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Rahul Gandhi को आईना दिखाना रास नहीं आया, राहुल-वाड्रा की सच्चाई बताई तो पूर्व सीएम के भाई लक्ष्मण सिंह को कांग्रेस से निकाला

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यह कहना नितांत गलत होगा कि कांग्रेस पार्टी में सब कुछ भगवान भरोसे चल ही रहा है और भविष्य में भी भगवान भरोसे ही चलता रहेगा। दरअसल, वास्तविकता यह है कि कांग्रेस में सब कुछ चापलूसों और चमचों के भरोसे चल रहा है। राहुल गांधी के इर्द-गिर्द इन लोगों के गुट ने ऐसा घेरा बना लिया है, जिसके कारण वरिष्ठ नेताओं सहित पार्टी कार्यकर्ताओं ने राहुल गांधी से दूरी बना ली है। यदि कभी-कभार कांग्रेस का नेता हिम्मत करके राहुल गांधी को सच्चाई का आईना दिखाता है तो उसकी तर्को पर विचार-मंथन किए बिना ही उसके पार्टी से ही बाहर का रास्ता दिखा दिया जाता है। इसके एक नहीं, अनेक उदाहरण हैं। ऐसा ही ताजा मामला अब मध्य प्रदेश से आया है। प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह के भाई और कांग्रेस के दिग्गज नेता लक्ष्मण सिंह को पार्टी से बाहर का रास्ता दिखा दिया गया है। उनका भी कुसूर सिर्फ इतना ही था कि उन्होंने राहुल गांधी एंड कंपनी को वास्तविकता का आईना दिखाने के लिए नसीहत देने की कोशिश की थी।राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा में गांधी परिवार के ना शामिल होने को गलत बताया
मध्य प्रदेश में कांग्रेस पार्टी एक बाद फिर घमासान को लेकर सुर्खियों में आ गई है। पूर्व सीएम दिग्विजय सिंह के छोटे भाई लक्ष्मण सिंह को पार्टी से बाहर कर दिया है। लक्ष्मण सिंह 5 बार के सांसद, 3 बार के विधायक रहे हैं। इसके साथ ही वह वर्तमान विधायक और पूर्व मंत्री जयवर्धन सिंह के चाचा हैं। लक्ष्मण सिंह को पार्टी से 6 साल के लिए निष्कासित कर दिया है। ऐसे में हर तरफ यह सवाल तैर रहे हैं कि यह दिग्विजय सिंह और जयवर्धन के लिए भी बड़ा झटका साबित हो सकता है। क्या राघोगढ़ के छोटे राजा लक्ष्मण सिंह को पार्टी से बाहर करना पूरी राघोगढ़ रियासत का अपमान नहीं है? विधानसभा चुनाव में चाचौड़ा विधानसभा सीट से हारने के बाद से लक्ष्मण सिंह पार्टी की गलत नीतियों को लेकर हमलावर थे। लक्ष्मण सिंह राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा में गांधी परिवार के ना शामिल होने को गलत ठहराया था।राहुल गांधी को सोच-समझकर बोलने की भी दी नसीहत
कांग्रेस नेता लक्ष्मण सिंह पहलगाम आतंकी हमले पर भी राहुल गांधी और पार्टी के रुख की आलोचना कर चुके हैं। सत्तर वर्षीय पार्टी नेता एक बार फिर साफगोई से बयान दिए हैं, जो कांग्रेस के दिल्ली दरबार में बैठ नेताओं को असहज लग रहे हैं। इससे पहले लक्ष्मण सिंह को तब कारण बताओ नोटिस दिया गया था, जब उन्होंने राहुल गांधी और उनके बहनोई रॉबर्ट वाड्रा को लेकर पहलगाम आतंकी हमले के संदर्भ में टिप्पणी की थी। उन्होंने कहा था, ‘गांधी और वाड्रा अपरिपक्व हैं। देश उनकी अपरिपक्वता को भुगत रहा है।’ उन्होंने आरोप लगाया था कि जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला आतंकवादियों से मिले हुए हैं। पार्टी को वहां से समर्थन वापस लेना चाहिए। लक्ष्मण सिंह ने राहुल गांधी को भी सोच समझकर बात करने की नसीहत देते हुए कहा था कि पार्टी को मुझे निकालना हो तो आज निकाल दे। हमारी पार्टी के नेता सोच समझकर बोले, नहीं तो उन्हें चुनाव में परिणाम भुगतना पड़ेंगे।

राहुल गांधी और रॉबर्ट वाड्रा का बचपना कब तक झेलेंगे
पार्टी की अनुशासन समिति ने उनके बयानों को अनुशासनहीनता माना। अनुशासन समिति के अध्यक्ष सांसद तारिक अनवर ने बयान के लिए कारण बताओ नोटिस दिया था। जवाब संतोषजनक नहीं होने के चलते उन्हें 6 साल के लिए निष्कासित किया गया। इससे पहले दिसंबर 2023 में भी लक्ष्मण सिंह ने कह दिया था कि राहुल गांधी महज एक पार्टी कार्यकर्ता और सांसद हैं। इसके अलावा वह कुछ भी नहीं। राहुल गांधी को ज्यादा तवज्जो नहीं देनी चाहिए। लक्ष्मण सिंह ने राहुल गांधी के जीजा रॉबर्ट वाड्रा पर भी निशाना साधा था। उन्होंने कहा था- ‘ये हमारा रॉबर्ट वाड्रा, जीजा जी राहुल गांधी का, कहता है कि मुसलमानों को सड़क पर नमाज नहीं पढ़ने देते इसलिए आतंकवादियों ने हमला किया। इन दोनों का ये बचपना हम कब तक झेलेंगे। राहुल गांधी भी थोड़ा सोच समझकर बात करें। इनकी नादानियों की वजह से इस तरह की घटनाएं हो रही हैं।’

भाई का निष्कासन पूर्व सीएम दिग्विजय के लिए बड़ा झटका
दिग्विजय सिंह को राघोगढ़ का राजा माना जाता है। गुना जिले की यह सीट हमेशा दिग्विजय सिंह और बाद में उनके बेटे के नाम रही, जबकि लक्ष्मण सिंह जिले की चाचौड़ा विधानसभा से विधायक रहे। इस बार 2023 के चुनाव में हार गए। माना जाता है कि दिग्विजय सिंह के लिए भाई का पार्टी से निष्कासन बड़ा झटका साबित हो सकता है। काबिले जिक्र है कि लक्ष्मण सिंह ने रैली में साफ कहा था कि चाहे मुझे पार्टी से निकाल दें, लेकिन हमारी पार्टी के नेता सोच समझकर बोले, नहीं तो उन्हें चुनाव में परिणाम भुगतना पड़ेंगे।

कांग्रेस को आज नहीं तो कल सवालों का जवाब देना ही पड़ेगा
कांग्रेस पार्टी के लक्ष्मण सिंह के खिलाफ एक्शन पर बीजेपी विधायक और पूर्व मंत्री अजय विश्नोई ने कहा- लक्ष्मण सिंह मेरे वर्षों पुराने मित्र हैं। जब उनके भाई मुख्यमंत्री थे तब से आज तक लक्ष्मण सिंह और हम मित्र हैं। बेबाकी से बोलते हैं। आज की तारीख में वे जो सवाल उठा रहे हैं। वो समयानुकूल हैं। इन प्रश्नों का जवाब कांग्रेस को आज नहीं तो कल देना ही पड़ेगा। अगर जवाब नहीं देंगे। तो जनता और कार्यकर्ता उन्हें इतना घेरेंगे कि वो लक्ष्मण सिंह का नाम लेकर पानी पिएंगे। उन्होंने लक्ष्मण सिंह को शुभकामनाएं देते हुए कहा कि आप सच्चाई की अपनी लाइन को मत छोड़िएगा। सच कहना अगर बगावत है तो समझो हम भी बागी हैं। आप और हम इसी लाइन पर चलते रहेंगे।

लक्ष्मण सिंह ने गांधी परिवार को आइना दिखाया: भाजपा
बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा ने देवास में कहा- यह कांग्रेस संग़ठन का निर्णय है। इसमें मुझे ज्यादा कुछ कहने की जरूरत नही है। लेकिन यह सही है कि लक्ष्मण सिंह अक्सर कांग्रेस को सत्य का आईना दिखाते रहते हैं। कांग्रेस में सत्य का आईना दिखाने वालों का यही हाल होता है। मुझे लगता है कि लोग जानते ही हैं और शायद वही लक्ष्मण सिंह के साथ हुआ है। दिग्विजय सिंह के भाई के बयानों और निष्कासन पर भाजपा नेता नरेंद्र सलूजा ने सोशल मीडिया X पर लिखा- दिग्विजय सिंह में हिम्मत, इस सच्चाई वाले बयान पर इनका विरोध करने की? गांधी परिवार को हमेशा की तरह इस बार भी आइना दिखाया है लक्ष्मण सिंह जी ने।

बीजेपी प्रवक्ता वाजपेई बोले- ये कांग्रेस के विसर्जन की शुरुआत
बीजेपी के प्रवक्ता डॉ. हितेष वाजपेई ने लक्ष्मण सिंह के निष्कासन पर कहा- इस प्रकार से कांग्रेस के सृजन से विसर्जन की यात्रा शुरू होती है। खेल को समझिए, जीतू पटवारी ने संगठन की रचना पहले नहीं की। उन्होंने राहुल गांधी का फायदा उठाकर सबसे पहले अपने कट्‌टर विरोधी दिग्विजय सिंह के भाई को निपटा दिया। ये करके प्रदेश में एक मैसेज भी दे दिया। अब वो जिलाध्यक्षों की नियुक्ति करेंगे। जिससे कि जिलाध्यक्षों की नियुक्ति में उनका वर्चस्व कायम रहे। अभी तो शुरुआत हुई है आगे – आगे देखिए होता है क्या। जीतू पटवारी ने अपनी चालें चलना शुरु कर दिया है। जिसका पहला खामियाजा दिग्विजय गुट को देखने को मिला है।

 

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