जब से देश में कोरोना महामारी की दूसरी लहर चली है तब से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में चलने वाली भारतीय जनता पार्टी की सरकार न केवल सचेत है बल्कि सतर्क भी है। पीएम की सतर्कता से आपको पता चल जाएगा कि कोरोना से निपटने के प्रति प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी स्वयं कितने संवेदनशील है। वहीं इसके उलट देश में कांग्रेस और विपक्षी दलों की क्रियाकलापों को देखेंगे तो पता लगेगा कि उनमें न तो देश न ही देशवासियों के प्रति कोई संवेदना बची है। देश में कोरोना की दूसरी लहर मार्च के अंत में चली है। वैसे तो प्रधानमंत्री खुद ही सबको सचेत करते रहे हैं और दबाई के साथ कड़ाई का पालन करने का अनुरोध करते रहे हैं। 19 अप्रैल को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कोरोना की दूसरी लहर से निपटने के लिए देश के महत्वपूर्ण फार्मा इंडस्ट्री के लोगों और डॉक्टरों से इसके बारे में चर्चा करने के लिए बैठक की।
22 अप्रैल को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देश में ऑक्सीजन की आपूर्ति पर समीक्षा बैठक की और इस बात पर चर्चा की कि किस प्रकार देश में ऑक्सीजन की आपूर्ति को बढ़ाया जा सकता है। वहीं दूसरी तरफ कांग्रेस शासित छत्तीसगढ़ की जिस बघेल सरकार ने जनवरी में कोवैक्सीन लेने से इनकार कर दिया था वही अब अप्रैल महीने कोवैक्सीन आपूर्ति की गुहार लगा रही है।
28 अप्रैल 2021 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जहां एक तरफ संकट को कम करने के लिए भारतीय वायु सेना के प्रयासों का जायजा ले रहे थे वहीं दूसरी तरफ कांग्रेस शासित पंजाब राज्य में वहां के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह नवजोत सिंह सिद्धू के साथ उलझे हुए हैं। जबकि पंजाब में कोरोना के एक्टिव केस 53 हजार को पार कर चुका है। इससे स्पष्ट है कि कोरोना के प्रति कांग्रेस न सिर्फ अपनी लापरवाही दिखाई है बल्कि देशवासियों के प्रति उसकी निर्दयता भी सामने आई है।