Home विपक्ष विशेष सीएम गहलोत के राज में राजधानी ही बनी अपराधियों का गढ़, लॉरेंस...

सीएम गहलोत के राज में राजधानी ही बनी अपराधियों का गढ़, लॉरेंस गैंग से व्यापारियों में बेहद खौफ, बीजेपी बोली- रेपिस्तान बने प्रदेश को चाहिए मजबूत मुख्यमंत्री

SHARE

मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के राज में पिछले चार सालों से राजस्थान अपराधियों की शरणस्थली बन गया है। मुख्यमंत्री की नाक के नीचे राजधानी जयपुर में ही गैंगस्टर के गुर्गे पहले से चेतावनी देकर फायरिंग पर फायरिंग कर रहे हैं, लेकिन पुलिस उनका कुछ नहीं बिगाड़ पा रही। रसातल में कानून-व्यवस्था का तो यह हाल है कि पड़ौसी राज्यों तक के खूंखार गैंगस्टर भी प्रदेश में शरण लेकर अपने को अधिक सुरक्षित महसूस कर रहे हैं। सरकार की लापरवाह कार्यशैली के कारण ही प्रदेश में 500 से अधिक गैंगस्टर सक्रिय है। जो आए दिन प्रदेश में गैंगवार घटनाओं को अंजाम दे रहे हैं। उत्तरप्रदेश सहित पड़ौसी राज्यों के मुख्यमंत्रियों द्वारा गैंगस्टरों पर सख्ती की तो गैंगस्टरों को राजस्थान सुरक्षित लगने लगा है। प्रदेश में दुष्कर्म और अपराधों में बेतहाशा वृद्धि, धर्मांतरण की घटनाओं के बावजूद कांग्रेस के वरिष्ठ नेता सोनिया गांधी, राहुल गांधी और प्रियंका वाड्रा चुप्पी साधे बैठे हैं।कानून के रक्षक लाचार, प्रदेश में हर तरह के अपराधों में बेतहाशा बढ़ोत्तरी
राज्य के तीसरी बार मुख्यमंत्री बने अशोक गहलोत के लिए इस बार शासन सही चलाने से ज्यादा बड़ी चुनौती अपनी कुर्सी बचाना बनी हुई है। गहलोत-पायलट की सियासी लड़ाई का खामियाजा राज्य की साढ़े सात करोड़ जनता को भुगतना पड़ रहा है। यही वजह है कि डकैती, फिरौती, हत्या, लूट, दुष्कर्म और अपहरण की घटनाओं में प्रदेश में लगातार बढ़ोत्तरी हो रही है। प्रदेश में न पुजारी, न मंदिर और न मंदिर की भूमि ही सुरक्षित है। पूरी तरह से प्रदेश आज अपराधियों से घिर गया है। 8 लाख 41 हजार से ज्यादा मुकदमें दर्ज है। दौसा में आदिवासी महिला के साथ गैंगरैप करके कुएं में फैंक दिया जाता है। सीकर में राजू ठेठ की खुली हत्या, नागौर में न्यायालय परिसर के बाहर दिन दहाडे गोलीवारी, अजमेर, किशनगढ़, जोधपुर में आए दिन फायरिंग इत्यादि घटनाएं प्रदेश में जंगलराज को बयां कर रही है।

लॉरेंस गैंग ने एक करोड़ की रंगदारी मांगी, न देने पर 16 राउंड फायरिंग
कानून-व्यवस्था के हालात इतने बदतर हो गए हैं कि राजधानी में रहने वाले लोग और व्यापारी सुरक्षित नहीं हैं। गैंगस्टर के हौसले इतने बुलंद हैं कि जयपुर के जी क्लब में अंधाधुंध फायरिंग करने से पहले बदमाशों ने जी क्लब के मालिक से 1 करोड़ की रंगदारी भी मांगी थी। रंगदारी देने के इनकार करने पर बदमाशों ने न सिर्फ धमकाया, बल्कि अपनी धमकी को 16 राउंड की फायरिंग करके सच भी कर दिखाया। आगरा पुलिस कमिश्नरेट मीडिया सेल ने बताया कि जयपुर सिटी (पूर्व) जिले में नामी-गिरामी G Club Hotel और Days के मालिक अक्षय गुरनानी को व्हाट्सएप पर वॉयस कॉल करके 1 करोड़ की रंगदारी मांगी गई थी। रंगदारी न देने पर अक्षय गुरनानी जब दो दिन पहले रात 11:50 बजे पर होटल रेडिसन ब्लू से निकलकर अपने होटल Days में जा रहे थे, तो कुछ बदमाशों ने अक्षय गुरनानी और उनके होटल पर ताबड़तोड़ फायरिंग की। इस सम्बन्ध में थाना जवाहर सर्किल पर मुकदमा रजिस्टर्ड किया गया।

राजस्थान में बेखौफ फायरिंग कर भागे शार्ट शूटर को योगी की पुलिस ने दबोचा
राजधानी की पुलिस सिर्फ मुकदमा ही दर्ज करती रह गई और बदमाश राजस्थान की सीमा को आराम से पार कर गए। होटल मालिक गुरनानी पर फायरिंग करने वाले लॉरेंस विश्नोई गैंग के शूटर्स थे। इन शूटर्स ने राजस्थान को छोड़कर छिपने के लिए जो राज्य चुना, उसमें गलती कर गए। वे गहलोत राज से योगी राज में चले गए। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ तो वैसे गैंगस्टर के खिलाफ कार्रवाई करने के लिए जाने जाते हैं। यूपी के आगरा में कदम रखते ही यूपी पुलिस ने लॉरेंस विश्नोई गैंग के तीन शूटर्स को धर दबोचा। ये तीनों लॉरेंस गैंग के शूटर्स हैं। इन आरोपियों ने 28 जनवरी की रात जयपुर के जी क्लब में अंधाधुंध फायरिंग की थी।

प्रदेश में लगातार बढ़ रही घटनाओं के मूल में मुख्यमंत्री की लाचारी- देवनानी
प्रदेश में लगातार बढ़ रही घटनाओं के लिए बीजेपी ने गहलोत सरकार को आड़े हाथों लिया है। बीजेपी नेताओं का कहना है कि मुख्यमंत्री विधानसभा चुनाव में 156 सीटें लाने का खोखला राग अलाप रहे हो, लेकिन सत्य तो यह है कि जनता सीएम गहलोत से आजिज आ चुकी है और कांग्रेस सरकार को सबक सिखाने का मन बना चुकी है। यह भी सत्य है कि जब-जब भी मुख्यमंत्री रहते अशोक गहलोत के नेतृत्व में कांग्रेस चुनाव लड़ी है तब- तब प्रदेश में कांग्रेस की दुर्गति हुई है। आगामी चुनाव किसके नेतृत्व में कांग्रेस लड़ेगी और किसके नेतृत्व में अपनी दुर्गति करानी है, यह सोचना कांग्रेस का विषय है। लेकिन प्रदेश में लगातार बढ़ रही इन घटनाओं के मूल में मुख्यमंत्री की लाचारी है। इसलिए प्रदेश को मजबूत मुख्यमंत्री की दरकार है।मुख्यमंत्री और पूर्व उपमुख्यमंत्री के बीच की लड़ाई में जनता पिस रही है
पूर्व शिक्षा मंत्री और वरिष्ठ बीजेपी नेता वासुदेव देवनानी ने भी राज्य सरकार की जमकर खिंचाई की। उन्होंने कहा कि इसी माह जोधपुर में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा कि ‘‘मन करता है माफियों के बाल काटकर परेड कराए, पर…. मुख्यमंत्री किसके आगे मजबूर हैं, समझ से परे की बात है। एसएमएस का दौरा करते तब उन्हें शर्म आती है। जोधपुर में सड़कों की स्थिति को देखकर ठेकेदार और इंजीनियरों की मिलीभगत की बात करते है। मुख्यमंत्री को गलत के खिलाफ कार्रवाई करने से कौन रोक रहा है? समझ से बाहर का मामला है। मुख्यमंत्री और पूर्व उपमुख्यमंत्री के बीच जो सियासी लड़ाई चल रही है, उसमें जनता पिस रही है। मुख्यमंत्री केवल कुर्सी से चिपके होने के कारण पूरी लाचारी की मुद्रा में है। इसका खमियाजा प्रदेश और प्रदेश की जनता भुगत रही है।

प्रदेश में तुष्टीकरण की राजनीति और भ्रष्टाचार दोनों ही चरम पर हैं
देवनानी ने कहा कि सरकार तुष्टिकरण कर अपना काम चला रही है। कल ही अजमेर की दरगाह में देशद्रोही के नारे लगे। आपस में दो खेमे झगड़ पड़े। सरकार की तुष्टीकरण की नीति ने उदयपुर में कन्हैयालाल के साथ घटना कराई। करौली, भीलवाडा, जोधपुर में घटनाएं कराई। तुष्टिकरण की नीति न अपनाकर सरकार को कानून की व्यवस्था करनी चाहिए। प्रदेश में खुलेआम धर्मांतरण हो रहा है। अगर मुख्यमंत्री ही लाचारी व्यक्त करेंगे तो उसे कौन रोकगा? इसका तो कोई जवाब दें। मुख्यमंत्री के साथ वे गृहमंत्री भी है जो दोषी है उसे पकड़ें। पेपर माफिया दनादन पेपर लीक कर रहे हैं। राजस्थान की ओलओवर स्थिति खराब है दयनीय है। देवनानी ने कहा कि प्रदेश में भ्रष्टाचार चरम सीमा पर है। वर्ष 2018 में 372, वर्ष 2020 में 445, वर्ष 2022 में 511 मामले दर्ज हुए। एसीबी पकड़ती है, उस पर कोई कार्रवाई नहीं होती। एसओजी की एडिशनल एसपी दिव्या मित्तल ही दो करोड रिश्वत मांगती पकड़ी जाती है। दो वर्ष में 46 आईएएस एवं आरएएस अधिकारी सस्पेंड होते है। इससे ज्यादा प्रदेश की क्या दुर्गति हो सकती है।

 

Leave a Reply