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चीनी वीजा घोटाला: चीनी नागरिकों को वीजा दिलाने के लिए कार्ति चिदंबरम ने करीबी के जरिए लिया 50 लाख रुपये का घूस, ED का खुलासा

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चीनी वीजा से मनी लॉन्ड्रिंग मामले में तमिलनाडु के शिवगंगा से सांसद कार्ति चिदंबरम के खिलाफ जांच एजेंसी ED ने बड़ा खुलासा किया है। प्रवर्तन निदेशालय ने बताया है कि चीनी नागरिकों को वीजा दिलाने के लिए कांग्रेस सांसद ने 50 लाख रुपए घूस लिया। दिल्ली की राउज एवेन्यू कोर्ट ने ईडी की चार्जशीट पर संज्ञान लेते हुए कार्ति चिदंबरम और अन्य को समन जारी कर 15 अप्रैल को कोर्ट में पेश होने का निर्देश दिया। ईडी ने वर्ष 2011 में 263 चीनी नागरिकों को वीजा जारी करने से संबंधित घोटाले में आरोपियों के खिलाफ धनशोधन का मामला दर्ज किया है। घोटाले के समय कार्ति के पिता पी. चिदंबरम केंद्रीय गृह मंत्री थे। चीनी नागरिकों को वीजा दिलाने के लिए कार्ति चिदंबरम ने अपने एक करीबी सहयोगी के माध्यम से घूस की ये रकम ली थी। कार्ति चिदंबरम के खिलाफ ईडी का यह तीसरा मामला है। इससे पहले उनके खिलाफ आईएनएक्स मीडिया और एयरसेल-मैक्सिस मामलों में मनी लॉन्ड्रिंग की जांच चल रही है।

धन शोधन मामले में कार्ति चिदंबरम को समन
कार्ति चिदंबरम के साथ ही उनके पूर्व चार्टर्ड अकाउंटेंट एस. भास्कर रमन को और कुछ कंपनियों के प्रतिनिधियों सहित छह अन्य को 15 अप्रैल को अदालत में पेश होने को कहा गया है। आरोपियों में पदम दुगार, विकास मखारिया, मंसूर सिद्दीकी, दुगार हाउसिंग लिमिटेड, एडवांटेज स्ट्रैटेजिक कंसंल्टिग प्राइवेट लिमिटेड और तलवंडी साबो पावर लिमिटेड भी शामिल हैं।

फर्जी कैश लेनदेन के जरिए घूस लिया
ईडी ने बताया कि एक फर्जी कैश लेनदेन के जरिए इस घूस की रकम को स्वीकार किया गया। एक फर्जी कंपनी के माध्यम से ये पैसा लिया गया, जिसमें कार्ति चिदंबरम डायरेक्टर के पद पर थे। उस कंपनी पर उनका प्रभावी नियंत्रण था। 52 वर्षीय कार्ति चिदंबरम यूपीए सरकार में गृह और वित्त जैसे महत्वपूर्ण मंत्रालय संभाल चुके पी. चिदंबरम के बेटे हैं। जाँच एजेंसी ने इस केस में कई बार कार्ति चिदंबरम का बयान दर्ज किया है। वो एयरटेल-मैक्सिस केस में भी आरोपित हैं।

ईडी का मामला सीबीआई की एफआईआर पर आधारित
ईडी की ओर से कार्ति चिदंबरम पर यह मामला सीबीआई की एफआईआर पर आधारित है। सीबीआई की एएफआईआर के मुताबिक, यह जांच वेदांत समूह की कंपनी तलवंडी साबो पावर लिमिटेड (टीएसपीएल) के एक शीर्ष अधिकारी की ओर से कार्ति चिदंबरम और एस भास्कररमन को रिश्वत के रूप में 50 लाख रुपये दिए जाने के आरोपों से संबंधित है। कंपनी पंजाब में एक पावर प्लांट स्थापित कर रही थी।

कार्ति चिदंबरम के खिलाफ ईडी की यह तीसरी जांच
सीबीआई के मुताबिक, पावर प्रोजेक्ट स्थापित करने का काम एक चीनी कंपनी की ओर से किया जा रहा था और तय समय से पीछे चल रहा था। एफआईआर के मुताबिक, टीएसपीएल के एक अधिकारी ने 263 चीनी श्रमिकों के लिए प्रोजेक्ट वीजा फिर से जारी करने की मांग की थी, जिसके लिए कथित तौर पर 50 लाख रुपये का लेन-देन किया गया था। आईएनएक्स मीडिया और एयरसेल-मैक्सिस मामलों की जांच के साथ कार्ति चिदंबरम के खिलाफ ईडी की यह तीसरी मनी लॉन्ड्रिंग जांच है।

चीनी कंपनी ने कार्ति चिदंबरम से मदद मांगी थी
अब उनके खिलाफ ईडी ने चार्जशीट दायर की है। इसमें ‘एडवांस स्ट्रैटेजिक कंसल्टिंग प्राइवेट लिमिटेड’ और कार्ति चिदंबरम के करीबी अकाउंटेंट भास्कररमन के अलावा पॉवर प्लांट स्थापित कर रही कंपनी तलवंडी साबो प्राइवेट लिमिटेड का भी नाम है। विशेष PMLA (मनी लॉन्ड्रिंग) अदालत ने 15 अप्रैल को कार्ति चिदंबरम को पेश होने के लिए कहा है। चीनी कंपनी ने कार्ति चिदंबरम से मदद मांगी थी, उस वक्त उनके पिता केंद्रीय गृह मंत्री थे।

घूस के 50 लाख रुपये निवेश करते ही हो गए 1.59 करोड़
फर्जी सेवाओं के लिए लेनदेन की एंट्री दर्ज की गई और घूस की रकम इसी माध्यम से ली गई। उसके बाद भास्कररमन ने इसे कार्ति चिदंबरम के नियंत्रण वाली कंपनी में इन्वेस्ट किया। निवेश की गई ये धनराशि बाद में बढ़कर 1.59 करोड़ रुपए हो गई।

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