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मोदी सरकार में मिल रही विकास को रफ्तार, गुजरात में सिग्नेचर ब्रिज तैयार, भारतमाला प्रोजेक्ट के तहत नए एक्सप्रेस-वे से खुल रहे रोजगार के नए अवसर

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पीएम मोदी सरकार का मंत्र सबका साथ, सबका विकास सिर्फ कहने भर को नहीं है। पूरब से पश्चिम तक, उत्तर से दक्षिण तक, कश्मीर से कन्याकुमारी तक और दमन से द्वारका तक कनेक्टिविटी और डेवलपमेंट को नए पंख लग रहे हैं। गुजरात के द्वारका जिले में ओखा को बेट द्वारका से पहली बार सड़क मार्ग से जोड़ा जाएगा। दोनों स्थानों को जोड़ने वाला सिग्नेचर ब्रिज बनकर तैयार है। इसका शुभारंभ 25 फरवरी को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी करेंगे। उन्होंने ही इस ड्रीम प्रोजेक्ट की नींव रखी थी। दूसरी ओर देश में लोगों और माल की आवाजाही सुगम बनाने के लिए केंद्र सरकार की भारतमाला परियोजना का काम आधे से ज्यादा हो चुका है और शेष काम स्पीड और स्केल के साथ चल रहा है। परियोजना के तहत बने नए एक्सप्रेस-वे पर गाड़ियां फरटि से दौड़ रही है और लोगों को इसका लाभ मिलना शुरू हो गया है।

सिग्नेचर ब्रिज बनने से लोग कार से बैट द्वारका जल्दी पहुंचेंगे
बेट द्वारका द्वीप पर जाने के लिए अभी एकमात्र जरिया समुद्री मार्ग है। श्रद्धालु और पर्यटक क्रूज या फेरी के जरिए बेट द्वारा पहुंचते हैं। द्वीप पर पानी जैसी बुनियादी सुविधाएं उपलब्ध कराने में भी काफी दिक्कतें आ रही थीं। सिग्नेचर ब्रिज के निर्माण से यहां लोगों का जीवन आसान होगा। केंद्र और राज्य सरकार की विभिन्न योजनाओं की घोषणा के बाद यहां पर्यटन उद्योग दिन-ब-दिन बढ़ रहा है। ब्रिज बनने से रोड से जाना संभव होगा, जिससे बेट द्वारका में विकास को गति मिलेगी। ब्रिज बनने से लोग कार से बैट द्वारका जल्दी पहुंच सकेंगे। द्वारका से बेट द्वारका की दूरी 34 किमी. है। इसमें सवा दो किलोमीटर दूरी समुद्र में है। ओखा से बेट द्वारका तक रो-फेरी बोट से पहुंचा जा सकता है। सिग्नेचर ब्रिज का लोकार्पण इसी माह होने जा रहा है। इससे ओखा और बेट द्वारका के बीच सड़क के जरिए आवागमन होगा। अब तक नावों के जरिए ओखा से बेट द्वारका जाना पड़ता है।ब्रिज से सालाना करीब 65 लाख पर्यटकों और लोगों को होगा फायदा
सिग्नेचर ब्रिज के 900 मीटर हिस्से को मजबूती व सुरक्षा के अंतरराष्ट्रीय मानकों वाले केबल के जरिए दो पाइलॉन (बड़े खंभों) पर लटकाया है। ऐसा ब्रिज देश में कहीं नहीं है। सवा दो किलोमीटर लंबा ब्रिज शुरू होने से सालाना करीब 65 लाख लोगों, विशेषकर पर्यटकों को फायदा होगा। पिछले साल ओखा-बेट द्वारका के बीच 65 लाख लोगों का आवागमन हुआ था। कलक्टर जी.टी. पंड्या के मुताबिक इसी महीने में इस ब्रिज को लोकार्पित किया जाएगा। पीएम मोदी शुभारंभ के लिए आएंगे तो वह द्वारका के जगत मंदिर में द्वारकाधीश के दर्शन करेंगे और एनडीएच हाई स्कूल मैदान पर सभा को संबोधित करेंगे। ब्रिज के फुटपाथ पर सोलर पैनल लगाए गए हैं। इनसे 1 मेगावाट बिजली उत्पन्न होगी।

बहुत खूबियों वाला है गुजरात का सिग्नेचर ब्रिज
■ 965 करोड़ रुपए निर्माण पर खर्च हुए।
■ 2320 मीटर लंबाई। इसमें 900 मीटर केबल स्टेंड हिस्सा।
■ 2452 मीटर लंबी एप्रोच रोड ओखा-बेट द्वारका के दोनों ओर ।
■ 500 मीटर ब्रिज के मुख्य स्पैन की लंबाई। देश में सबसे लंबा स्पैन।
■ 130 मीटर की ऊंचाई वाले दो पाइलॉन ब्रिज के मुख्य हिस्से में।
■27.20 मीटर चौड़ाई चार लेन के ब्रिज की। दोनों तरफ 2.50 मीटर के फुटपाथ।
■ 12 स्थानों पर पर्यटकों के लिए व्यूइंग गैलरी व्यवस्था। रात को रोशनी की व्यवस्था।

गुजरात के द्वारकाधीश मंदिर में देशभर से लाखों श्रद्धालु आते हैं
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का दो दिवसीय सौराष्ट्र कार्यक्रम फाइनल हुआ है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी 24 फरवरी को दोपहर बाद द्वारका आएंगे। द्वारका सर्किट हाउस में रात्रि विश्राम करेंगे। दूसरे दिन 25 फरवरी को सुबह द्वारकाधीश का दर्शन कर एक हजार करोड़ रुपये के खर्च से बने ओखा से बेट द्वारका को जोड़ने वाले सिग्नेचर ब्रिज का लोकार्पण करेंगे। इस ब्रिज को समुद्र में बनाया गया है, जिसकी लंबाई 2.75 किलोमीटर है। गुजरात के द्वारकाधीश मंदिर में देशभर से लाखों श्रद्धालु आते हैं। ओखा से बेट द्वारका तक जाने के लिए फेरी का इस्तेमाल करना पड़ता है। लेकिन, कच्छ की खाड़ी बेट द्वारका द्वीप को गुजरात की मुख्य भूमि ओखा से जोड़ने वाला यह सिग्नेचर ब्रिज खुलने से श्रद्धालुओं को काफी सुविधा होगी। केबल से बनाया गया यह ब्रिज प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का ड्रीम प्रोजेक्ट बताया जा रहा है। ब्रिज का लोकार्पण कर पीएम मोदी राजकोट आएंगे। यहां दोपहर के समय खंढेरी के समीप 201 एकड़ में 1195 करोड़ रुपये की लागत से बने एम्स में 250 बेड के हॉस्पिटल का लोकार्पण करेंगे। इसके अलावा पीएम मोदी 100 करोड़ रुपये के खर्च से बने 150 वर्ष पुरानी राज्य की प्रथम 11 मंजिला जनाना हॉस्पिटल का भी लोकार्पण करेंगे। इस 11 मंजिला जनाना हॉस्पिटल का प्रधानमंत्री निरीक्षण करेंगे। इसके अलावा स्मार्ट सिटी राजकोट में 136 करोड़ रुपये के खर्च से बने अटल सरोवर का प्रधानमंत्री लोकार्पण करेंगे

तेज स्पीड और स्केल पर चल रहा है भारतमाला प्रोजेक्ट का काम
एक ओर देश में धार्मिक पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए सनातन संस्कृति के स्थलों, मंदिरों पर विरासत को संजोते हुए विकास हो रहा है, दूसरी ओर देश में लोगों और माल की आवाजाही सुगम बनाने के लिए केंद्र सरकार की भारतमाला परियोजना का काम स्पीड और स्केल के साथ चल रहा है। परियोजना के तहत बने नए एक्सप्रेस-वे पर गाड़ियां फरटि से दौड़ रही है और लोगों को इसका लाभ मिलना शुरू हो गया है। अंतरराष्ट्रीय स्तर की गुणवत्ता वाली सड़कों के लिए देश के विभिन्न राज्यों में चल रहे इस प्रोजेक्ट पर अमल में राजस्थान सबसे आगे है जहां मंजूर कार्यों का करीब 91 फीसदी काम पूरा हो चुका है। मध्यप्रदेश में 56 फीसदी और छत्तीसगढ़ में करीब 31 फीसदी काम पूरा हो चुका है।

10 लाख करोड़ से ज्यादा के प्रोजेक्ट में 35 हजार किमी बनेंगी सड़कें
भारतमाला प्रोजेक्ट के तहत देशभर में करीब 10 लाख 95 हजार करोड़ रुपए की लागत से करीब 35 हजार किलोमीटर सड़कों का निर्माण हो रहा है। केंद्र सरकार ने 2017 में भारत माला प्रोजेक्ट का प्रथम चरण मंजूर किया। इसके तहत यात्री व माल परिवहन के आर्थिक कॉरिडोर, उनका आपसी जुड़ाव, फीडर मार्गो का विकास, सीमा और अंतरराष्ट्रीय संपर्क सड़कें, तटीय और बंदरगाह तक सड़कें और एक्सप्रेस-वे निर्माण के काम होना है। एक्सप्रेस-वे से लाभांवित होने वाले राज्यों में दिल्ली, हरियाणा, राजस्थान, मप गुजरात, दादरा-नागर, महाराष्ट्र पंजाब, हरियाणा, तेलंगाना और उत्तर प्रदेश आदि मुख्य हैं।

राजस्थान से गुजर रहे हैं छह एक्सप्रेस-वे, रोजगार के अवसर बढ़ेंगे
इस प्रोजेक्ट पर 4.23 लाख करोड़ खर्च हो चुके हैं और 15549 किमी निर्माण पूरा हो गया है। प्रोजेक्ट प्रथम चरण के तहत 26 हजार 418 किलोमीटर सड़कों के काम शुरू किए गए थे और इसके लिए 8.53 लाख करोड़ रूपये मंजूर किए गए हैं। दिसंबर 2023 तक 15 हजार 49 किलोमीटर लंबी सड़कों का निर्माण पूरा हो चुका है। इसके अलावा 4.23 लाख करोड़ रूपये खर्च हुए हैं। इस प्रोजेक्ट के तहत 25 एक्सप्रेस वे भी बनाए जा रहे हैं। जिनमें से करीब आधा दर्जन एक्सप्रेस वे लगभग पूर्ण हो चुके हैं और उनका उपयोग शुरू हो चुका है। राजस्थान को सर्वाधिक छह एक्सप्रेस वे मिले हैं। इनमें से दो एक्सप्रेस वे का काम पूरा होने के साथ, उन पर वाहनों का आवागमन भी शुरू हो चुका है। 

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