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नीतीश की मुहिम को केजरीवाल और कांग्रेस का झटका, जयराम रमेश बोले- हवाई किला बनाया जा रहा है, अपने स्वार्थ के लिए कांग्रेस की पीठ में खंजर भोंक चुके हैं क्षेत्रीय दल

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बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर्दे के पीछे से 2024 के लिए सियासी बिसात बिछाने की कोशिश कर रहे हैं। एनडीए से अलग होने के बाद विपक्षी दालों का ‘मुख्य मोर्चा’ बनने के लिए नेताओं से मुलाकात कर रहे हैं। इस बीच मीडिया में खबर आई कि वे उत्तर प्रदेश के फूलपुर से लोकसभा का चुनाव लड़ सकते हैं। लेकिन कांग्रेस और अरविंद केजरीवाल ने नीतीश कुमार की सियासी चाल को जोरदार झटका दिया है। कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने ऐसा बयान दिया है, जिससे नीतीश के अरमानों पर पानी फिर सकता है। उनके बयान से लगता है कि नीतीश की पलटीमार छवि को देखते हुए कांग्रेस उन पर भरोसा नहीं करती है। उन्होंने कांग्रेस से अलग मोर्चा बनाने वालों पर हवाई किला बनाने और पीठ में खंजर भोंकने का तंज कसा।

क्या ‘हवाई किला’ बना रहे नीतीश कुमार ?

कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश एक कार्यक्रम में शामिल होने के लिए कोलकाता गय थे। जहां उन्होंने बिना किसी का नाम लिए कहा कि कांग्रेस के बिना फ्रंट बनाने के योजना बनाने वाले केवल ‘हवाई किला’ बना रहे हैं। बहुत सारे क्षेत्रीय दल पहले भी अपने स्वार्थ के लिए कांग्रेस की पीठ में खंजर भोंक चुके हैं। वे कांग्रेस को पंचिंग बैग समझ रहे हैं। उन्होंने कहा कि कोई भी गैरभाजपाई गठबंधन बिना कांग्रेस के पांच साल तक स्थायी सरकार नहीं दे सकता है। कांग्रेस को अलग करके कभी विपक्षी एकता संभव नहीं है।

कांग्रेस के बिना 5 साल सरकार चलाने की बात सोचना मूर्खता- जयराम

जयराम रमेश ने कहा कि गठबंधन का मतलब होता है कि कुछ पाने के लिए कुछ देना भी पड़ता है। अब तक सबने कांग्रेस का फायदा उठाया है। फायदा लेने के बाद वे कांग्रेस पर ही बरसने लगते हैं। अब यह सब रुकना चाहिए। उन्होंने कहा कि भारतीय राजनीति में कांग्रेस एक बड़ा हाथी है और कोई इसे किनारे नहीं कर सकता। अगर कोई गैर-भाजपा संगठन सोचता है कि बिना कांग्रेस कोई गठबंधन पांच साल के लिए एक स्थिर सरकार प्रदान कर सकता है, तो वह मूर्ख है। कांग्रेस के बिना कोई विपक्षी एकता कभी नहीं हो सकती।

‘भारत जोड़ो यात्रा’ के जरिए विपक्ष की अगुवाई की दावेदारी

विपक्ष दालों के नेतृत्व को लेकर नीतीश कुमार, ममता बनर्जी, के चंद्रशेखर राव, अरविंद केजरीवाल और कांग्रेस के बीच जबरदस्त होड़ मची हुई है। लेकिन कांग्रेस अपने अतीत को देखते हुए इस होड़ में खुद को आगे रखना चाहती है। इसलिए वो 7 सितंबर से ‘भारत जोड़ो यात्रा’ कर रही है। यह यात्रा केवल कांग्रेस की है। कांग्रेस अपने मजबूत उपस्थिति वाले क्षेत्रों में यात्रा कर अधिक से अधिक सीटें हासिल करने पर जोर दे रही है, ताकि सभी दलों की अगवाई को लेकर अपनी दावेदारी को और मजबूत कर सके। इस यात्रा से दूसरे दलों को दूर रखकर कांग्रेस ने जता दिया है कि वो किसी भी कीमत पर नेतृत्व की दावेदारी से पीछे नहीं हट सकती है। इससे नीतीश कुमार की मुहिम को झठका लग सकता है।

कांग्रेस की जगह खुद को आगे रखने की कोशिश में नीतीश

‘मुख्य मोर्च’ बनाने की कवायद में जुटे नीतीश कुमार कांग्रेस की जगह खुद को आगे रखने की रणनीति पर काम कर रहे हैं। इसके लिए वो बिहार, झारखंड और उत्तर प्रदेश की लोकसभा सीटों पर अपनी नजर गड़ाये हुए हैं, ताकि इन तीन राज्यों से अधिक से अधिक सीटें लाकर अपनी दावेदारी पेश कर सके। जेडयू के नेता भी नीतीश कुमार को 2024 के लिए पीएम मैटेरियल बताने में कोई कसर नहीं छोड़ रहे हैं। वहीं आम आदमी पार्टी और टीएमसी ने पहले भी कांग्रेस को मुख्य भूमिका में रखने पर ऐतराज जताया था। इन दोनों पार्टियों ने ही कई मुद्दों का हवाला देकर कांग्रेस का नेतृत्व स्वीकार नहीं किया। 

केजरीवाल ने वपक्षी एकता की जगह अलापा ‘एकला चलो’ का राग

उधर दिल्ली के इंदिरा गांधी इंडोर स्टेडियम में रविवार (18 सितंबर, 2022) को आम आदमी पार्टी ने पहला राष्ट्रीय जनप्रतिनिधि सम्मेलन आयोजित किया। इसमें केजरीवाल ने कहा कि उनका फिलहाल बीजेपी को हराने के लिए बने विपक्षी गठबंधन में शामिल होने की कोई योजना नहीं है। इसके बजाय केजरीवाल ने पार्टी सदस्यों से आप के ‘मेक इंडिया नंबर 1’ अभियान के जरिए ‘भारत के 130 करोड़ नागरिकों का गठबंधन’ बनाने पर ध्यान केंद्रित करने के लिए कहा।

केजरीवाल ने नीतीश के अरमानों पर फेरा पानी

आम आदमी पार्टी कांग्रेस की जगह बीजेपी के खिलाफ मुख्य विकल्प के तौर पर अपनी जमीन तैयार कर रही है और पार्टी नेताओं की ओर से भी बार- बार यह कहा जा रहा है कि वो ही विकल्प है। केजरीवाल ने एक न्यूज चैनल के कार्यक्रम में पूछे गए एक सवाल के जवाब में कांग्रेस पर तंज कसते हुए कहा, “क्या मुझे कांग्रेस को कमजोर करने की जरूरत है? क्या राहुल गांधी पर्याप्त नहीं हैं।” इस तरह केजरीवाल और कांग्रेस ने अपना स्टैंड क्लियर कर नीतीश कुमार के अरमानों पर पानी फेरने का संकेत दे दिया है।

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