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राजस्थान के अलवर में फिर ‘सर तन से जुदा’ करने आए ‘आतंकी’, टारगेटेड शिकार गुरुद्वारे का पूर्व ग्रंथी निकला तो उसे पीटा, मिर्ची झोंकी और केश काटे, हिंदू होता तो गर्दन काट डालते

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राजस्थान के मुख्यमंत्री दिल्ली में पार्टी अध्यक्ष सोनिया गांधी की मिजाजपुर्सी में लगे हैं और प्रदेश में अपराधियों के हौसले सातवें आसमान पर हैं। शहरों में सांप्रदायिक हिंसा कर हिंदूओं को डराने से लेकर ’सिर तन से जुदा’ करने की घटनाएं बेखौफ हो रही हैं। उदयपुर में कन्हैयालाल की नृसंस और दिल दहलाने वाले मर्डर के बाद सरकारी दावा आया कि इन क्रूरतम हत्यारों को कम से कम समय में बड़ी से बड़ी सजा दिलाकर नजीर बनाई जाएगी। लेकिन फिलहाल तो गहलोत सरकार की एजेंसियों की जांच कछुआ चाल चल रही है। सरहद से घुसपैठ जारी है। उधर देर रात क्रूर अपराधी उदयपुर की घटना को अलवर में भी दोहराने वाले थे। वह तो उनका शिकार सिख निकला, यदि हिंदू होता तो उसका ’सिर तन से जुदा’ हो गया होता।

मुख्यमंत्री गहलोत दिल्ली में, इधर राज्य में रुक नहीं पा रही आपराधिक वारदातें
लाहौर में महाराजा रणजीत सिंह की प्रतिमा तोड़ने वाला रिजवान अशरफ श्रीगंगानगर के बार्डर से यहां आ पहुंचा। उसका मकसद नुपूर शर्मा का ’सिर तन से जुदा’ करने का था। इस बीच अलवर में गुरुवार की देर रात एक समुदाय के लोगों ने गुरुद्वारे के पूर्व ग्रंथी को ’सिर तन से जुदा’ करने की नीयत से पकड़ लिया। रामगढ़ क्षेत्र के मिलकपुर गांव से अलावड़ा जा रहे गुरुद्वारे के पूर्व ग्रंथी को देर रात एक समुदाय के लोगों ने पकड़ लिया। पूर्व ग्रंथी गुरुबख्श सिंह के मुताबिक 4-5 हमलावरों ने यह कहते हुए रोका कि वहां कोई आदमी पड़ा है। मैंने इंसानियत के नाते बाइक रोकी तो उन्होंने मेरी आंख में मिर्ची डाल दी और उस पर पट्टी बांध दी।

‘वो मेरी गर्दन काटने ही जा रहे थे कि मैंने बताया गुरुद्वारे का पुजारी हूं’
पूर्व ग्रंथी गुरुबख्श सिंह ने अलवर की एसपी तेजस्विनी गौतम को बताया कि वे लोग सिर तन से जुदा करने, मेरी गर्दन काटने की बात आपस में कर रहे थे। मैं बुरी तरह डरते हुए कहा कि मेरी गर्दन क्यों काटना चाहते हो, मैं तो गुरुद्वारे के पुजारी हूं। इस पर उन्होंने किसी जुम्मा नाम के व्यक्ति को मोबाइल फोन किया। उससे कहा कि ये तो गुरुद्वारे के पुजारी है। लोकल हिंदू नहीं है। सीकरी का है। उसने बताया कि बदमाशों ने कुछ देर तक जुम्मा से फोन पर बात कर आदेश लिए।

 

मोबाइल पर जुम्मा से निर्देश लेकर मारपीट कर केश काटे, हिंदू होता तो मार डालते
इसके बाद उनमें से एक व्यक्ति मेरी ओर बढ़ता हुआ बोला, जुम्मा ने कहा है कि गुरुद्वारे का आदमी है तो इसके बाल काट तो। इसकी यही सजा बहुत है। गुरुबख्श ने बताया कि फिर उन्होंने मेरे साथ मारपीट करके मेरे केश काट दिए और भाग गए। वाहेगुरु की कृपा से मैं इन जालिमों के हाथों मरने से बच गया। इसके बाद मैंने आंखों से पट्टी खोलकर देखा तो हमलावर जा चुके थे। बाइक से गांव पहुंचा और ग्रामीणों की मदद से मुझे रामगढ़ अस्पताल में भर्ती कराया। गुस्साए ग्रामीण रात 11 बजे रामगढ़ अस्पताल और थाने में जुट गए। पीड़ित के भतीजे ने हत्या के प्रयास का केस दर्ज कराया है।

उदयपुर की क्रूरतम घटना के बाद प्रदेश के व्यापारी मांगने लगे हैं लाइसेंसी रिवाल्वर
प्रदेश में उदयपुर की ’सिर तन से जुदा’ की घटना के बाद व्यापारी तबके का पुलिस से विश्वास उठता जा रहा है। इसके चलते प्रदेश में अपनी सुरक्षा के लिए हथियार के लाइसेंस और लाइसेंसी रिवाल्वर मांगने लगे हैं। अलवर शहर के व्यापारियों ने तो बकायदा इसके लिए CM और कलक्टर से अपील की है। उनका कहना है कि प्रदेश और अलवर जिले में जिस तरह से अपराधिक घटनाओं में इजाफा हो रहा है। अपराधियों के हौसले बढ़ रहे हैं। ऐसे में पुलिस के बजाय खुद की सुरक्षा के लिए हथियार जरूरी है।

अलवर में सवा करोड़ की डकैती, 50 लाख की फिरौती की घटनाएं हो रही हैं
हाल ही अलवर में दूध मिष्ठान भंडार पर 9 जुलाई को दिनदहाड़े फायरिंग कर 50 लाख रुपए की फिरौती मांगने की घटना हो चुकी है। जिला व्यापार महासंघ के अध्यक्ष रमेश जुनेजा ने कहा कि सरकार को लाईसेंसी रिवाल्वर देनी चाहिए, ताकि व्यापारी खुद को कुछ सुरक्षित महसूस कर सके। व्यापारियों का कहना है कि अभी मर्जी आए वही धमकी देता है और गर्दन काट दी जाती है। पुलिस अपराधियों को गिरफ्त में लेने में सुस्त है। इससे पहले उदयपुर में व्यापारी कन्हैयालाल की निर्मम हत्या कर दी गई। 4 जुलाई को अलवर के भिवाड़ी में करीब सवा करोड़ की डकैती हुई।

अलवर में तीन कैबिनेट मंत्री मौजूद और अपराधी मांग रहे 50 लाख की फिरौती
शहर विधायक संजय शर्मा सहित व्यापारी नेताओं का कहना है कि अलवर शहर में फिरौती की पर्ची देकर फायरिंग करने की पहली बड़ी वारदात है। दुकानदार से 50 लाख रुपए की फिरौती मांगी गई। जबकि उस समय अलवर शहर में प्रदेश सरकार के 3-3 कैबिनेट मंत्री ( शिक्षा मंत्री बीडी कल्ला, उद्योग मंत्री शकुंतला रावत, सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्री टीकाराम जूली) मौजूद थे। इसके बावजूद दिन में करीब सवा 3 बजे बदमाश दुकान पर आए। पहले दुकानदार को फिरौती की पर्ची दी। अपनी गैंग का नाम पर्ची पर लिखा था। इसके बाद फायर किए। फिर फरार हो गए। लेकिन, तीसरे दिन भी पुलिस के हाथ खाली हैं।

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