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संसद सिर्फ दीवारें नहीं, बल्कि 140 करोड़ देशवासियों की आशा का केंद्र है- प्रधानमंत्री मोदी

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बीजेपी सांसद ओम बिरला को ध्वनिमत से लोकसभा अध्यक्ष चुन लिया गया है। ओम बिरला दूसरी बार लोकसभा स्पीकर बने हैं। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने अध्यक्ष पद के लिए उनके नाम का प्रस्ताव रखा, जिसका रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने अनुमोदन किया। इस प्रस्ताव को सदन ने ध्वनिमत से मंजूरी दे दी। ओम बिरला के आसन ग्रहण करने के बाद अपने संबोधन में प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि ये सदन का सौभाग्य है कि आप दूसरी बार इस आसन पर विराजमान हो रहे हैं। आपको और इस पूरे सदन को बहुत-बहुत बधाई देता हूं। प्रधानमंत्री ने कहा कि संसद का ये भवन सिर्फ चार दीवारें नहीं है। हमारा ये संसद 140 करोड़ देशवासियों की आशा का केंद्र है। संसद की कार्यवाही, जवाबदेही और आचरण हमारे देशवासियों के मन में लोकतंत्र के प्रति जो निष्ठा है उसको और अधिक मजबूत बनाता है।

लोकसभा में अपने संबोधन में प्रधानमंत्री ने कहा कि अमृतकाल के इस महत्वपूर्ण कालखंड में दूसरी बार इस पद पर विराजमान होना बहुत बड़ा दायित्व है। और पांच वर्ष का अनुभव और आपके साथ हमलोगों का पांच साल का अनुभव, हम सबका विश्वास है कि आप आने वाले पांच साल हम सबका मार्गदर्शन भी करेंगे और देश की आशा अपेक्षाएं पूर्ण करने में आपका दायित्व निभाने में आपकी बहुत बड़ी भूमिका रहेगी।

प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि हमारे शास्त्रों में कहा गया है कि विनम्र और व्यवहार कुशल व्यक्ति सहज रूप से सफल होता है। और आपको तो उसके साथ-साथ एक मीठी-मीठी मुस्कान भी मिली हुई है। आपके चेहरे पर ये मीठी-मीठी मुस्कान पूरे सदन को भी प्रसन्न रखती है। मुझे विश्वास है आप हर कदम पर नए प्रतिमान नए कीर्तिमान गढ़ते आए हैं। 18वीं लोकसभा में स्पीकर का कार्यभार दूसरी बार संभालना ये अपने-आप में एक नया-नया रिकॉर्ड बनते हम देख रहे है। श्री बलराम जाखड़ जी वो पहले ऐसे अध्यक्ष थे जिन्होंने पांच साल कार्यकाल पूरा करके फिर दुबारा उनको स्पीकर बनने का अवसर मिला था। उसके बाद आप हैं, जिन्हें पांच साल पूर्ण करने के बाद दुबारा इस पद पर आसीन होने का अवसर मिला है। गत 20 साल का एक ऐसा कालखंड रहा है कि ज्यादातर स्पीकर उसके बाद से चुनाव नहीं लड़े हैं और जीतकर के नहीं आए हैं। आप समझ सकते हैं कि स्पीकर का काम कितना कठिन है कि उसके लिए दुबारा जीतना मुश्किल हो जाता है, लेकिन आप जीतकर आए हैं, इसके लिए आपने एक नया इतिहास गढ़ा है।

प्रधानमंत्री ने कहा कि इस सदन में ज्यादातर सांसद आपसे और आपके जीवन से परिचित हैं। पिछले बार मैंने आपके संबंध में काफी कुछ बातें रखी भी थीं और मैं उसे दोहरना नहीं चाहता। लेकिन मैं एक सांसद के रूप में और हम सभी सांसद के रूप में आप जिस प्रकार से एक सांसद के नाते काम करते हैं। ये भी जानने योग्य है और बहुत कुछ सीखने योग्य है। मुझे विश्वास है कि आपकी कार्यशैली हमारे जो फर्स्ट टाइमर और युवा सांसद हैं उनको जरूर प्रेरणा देगी।

सदन को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि लोकतंत्र की लंबी यात्रा में कई पड़ाव आते हैं। कुछ अवसर ऐसे हैं, जब हमें कीर्तिमान स्थापित करने का सौभाग्य मिलता है। आज जब भारत को आधुनिक बनाने की दिशा में हर तरह से प्रयास हो रहै हैं, तब ये नया संसद भवन भी अमृतकाल के भविष्य को लिखने का काम करेगा और वो भी आपकी अध्यक्षता में। नए संसद भवन में हम सबका प्रवेश भी आपकी ही अध्यक्षता में हुआ और आपने संसदीय कार्यप्रणाली को प्रभावी और जिम्मेदार बनाने का कई महत्वपूर्ण फैसले लिए हैं। इसलिए लोकसभा में हम पेपरलेश डिजिटल व्यवस्था से काम कर रहे हैं।

प्रधानमंत्री ने कहा कि जी -20 भारत की सफलता का एक महत्वपुर्ण पृष्ठ है। लेकिन बहुत कम चर्चा हुई है वो है पी-20 और आपके नेतृत्व में जी-20 देशों के जो पीठासिन अधिकारी हैं, स्पीकर्स हैं, उनका सम्मेलन आपकी अध्यक्षता में हुआ। और अबतक पी-20 के जीतने सम्मेलन हुए हैं, उसमें ये ऐसा अवसर था कि दुनिया के सर्वाधिक देश आपके निमंत्रण पर भारत आए और बहुत ही उत्तम प्रकार के निर्णय उस समिट में हुए। और उसने विश्व में भारत के लोकतंत्र की जो प्रतिष्ठा है, उसको गौरव देने में बहुत बड़ा रोल अदा किया है।

उन्होंने कहा कि आपके मार्गदर्शन में 17वीं लोकसभा की प्रोडक्टिविटी 25 साल के हाईएस्ट लेवल पर 97 परसेंट रही। इसके लिए सभी सदस्य अभिनंदन के अधिकारी हैं, लेकिन आप विशेष अभिनंदन के अधिकारी हैं। कोरोना जैसे मुश्किल कालखंड में भी आपने सदन का काम रुकने नहीं दिया। सांसदों ने भी आपके हर सुझाव को सिर आंखों पर चढ़ाया। आपने जो फैसले किए उसका परिणाम है कि हम उस कठिन कालखंड में भी कार्य कर पाए और ये खुशी की बात है कि कोरोना काल में भी सदन में 170 परसेंट प्रोडक्टिविटी हुई। ये अपने आप में दुनिया के लिए एक बहुत बड़ी खबर है।

प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि हम सभी चाहते हैं कि सदन के नियमों का पालन हम सब करें और आपने बड़ी सटीक तरीके से बड़े संतुलित तरीके से और कभी-कभी बड़ी कठोरता के साथ भी फैसले लिए हैं। मैं जानता हूं कि ऐसे निर्णय आपको पीड़ा भी देते हैं, लेकिन सदन की गरिमा और व्यक्तिगत पीड़ा में आपने सदन की गरिमा को पसंद किया और सदन की परंपराओं का प्रयास किया। इस साहसपूर्ण काम के लिए भी आप अभिनंदन के अधिकारी हैं। मुझे विश्वास है आपकी अध्यक्षता में ये 18वीं लोकसभा भी बहुत सफलतापूर्वक देश के नागरिकों के सपनों को पूर्ण करेगी।

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