एक तरफ पीएम मोदी के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार है जो एक-एक कोरोना पीड़ित की जान बचाने के प्रयास में जुटी है वहीं दूसरी तरफ कांग्रेस शासित राज्य राजस्थान है जहां की अशोक गहलोत सरकार की लापरवाही से आठ-आठ कोरोना पीड़ितों की जान चली गई है। इतना ही नहीं अस्पताल प्रशासन अपनी लापरवाही छिपाने में जुटी हुई और राज्य सरकार हाथ पर हाथ धरकर बैठी हुई है। एक तरफ कोरोना महामारी अपनी पूरी ताकत से मानव को नष्ट करने में जुटी हैं वहीं राजस्थान सरकार की लापरवाही और अव्यवस्था अस्पताल में भर्ती मरीजों पर भारी पड़ रही है।
अस्पताल के पीएमओ डॉ बलराज सिंह पंवार का कहना है कि अस्पताल की बिजली जाने के तुरंत बाद ही जनरेटर चला दिया गया था, क्योंकि उस समय लोग वहां मौजूद ही थे। लेकिन पीएमओ ये नहीं बता पा रहे हैं कि आखिर उन आठ कोरोना पीड़ितों की उसी समय मौते कैसे हो गई?
इससे साफ है कि अस्पताल प्रशासन राज्य सरकार की खामियों को छिपाने में जुटा है। तभी तो इतना बड़ा हादसा हो जाने के बाद भी राजस्थान में कांग्रेस सरकार अस्पताल प्रशासन के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं कर रही है। एक तो लोग कोरोना जैसी महामारी से तबाह है वहीं दूसरी तरफ राजस्थान सरकार की अव्यवस्था और लापरवाही भी राज्य की जनता पर भारी पड़ रही है।