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आतंकवाद विरोधी दिवस विशेषांक : देश के लोगों का पीएम मोदी पर भरोसा, मोदी हैं तो आतंकवाद का अंत मुमकिन है

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प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने जब से देश की बागडोर संभाली है, भारत को आतंकवाद मुक्त बनाने के लिए साहिसक फैसले ले रहै हैं। इसमें जम्मू-कश्मीर से आतंकवाद खत्म करने के लिए अनुच्छेद 370 हटाने का ऐतिहासिक फैसला काफी महत्वपूर्ण है। इसके अलावा दो सर्जिकल स्ट्राइक से संदेश दिया कि वे अब आतंकवाद को बर्दाश्त नहीं करेंगे। सर्जिकल स्ट्राइक से प्रधानमंत्री मोदी के साहसिक नेतृत्व और सेना के पराक्रम पर लोगों का भरोसा बढ़ गया है। बदलते परिदृश्‍य में पाकिस्तान आतंकियों को प्रशिक्षण और आधुनिक हथियार मुहैया करा रहा है। प्रधानमंत्री मोदी ने इस चुनौती को खत्म करने के लिए सुरक्षा बलों को अत्याधुनिक तकनीक और हथियारों से सुसज्जित करने पर जोर दिया है। लोगों का मानना है कि प्रधानमंत्री मोदी ने जिस तरह सेना को खुली छूट दी है और पाकिस्तान को अलग-थलग किया है, उससे देश में आतंकवाद का अंत मुमकिन है।

प्रधानमंत्री मोदी सबसे सक्षम नेता

  • देश के 49 प्रतिशत लोग आतंकवाद से निपटने के लिए पीएम मोदी को सबसे सक्षम नेता मानते हैं।
  • देश के ज्यादातर लोगों का मानना है कि कश्मीर को लेकर मोदी सरकार की नीतियां पूर्व की सरकारों से काफी बेहतर है।
  • PSE सर्वे में 47 प्रतिशत लोगों ने पाकिस्तान पर मोदी सरकार की नीति को सबसे सही माना।
  • फरवरी 2019 में इंडिया टुडे-एक्सिस माई इंडिया के सर्वे में ज्यादातर लोगों ने प्रधानमंत्री मोदी के पक्ष में अपनी राय दी।

आतंक पर लगाम, सुरक्षित लोग    

  • पिछले छह सालों में कश्मीर छोड़कर देश के किसी भी शहर में आतंकी विस्फोट नहीं हुआ।
  • डॉ. मनमोहन सिंह के 10 साल के शासन में हर आठ से दस दिनों में धमाके होते थे और लोग मारे जाते थे।
  • मनमोहन सरकार (मई 2004 – मई 2014) में बम विस्फोट की 35 घटनाएं हुईं, जिसमें 1002 लोग मारे गए और 4079 लोग घायल हुए।
  • मोदी सरकार (मई 2014 – मई 2020) में कोई बम विस्फोट नहीं हुआ। आज लोग पूरी तरह सुरक्षित महसूस कर रहे हैं।

मोदी राज में तीन गुनी घटी आतंकी घटनाएं

  • मनमोहन सरकार में 2004 से 2014 तक 9,739 आतंकी घटनाएं हुईं।
  • हर साल औसतन 900 से ज्यादा आतंकी घटनाएं हुईं।
  • मोदी सरकार के 2014 से 2019 के बीच 1708 आतंकी घटनाएं हुईं।
  • आतंकी घटनाएं घटकर हर साल औसतन 300 तक पहुंच गईं। 

अनुच्छेद 370 हटने से आतंकवाद पर चोट

  • 5 अगस्त, 2019 को अनुच्छेद 370 हटाने के बाद आतंकी गतिविधियों और आतंकी भर्तियों में कमी आई हैं।
  • आतंकियों की भर्ती में 60 प्रतिशत की कमी दर्ज की गई है।
  • अनुच्छेद 370 हटने से पहले जनवरी से अगस्त 2019 तक 107 भर्तियां हुईं। वहीं आतंकी बनने का हर महीने का औसत 15 था।
  • अनुच्छेद 370 हटने के बाद अगस्त 2019 से जनवरी 2020 तक 28 भर्तियां हुईं। वहीं आतंकी बनने का हर महीने का औसत 5.5 है।
  • 2 साल पहले 2018 में आतंकी बनने का हर महीने का औसत 18 था।
  • जहां 2018 में आतंकी बने कश्मीरियों की संख्या 219 थी, वहीं इसके बाद इसमें तीजे से गिरावट दर्ज की गई।
  • आतंकी बने कश्मीरियों की संख्या 2019 में 119 और जनवरी – मई 2020 में 35 थी।

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी, “देश के भीतर हो या सीमा के उस पार, आतंक और हिंसा फैलाने वालों की फैक्ट्री जहां भी होगी, इस चौकीदार के निशाने पर है। भारत को जहां से भी खतरा होगा, हम घर में घुसकर मारेंगे।“

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