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कांग्रेस प्रवक्ता ने प्रशांत किशोर पर लगाया पीठ में छुरा घोंपने का आरोप, कहा- न अमिरंदर समझ पाते हैं, न राहुल और न ममता, अमरिंदर सिंह ने दी सफाई

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राजनीतिक रणनीतिकार प्रशांत किशोर के क्लबहाउस में पत्रकारों के साथ बातचीत की क्लिपिंग लीक होने के मुद्दे पर सियासत गर्म है। जहां बीजेपी इस क्लिपिंग का इस्तेमाल टीएमसी पर हमले के लिए कर रही है, वहीं कांग्रेस के नेता भी अब प्रशांत किशोर को लेकर असहज नजर आ रहे हैं। कांग्रेस नेता और प्रवक्ता रत्नाकर त्रिपाठी ने प्रशांत किशोर पर निशाना साधते हुए कहा कि पीके विश्वसनीय नहीं है और वे पीठ में छुरा घोंपना चाहते हैं। वहीं पंजाब के नेताओं में प्रशांत किशोर को लेकर बढ़ रहे असंतोष के मामले में मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह को सफाई देनी पड़ी है।  

प्रशांत किशोर पर डेटा चोरी का आरोप

दरअसल रिपब्लिक चैनल पर बीजेपी और कांग्रेस प्रवक्ता के बीच बहस चल रही थी। इस दौरान कांग्रेस प्रवक्ता रत्नाकर त्रिपाठी ने कहा कि मैं पहले दिन से कहता हूं कि आप प्रशांत किशोर से क्या उम्मीद करते हैं। प्रशांत किशोर बीजेपी के एजेंट है। प्रशांत किशोर डेटा चोर हैं। प्रशांत किशोर पार्टियों में जाता है, डेटा लेता है और फिर बीजेपी में भाग जाता है।

‘पीठ में छुरा घोंपने का काम करते हैं पीके’

रत्नाकर त्रिपाठी ने क्लब हाउस रिकॉर्डिंग लीक होने पर कहा कि ये जो अपने लोग हैं वो पीके हैं। वे एक बार कहते हैं कि ‘मोदी इज पॉपुलर’, फिर जोर देते हैं- ‘यस मोदी इज वेरी पॉपुलर’ (मोदी काफी लोकप्रिय हैं)। प्रशांत किशोर जो हैं, वो पीठ में छुरा घोंपने का काम करते हैं। ये बात दीगर है, ये बात न अमरिंदर सिंह समझ पाते हैं, न राहुल गांधी समझ पाते हैं और न ही ममता बनर्जी समझ पाती है।

प्रशांत किशोर के बयान पर उठाया सवाल

रत्नाकर ने कहा कि आप प्रशांत किशोर की रिकॉर्डिंग सुनिए। पीके ने पीकर क्या सही बोला। उन्होंने कहा कि 100 से अधिक सीट अगर बीजेपी की आई, तो मैं सन्यास ले लूंगा। मैं काम नहीं करूंगा। आप ऑफ द रिकॉर्ड बात तब होती है, जब आमने-सामने बातें होती है। जब रिकॉर्डिंग का बटन होता है न तो जानबूझकर बात की जाती है।

नीतीश कुमार का हवाला देकर साधा निशाना

नीतीश कुमार का हवाला देते हुए कांग्रेस प्रवक्ता ने कहा कि याद कीजिए नीतिश कुमार ने जब पीके को पार्टी से निकाला, तो कहा कि अमित शाह ने दो बार मुझसे कहा कि इसको पार्टी में रख लीजिए। मैंने उसे महासचिव बना दिया, मैंने मंत्रीपद दे दिया। लेकिन उन्होंने (नीतीश कुमार) अभद्र भाषा का इस्तेमाल करते हुए कह दिया था कि यह दोगला है। ये हमारे साथ नहीं रह सकता। यह किसी के साथ नहीं रह सकता।

प्रशांत किशोर को लेकर पंजाब के कांग्रेस नेताओं में असंतोष

उधर पंजाब कांग्रेस के एक धड़े में प्रशांत किशोर को लेकर असंतोष दिखाई दे रहा है। कांग्रेस नेताओं में इस बात को लेकर अटकले हैं राज्य में विधानसभा का टिकट किसे दिया जाए, इसका निर्णय पीके कर रहे हैं। मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह ने इस मामले में सफाई देते हुए कहा कि इसका कोई सवाल ही नहीं है। टिकट वितरण में किशोर की कोई भूमिका नहीं है।

कैप्टन अमरिंदर सिंह ने प्रशांत किशोर को लेकर दी सफाई

मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह ने अपने एक बयान में कहा, ‘मेरे राजनीतिक सलाहकार के रूप में प्रशांत किशोर की भूमिका सीमित है। वह केवल सलाह देने के लिए हैं। वह पार्टी की निर्णय प्रक्रिया में शामिल नहीं हैं।’ कैप्टन ने कहा कि टिकट वितरण को लेकर कांग्रेस में कुछ मानक और तरीके हैं। ये मानक और तरीके सभी राज्यों के सभी चुनावों में अपनाए जाते हैं, पंजाब इसका कोई अपवाद नहीं है। विधानसभा चुनावों से पहले पार्टी हाई कमान ने राज्य चुनाव समिति बनाई है। यह समिति सभी उम्मीदवारों के नामों पर विचार करती है और उसे अंतिम रूप देती है।

टिकट वितरण प्रक्रिया को प्रभावित करने का आरोप

गौरतलब है कि मुख्यमंत्री अमरिंदर ने गत एक मार्च को प्रशांत किशोर को विधानसभा चुनावों के लिए अपना राजनीतिक सलाहकार बनाया। उनकी इस नियुक्ति को पंजाब कैबिनेट की मंजूरी मिल गई है। पीके का दर्जा कैबिनेट मंत्री का है। उनकी इस नियुक्ति पर पंजाब कांग्रेस का एक धड़ा असहज है। सूत्रों का कहना है कि पंजाब कांग्रेस के इन नेताओं में चर्चा है कि विधानसभा चुनावों में टिकट वितरण प्रक्रिया को पीके प्रभावित कर सकते हैं। साल 2017 के विधानसभा चुनावों में भी पीके कैप्टन के राजनीतिक सलाहकार बने थे। इस चुनाव में कांग्रेस को विधानसभा की 117 सीटों में से 77 सीटों पर जीत मिली थी।

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