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प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में डिजिटल इंडिया: 11 साल में आम लोगों की जिंदगी में आए 11 क्रांतिकारी बदलाव

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प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने जब 2014 में देश की सत्ता संभाली थी, तब उन्होंने एक सपना देखा था- भारत को डिजिटल रूप से मजबूत बनाने का। उनका मानना था कि अगर तकनीक का सही इस्तेमाल हो, तो देश के हर नागरिक की जिंदगी आसान हो सकती है। इसी सोच से शुरू हुआ ‘डिजिटल इंडिया’ अभियान। आज, 11 साल बाद, गांव से लेकर शहर तक, बच्चे से लेकर बुजुर्ग तक, हर किसी की जिंदगी में डिजिटल इंडिया ने क्रांतिकारी बदलाव लाए हैं। इस डिजिटल क्रांति ने भारत को वैश्विक मंच पर एक नई पहचान दिलाई है और देश को तकनीकी रूप से सशक्त, पारदर्शी और समावेशी बनाया है। आइए, जानते हैं कि पिछले 11 वर्षों में डिजिटल इंडिया से हुए ये 11 बदलाव कैसे-कैसे हुए हैं-

1. पैसे का लेन-देन- मोबाइल से मिनटों में
पहले पैसे भेजने के लिए बैंक जाना पड़ता था, चेक भरना पड़ता था या एटीएम के बाहर लाइन लगानी पड़ती थी। अब मोबाइल में यूपीआई, गूगल पे, फोनपे, पेटीएम जैसे ऐप्स आ गए हैं। गांव के किराना दुकानदार से लेकर शहर के बड़े मॉल तक, सब जगह क्यूआर कोड स्कैन करके पेमेंट हो जाता है। गांव के पानवाले से लेकर ठेलेवाले तक, सब डिजिटल पेमेंट लेने लगे हैं। सरकार ने करोड़ों गरीबों के जनधन बैंक खाते खुलवाए, जिससे हर किसी के पास अपना बैंक अकाउंट है। इससे अब गैस सब्सिडी, पेंशन, छात्रवृत्ति, सरकारी मदद सीधा खाते में आती है। नकदी की झंझट खत्म होने से छुट्टे पैसे की टेंशन नहीं रहती और चोरी-डकैती का डर भी कम हो गया है।

2. सरकारी कामकाज – अब घर बैठे
पहले सरकारी दफ्तरों में लंबी लाइनें, बाबुओं के चक्कर, फाइलों का अंबार और घूस की समस्या आम थी। अब बहुत सी सरकारी सेवाएं मोबाइल या कंप्यूटर पर मिल जाती हैं। अब आप एक ही एप UMANG एप में पेंशन, पीएफ, बिजली-पानी का बिल, पासपोर्ट, पैन कार्ड, आधार सहित 1200 से ज्यादा सरकारी सेवाएं पा सकते हैं। अब तो राशन कार्ड, पैन कार्ड, वोटर आईडी, ड्राइविंग लाइसेंस – सब कुछ ऑनलाइन बनता है। कोई दिक्कत हो तो ऑनलाइन शिकायत दर्ज कर सकते हैं और उसे ट्रैक भी कर सकते हैं। इतना ही नहीं अब जन्म प्रमाणपत्र, मार्कशीट, आधार, लाइसेंस जैसे अपने डॉक्यूमेंट्स डिजीलॉकर में ऑनलाइन रख सकते हैं, इसे जरूरत पड़ने पर कहीं भी दिखा सकते हैं।

3. शिक्षा- मोबाइल और टीवी पर पढ़ाई
कोरोना के समय स्कूल-कॉलेज बंद हो गए थे, लेकिन पढ़ाई नहीं रुकी। मोबाइल, लैपटॉप या टीवी पर स्कूल-कॉलेज की ऑनलाइन क्लास होने लगी। SWAYAM, DIKSHA जैसे ऐप्स पर हर क्लास का सिलेबस, वीडियो लेक्चर, नोट्स, क्विज सबकुछ फ्री में मिलता है। इससे गांव के बच्चों को भी फायदा हुआ है। पहले गांव के बच्चों को अच्छे टीचर नहीं मिलते थे, अब देश के टॉप टीचर्स के वीडियो गांव-गांव में देखे जा सकते हैं। शिक्षकों को भी डिजिटल तरीके से ट्रेनिंग मिल रही है, जिससे इनके पढ़ाई का तरीका बदला है। इतना ही नहीं डिजिटल लाइब्रेरी से किताबें, रिसर्च पेपर, मैगजीन सब ऑनलाइन पढ़ सकते हैं।

4. स्वास्थ्य सेवाएं- अब डॉक्टर मोबाइल पर
पहले गांव में डॉक्टर मिलना मुश्किल था, इलाज के लिए शहर जाना पड़ता था। अब ई-संजीवनी से मोबाइल या कंप्यूटर पर डॉक्टर से वीडियो कॉल पर सलाह मिल जाती है। टेलीमेडिसिन के कारण अब छोटे गांवों में रहने वाली लोग भी बड़े शहरों के डॉक्टर से बात कर सकते हैं। साथ ही अब दवाएं भी ऑनलाइन ऑर्डर करके घर मंगवा सकते हैं। डिजिटल हेल्थ कार्ड के जरिए अब हर मरीज का इलाज, दवा, रिपोर्ट– सबका रिकॉर्ड ऑनलाइन बन रहा है, जिससे इलाज में पारदर्शिता आई है। आपको याद होगा कि कोरोना के समय आरोग्य सेतु एप ने बीमारी की जानकारी, वैक्सीन अपडेट और आसपास के कोविड केस की जानकारी देकर आपकी कितनी मदद की थी। CoWIN ऐप ने देशभर में टीकाकरण अभियान को सफलतापूर्वक संचालित किया। इस ऐप के माध्यम से नागरिकों को टीकाकरण की जानकारी, स्लॉट बुकिंग और प्रमाणपत्र प्राप्त करने की सुविधा मिली।

5. इंटरनेट- गांव-गांव तक पहुंचा
पहले गांव में इंटरनेट मिलना मुश्किल था, अब भारत नेट जैसी योजनाओं से गांव-गांव में ब्रॉडबैंड पहुंच गया है। बीएसएनएल के साथ जियो, एयरटेल जैसी कंपनियों ने डेटा बहुत सस्ता कर दिया है, जिससे अब हर किसी के हाथ में स्मार्टफोन है। 5G की शुरुआत के साथ ही अब इंटरनेट और तेज हो गया है, वीडियो कॉलिंग, ऑनलाइन गेमिंग, पढ़ाई, सब आसान हो गया। अब गांव के लोग भी ऑनलाइन किसान मंडी के दाम देख सकते हैं, महिलाएं घर बैठे सामान बेच सकती हैं और बच्चे पढ़ाई कर सकते हैं।

6. किसानों के लिए डिजिटल क्रांति
किसानों के लिए भी डिजिटल इंडिया वरदान साबित हुआ है। किसान अब मोबाइल पर e-NAM से मंडी के दाम देख सकते हैं, अपनी फसल ऑनलाइन बेच सकते हैं। मोबाइल पर ही मौसम का हाल, बारिश की संभावना, फसल की सलाह सबकुछ मिल जाता है। किसान क्रेडिट कार्ड, बीमा, सब्सिडी जैसी सरकारी योजनाओं का का स्टेटस मोबाइल पर देख सकते हैं। इससे उन्हें बिचौलियों से मुक्ति मिली है। अब किसान सीधे खरीदार से जुड़ सकते हैं, जिससे उन्हें सही दाम मिलता है।

7. रोजगार और स्टार्टअप- नए मौके
डिजिटल इंडिया ने रोजगार और बिजनेस के नए रास्ते खोले हैं। अब कोई भी घर बैठे ऑनलाइन सामान बेच सकता है। स्टार्टअप इंडिया अभियान शुरू होने के बाद लाखों युवाओं ने नए-नए स्टार्टअप शुरू किए हैं। वे फूड डिलीवरी से लेकर एजुकेशन, हेल्थ, फाइनेंस, ट्रैवल, गेमिंग आदि में कामयाबी के झंडे गाड़ रहे हैं। कंटेंट राइटिंग, डिजाइनिंग, ट्यूटरिंग, ट्रांसलेशन जैसे क्षेत्र में फ्रीलांसिंग कर अब लोग घर बैठे भी काम कर रहे हैं। इससे महिलाओं और दिव्यांगों को फायदा हुआ है, जो बाहर जाकर काम नहीं कर सकते। अब वे ऑनलाइन काम करके पैसे कमा रहे हैं। अब तो सरकारी और प्राइवेट नौकरियों के लिए आवेदन भी ऑनलाइन हो गया है।

8. सोशल मीडिया- हर किसी की आवाज
अब हर कोई फेसबुक, ट्विटर, इंस्टाग्राम, व्हाट्सएप पर अपनी बात रख सकता है। अब कोई भी खबर मिनटों में देशभर में पहुंच जाती है। सरकार से सीधा संवाद करना आसान हो गया है। प्रधानमंत्री, मुख्यमंत्री, मंत्री तक सभी लोग सोशल मीडिया पर एक्टिव हैं। अब आप उनसे सीधे सवाल पूछ सकते हैं। डिजिटल इंडिया के कारण सरकार, एनजीओ, आम लोग सभी सोशल मीडिया से जागरूकता फैला रहे हैं। स्वच्छ भारत, बेटी बचाओ, कोविड वैक्सीनेशन जैसे अभियान इसके कारण सफल हो रहे हैं।

9. यात्रा और नागरिक सुविधाएं- पहले से आसान
अब यात्रा और रोजमर्रा की सुविधाएं भी डिजिटल हो गई हैं। ऑनलाइन टिकटिंग के कारण ट्रेन, बस, फ्लाइट की टिकट मोबाइल से बुक हो जाती है। डिजी यात्रा एप के कारण अब एयरपोर्ट पर फेस स्कैनिंग से एंट्री मिलती है, टिकट दिखाने की जरूरत नहीं पड़ती है। बिजली-पानी-गैस का बिल अब मोबाइल से भर सकते हैं। अब बिल भरने के लिए लाइन में लगने की जरूरत नहीं रह गई है। अब ट्रैफिक, सफाई, स्ट्रीट लाइट, पार्किंग सब कुछ स्मार्ट तरीके से मैनेज हो रहा है। कोई दिक्कत हो तो मोबाइल से शिकायत दर्ज कर सकते हैं और उसका स्टेटस देख भी सकते हैं।

10. भ्रष्टाचार पर लगाम और पारदर्शिता
डिजिटल इंडिया ने सरकारी सिस्टम में पारदर्शिता और जवाबदेही बढ़ाई है। DBT- डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर के कारण सरकारी पैसे सीधे लोगों के बैंक खाते में पहुंचते हैं, बीच में कोई घोटाला नहीं होता है। अब सरकारी खरीददारी, टेंडर, कॉन्ट्रैक्ट सब ऑनलाइन होते हैं, जिससे घूसखोरी कम हुई है। पब्लिक फंड ट्रैकिंग सुविधा के कारण लोग देख सकते हैं कि उनके इलाके में सरकार ने कितना पैसा खर्च किया और कहां खर्च किया है। कोई दिक्कत हो या कोई भी सरकारी गड़बड़ी की शिकायत हो तो उसे ऑनलाइन दर्ज कर सकते हैं, और उसका हल भी देख सकते हैं।

11. भारत की दुनिया में नई पहचान
डिजिटल इंडिया की वजह से भारत अब दुनिया के टॉप डिजिटल देशों में गिना जाता है। भारत अब सबसे ज्यादा डिजिटल ट्रांजैक्शन करने वाला देश बन गया है। बड़ी-बड़ी विदेशी कंपनियां भारत में निवेश कर रही हैं, जिससे रोजगार और टेक्नोलॉजी दोनों बढ़ रहे हैं। यूपीआई, आधार जैसे डिजिटल पब्लिक गुड्स की तारीफ पूरी दुनिया में हो रही है। आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, ब्लॉकचेन, इंटरनेट ऑफ थिंग्स जैसी नई टेक्नोलॉजी अब भारत में भी तेजी से आ रही हैं।

प्रधानमंत्री के नेतृत्व में डिजिटल इंडिया ने देश की तस्वीर एकदम से बदल कर रख दी है। अब गांव-शहर, अमीर-गरीब, महिला-पुरुष, सबको तकनीक का फायदा मिल रहा है। रोजमर्रा की जिंदगी पहले से आसान हो गई है। कुल मिलाकर, मोदी सरकार के डिजिटल इंडिया अभियान ने देश के हर नागरिक को तकनीकी रूप से सशक्त किया है और भारत को 21वीं सदी का डिजिटल सुपरपावर बनाने की ओर मजबूती से बढ़ाया है।

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