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झारखंड में गोधरा कांड दोहराने की साजिश, ‘शौर्य जागरण यात्रा’ से लौट रहे हिन्दू श्रद्धालुओं की बस पर हमला, महिलाओं समेत दर्जनों हिन्दू घायल

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झारखंड की हेमंत सोरेन सरकार में हिन्दू सुरक्षित नहीं है। राज्य के हजारीबाग जिल में गोधरा कांड को दोहराने की बड़ी साजिश रची गई थी। रांची में आयोजित शौर्य जागरण यात्रा में भाग लेने के बाद हिन्दू श्रद्धालुओं से भरी एक बस लौट रही थी। इसी दौरान हजारीबाग में एक मस्जिद के सामने मुस्लिम कट्टरपंथियों ने बस पर हमला कर दिया। अचानक बस पर हुए पथराव से बस में बैठे श्रद्धालुओं में अफरा-तफरी मच गई। वो समझ नहीं पा रहे थे कि आखिर उन पर पथराव क्यों हो रहा है? पथराव की वजह से वनवासी बस की खिड़की के कांच टूट गए। बस में तोड़-फोड़ भी की गई। इस हमले से बस में यात्रा कर रहे कई श्रद्धालु घायल हो गए, जिनमें महिलाओं की संख्या आधा दर्जन से अधिक है।

भीड़ ने बस रोक कर उसमें सवार लोगों पर किया हमला

मुस्लिम कट्टरपंथियों ने इस घटना को उस समय अंजाम दिया,जब रविवार (08 अक्टूबर, 2023) की देर रात करीब 9 बजे विश्व हिंदू परिषद की ओर से आयोजित धर्म सभा से सभी श्रद्धालुओं का समूह तीन बसों पर सवार होकर वापस कटकमसांडी की ओर लौट रहा था। दो बस आगे निकल गई जबकि तीसरी वनवासी नामक बस जैसे ही हजारीबाग के पेलावल ओपी से आगे बढ़ी, तहसील कचहरी के पास जमा भीड़ ने बस रोक कर उसमें सवार विश्व हिन्दू परिषद के कार्यकर्ताओं से मारपीट शुरू कर दी। बस पर हमला पेलावल थाना से महज 200 मी दूर पर हुआ। हमले में दो दर्जन से अधिक लोग घायल हुए। पथराव से बस के सभी शीशे टूट गए। बस का चालक मनोज यादव और उपचालक टोपो यादव भी हमले में घायल हो गए। घायलों को एंबुलेंस से इलाज के लिए सदर अस्पताल लाया गया। 

पुलिस नहीं पहुंचती तो गोधरा कांड की होती पुनरावृति 

इस हमले में घायल एक महिला ने कहा कि हम लोग बस में जय श्रीराम का नारा लगा रहे थे। इस दौरान मुस्लिम युवक बस में घुसने की कोशिश करने लगे। इसके बाद कुछ और लोग आ गए और चारों तरफ से पथराव होने लगा। महिला ने कहा कि पथराव से बचने के लिए बस की सीट के नीचे छिप गई और किसी तरह अपनी जान बचाई। महिला ने कहा कि अगर पुलिस नहीं पहुंचती तो कोई भी हिन्दू श्रद्धालु नहीं बचता और बड़ा कांड हो जाता। घटना की सूचना मिलते ही हजारीबाग पुलिस पहुंची और भीड़ को खदेड़कर बस को वहां से निकाला और छड़वा पेट्रोल पंप के पास खड़ा कर दिया। 

बस का गेट खोलकर यात्रियों को उतारने का हुआ प्रयास

मुस्लिम कट्टरपंथियों के हौसले इतने बुलंद थे कि उन्होंने बस रुकने के बाद गेट खोलकर यात्रियों को उतारने का प्रयास किया, लेकिन हिम्मत दिखाते हुए उपचालक टोपो यादव ने बस का दरवाजा नहीं खोला। अगर उपद्रवी बस का गेट खोलने में कामयाब हो जाते, तो गुजरात के गोधरा जैसा बड़ा हादसा हो जाता। कहा जा रहा है कि विहिप और बजरंग दल के कार्यकर्ताओं ने सुबह रांची जाते समय मस्जिद के सामने नारेबाजी की थी। इसका बदला लेने के लिए मुस्लिमों ने तैयारी कर रखी थी और रात में रांची से लौटते समय एकत्र होकर हमला कर दिया।

एक ख़ास समुदाय के गुंडों को गुंडागर्दी करने की खुली छूट- मरांडी

इस मामले को लेकर बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष और पूर्व मुख्यमंत्री बाबूलाल मरांडी ने भी ट्वीट किया। उन्होंने लिखा, “हज़ारीबाग में बजरंग दल और विश्व हिंदू परिषद के कार्यकर्ताओं पर जो हमला हुआ है उसकी जितनी भी निंदा की जाये कम है। तुष्टिकरण की राजनीति में डूबी हेमंत सरकार में एक ख़ास समुदाय के गुंडों को गुंडागर्दी करने की खुली छूट मिल चुकी है। अभी तक रांची में हुए उत्पात में कोई गिरफ़्तारी नहीं हुई है और अब हज़ारीबाग़ में ये हमला हो गया। झारखंड पुलिस जल्द से जल्द हमलावरों को गिरफ़्तार करके क़ानून का राज स्थापित करे!”

पहले भी बजरंग दल के कार्यकर्ताओं पर हुए थे हमले

इस मामले में पुलिस ने एक्शन लेते हुए 80 से अधिक नामजद और करीब 200 अज्ञात लोगों के खिलाफ केस दर्ज किया है और आरोपियों की गिरफ्तारी के लिए छापेमारी कर कर रही है। जिस इलाके में बस पर हमला हुआ वह इलाका काफी संवेदनशील है। घटना स्थल हाल में गिरफ्तार आतंकी शाहनवाज के घर से करीब 1 किलोमीटर की दूरी पर है। इससे पूर्व बजरंग दल के कार्यकर्ताओं पर हजारीबाग के जाकिर हुसैन रोड में भी हमला हुआ था। हमले में दो दर्जन से अधिक लोग घायल हुए थे। उस समय भी बजरंग दल के कार्यकर्ता हजारीबाग में विद्या मंदिर में आयोजित बजरंग दल के प्रशिक्षण शिविर से लौट रहे थे। गौरतलब है कि 27 फरवरी, 2002 को गुजरात के गोधरा स्टेशन से रवाना हुई साबरमती एक्सप्रेस ट्रेन को किसी ने चेन खींचकर रोक ली थी और फिर मुस्लिमों की उन्मादी भीड़ ने पथराव के बाद ट्रेन के एक डिब्बे में आग लगा दी थी, जिसमें 59 हिन्दू श्रद्धालुओं की जलने से मौत हो गई थी। ट्रेन में अयोध्या से लौट रहे हिन्दू श्रद्धालु सवार थे।

 

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