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डिप्टी स्पीकर पद के लिए इंडी अलायंस का डबल स्टैंडर्ड, हिमाचल से केरल तक अपनी सरकार में अपना डिप्टी स्पीकर, लोकसभा में विपक्ष का चाहिए!

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कांग्रेस पार्टी का दोहरा चरित्र एक बार फिर उजागर हुआ है। कांग्रेस और इंडी गठबंधन की जहां-जहां सरकारें हैं वहां स्पीकर और डिप्टी स्पीकर का पद सत्ताधारी दल के पास ही है। लेकिन देश में अराजकता फैलाने का ठान चुकी कांग्रेस और इंडी गठबंधन हर घड़ी एक नए मुद्दे की तलाश में रहती है। बेवजह बात को मुद्दा बनाना ही इनका चरित्र हो गया है। ये विकास पर बात नहीं करते, ये लोगों के जीवन की बेहतरी के बारे में चर्चा नहीं करते। लेकिन इन्हें लोकसभा में डिप्टी स्पीकर विपक्ष का चाहिए। अगर यही मांग है तो पहले कांग्रेस और इंडी गठबंधन को अपने गिरेबान में झांककर देखना चाहिए। राज्यों में खुद तो इन्होंने अपने ही दल से स्पीकर और डिप्टी स्पीकर दोनों बना रखे हैं। हिमाचल प्रदेश से लेकर केरल तक में इन्होंने यही परिपाटी बना रखी है लेकिन लोकसभा में ये परिपाटी बदलना चाहते हैं। वे चाहते हैं कि लोकसभा में डिप्टी स्पीकर का पद विपक्ष को मिले। यही इंडी गठबंधन का दोहरा चरित्र है।

लोकसभा स्पीकर पद के लिए होगा चुनाव, इंडी गठबंधन ने तोड़ी परंपरा
लोकसभा स्पीकर आमतौर पर सर्वसम्मति से चुना जाता रहा है। लेकिन इस बार कांग्रेस और इंडी गठबंधन ने ये परंपरा तोड़ दी। सत्ताधारी एनडीए और विपक्षी गठबंधन के बीच सहमति नहीं बन पाई है और अब स्पीकर पद को लेकर चुनाव होगा। ओम बिरला एनडीए की तरफ से और के सुरेश विपक्षी गठबंधन की तरफ से लोकसभा अध्यक्ष पद के उम्मीदवार होंगे। भारतीय लोकतंत्र के इतिहास में दूसरी बार होगा, जब स्पीकर पद के लिए चुनाव होगा।

इससे पहले लोकसभा स्पीकर का चुनाव 1952 में हुआ था
इससे पहले 15 मई 1952 को पहली लोकसभा स्पीकर का चुनाव हुआ था। इस चुनाव में सत्ता पक्ष के जीवी मावलंकर उम्मीदवार थे। उनके सामने शंकर शांताराम मोरे थे। मावलंकर के पक्ष में 394 वोट जबकि 55 वोट उनके खिलाफ पड़े थे। इस तरह मावलंकर देश के पहले लोकसभा स्पीकर बने थे।

इंडी गठबंधन की सरकारों में डिप्टी स्पीकर सत्ताधारी दल से
केरल में सीपीआई (एम) के एएन शमसीर और सीपीआई के चित्तयम गोपकुमार क्रमशः अध्यक्ष और उपाध्यक्ष हैं। कांग्रेस के गद्दाम प्रसाद कुमार जहां तेलंगाना के विधानसभा अध्यक्ष हैं, वहीं रबींद्र नाथ महतो झारखंड के विधानसभा अध्यक्ष हैं। इन राज्यों में कोई डिप्टी स्पीकर नहीं हैं। पंजाब में कुलतार सिंह संधवान स्पीकर और जय कृष्ण सिंह डिप्टी स्पीकर हैं। दोनों आम आदमी पार्टी से हैं। दिल्ली में आप के स्पीकर और डिप्टी स्पीकर राम निवास गोयल और राखी बिड़ला हैं। हिमाचल प्रदेश में कांग्रेस के कुलदीप सिंह पठानिया और विनय कुमार स्पीकर और डिप्टी स्पीकर हैं। कर्नाटक के स्पीकर और डिप्टी स्पीकर भी सत्तारूढ़ कांग्रेस से हैं – यूटी खादर फरीद और आरएम लमानी।

कांग्रेस की सोच में प्रजातंत्र की कोई गुंजाइश ही नहीं
बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष और केंद्रीय मंत्री जेपी नड्डा ने कहा, “कांग्रेस की सोच में उनकी कार्यशैली में प्रजातंत्र की कोई गुंजाइश ही नहीं है। आज तक कभी भी लोकसभा के स्पीकर का चुनाव सशर्त हुआ है? ये विपक्ष कह रहे हैं कि डिप्टी स्पीकर तय करो तब हम स्पीकर को समर्थन देंगे। ये वो कह रहे हैं जिन्होंने तेलंगाना में स्पीकर और डिप्टी स्पीकर दोनों अपने बनाए हैं। कनार्टक में इनका ही स्पीकर और इनका ही डिप्टी स्पीकर है। पश्चिम बंगाल में भी टीएमसी का ही स्पीकर और डिप्टी स्पीकर है। ये ऐसे लोग हैं, जो दोहरे मापदंड में जीते हैं।”

सर्वसम्मति से और निर्विरोध हो स्पीकर का चुनाव: किरेन रिजिजू
संसदीय कार्य मंत्री किरेन रिजिजू ने कहा कि हमने प्रमुख विपक्षी दलों से संपर्क किया है और हमने स्पीकर पद के बारे में बात की है। हम चाहते हैं कि स्पीकर का चुनाव सर्वसम्मति से और निर्विरोध हो। इसलिए हमने उनसे संपर्क किया और अपील की। हमने कांग्रेस नेताओं के साथ बैठक की। हमने उनसे स्पीकर के लिए समर्थन की अपील की। लेकिन उन्होंने कहा कि वे समर्थन करेंगे लेकिन वे डिप्टी स्पीकर का पद चाहते हैं। हमने उन्हें बताया कि दोनों पदों के लिए चुनाव की प्रक्रिया अलग-अलग है। इसलिए दोनों का साथ देना ठीक नहीं है। रिजिजू ने कहा कि कांग्रेस पार्टी का रवैया साफ था कि अगर हमने शर्तें नहीं मानी तो स्पीकर पद के लिए समर्थन नहीं करेंगे।

इंडी गठबंधन शासित राज्यों में परंपरा का पालन नहीं
स्पीकर यानी अध्यक्ष का पद सत्तारूढ़ दल को और विपक्ष को उपाध्यक्ष पद के लिए उम्मीदवार चुनने का अधिकार दिया जाता रहा है, लेकिन विपक्षी इंडी गठबंधन शासित राज्य में इसका पालन नहीं किया जाता है। कांग्रेस और इंडी गठबंधन चाहते हैं कि सभी परंपराओं का पालन बीजेपी और एनडीए ही करे। पश्चिम बंगाल से लेकर तमिलनाडु और कर्नाटक तक दोनों पदों पर सत्ताधारी पार्टी का कब्जा है। पश्चिम बंगाल में, तृणमूल कांग्रेस के बिमान बनर्जी विधानसभा अध्यक्ष हैं, जबकि आशीष बनर्जी, जो टीएमसी से ही हैं, उपाध्यक्ष हैं। इसी तरह तमिलनाडु में डीएमके के एम अप्पावु और के पिटचंडी क्रमशः अध्यक्ष और उपाध्यक्ष पद पर हैं।

कांग्रेस और इंडी गठबंधन में स्पीकर और डिप्टी स्पीकर
♦ केरल में सीपीआई (एम) के एएन शमसीर और सीपीआई के चित्तयम गोपकुमार क्रमशः अध्यक्ष और उपाध्यक्ष हैं।
♦ तेलंगाना में कांग्रेस के गद्दाम प्रसाद कुमार विधानसभा अध्यक्ष हैं। यहां डिप्टी स्पीकर नहीं है।
♦ झारखंड में झारखंड मुक्ति मोर्चा के रबींद्र नाथ महतो विधानसभा अध्यक्ष हैं। यहां डिप्टी स्पीकर नहीं है।
♦ पंजाब में कुलतार सिंह संधवान स्पीकर और जय कृष्ण सिंह डिप्टी स्पीकर हैं। दोनों आम आदमी पार्टी से हैं।
♦ दिल्ली में स्पीकर और डिप्टी स्पीकर राम निवास गोयल और राखी बिड़ला हैं। दोनों आम आदमी पार्टी से हैं।
♦ हिमाचल प्रदेश में कांग्रेस के कुलदीप सिंह पठानिया और विनय कुमार स्पीकर और डिप्टी स्पीकर हैं।
♦ बंगाल में स्पीकर और डिप्टी स्पीकर बिमान बनर्जी और आशीष बनर्जी TMC से हैं।
♦ कर्नाटक में स्पीकर यूटी खादर फरीद और डिप्टी स्पीकर आरएम लमानी कांग्रेस से हैं।
♦ तमिलनाडु में स्पीकर एम अप्पावू और डिप्टी स्पीकर के. पिटचंडी DMK से हैं।

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