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भ्रष्ट नेता इन 4 तरीकों से देश और जनता की गाढ़ी कमाई लूटते रहे, पीएम मोदी ने खेल को किया बेनकाब

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कांग्रेस ने आजादी के बाद करीब 60 साल तक देश पर शासन किया और हर स्तर पर भ्रष्टाचार को बढ़ावा दिया। इसका नतीजा यह हुआ देश में राजनीतिक भ्रष्टाचार क्षेत्रीय दलों के नेताओं तक में फैल चुका है। विकसित भारत बनने के लिए देश को भ्रष्टाचार के इस नासूर से जल्द निजात पाने की आवश्यकता है। भ्रष्टाचार के मामले भी अलग-अलग किस्म के सामने आ रहे हैं। दिल्ली शराब घोटाले में जहां मंत्री, नेता से लेकर मुख्यमंत्री की मिलीभगत की बात सामने आ रही है। वहीं एक महिला सांसद ने महंगे गिफ्ट और घूस लेकर संसद में सवाल पूछ डाले। यानि एक संसद के रूप में अपनी मेधा को ही गिरवी रख दिया। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 2014 में सत्ता संभालते ही भ्रष्टाचार के खिलाफ निर्णायक लड़ाई की बात कही थी। देश के कई हिस्सों में नेताओं के खिलाफ की गई कार्रवाई इसका प्रमाण है।

यदि नेताओं और नौकरशाहों के भ्रष्टाचार पर लगाम लगानी है तो सबसे पहले तो यह सुनिश्चित करना होगा कि उनके मामलों की सुनवाई न केवल प्राथमिकता के आधार पर हो, बल्कि कहीं अधिक तेजी से हो। ऐसा करके ही भ्रष्ट नेताओं और नौकरशाहों को सही संदेश दिया सकेगा। उचित यह होगा कि केंद्र सरकार और सीबीआई, ईडी सरीखी उसकी एजेंसियों के साथ न्यायपालिका इसके लिए किसी ठोस व्यवस्था का निर्माण करे कि नेताओं के भ्रष्टाचार के मामलों का निपटारा एक सीमित अवधि में हो। यह ठीक नहीं कि कई बार विशेष अदालतों में भी ऐसे मामलों का निपटारा होने में अनावश्यक देरी होती है।

आइए जानते हैं कि भारत में ज्यादातर पार्टियों के नेता भ्रष्टाचार के खेल को अंजाम देने के लिए मोटे तौर पर किन तरीकों को अपनाते हैं। किन तरीकों को अपनाकर वे देश को चूना लगाते हैं आम जनता की गाढ़ी कमाई को लूटते हैं। यह चार चरणों में होता है- 1. प्रतिदान (एक हाथ दे एक हाथ ले), 2. हवाला 3. मॉरीशस मार्ग 4. व्हाइट मनी।

1. प्रतिदान (एक हाथ दे एक हाथ ले)
इसके तहत किसी काम के बदले में रिश्वत वसूली जाती है। इसका मतलब है कि मैं तुम पर उपकार करता हूं, तुम मुझ पर उपकार करो। सत्ताधारी राजनेताओं के पास बहुत शक्ति होती है और वे पैसा कमाने के लिए अपनी शक्ति का दुरुपयोग करते हैं। वे अपनी शक्ति का दुरुपयोग सरकारी ठेका दिलाने या अन्य किसी कार्य में मदद पहुंचाकर करते हैं। वे अपनी शक्ति का दुरुपयोग सार्वजनिक कार्य और नीति निर्माण भी करते हैं। इसका ताजा उदाहरण दिल्ली शराब घोटाला है। घोटाले को अंजाम देने के लिए दिल्ली में शराब नीति की बदल दी गई। ये सड़क ठेकेदार या व्यवसायी को सरकार के स्तर पर मदद पहुंचाकर भी भ्रष्टाचार को बढ़ावा देते हैं।

2. हवाला (मनी लॉन्ड्रिंग)
मान लीजिए कि आपने ट्रैफिक पुलिस वाले को 100 रुपये की रिश्वत दी या डीएल के लिए 1000 रुपये या एनओसी के लिए 10 लाख रुपये, सारा पैसा बांट दिया गया और एक हिस्सा राजनेता को दिया गया। अगर किसी राजनेता ने रिश्वत से 100 करोड़ रुपये कमाए। यह पैसा काला धन है, यह उसके काम का नहीं है। इस पैसे को व्हाइट मनी या वैध करने के लिए मनी लॉन्ड्रिंग का सहारा लिया जाता है। कुछ लोग होते हैं जो काला धन को व्हाइट मनी करने का काम करते हैं। इस प्रक्रिया को मनी लॉन्ड्रिंग कहा जाता है। यहां अहम भूमिका हवाला ऑपरेटर द्वारा निभाई जाती है। राजनेता 100 करोड़ रुपये लेकर हवाला ऑपरेटर को देगा और उससे कहेगा कि यह पैसा लंदन भिजवा दे। हवाला ऑपरेटर उसे एक पासवर्ड देगा और उसे लंदन में अपने सहयोगी से मिलने और उससे 99 करोड़ रुपये लेने के लिए कहेगा। यानि राजनेता के सहयोगी को लंदन में 99 करोड़ मिल जाएंगे। इसके बाद भारतीय हवाला ऑपरेटर और लंदन हवाला ऑपरेटर अपने पैसों का हिसाब-किताब कर लेते हैं।

3. मॉरीशस रूट
नेता जी ने 100 करोड़ रुपए का काला धन लंदन भेजा अब यह पैसा व्हाइट मनी के रूप में भारत वापस आएगा और यह पैसा मॉरीशस के रास्ते आएगा। भारत और मॉरीशस के बीच कर संधि के अनुसार, पूंजीगत लाभ पर केवल मॉरीशस में कर लगाया जा सकता है। यही संधि 16 अन्य देशों के साथ भी मौजूद है। यहां कैपिटल गेन टैक्स केवल 3 प्रतिशत लगता है। इसके अलावा अगर कोई कंपनी मॉरीशस से भारत में निवेश करती है तो उन्हें अपने प्रमोटरों का नाम बताने की जरूरत नहीं है। तो नेता जी का दोस्त मॉरीशस में कंपनी बना लेगा।

4. व्हाइट मनी
अब भारत में बैठा नेता का कोई दोस्त, नौकर कोई बिजनेस शुरू करेगा और उसका दोस्त जिसने मॉरीशस में कंपनी बनाई है, वह भारत में उसकी कंपनी में निवेश करेगा। और इस तरह से उसने जो काला धन लंदन भेजा था वह सफेद होकर उसकी जेब में वापस आ जाएगा। यही कारण है कि जांच एजेंसी भ्रष्टाचारियों से लूट का पैसा वसूल नहीं कर पाती थी। बीजेपी का आरोप है कि सत्येन्द्र जैन असल में हवाला ऑपरेटर थे, यही वजह थी कि उन्हें दिल्ली सरकार में मंत्री बनाया गया?

देश भाग्यशाली है कि नरेंद्र मोदी जैसे पीएम मिले
देश भाग्यशाली है कि उसे नरेंद्र मोदी के रूप में ऐसे प्रधानमंत्री मिले हैं जो भ्रष्टाचार की जड़ तक पहुंचकर इसका समूल नाश कर रहे हैं। उनके नेतृत्व में ईडी के संगठन को मजबूत किया गया है जिससे हर स्तर पर भ्रष्टाचार पर लगाम लगाया जा रहा है। ईडी इन सभी खेलों को जानती है और इसीलिए आज बहुत सारे राजनेता जेल जा रहे हैं। भ्रष्टाचार का यह खेल पिछले 70 वर्षों से चल रहा है लेकिन पहली बार कोई सरकार है जो इस खेल को तोड़ रही है।

भारत में भ्रष्टाचार के खिलाफ जीरो टॉलरेंस की सख्त नीतिः पीएम मोदी
पीएम मोदी ने अगस्त 2023 को कोलकाता में आयोजित जी20 भ्रष्टाचार-विरोधी मंत्रिस्तरीय बैठक को वीडियो संदेश के जरिए संबोधित करते हुए कहा है कि भारत में भ्रष्टाचार के खिलाफ जीरो टॉलरेंस की सख्त नीति है। प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत एक पारदर्शी और जवाबदेह इकोसिस्टम बनाने के लिए प्रौद्योगिकी और ई-गवर्नेंस का लाभ उठा रहा है। उन्होंने कहा कि कल्याणकारी योजनाओं और सरकारी परियोजनाओं में गड़बड़ियों एवं कमियों को दूर किया जा रहा है। इससे भारत में सैकड़ों मिलियन लोगों को डीबीटी के जरिए उनके बैंक खातों में 360 बिलियन डॉलर से अधिक की राशि प्राप्त हुई है और 33 बिलियन डॉलर से अधिक की राशि बचाने में मदद मिली है।

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