नूपुर शर्मा मामले में मुस्लिम समुदाय के लोग देश भर में हिंसक प्रदर्शन कर रहे हैं। शुक्रवार को जुमे की नमाज के बाद मुस्लिम कट्टरपंथियों ने कई शहरों में पत्थरबाजी की और संपतियों को नुकसान पहुंचाया। जबकि मामला सिर्फ इतना है कि एक चैनल में डिबेट के दौरान वाराणसी के ज्ञानवापी मामले में शिवलिंग को फव्वारा बताए जाने पर नूपुर शर्मा ने सवाल किया कि जैसे आप लोग लोग बार-बार हमारे भगवान का मजाक उड़ा रहे हो, वैसे वो भी दूसरे धर्मों का मजाक उड़ा सकती हैं। इसके बाद नूपुर ने जो कुछ भी कहा, उसे मुस्लिम मौलाना और भगोड़ा जाकिर नाइक भी कह चुका है। इसको लेकर नूपुर शर्मा को रेप, जान से मारने और सिर कलम करने की धमकियां मिल रही हैं। जबकि आज से नहीं काफी समय पहले से ही फिल्म, कहानी, कॉर्टून, कॉमेडी, फोटो या पेंटिंग के माध्यम से हिंदू धर्म का मजाक उड़ाया जाता रहा है। सबसे बड़ी बात यह है कि जो दूसरे की आस्था और धर्म का मजाक उड़ाते हैं, खुद अपने धर्म के बारे में एक शब्द भी बर्दाश्त नहीं कर पाते हैं। अपने धर्म के खिलाफ कुछ भी सुनने को तैयार नहीं होते। अपने धर्म के बारे में कुछ भी कहे जाने पर बौखला जाते हैं और हिंसा का रास्ता अपना लेते हैं। सदियों तक दूसरे धर्म स्थल को तबाह करने और नुकसान पहुंचाने वाले खास समुदाय के लोग आज भी दूसरे धर्म के बारे में अभिव्यक्ति की आजादी के नाम पर कुछ भी बोल-लिख देते हैं, लेकिन जब अपनी बात आती है तो मरने-मारने पर आतुर हो जाते हैं।
Nupur Sharma said exactly what your leader Zakir Nail said. If its hate mongering then call out your leader 1st. And if he is right, time for ghar wapsi. https://t.co/e1MRA3ky4B pic.twitter.com/a1uN5tnfOF
— Facts (@BefittingFacts) May 27, 2022
टीवी डिबेट में नूपुर शर्मा ने जो कहा उसे मुस्लिम मौलाना जाकिर नाइक भी हदीस के हवाले से कह चुका है। जाकिर नाइक हदीस के हवाले से मुसलमानों के बीच कहता दिख रहा है कि पैगंबर ने 6 साल की बच्ची से शादी की थी और 9 साल की उम्र में उससे शारीरिक संबंध बनाए थे। लेकिन यही बात जब नूपुर शर्मा ने कही तो दुनिया भर में बवाल हो गया। नूपुर शर्मा ने 26 मई को ये टिप्पणी की थी, लेकिन इतने दिनों बाद 10 जून को पत्थरबाजी, हिंसा और प्रदर्शन ने दूसरे धर्म के लोगों को इनके बारे में गंभीरता से सोचने पर विवश कर दिया है। लोगों का कहना है कि धर्मनिरपेक्ष का हवाला देने वाले सिर्फ अपने धर्म के मुद्दों पर ही सड़कों पर क्यों उतरते हैं? जब अपने धर्म के बारे में कुछ सुनना बर्दाश्त नहीं को दूसरे धर्म का मजाक क्यों उड़ाते हैं? छोटी-छोटी बातों पर भी हिंसक प्रदर्शन और फतवा क्यों? अगर जाकिर नाइक और हदीस सही तो नूपुर का वही ‘कोट’ गलत कैसे? देश के मुस्लिम आखिर कब तक सेकुलरिज्म और माइनॉरिटी का ढाल लेकर दूसरे को परेशान करते रहेंगे। किसी आतंकी घटना पर कार्रवाई होने पर अल्पसंख्यक का रोना कब तक रोते रहेंगे। लोगों ने तो यहां तक कहना शुरू कर दिया है कि वे अब तो जुमे के नमाज के दिन घर से बाहर निकलना बंद कर दिया है। किसी मुस्लिम पर्व के दौरान सब ठीक रहता है लेकिन होली, रामनवमी, दशहरा जूलुस के दौरान पत्थरबाजी क्यों? दुनिया भर में हिंदू धर्मस्थलों को तोड़ दिया जाता है तो चु्प्पी साध लेते हैं तो लेकिन उनके खिलाफ एक शब्द भी निकल जाए तो सर तन से जुदा का फतवा जारी हो जाता है। अब तो सोशल मीडिया पर यूजर्स कह रहे है कि हर क्रिया की प्रतिक्रिया होती है। जुमे के दिन पत्थरबाजी का चलन बन गया है, अभी तक बहुसंख्यक उस तरह आक्रामक नहीं हुआ है, लेकिन ऐसा होता रहा तो बहुसंख्यक प्रतिक्रिया होना स्वाभाविक है। गर ऐसा हुआ तो फिर उसका अंदाज़ ही लगाया जा सकता है।
सालों से हिन्दू देवी देवताओं की अभद्र पेंटिंग्स “कला की अभिव्यक्ति”,उनके कार्टून “अच्छा व्यंग्य”,उनके ऊपर कॉमेडियन्स की भद्दी टिप्पणियां “अभिव्यक्ति की आज़ादी” थे इसलिए देश कभी यूं जला नहीं..न ऐसी हिंसा हुई..लेकिन बर्दाश्त करने वालों को ही intolerant,bigot कहने वाले आज चुप हैं??
— richa anirudh (@richaanirudh) June 11, 2022
ये हुजूम कभी कसाब, अफ़ज़ल, बुरहान जैसे आतंकियों के लिए फांसी मांगने सड़को पर क्यूं नहीं उतरा ?
कभी जैश ए मोहम्मद या अल कायदा जैसे आतंकी संगठनों के नामों में मजहब का अपमान क्यूं नहीं दिखा ?
सोचिये , आज सोचना बहुत जरूरी हैं
— Kapil Mishra (@KapilMishra_IND) June 10, 2022
हर क्रिया की प्रतिक्रिया होती है। जुमे के दिन पत्थरबाजी का चलन बन गया है, अभी तक बहुसंख्यक उस तरह आक्रामक नहीं हुआ है, लेकिन ऐसा होता रहा तो बहुसँख्यक प्रतिक्रिया होना स्वाभाविक है। गर ऐसा हुआ तो फिर उसका अंदाज़ ही लगाया जा सकता है।#thoughtoftheday #Nupur_Sharma
— उमेश चतुर्वेदी Umesh Chaturvedi (@uchaturvedi) June 11, 2022
ये लाठी डंडों से नही मानेंगे @myogiadityanath आपकों कुछ कड़ा रूख़ अपनाना पड़ेगा, मैं जुम्मे के दिन घर से बाहर नही निकल पाता हूँ डर के मारे…यही दिन देखना बाक़ी रह गया था ?
— अज्ञानी (@MhaAgyaani) June 11, 2022
Accept it or not but they’ve already declared a war against Hindus..
Yesterday it was Ramnavmi, Today it’s Nupur, tomorrow it will be something else… They’ll find reason to create violence & k!II Hindus out of nothing…..— Mr Sinha (@MrSinha_) June 11, 2022
Would have been happy to see if such crowd from minority community had come on streets in various states against the terrorist organization Al Qaeda when Al Qaeda recently threatened for suicide attacks in India to fight for the honour of Prophet.
— Anshul Saxena (@AskAnshul) June 10, 2022
पहले हंगामा करो, हिंसा करो और फिर कहो कि हमारा धर्म शांति की बात करता है। खुद की कोई जिम्मेदारी नहीं है, सारा दोष पुलिस पर कि बंदोबस्त क्यों नहीं किया गया, क्यों खुफिया एजेंसियां पता नहीं लगा पाईं।पहले इकट्ठा हो, मिलकर रणनीति बनाओ, सड़क पर हंगामा काटो और फिर सारा जिम्मा पुलिस पर।
— Brajesh Kumar Singh (@brajeshksingh) June 10, 2022
जिनके दिमाग में अब भी गंगा- जमुनी तहजीब के जाले लगे हुए हैं, उनको आज के दिन के तमाशे़ देखकर जालों को साफ कर लेना चाहिए। आज के ये दृश्य बताने के लिए काफी हैं कि इस देश में कुछ लोग हुड़दंग की किस सीमा तक जा सकते हैं, अपनी भावनाओं के इजहार के नाम पर, दूसरे धर्मों का अनादर करते हुए।
— Brajesh Kumar Singh (@brajeshksingh) June 10, 2022
Why no one objected when they killed thousands of innocents on the name of
Jaish-e-MOHAMMED ? Is this not Insult of Prophet ?— Tajinder Pal Singh Bagga (@TajinderBagga) June 10, 2022
I am surprised that no one even naming Dr Taslim Rehmani, President Muslim Political Council of India. He was the one who provoked @NupurSharmaBJP by mocking #Shivling time and again..Should he face the legal action????
— prafulla ketkar ?? (@prafullaketkar) June 10, 2022
कॉमेडी, फिल्म, पेंटिंग्स, टीवी पर ना जाने कितने सालों से हिंदू देवी देवताओं का अपमान होता आया है लेकिन कभी भी हिंदू भाईयों ने आज तक वह नहीं किया जो कल इस देश में हुआ।
इससे ज़्यादा ‘Tolerance’ और कहां देखने को मिलेगा।
— Rais Pathan (@PathanRaisKhan) June 11, 2022
26 मई को #नुपुरशर्मा की विवादित टिप्पणी आई — आज 10 जून को इसके खिलाफ देशव्यापी आक्रामक प्रदर्शन हुआ — 15 दिन बाद —- इसके पीछे कोई सुनियोजित अंतर्राष्ट्रीय षड्यंत्र तो नहीं ??— कोई टूलकिट टाइप डिज़ाइन तो नहीं ???
— Amitabh Agnihotri (@Aamitabh2) June 10, 2022
Nupur Sharma is only an excuse.. real frustration of Triple Talaq, Article 370, CAA and Ram Mandir is seen on the roads.
— Vikas Chopra (@Pronamotweets) June 10, 2022
हम वो धर्मनिरपेक्ष लोग हैं जो केवल धर्म के मुद्दों पर ही सड़कों पर उतरते हैं।#StonePelting
— Anamika Jain Amber (@anamikamber) June 10, 2022
ये नमाज़ करने जाते हैं या ये? pic.twitter.com/S4aHzs6hda
— Harsh Chaturvedi BJP (@harshcha) June 10, 2022
अगर पैगंबर साहब पर भरोसा है तो नूपुर शर्मा की गलती की सजा पैगंबर साहब देंगे।
अगर संविधान पर भरोसा है तो नूपुर शर्मा की गलती की सजा न्यायालय देगा ।
तोड़फोड़ और आगजनी करने वालों ना तुम्हें पैगंबर पर भरोसा है और ना ही तुम्हें देश के संविधान पर।।— Manish Kasyap (Son Of Bihar) (@ermanishkasyap) June 10, 2022
Hum hindu Puja ke baad bhandara daan punya ka kaam karte hain aur yeh dekho jumma ke prayer ke baad kya karte hain .. DNA ek nahi ho sakta https://t.co/xnygQIbgOX
— exsecular (@ExSecular) June 11, 2022
I respect Islam to the same extent that a Muslim respects Hindutva.
— Manoj Joshi (@actormanojjoshi) June 11, 2022
Even if prophet Muhammad was alive today, he would have been shocked to see the madness of the Muslim fanatics around the world.
— taslima nasreen (@taslimanasreen) June 10, 2022