Home झूठ का पर्दाफाश Congress Exposed: इजरायल में हमास आतंकियों की बर्बरता के बावजूद कांग्रेस का...

Congress Exposed: इजरायल में हमास आतंकियों की बर्बरता के बावजूद कांग्रेस का हाथ फिलिस्तीन के साथ, सोनिया-खरगे ने CWC में प्रस्ताव पास कर किया फिलिस्तीन का समर्थन

SHARE

इजरायल और हमास के बीच चल रहे युद्ध को लेकर कांग्रेस ने फिलिस्तीन के लोगों का समर्थन करने का निर्णय लिया है। फ़िलिस्तीनी आतंकवादी समूह हमास का साथ देने के फैसले से कांग्रेस की कलई एक बार फिर खुल गई है। दिल्ली में कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे की ओर से सोमवार (9 अक्टूबर) को बुलाई गई कार्यसमिति की बैठक के आखिरी समय में इसे लेकर एक प्रस्ताव पास हुआ। इससे पहले भी कई मौकों पर कांग्रेस फिलिस्तीन के समर्थन में खड़ी दिखाई दे चुकी है। दरअसल, कांग्रेस ने देश में इस कदर मुस्लिम तुष्टिकरण को बढ़ावा दिया कि अगर अभी देश में कांग्रेस की सरकार होती तो अब तक कई शहरों में जिहादी भीड़ ग़ाज़ा पट्टी के समर्थन में धरना-प्रदर्शन कर रही होती और काफ़ी सरकारी संपत्तियों को जला चुकी होती। केंद्र में 2012 में जब कांग्रेस की सरकार थी, तब इसी गाजा पट्टी के समर्थन में रजा अकादमी के आह्वान पर 5 लाख मुसलमानों की जिहादी भीड़ आजाद मैदान में इकट्ठा हुई थी और पूरे मुंबई को तहस-नहस कर दिया था।

बैठक विधानसभा चुनाव की और फिलिस्तीन को बनाया मुद्दा
इजरायल और फिलिस्तीन चरमपंथी संगठन हमास के बीच चल रहे युद्ध को लेकर देश में भी राजनीतिक पारा चढ़ता नजर आ रहा है। गाजा पट्टी में इजरायल की ओर से किए जा रहे लगातार हमलों के बीच कांग्रेस ने फिलिस्तीन का समर्थन करने का ऐलान किया है। पांच राज्यों में विधानसभा चुनावों से पहले कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने नई दिल्ली में कांग्रेस कार्यसमिति की बैठक बुलाई थी। इसमें आगामी चुनावों से लेकर चर्चा होनी थी। चुनावों के लिए उम्मीदवारों की सूची और अन्य मुद्दों पर भी बातचीत की गई। बैठक में अंत में फिलस्तीन के लोगों के समर्थन में प्रस्ताव पास किया गया, CWC के 7 बिंदुओं वाले प्रस्ताव में आखिरी में फ़िलिस्तीनी लोगों के अधिकारों का समर्थन किया गया है। इसमें कहा गया है कि वहां की जमीन, स्वशासन ओर आत्मसम्मान और जीवन के अधिकारों के लिए कांग्रेस फिलिस्तीन के प्रति अपने समर्थन को दोहराती है।

पहले भी फिलिस्तीन का समर्थन करती रही है कांग्रेस
इससे पहले भी कांग्रेस लगातार फिलिस्तीन का समर्थन करती रही है, साल 2021 में जून माह में गाजा में फिलिस्तीन और इजरायल के बीच चल रहे संघर्ष पर भारत के रुख की आलोचना की थी और फिलिस्तीन का समर्थन किया था। कुछ दिनों पहले भी कांग्रेस ने केंद्र सरकार को घेरा था और फिलिस्तीन से किए गए कमिटमेंट से पीछे हटकर इजरायल को पूरा समर्थन देने का आरोप लगाया था।

मुस्लिम तुष्टिकरण का यह मुद्दा क्या आगामी चुनाव पर असर डालेगा?
इजरायल और हमास के बीच चल रही जंग भारत के चुनाव पर भी असर डाल सकती है, बेशक कांग्रेस ने फिलिस्तीन के लोगों का समर्थन करने का ऐलान कर दिया है, लेकिन अन्य राजनीतिक दलों की ओर से अभी तक इस मुद्दे पर कुछ नहीं कहा गया। दरअसल इस युद्ध को मुस्लिम भावनाओं से जोड़कर देखा जा रहा है। इस विवाद की जड़ अल अक्सा मस्जिद से जुड़ी वो दीवार है जिस पर मुसलमान, यहूदी और ईसाई दावा करते रहे हैं। कांग्रेस कार्यसमिति में कहा गया कि वह तुरंत युद्धविराम और वर्तमान संघर्ष को जन्म देने वाले अपरिहार्य मुद्दों सहित सभी लंबित मुद्दों पर बातचीत करने का आह्रवान करती है। बैठक में अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे, राहुल गांधी, पूर्व अध्यक्ष सोनिया गांधी समेत कांग्रेस के अन्य वरिष्ठ नेता मौजूद थे।

युवा कांग्रेस के प्रदेश सचिव ने किया हमास आतंकी हमले का समर्थन

दुनिया भर में हमास आतंकी के इस अमानवीय कृत की निंदा हो रही है। लेकिन कई इस्लामी संगठन और मुस्लिम इसे सही बता रहे हैं। इनकी नजर में हमास आंतकियों का बच्चों के गले को रेतना, महिलाओं के साथ बलात्कार करना, उन्हें बंधक बनाना और शवों के साथ बर्बरता करना सही है, क्योंकि ये आतंकी उनके मजहब के हैं। भारत में भी कई मुस्लिम संगठन इस आतंकी हरकत की निंदा करने के बजाय कई जगह जुलूस तक निकाल रहे हैं। उनके समर्थन में खुलकर बोल और लिख रहे हैं। फिलीस्तीन की आड़ में आतंकी का खुलेआम समर्थन कर रहे हैं। ऐसे ही लोगों में शामिल हैं राजस्थान युवा कांग्रेस के प्रदेश सचिव मुहम्मद शॉन। राजस्थान कांग्रेस के युवा नेता खुलेआम हमास के आतंकी हमले को सही ठहरा रहे हैं। ऐसे में लोग कह रहे हैं कि कांग्रेस का हाथ आतंकवादियों के साथ। आपको यह जानकर भी ताज्जुब होगा कि इतने बड़े आतंकी हमले के बाद भी कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने एक भी ट्वीट नहीं किया है। ऐसे में राजस्थान कांग्रेस नेता के हमास आतंकी के समर्थन करने पर लोगों में गुस्सा है। लोग सोशल मीडिया पर कांग्रेस की थू-थू कर रहे हैं।

फिलिस्तीनी आतंकवाद से जम्मू-कश्मीर में आई पत्थरबाजी
फिलिस्तीनी आतंकवादी संगठन हमास शुरुआत में इजरायल के विररुद्ध ठीक उसी प्रकार की पत्थरबाजी की घटनाओं का अंजाम देता था, जिस तरह कश्मीर में अनुच्छेद 370 खत्म होने से पहले आए दिन दिखते हैं। दरअसल पाकिस्तान पूरी दुनिया में आतंकवाद का ठेकेदार है। कहा जाता है कि ईरान के साथ ही पाकिस्तान ने भी हमास को सैन्य ट्रेनिंग दी है। पाकिस्तान हमास से पत्थरबाजी का आइडिया लेकर कश्मीर में अलगाववादियों के हाथ में थमा दिया। पत्थरबाजी के बाद वे सशस्त्र हिंसा में उतर आते हैं। हमास के खूंखार अल कासिम ब्रिगेड ने इजरायल पर हमला किया है। यह हमला इतना तेज और सटीक था कि इजरायल की पूरी डिफेंस लाइन तितर-बितर हो गई। अल कासिम ब्रिगेड हमास की सबसे खूंखार मिलिट्री यूनिट है। इस यूनिट में शामिल आतंकवादियों की तुलना आईएसआईएस की क्रूरता से की जाती है। अल कासिम ब्रिगेड फिलिस्तीनी संगठन हमास की सैन्य शाखा है। मोहम्मद डेफ अल कासिम ब्रिगेड का प्रमुख है। यह गाजा पट्टी के भीतर संचालित होने वाला सबसे बड़ा और सबसे ज्यादा हथियारबंद आतंकवादी समूह है।

‘अल्लाह हू अकबर’ के नाम पर हमास ने 700 से अधिक जान ले ली
इजरायल पर इस्लामी आतंकी संगठन हमास के हमले में अब तक 700 से अधिक मौतों की पुष्टि हो चुकी है। 2200 से अधिक लोग घायल हैं। करीब 100 लोगों को हमास ने बंधक बना रखा है। और यह सब ‘अल्लाह हू अकबर’ के नाम पर हो रहा है। इस्लामी आतंकी संगठन हमास ने गत 7 अक्टूबर को इजरायल पर अचानक से हमला कर बर्बरता की हदें पार कर दी। हमास के आतंकी दक्षिणी इजरायल में सीमा पार कर घुसे थे और कई लोगों को बंधक बना लिया था। वे लोगों को बंधक बनाने के बाद ‘अल्लाह हू अकबर’ के नारे लगाते देखे गए। बहुत सारे लोगों को बंधक बनाकर हमास के आतंकी गाजा पट्टी ले गए, तो कई लोगों को गोलियों से भून डाला। इस दौरान उन्होंने करीब 30 साल की महिला को मार डाला और उसके शव की परेड निकाली। परेड के दौरान हमास के आतंकी ‘अल्लाह हू अकबर’ के नारे लगा रहे थे। जबकि मरने वाली महज एक टूरिस्ट थी और वो निहत्थी थी। मृतक का नाम शानी लौक था। शानी एक टैटू आर्टिस्ट और हेयर आर्टिस्ट थी। वो एक म्यूजिक फेस्टिवल में हिस्सा लेने जर्मनी से इजरायल आई हुई थीं।इजराइल पर हमला पाकिस्तान की सुनियोजित साजिश तो नहीं?
दुनिया में कहीं आतंकवाद हो और पाकिस्तान का नाम न आए ये तो हो ही नहीं सकता। विश्व में आतंकवाद का सबसे बड़ा विशेषज्ञ पाकिस्तान ही है। हमास ने जिस तरह से 5 हजार राकेटों से हमला किया, समुद्र के रास्ते, जमीनी रास्ते से लेकर हवाई हमले इजरायल पर किया। यह कोई अचानक नहीं हुआ, यह एक सुनियोजित साजिश का हिस्सा है जिसकी प्लानिंग काफी लंबे समय से की जा रही थी। इसकी प्लानिंग के लिए पाकिस्‍तान के आर्मी चीफ जनरल असीम मुनीर जुलाई 2023 में अचानक ईरान के दौरे पर पहुंच गए। पाकिस्‍तानी सेना प्रमुख ने ईरान की शक्तिशाली सेना IRGC के चीफ मेजर जनरल हुसैन सलामी से मुलाकात की है।

 

Leave a Reply