कोरोना संकट के दौरान प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने आत्मनिर्भर भारत अभियान की शुरुआत की थी। इसके नतीजे भी अब दिखाई देने लगे हैं। जहां कोरोना वैक्सीन के भारत में विकास के लिए मोदी सरकार ने हर तरह का प्रोत्साहन दिया, वहीं भारतीय वैज्ञानिकों ने भी वैक्सीन का विकास कर पूरे विश्व को अपनी क्षमता का लोहा मनवाया है। आज भारत बायोटेक द्वारा विकसित वैक्सीन ‘कोवैक्सीन’ की दुनिया में डिमांड है। ब्राजीलियन एसोसिएशन ऑफ वैक्सीन क्लीनिक्स (ABCVAC) ने भारत बायोटेक के साथ समझौता किया है। इसके तहत ब्राजील को कोवैक्सीन के 50 लाख डोज दिए जाएंगे। हालांकि, इस पर अंतिम मुहर ब्राजीलियन हेल्थ रेग्युलेटर अन्विसा की अनुमति के बाद लगेगी।
ड्रग्स कंट्रोलर जनरल ऑफ इंडिया (DCGI) ने 3 जनवरी, 2021 को दो वैक्सीनों के आपात इस्तेमाल की मंजूरी दी। इसमें ऑक्सफोर्ड-एस्ट्राजेनेका की कोवीशील्ड और भारत बायोटेक की कोवैक्सीन शामिल है। हालांकि कोवैक्सिन के तीसरे चरण के ट्रायल चल रहे हैं। लेकिन इससे पहले ही इसके आपात इस्तेमाल की मंजूरी दी गई। भारत बायोटेक ने बताया है कि यह इस्तेमाल के लिए पूरी तरह से सुरक्षित है। इस बीच दिल्ली में एम्स के डायरेक्टर डॉक्टर रणदीप गुलेरिया ने कहा कि दूसरा डोज लेने के 2 हफ्ते बाद शरीर में एंटीबॉडीज डेवलप होंगी।
लोगों को वैक्सीन टीकाकरण कार्यक्रम के तहत लगाए जाएंगे। कंपनियों से कहा गया है कि तीसरे चरण के ट्रायल पूरा कर रिपोर्ट सौंपें, ताकि स्थायी लाइसेंस पर फैसला हो सके। डीसीजीआई ने कहा कि दोनों टीके से सामान्य या मामूली साइड इफेक्ट हैं। जैसे- हल्का बुखार, एलर्जी आदि हैं। लेकिन दोनों ही टीके 100 प्रतिशत सुरक्षित हैं। टीके से नपुंसक होने जैसी बातें निराधार हैं।
ICMR महानिदेशक प्रो. बलराम भार्गव ने बताया कि कोवैक्सिन पूरी तरह सुरक्षित है। वायरस में अब तक जितने बदलाव हुए हैं यह सब पर काम करेगा। जानवरों पर हुए अध्ययन में यह पूरा प्रभावी रहा। पहले और दूसरे फेज में 800 लोगों को टीका दिया गया, उनमें से किसी को भी कोरोना नहीं हुआ। तीसरे फेज में जिन 22 हजार लोगों को टीका दिया गया, उनमें अब तक साइड इफेक्ट नहीं दिखा है। आखिरी नतीजे आने बाकी हैं।’
गौरतलब है कि सीरम इंस्टीट्यूट और भारत बायोटेक द्वारा निर्मित कोरोना वैक्सीन के आपातकालीन उपयोग को ड्रग कंट्रोलर जनरल ऑफ इंडिया (DCGI) की मंजूरी मिलने पर 3 जनवरी को प्रधानमंत्री मोदी ने भी बधाई दी। उन्होंने इसे एक उत्साही लड़ाई का निर्णायक मोड़ बताया। उन्होंने कहा कि हमारे वैज्ञानिक समुदाय ने भी आत्मनिर्भर भारत का जज्बा दिखाया है। इसके मूल में देखभाल और करुणा है।
A decisive turning point to strengthen a spirited fight! DCGI granting approval to vaccines of Serum Institue of India & Bharat Biotech accelerates the road to healthier & COVID-free nation. Congratulations India. Congratulations to our hardworking scientists & innovators:PM Modi pic.twitter.com/yTcNNXnEeG
— ANI (@ANI) January 3, 2021
इसके अलावा प्रधानमंत्री मोदी ने अपने ट्विटर हैंडल से ट्वीट करते हुए लिखा, “यह गर्व की बात है कि जिन दो वैक्सीन के इमरजेंसी इस्तेमाल को मंजूरी दी गई है, वे दोनों मेड इन इंडिया हैं। यह आत्मनिर्भर भारत के सपने को पूरा करने के लिए हमारे वैज्ञानिक समुदाय की इच्छाशक्ति को दर्शाता है। वह आत्मनिर्भर भारत, जिसका आधार है- सर्वे भवन्तु सुखिनः सर्वे सन्तु निरामया।”
यह गर्व की बात है कि जिन दो वैक्सीन के इमरजेंसी इस्तेमाल को मंजूरी दी गई है, वे दोनों मेड इन इंडिया हैं। यह आत्मनिर्भर भारत के सपने को पूरा करने के लिए हमारे वैज्ञानिक समुदाय की इच्छाशक्ति को दर्शाता है। वह आत्मनिर्भर भारत, जिसका आधार है- सर्वे भवन्तु सुखिनः सर्वे सन्तु निरामया।
— Narendra Modi (@narendramodi) January 3, 2021