देश में सामाजिक सुरक्षा को लेकर एक बहुत बड़ी खुशखबरी सामने आई है। भारत ने सामाजिक सुरक्षा कवरेज के क्षेत्र में ऐतिहासिक उपलब्धि हासिल की है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के ‘सबका साथ, सबका विकास‘ के कारण देश में पिछले एक दशक में सामाजिक सुरक्षा का दायरा बहुत तेजी से बढ़ा है। अंतरराष्ट्रीय श्रम संगठन की नई रिपोर्ट के मुताबिक, अब देश के करीब 94 करोड़ लोग किसी न किसी सरकारी सामाजिक सुरक्षा योजना के दायरे में आ गए हैं।

साल 2015 में जहां सिर्फ 19 प्रतिशत आबादी को ही सामाजिक सुरक्षा योजनाओं का लाभ मिल रहा था, वहीं 2025 तक यह आंकड़ा 64.3 प्रतिशत यानी करीब 94 करोड़ लोगों तक पहुंच गया है। पिछले एक दशक में भारत ने 45 प्रतिशत अंकों की अभूतपूर्व वृद्धि दर्ज की है, जो दुनिया में सबसे तेज विस्तार है। लाभार्थियों की संख्या के मामले में भारत अब विश्व में दूसरे स्थान पर आ गया है।
सामाजिक सुरक्षा का मतलब है – सरकार की वो योजनाएं, जिनसे लोगों को बुढ़ापे में पेंशन, बीमारी में इलाज, दुर्घटना या मौत पर बीमा, गरीबों को मुफ्त राशन, महिलाओं को सहायता जैसी मदद मिलती है। इसका मकसद है कि देश का कोई भी नागरिक मुसीबत में अकेला न पड़े। भारत में सामाजिक सुरक्षा कवरेज के विस्तार का श्रेय मोदी सरकार की जन-कल्याणकारी नीतियों और योजनाओं को जाता है, जिनमें गरीब, मजदूर और हाशिए पर खड़े वर्गों को केंद्र में रखा गया है।
प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में गरीबों और श्रमिक वर्ग के लिए चलाई जा रही कल्याणकारी योजनाओं के कारण यह सब संभव हो सका है। प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में अंत्योदय यानी अंतिम व्यक्ति तक लाभ पहुंचाने की नीति को प्राथमिकता दी गई। सरकार ने गरीबों, मजदूरों, किसानों, महिलाओं और जरूरतमंदों के लिए कई नई योजनाएं शुरू कीं और पुरानी योजनाओं को और मजबूत किया। इनमें पेंशन, बीमा, स्वास्थ्य, रोजगार और राशन जैसी योजनाएं शामिल हैं। इन योजनाओं में प्रमुख है- प्रधान मंत्री श्रम योगी मान-धन योजना, प्रधान मंत्री जीवन ज्योति बीमा योजना, प्रधान मंत्री सुरक्षा बीमा योजना, अटल पेंशन योजना, आयुष्मान भारत, सार्वजनिक वितरण प्रणाली, आवास योजना और अन्य महिला-केंद्रित योजनाएं शामिल हैं।
Driven by its commitment towards financial inclusion & social security, the Government of India launched flagship initiatives Pradhan Mantri Suraksha Bima Yojana, Pradhan Mantri Jeevan Jyoti Bima Yojana, and Atal Pension Yojana in 2014 to provide banking, insurance, and pension… pic.twitter.com/AwsO1NKfR9
— Ministry of Information and Broadcasting (@MIB_India) May 9, 2025
मोदी सरकार ने यह सुनिश्चित किया कि योजनाएं सिर्फ कागजों पर न रहें, बल्कि गांव-गांव और हर जरूरतमंद तक पहुंचें। इसके लिए डिजिटल प्लेटफॉर्म, डीबीटी के जरिए सीधा बैंक खाते में पैसा भेजने के साथ पंचायत स्तर पर जागरूकता अभियान चलाए गए। आधार, मोबाइल और बैंक खातों के लिंक होने से लाभार्थियों की पहचान आसान हुई और फर्जीवाड़ा कम हुआ। सरकार ने डेटा पूलिंग और डिजिटल ट्रैकिंग के जरिए योजनाओं की मॉनिटरिंग तेज की, जिससे ज्यादा लोगों को समय पर लाभ मिल सका।
केंद्र सरकार ने किसी को भी पीछे न छोड़ने और अंतिम व्यक्ति तक लाभ पहुंचाने का लक्ष्य रखा। इसी सोच के तहत योजनाओं को डिजाइन किया गया और लागू किया गया। मोदी सरकार ने राज्य सरकारों के साथ मिलकर 32 से ज्यादा योजनाओं को लागू किया, जिनमें से 24 पेंशन से जुड़ी हैं। इससे कवरेज का दायरा और बढ़ गया। इतना ही नहीं भारत ने अपने सामाजिक सुरक्षा कवरेज के आंकड़े अंतरराष्ट्रीय श्रम संगठन के मानकों के अनुसार तैयार किए और अपडेट किए, जिससे वैश्विक स्तर पर भी इसकी पहचान बनी।
अंतर्राष्ट्रीय श्रम सम्मेलन (आईएलसी) के अवसर पर आईएलओ के महानिदेशक गिल्बर्ट एफ. हुंगबो ने भारत की जन-केंद्रित नीतियों और गरीबों के लिए किए गए प्रयासों की सराहना की। उनके साथ द्विपक्षीय चर्चा करते हुए, केंद्रीय श्रम एवं रोजगार तथा युवा मामले एवं खेल मंत्री डॉ. मनसुख मांडविया ने पिछले 11 वर्षों में मोदी सरकार द्वारा शुरू की गई निर्धन-केंद्रित और श्रमिक कल्याण योजनाओं पर प्रकाश डाला।
मांडविया ने कहा कि यह उल्लेखनीय उपलब्धि प्रधानमंत्री मोदी के दूरदर्शी नेतृत्व और समावेशी तथा अधिकारों पर आधारित सामाजिक सुरक्षा इकोसिस्टम के निर्माण में सरकार के अथक प्रयासों का प्रमाण है। यह वृद्धि विश्व भर में सामाजिक सुरक्षा कवरेज में सबसे तीव्र विस्तार को दर्शाती है, जो सरकार की अंत्योदय यानी समाज के अंतिम पायदान पर खड़े व्यक्ति को सशक्त बनाने और किसी को भी वंचित न रहने देने के वादे को पूरा करने की अटूट प्रतिबद्धता को दर्शाती है।”
Delivering the National Statement at Plenary Session of the International Labour Conference, Geneva. https://t.co/yYmdSmU0Zh
— Dr Mansukh Mandaviya (@mansukhmandviya) June 11, 2025