प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और साइप्रस के राष्ट्रपति निकोस क्रिस्टोडौलिडेस ने लिमासोल में भारत और साइप्रस के बिजनेस लीडर्स के साथ एक राउंडटेबल मीटिंग की। रविवार 15 जून को हुई इस बैठक में बैंकिंग, फाइनेंस, मैन्युफैक्चरिंग, डिफेंस, लॉजिस्टिक्स, शिपिंग, टेक्नोलॉजी, इनोवेशन, डिजिटल, एआई, आईटी सर्विसेज, टूरिज्म और मोबिलिटी जैसे कई सेक्टर के लोग शामिल हुए।
प्रधानमंत्री मोदी ने बैठक के दौरान बताया कि बीते 11 सालों में भारत की अर्थव्यवस्था में जबरदस्त बदलाव आया है। उन्होंने कहा कि पॉलिसी में सुधार, राजनीतिक स्थिरता और बिजनेस करने में आसानी की वजह से भारत आज दुनिया की सबसे तेजी से बढ़ती बड़ी अर्थव्यवस्था बन गया है। उन्होंने इनोवेशन, डिजिटल क्रांति, स्टार्टअप्स और इंफ्रास्ट्रक्चर पर फोकस की बात की और भरोसा जताया कि भारत जल्द ही दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन जाएगा।
उन्होंने बताया कि एविएशन, पोर्ट्स, शिपबिल्डिंग, डिजिटल पेमेंट और ग्रीन डेवलपमेंट जैसे क्षेत्रों में भारत की ग्रोथ ने साइप्रस की कंपनियों के लिए नए मौके खोले हैं। भारत की टैलेंट और स्टार्ट-अप इकोसिस्टम की ताकत का भी जिक्र किया। उन्होंने कहा कि मैन्युफैक्चरिंग, एआई, क्वांटम, सेमीकंडक्टर और क्रिटिकल मिनरल्स जैसे नए सेक्टर में भी भारत आगे बढ़ रहा है।
पीएम मोदी ने कहा कि साइप्रस खासकर एफडीआई के मामले में भारत का अहम पार्टनर है और उन्होंने साइप्रस की कंपनियों को भारत में नए निवेश के लिए आमंत्रित किया। दोनों देशों के स्टॉक एक्सचेंज के बीच एमओयू साइन हुआ है, जिससे निवेश के नए रास्ते खुलेंगे। इसके अलावा, भारत की यूपीआई पेमेंट सर्विस अब साइप्रस में भी शुरू होगी, जिससे टूरिस्ट्स और बिजनेस को फायदा होगा।
प्रधानमंत्री मोदी ने भारत-ग्रीस-साइप्रस (IGC) व्यापार और निवेश परिषद की शुरुआत का स्वागत किया, जो शिपिंग, लॉजिस्टिक्स, रिन्यूएबल एनर्जी, एविएशन और डिजिटल सर्विसेज में तीनों देशों के बीच सहयोग बढ़ाएगा। उन्होंने कहा कि कई भारतीय कंपनियां साइप्रस को यूरोप में एंट्री गेट और आईटी, फाइनेंस और टूरिज्म का हब मानती हैं।
साइप्रस अगले साल यूरोपीय संघ काउंसिल की अध्यक्षता करेगा। दोनों नेताओं ने भारत-ईयू स्ट्रैटेजिक पार्टनरशिप को मजबूत करने और साल के अंत तक भारत-ईयू फ्री ट्रेड एग्रीमेंट पूरा करने की उम्मीद जताई। पीएम मोदी ने कहा कि इस बिजनेस राउंडटेबल में जो सुझाव मिले हैं, वे दोनों देशों के लिए लंबा और मजबूत आर्थिक रोडमैप बनाएंगे। कुल मिलाकर, दोनों देशों ने मिलकर भविष्य में व्यापार, इनोवेशन और स्ट्रैटेजिक सेक्टर्स में मजबूत और फायदेमंद साझेदारी की नई शुरुआत की है।