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एक अकेला सब पर भाड़ी! जार्ज सोरोस और नेविल राय सिंघम हाथ मिलाने को मजबूर, गोदी मीडिया कहने वाले पत्रकार निकले चीनी दलाल!

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अभी तक अमेरिकी अरबपति जार्ज सोरोस ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की छवि खराब करने और भारत को बदनाम करने का ठेका लिया हुआ था अब इसमें एक और अमेरिकी अरबपति नेविल राय सिंघम का नाम भी जुड़ गया है। दोनों हैं तो अमेरिकी लेकिन सोरोस जहां अमेरिकी हितों के लिए काम करता है वहीं सिंघम चीन के लिए काम करता है। ये दोनों वैश्विक स्तर पर भारत के विरुद्ध झूठा विमर्श गढ़ने की साजिश कर रहे हैं। इसके लिए इन लोगों ने मीडिया को भी खरीद किया। नेविल राय सिंघम चीनी स्लीपर सेल के रूप में काम कर रहा था। सिंघम के नेटवर्क की जांच से पता चलता है कि कैसे दुष्प्रचार ने भारत में मुख्यधारा की खबरों को प्रभावित किया क्योंकि उसके समूहों ने चीन समर्थक समाचारों को बढ़ावा देने के लिए खबरें प्रकाशित करवाई, वीडियो बनवाए और यूट्यूब चैनलों के जरिए उनको प्रसारित किया। चीनी फंडिंग के आरोप में 3 अक्टूबर को भारत में न्यूजक्लिक के दफ्तर सहित इससे जुड़े पत्रकारों के 30 से अधिक ठिकानों पर छापे मारे गए। न्यूजक्लिक का दफ्तर सील हो गया, इस पर ताला लटक गया। कल तक गोदी मीडिया कहने वाले नामचीन पत्रकार खुद चीनी दलाल निकले! ये देश विरोधी एजेंडा चलाते थे और ऐसी खबरें बनाते थे जिससे चीन को फायदा हो। यहां तक कि आतंकी गतिविधियों में शामिल होने की बात भी सामने आई है। पैसे की लालच में ये ‘जयचंद’ बन गए। भारत का अन्न खाकर चीन का गीत गाने वालों पर अब एक्शन शुरू हो गया है, जांच के नतीजे आने तक कितने ही चेहरे बेनकाब होंगे। एक अकेला सब पर भाड़ी! पीएम मोदी पर आज चरितार्थ हो रहा है।

चीन से जुड़ी संस्थाओं ने न्यूज़क्लिक को 38 करोड़ रुपये दिए
दिल्ली पुलिस ने प्राइवेट न्यूज पोर्टल न्यूज़क्लिक के खिलाफ कई कड़े आरोप लगाए हैं। संस्था के संस्थापक और एचआर हेड को कड़े आतंकवाद विरोधी कानून के तहत गिरफ्तार किया गया है। पुलिस सूत्रों का कहना है कि न्यूज पोर्टल को चीनी लोगों से जुड़ी संस्थाओं से 38 करोड़ रुपये मिले और इसके कुछ फंड एक्टिविस्ट गौतम नवलखा और तीस्ता सीतलवाड़ के साथ शेयर किए गए, जो अन्य मामलों में आरोपी हैं। हालांकि कहा जा रहा है कि 38 करोड़ रुपये मिलने की बात प्राथमिक जानकारी है और राशि 100 करोड़ या उससे ज्यादा भी हो सकती है। यहां यह उल्लेखनीय है जार्ज सोरोस ने भी कहा था कि भारत में राष्ट्रवाद से लड़ने के लिए वह 100 खर्च करेगा।


सेवा निर्यात के लिए मिले 29 करोड़, न्यूज़क्लिक पेश नहीं कर पाई सबूत
दिल्ली पुलिस के सूत्रों का कहना है कि न्यूज़क्लिक को कथित तौर पर चीनी लोगों से जुड़ी संस्थाओं से 38 करोड़ मिले और पैसे का इस्तेमाल पोर्टल पर चीनी प्रोपगैंडा फैलाने के लिए किया गया। उन्होंने दावा किया कि संस्था को शेयर की कीमतें बढ़ाकर प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई) के रूप में 9 करोड़ रुपये प्राप्त हुए और निर्यात सेवाओं के लिए शुल्क के रूप में 29 करोड़ रुपये प्राप्त हुए। लेकिन न्यूज़क्लिक द्वारा विदेशी संस्थाओं को किसी भी सेवा के निर्यात के लिए कोई सबूत प्रस्तुत नहीं किया गया।

न्यूज़क्लिक ने गौतम नवलखा और तीस्ता सीतलवाड़ को दिए पैसे
पुलिस सूत्रों का कहना है कि न्यूज़क्लिक द्वारा इकट्ठा किए गए कुछ धन को गौतम नवलखा और तीस्ता सीतलवाड़ के साथ भी साझा किया गया। नवलखा को 2018 में एल्गार परिषद-माओवादी लिंक मामले में गिरफ्तार किया गया था और तब से वह गिरफ्तार हैं। पिछले साल नवंबर में सुप्रीम कोर्ट ने पत्रकार-कार्यकर्ता को उनकी बिगड़ती स्वास्थ्य स्थिति के कारण घर में नजरबंद करने की अनुमति दी थी।

तीस्ता सीतलवाड़ के मुंबई आवास पर तलाशी
मुंबई पुलिस ने 3 अक्टूबर को तीस्ता सीतलवाड़ के जुहू स्थित आवास पर तलाशी ली। तीस्ता सीतलवाड़ को जून 2022 में गुजरात के पूर्व पुलिस प्रमुख आरबी श्रीकुमार और पूर्व आईपीएस अधिकारी संजीव भट्ट के साथ गिरफ्तार किया गया था, क्योंकि उन्होंने कथित तौर पर अपने करीबी सहयोगियों और दंगा पीड़ितों का इस्तेमाल करके “प्रतिष्ठान को सत्ता से हटाने के लिए और सुप्रीम कोर्ट के समक्ष झूठे और मनगढ़ंत हलफनामे दायर किए थे। तीस्ता सीतलवाड़ फिलहाल जमानत पर बाहर हैं।

न्यूज़क्लिक के संस्थापक प्रबीर पुरकायस्थ और एचआर प्रमुख अमित चक्रवर्ती गिरफ्तार
न्यूज़क्लिक से जुड़े 46 लोग एजेंसियों की जांच के दायरे में हैं। कुल 37 पुरुष संदिग्धों से परिसर में पूछताछ की गई, 9 महिला संदिग्धों से उनके आवास पर पूछताछ की गई है और डिजिटल उपकरणों, दस्तावेजों आदि को जांच के लिए जब्त या एकत्रित किया गया है। अब तक, दो आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया गया है इनमें न्यूज़क्लिक के संस्थापक प्रबीर पुरकायस्थ और एचआर प्रमुख अमित चक्रवर्ती शामिल हैं।


गोदी मीडिया कहने वाले पत्रकार खुद निकले चीनी दलाल
चीन से फंडिंग लेने के आरोप में दिल्ली पुलिस ने अन्य राज्यों की पुलिस के साथ मिलकर 3 अक्टूबर को पत्रकार अभिसार शर्मा, भाषा सिंह, उर्मिलेश, न्यूज़क्लिक के संपादक प्रबीर पुरकायस्थ और गीता हरिहरन, औनिंद्यो चक्रवर्ती, इतिहासकार सोहेल हाशमी, व्यंग्यकार और स्टैंड-अप कॉमेडियन संजय राजौरा पर छापा मारा। पुलिस ने उनके फ़ोन और लैपटॉप जब्त कर लिए। कई पत्रकारों को पुलिस स्टेशन ले जाया गया। ये सभी न्यूज़क्लिक से जुड़े हुए हैं। इसके साथ ही तीस्ता सीतलवाड़ और परंजॉय गुहा ठाकुरता के घर पर भी छापेमारी की गई। इन्हें भी न्यूज़क्लिक ने पैसे दिए थे। एनडीटीवी के पूर्व प्रबंध संपादक औनिंद्यो चक्रवर्ती, उर्मिलेश और अभिसार शर्मा पर आतंकी संबंधों के आरोप भी लगे हैं।

यूएपीए और आईपीसी की इन धाराओं में दर्ज है केस
दिल्ली पुलिस के सूत्रों का कहना है कि इन पत्रकारों के खिलाफ यूएपीए के तहत व आईपीसी की अन्य धाराओं में 17 अगस्त को मुकदमा दर्ज किया गया था। पुलिस ने यूएपीए और आईपीसी की धारा 153ए (विभिन्न समूहों के बीच दुश्मनी पैदा करना), 120बी (आपराधिक षड्यंत्र रचना)। वर्ष 2021 में दिल्ली पुलिस की आर्थिक अपराध शाखा ने सबसे पहले न्‍यूजक्लिक को मिली अवैध फंडिंग को लेकर मुकदमा दर्ज किया था। ये संदिग्ध फंडिंग चीनी कंपनियों के जरिये न्‍यूजक्लिक को प्राप्त हुई थी। इसी के बाद ईडी ने मुकदमा दर्ज कर तफ्तीश शुरू की थी। न्‍यूज क्लिक को उस समय हाईकोर्ट से राहत मिल गई थी।

न्यूजक्लिक, कांग्रेस, पाकिस्तान और चीन के बीच आपस में सांठगांठ
न्यूजक्लिक जहां चीन से फंडिंग लेकर भारत में चीन का प्रोपेगेंडा फैलाने का काम रही थी वहीं कांग्रेस पार्टी के चीन से संबंध जगजाहिर हैं। न्यूजक्लिक ने चीन के पैसे से भारत विरोधी एजेंडा चलाया, खबरें प्रकाशित की, वीडियो बनवाए। इसके साथ आतंकी संबंधों के आरोप भी लगे हैं। वहीं कांग्रेस का चीन प्रेम जगजाहिर है। कांगेस पार्टी का चीन की कम्युनिस्ट पार्टी के साथ गुप्त समझौता है। इसी वजह चीन राजीव गांधी फाउंडेशन को फंडिंग कर रहा था। राहुल गांधी का चीन प्रेम छलकता ही रहता है। अब न्यूजक्लिक पर छापे पर पाकिस्तान के फवाद चौधरी ने ट्वीट किया और इसे स्वतंत्र पत्रकारों पर हमला बताया और भारत को फासिस्ट सरकार करार दे दिया। अब न्यूजक्लिक को पाकिस्तान का समर्थन मिलने का क्या मतलब है। यानि चीन फंड करता है, पाकिस्तान उसका साथ देता है, कांग्रेस उसका समर्थन करती है।

ईडी ने 2021 में भी की थी न्यूज़क्लिक की तलाशी
पीपीके न्यूज़क्लिक स्टूडियो प्राइवेट लिमिटेड द्वारा संचालित न्यूज़क्लिक के खिलाफ मनी लॉन्ड्रिंग के आरोपों की जांच में मदद करने के लिए अतिरिक्त जानकारी इकट्ठा करने के मकसद से 9 फरवरी, 2021 को प्रवर्तन निदेशालय के अधिकारियों द्वारा कंपनी की तलाशी ली गई थी। तलाशी पांच दिनों तक चली और इस दौरान कुल 10 परिसरों को कवर किया गया, जिसमें कंपनी के प्रमोटर प्रबीर पुरकायस्थ का आवास भी शामिल था। ईडी ने दावा किया कि पीपीके को 38 करोड़ रुपए की संदिग्ध विदेशी राशि प्राप्त हुई थी। इन प्रेषणों को अप्रैल 2018 से 9.59 करोड़ रुपये के एफडीआई के रूप में वर्गीकृत किया गया था, और शेष 28.29 करोड़ रुपये, ‘सेवाओं के निर्यात’ के लिए प्राप्तियों के रूप में प्राप्त होने का दावा किया गया था।

न्यूज़क्लिक को सिंघम नेटवर्क से जुड़ी संस्थाओं से मिले पैसे
पीपीके न्यूज़क्लिक स्टूडियो प्राइवेट लिमिटेड की स्थापना 11 जनवरी, 2018 को प्रबीर पुरकायस्थ द्वारा की गई थी। अप्रैल 2018 में, डेलावेयर में स्थित वर्ल्डवाइड मीडिया होल्डिंग्स एलएलसी – जो अब एक बंद कंपनी है और सिंघम नेटवर्क का हिस्सा है, ने नव निगमित पीपीके न्यूज़क्लिक में 10 रुपये प्रति शेयर अंकित मूल्य के शेयरों के मुकाबले 11,510 रुपये प्रति शेयर के प्रीमियम पर 9.59 करोड़ रुपये का निवेश किया। इसके बाद, न्यूज़क्लिक को सिंघम नेटवर्क से जुड़ी चार अलग-अलग संस्थाओं से सेवाओं के निर्यात के लिए 2018 और 2021 के बीच और 28.29 करोड़ रुपए प्राप्त हुए।
* न्याय और शिक्षा कोष, यूएसए से 27.51 करोड़ रुपए
* जीएसपीएएन एलएलसी, यूएसए से 26.98 लाख रुपए
* द ट्राइकॉन्टिनेंटल लिमिटेड इंक, यूएसए से 49.31 लाख रुपए
* 2.03 लाख रुपए ब्राजील के सेंट्रो पॉपुलर डेमिडास से

न्यूज़क्लिक ने 20.53 लाख रुपए गौतम नवलखा को भेजे
पीपीके न्यूज़क्लिक द्वारा प्राप्त धनराशि में से, पैसे ट्रांसफर इस प्रकार किए गए: 20.53 लाख रुपए भीमा कोरेगांव मामले में एल्गर-परिषद माओवादी लिंक के आरोपी गौतम नवलखा को भेजे गए। नवलखा, स्टार्टाकस सॉफ्टवेयर प्राइवेट लिमिटेड या एसएसपीएल में पुरकायस्थ के पुराने सहयोगी होने के अलावा, उन्हें पीपी न्यूजक्लिक स्टूडियो एलएलपी के ‘स्वतंत्र भागीदार’ के रूप में नियुक्त किया गया था, जहां उन्हें 17 अप्रैल, 2017 को इस पद पर नियुक्त किया गया था। पीपीके के निगमीकरण से लगभग नौ महीने पहले और 11 जनवरी, 2018 -भीमा कोरेगांव हिंसा के 10 दिन बाद।

सीपीएम आईटी सेल के बप्पादित्य सिन्हा को 52.09 लाख रुपए दिए
सीपीएम आईटी सेल के सदस्य बप्पादित्य सिन्हा को 52.09 लाख रुपए का भुगतान किया गया और कंपनी के रोल पर कई पत्रकारों को भी बड़ी रकम का भुगतान किया गया। ईडी के छापे से सिंघम और पुरकायस्थ के बीच नियमित ईमेल आदान-प्रदान का पता लगाने में भी मदद मिली, जिससे पता चला कि न्यूज़क्लिक को चीनी प्रचार, विशेष रूप से अफ्रीका में अपनी भूमिका, जैक मा पर चीन की कार्रवाई का बचाव करने आदि के लिए पैसे का भुगतान किया गया था। न्यूयॉर्क टाइम्स की जांच के अनुसार, चीनी राज्य मीडिया खातों ने फरवरी 2020 से सिंघम के नेटवर्क के लोगों और संगठनों को कम से कम 122 बार रीट्वीट किया है।

सिंघम भारत में फैला रहा चीन का प्रोपेगेंडा
इस पूरे विवाद के केंद्र में जो शख्स है उसका नाम है नेविल रॉय सिंघम (Neville Roy Singham)। सिंघम एक अमेरिकी बिजनसमेन है। वह आईटी कंसल्टिंग कंपनी थॉटवर्क्स के फाउंडर और पूर्व चेयरमैन हैं। सिंघम पर ऐसी संस्थाओं को फंड देने का आरोप है जो चीनी प्रोपेगेंडा को बढ़ावा देते हैं। इनमें भारत की न्यूज वेबसाइट न्यूजक्लिक भी शामिल है। न्यूयॉर्क टाइम्स की एक रिपोर्ट के मुताबिक सिंघम के नेटवर्क ने न्यूजक्लिक को फंड किया था। सिंघम किस तरह चीनी स्लीपर सेल के रूप में काम करते हुए चीनी प्रोपेगेंडा फैला रहा है। नीचे वीडियो में सुनकर समझा जा सकता है। 

लोकसभा में निशिकांत दुबे ने उठाया था न्यूजक्लिक को फंडिंग का मुद्दा
लोकसभा में 7 अगस्त, 2023 को उस समय जबरदस्त हंगामा हुआ जब बीजेपी सांसद निशिकांत दुबे ने न्यूयॉर्क टाइम्स की रिपोर्ट का हवाला देते हुए भारत विरोधी गतिविधियों में शामिल पार्टियों, मीडिया और टुकड़े-टुकड़े गैंग के गठजोड़ पर जोरदार हमला बोला। उन्होंने आरोप लगाया कि न्यूज क्लिक जैसी मीडिया संस्था को 38 करोड़ रुपये मिले हैं। इस रिपोर्ट में ईडी ने जो खुलासा किया था, वहीं बताया गया है। उन्होंने कहा कि न्यूज क्लिक टुकड़े-टुकड़े गैंग का हिस्सा और यह भारत को खंडित करना चाहता है। इसका मालिक पुरकायस्थ है, जिसका नक्सलियों से संबंध बताए जाते हैं। रिपोर्ट के मुताबिक भारत और मोदी सरकार के खिलाफ माहौल बनाने के लिए चीन कांग्रेस, मीडिया संस्थान और पत्रकारों को फंडिंग कर रहा है। निशिकांत दुबे ने सरकार से ऐसे पत्रकारों और मीडिया संस्थानों पर पाबंदी लगाने के साथ ही कांग्रेस के चुनाव लड़ने पर रोक लगाने की मांग की थी।

ए ग्लोबल वेब ऑफ चाइनीज़ प्रोपेगेंडा लीड्स टू ए यूएस टेक मुगल
कांग्रेस, न्यूज़क्लिक और चीन का नेक्सस भारत में किस तरह काम करता है और भारत को लेकर इनके कितने खतरनाक इरादे हैं, इसका खुलासा न्यूयॉर्क टाइम्स में छपी उस रिपोर्ट से हुआ है, जिसका शीर्षक है- ए ग्लोबल वेब ऑफ चाइनीज़ प्रोपेगेंडा लीड्स टू ए यूएस टेक मुगल। न्यूयॉर्क टाइम्स की खोजी पत्रकारिता ने भारत में फ्रीडम ऑफ स्पीच के नाम पर किस तरह एजेंडा चलाया जाता है, उसकी परत दर परत खोलकर बता दिया है कि अपने क्षुद्र राजनीतिक स्वार्थ के लिए कांग्रेस किस तरह देश विरोधी ताकतों के इशारों पर काम कर रही है। न्यूयॉर्क टाइम्स ने शिकागो से शंघाई तक फैले एक वित्तीय नेटवर्क की गहराई से पड़ताल की। इस पड़ताल में नेविल राय सिंघम का नाम सामने आया जो एक चीनी स्लीपर सेल के रूप में अमेरिका में काम कर रहा था। सिंघम धुर-वामपंथी हितों के समाजवादी हितैषी के रूप में जाना जाता है। सिंघम के नेटवर्क की जांच से पता चला कि कैसे दुष्प्रचार ने मुख्यधारा की खबरों को प्रभावित किया, क्योंकि उसके समूहों ने चीन समर्थक संदेशों को बढ़ावा देने के लिए वीडियो बनाए और यूट्यूब चैनलों के जरिए उनको प्रसारित किया।

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