमी, निवेश का सबसे पसंदीदा डेस्टिनेशन बनेगा भारत: मोदी
इस खास इंटरव्यू में प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि देश की अर्थव्यवस्था उम्मीद से कहीं ज्यादा तेजी से पटरी पर लौट रही है। हालिया सुधारवादी कदम दुनिया को संकेत हैं कि नया भारत बाजार की ताकतों पर भरोसा करता है। यह निवेश का सबसे पसंदीदा डेस्टिनेशन बनेगा। उन्होंने कहा कि महामारी के बाद दुनिया में भारत मैन्युफैक्चरिंग और सप्लाई चेन की व्यवस्था में अग्रणी देशों में शुमार होगा। भारत दूसरे देशों के नुकसान से फायदा उठाने में यकीन नहीं रखता है, लेकिन भारत अपने लोकतंत्र, जनसंख्या और पैदा होने वाली डिमांड से इस मुकाम को हासिल करेगा।

प्रधानमंत्री मोदी कहा कि इकॉनमी के सभी मानदंड यही दिखाते हैं कि भारत रिकवरी की राह पर है। खेती, विदेशी निवेश, मैन्युफैक्चरिंग में तेजी, गाड़ियों की बिक्री में उछाल का उदाहरण देखिए। भविष्य निधि संगठन यानी ईपीएफओ में ज्यादा लोगों का जुड़ना दिखा रहा है कि जॉब मार्केट में तेजी आई है। मुझे लगता है कि निवेश और इन्फ्रास्ट्रक्चर में बड़ा बूस्ट विकास की प्रेरक शक्ति बनेगा। हमारे सुधारवादी कदम यह सुनिश्चित करेंगे कि भारत निवेश की सबसे अहम जगह बने।

कृषि कानूनों पर क्या प्रधानमंत्री मोदी
कृषि कानूनों के विरोध पर उन्होंने कहा कि कई एक्सपर्ट्स ने इन सुधारों की लंबे समय से पैरवी की है। मुद्दा यह है कि विपक्ष नहीं चाहता है कि इनका श्रेय हमें मिले। हम देखेंगे कि इकॉनमी को मजबूत बनाने वाले सभी कदम समय-समय पर उठते रहें। उन्होंने जोर देकर कहा कि आबादी के सबसे प्रभावित लोगों को राहत के कदम तुरंत उठाए गए हैं, जबकि पहले बड़ी आपदाओं में भी करप्शन के कारण गरीबों तक समय से राहत नहीं पहुंच पाती थी।

जीएसटी कंपनसेशन
राज्यों को जीएसटी कंपनसेशन पर उन्होंने कहा कि यह कहना गलत होगा कि राज्यों की चिंताओं पर हमारी सरकार संवेदनशील नहीं है। जब यूपीए के समय वैट आया तो उन्होंने राज्यों के रेवेन्यू के नुकसान की भरपाई का वादा किया था, लेकिन वादा पूरा नहीं हुआ। उन्होंने लगातार पांच साल तक राज्यों को नुकसान की भरपाई नहीं की थी।

भारत ने चीन को पछाड़ा
इकनॉमिक टाइम्स को दिए इंटरव्यू में प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि इंटरनैशनल रेटिंग एजेंसी मूडीज के मुताबिक 2020 में अमेरिका से 154 ग्रीनफील्ड प्रोजेक्ट भारत आए जबकि चीन की झोली में 86 प्रोजेक्ट आए। मलेशिया को 15 और वियतनाम के 12 प्रोजेक्ट मिले। उन्होंने कहा कि यह भारत की विकास की संभावनाओं में दुनिया के बढ़ते भरोसे का संकेत है। हमने भारत को अग्रणी मैन्युफैक्चरिंग डेस्टिनेशन बनाने के लिए मजबूत नींव रखी है। उन्होंने कहा कि कॉरपोरेट टैक्स में कटौती, कोल सेक्टर में कमर्शल माइनिंग की शुरुआत, स्पेस सेक्टर को निजी क्षेत्र के लिए खोलने और सिविल एविएशन यूज के लिए डिफेंस पाबंदियों को हटाने के फैसलों से विकास की गति तेज करने में मदद मिलेगी। लेकिन हमें यह समझना होगा कि हम उतना ही तेज विकास कर सकते हैं जितना हमारे राज्य करेंगे। निवेश आकर्षित करने के लिए राज्यों के बीच स्वस्थ प्रतिस्पर्द्धा की जरूरत है। राज्य भी ईज ऑफ डूइंग बिजनस रैंकिंग में एकदूसरे से होड़ कर रहे हैं। निवेश आकर्षित करने के लिए इंसेंटिव ही काफी नहीं है, राज्यों को इन्फ्रास्ट्रक्चर बनाना होगा और विकास के अनुकूल अच्छी नीतियां बनानी होंगी।

 

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