भारत और चीन के बीच बॉर्डर पर तनातनी अब भी जारी है। इस बीच रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह रूस के दौरे पर हैं, जहां वो शंघाई सहयोग संगठन (SCO) की बैठक में हिस्सा ले रहे हैं। गुरुवार को राजनाथ सिंह की मुलाकात रूस के रक्षा मंत्री सर्गी से हुई। इस दौरान मोदी सरकार को अहम कूटनीतिक सफलता मिली, जब ‘दोस्त’ रूस ने रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह को भरोसा दिया कि रूस पाकिस्तान को हथियारों की आपूर्ति नहीं करेगा।
गुरुवार को दोनों देशों के रक्षा मंत्रियों के बीच हुई बैठक करीब एक घंटे से अधिक तक चली। भारत की मांग पर रूस ने वादा किया कि वो पाकिस्तान के साथ No Arms Supply की पॉलिसी जारी रखेगा। यानि पाकिस्तान को किसी तरह के बड़े हथियार सप्लाई नहीं किए जाएंगे। इसके अलावा भारत के सुरक्षा से जुड़े मामलों पर रूस ने पूरे साथ का भरोसा भी दिया है। इस बैठक में रूस ने भारत के मेक इन इंडिया प्रोग्राम का समर्थन किया और अपनी ओर से योगदान की बात कही।
Russian Defence Minister Sergey Shoigu thanked Defence Minister of India Rajnath Singh for visiting Moscow in June and highlighted colossal potential of collaboration between #Russia and #India. Military and military & technical cooperation were discussed. pic.twitter.com/Y3y7jM4Oxi
— Russia in India (@RusEmbIndia) September 3, 2020
इसके साथ ही, भारत और रूस ने अमेठी में एक AK203 असॉल्ट राइफल कारखाने की स्थापना में तेजी लाने और अपने रक्षा उद्योगों की भागीदारी बढ़ाने पर सहमति व्यक्त की। रक्षा मंत्रालय के प्रवक्ता ने कहा कि यह मेक-इन-इंडिया में रूसी रक्षा उद्योग को आगे बढ़ाने के लिए एक बहुत ही सकारात्मक आधार प्रदान करेगा।
दोनों पक्षों ने ‘AK203 असॉल्ट राइफल’ के उत्पादन के लिए भारत-रूसी संयुक्त उद्यम की स्थापना के लिए चर्चा के अग्रिम चरण का स्वागत किया। ‘AK203 असॉल्ट राइफल’ को पैदल सेना के लिए सबसे आधुनिक हथियारों में से एक माना जाता है। यह एके-47 राइफल का नवीनतम और सर्वाधिक उन्नत प्रारूप है। यह ‘इंडियन स्मॉल ऑर्म्स सिस्टम’ (इनसास) 5.56 गुना 45 मिमी राइफल की जगह लेगा।
गौरतलब है कि कई मोर्चों पर रूस ने भारत का खुलकर समर्थन किया है। फिर चाहे वो हथियार पहुंचाना हो या फिर वैश्विक मंच पर भारत के हक में आवाज उठाना हो। यही कारण है कि चीन से जारी तनाव के बीच ये दौरा काफी अहम हो जाता है।
वहीं, कुछ मीडिया रिपोर्ट्स में बताया जा रहा है कि भारत-चीन तनाव के बीच रूस की राजधानी मॉस्को में शंघाई सहयोग संगठन की बैठक से अलग, चीन के रक्षा मंत्री जरनल वे फेंघे ने भारत के रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह के साथ मुलाकात की इच्छा जाहिर की है। चीनी पक्ष ने भारतीय मिशन के समक्ष सीमा गतिरोध के सम्बन्ध में यह इच्छा व्यक्त की है। माना जा रहा है कि रूस पर्दे के पीछे से अपने दोनों ही घनिष्ठ मित्र देशों भारत और चीन के बीच दोस्ती कराने में लगा हुआ है और यह बैठक भी रूसी प्रयासों का हिस्सा है।