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पीएम मोदी की गिफ्ट डिप्लोमेसी से भारतीय उत्पादों की ब्रांडिंग! मैक्रों को दिया चंदन की लकड़ी का सितार, फर्स्ट लेडी को पोचमपल्ली साड़ी

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भारत में उपहार देने की परंपरा प्राचीन काल से रही है। किसी विदेशी मेहमान के भारत आने या भारत के अगुवा के रूप में दूसरे देश जाने पर उपहार के आदान-प्रदान की परंपरा भी वर्षों पुरानी है। लेकिन साल 2014 के बाद सत्ता में आने के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गिफ्ट डिप्लोमेसी के स्वरूप को बदल कर रख दिया। उन्होंने विदेशी मेहमानों को हमेशा ऐसी चीजें दी जो भारतीय संस्कृति और विरासत की पहचान रही है। कई मौकों पर पीएम मोदी की ओर से विदेशी मेहमानों को भगवद् गीता की प्रति दी गई तो उपनिषद भी दिए गए। लेकिन सबसे महत्वपूर्ण है कि पीएम मोदी गिफ्ट डिप्लोमेसी के जरिये देश के विभिन्न प्रांतों के उत्पादों को विश्व स्तर पर पहुंचा रहे हैं और उनकी ब्रांडिंग कर रहे हैं। पीएम मोदी की ओर से हमेशा देश के विभिन्न हिस्सों की संस्कृति को दिखाने वाली चीजें बतौर गिफ्ट दी गई। जून 2023 में जब पीएम मोदी अमेरिका दौरे पर गए थे तब भी यह देखने को मिला था और अब फ्रांस के दौरे पर पीएम मोदी ने फ्रांसीसी राष्ट्रपति मैक्रों को चंदन की लकड़ी का सितार और उनकी पत्नी (फर्स्ट लेडी) को पोचमपल्ली साड़ी भेंट किया है।

पीएम मोदी ने भारतीय शिल्प कौशल से बने उपहार भेंट किए
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 13-14 जुलाई 2023 को फ्रांस के दो दिवसीय दौरे पर थे। अपनी राजनयिक यात्रा के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी मोदी ने फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों, उनकी पत्नी ब्रिगिट मैक्रों, प्रधानमंत्री एलिजाबेथ बोर्न, फ्रांस की नेशनल असेंबली के स्पीकर येल ब्रॉन-पिवेट और फ्रांसीसी सीनेट के जेरार्ड लार्चर को भारतीय शिल्प कौशल से बने उपहार भेंट किए। इन उपहारों में भारतीय वस्त्र, कला और शिल्प की समृद्ध विरासत शामिल थी।

पीएम मोदी ने मैक्रों को गिफ्ट किया स्पेशल सितार
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुअल मैक्रों को चंदन की लकड़ी से बने संगीत वाद्ययंत्र सितार की एक प्रतिकृति उपहार में दी है। पीएम मोदी द्वारा मैक्रों को उपहार में दी गई सितार की प्रतिकृति में ज्ञान, संगीत, कला, वाणी, बुद्धि और विद्या की देवी मानी जाने वाली सरस्वती की तस्वीरें हैं। इस सितार पर विघ्नहर्ता भगवान गणेश की आकृति भी बनी हुई है। यह सितार शुद्ध चंदन से बना है। चंदन की नक्काशी की कला दक्षिणी भारत में सदियों से प्रचलित एक उत्कृष्ट और प्राचीन शिल्प है।

मैक्रों की पत्नी को पोचमपल्ली रेशम की साड़ी भेंट किया
पीएम मोदी ने फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुअल मैक्रों की पत्नी ब्रिगिट मैक्रों को चंदन की लकड़ी से बने एक डिब्बे में पोचमपल्ली रेशम इकत भेंट किया है। पोचमपल्ली रेशम इकत कपड़ा, जिसकी जड़ें तेलंगाना के पोचमपल्ली शहर में हैं, भारत की समृद्ध कपड़ा विरासत का एक नायाब नमूना है।

फ्रांस की प्रधानमंत्री को मार्बल इनले वर्क टेबल उपहार
प्रधानमंत्री मोदी ने फ्रांस की प्रधानमंत्री एलिजाबेथ बोर्न को मार्बल इनले वर्क टेबल उपहार में दिया। ‘मार्बल इनले वर्क’ अर्ध-कीमती पत्थरों का उपयोग करके संगमरमर पर बनाई गई आकर्षक कलाकृतियों में से एक है। ये संगमरमर राजस्थान के मकराना शहर में पाया जाता है।

नेशनल असेंबली के अध्यक्ष को गिफ्ट की कश्मीर की कालीन
पीएम मोदी ने हाथ से बुना हुआ रेशमी कश्मीरी कालीन फ्रांस की नेशनल असेंबली के अध्यक्ष येल ब्रौन-पिवेट को भेंट किया। कश्मीर की हाथ से बुनी रेशम की कालीन अपनी कोमलता और शिल्प कौशल के लिए दुनियाभर में प्रसिद्ध हैं। सिल्क कश्मीरी कालीन के रंग और इसकी बुनावट इसे खास बनाती हैं। इस कालीन के रंग ऐसे हैं, जब इस पर नजर पड़ती है तो ऐसा भ्रम होता है कि ये एक नहीं, बल्कि 2 कालीन हों।

सीनेट अध्यक्ष को गिफ्ट किया चंदन की लकड़ी से बना हाथी 
पीएम मोदी ने फ्रांस के सीनेट के अध्यक्ष को चंदन की लकड़ी से हाथ से बनी हाथी की मूर्ति गिफ्ट की। इसे सुगंधित चंदन से सावधानीपूर्वक तैयार किया जाता है। इन शानदार मूर्तियों के जरिए इन प्राणियों की कृपा और महिमा को दर्शाया जाता है। ये चंदन की हाथी की आकृतियां भारतीय संस्कृति में एक विशेष स्थान रखती हैं, जो ज्ञान, शक्ति और सौभाग्य का प्रतीक हैं। खूबसूरती से उकेरी गई ये मूर्तियां प्रकृति, संस्कृति और कला के बीच सामंजस्य का अहसास कराती हैं।

मैक्रों ने पीएम मोदी को उपन्यास, प्रतिकृति और तस्वीर गिफ्ट किया
फ्रांस के राष्ट्रपति मैक्रों ने पीएम मोदी को प्राउस्ट के उपन्यास, शारलेमेन शतरंज खिलाड़ियों की प्रतिकृति गिफ्ट में दी। मैक्रों ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को 1916 की एक फ्रेम की हुई तस्वीर गिफ्ट में दी, जिसमें एक पेरिसवासी एक सिख अधिकारी को फूल भेंट कर रहा है। साथ ही 11वीं शताब्दी की शारलेमेन शतरंज खिलाड़ियों की एक प्रतिकृति भी गिफ्ट की। इसके साथ ही मैक्रों ने मोदी को मार्सेल प्राउस्ट द्वारा 1913 और 1927 के बीच प्रकाशित उपन्यासों की एक सीरीज- ए ला रीचेर्चे डु टेम्प्स पेर्डू (इन सर्च ऑफ लॉस्ट टाइम) भी गिफ्ट की है। इसे 20 वीं शताब्दी की शुरुआत के फ्रांसीसी साहित्य का सबसे महत्वपूर्ण माना जाता है।

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