पश्चिम बंगाल पूरी तरह अपराधियों और असामाजिक तत्वों के चंगुल में हैं। मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के अराजक नेतृत्त्व के कारण राज्य में कानून और व्यवस्था पूरी तरह ध्वस्त हो चुका है। आज बंगाल बारूद की ढेर पर बैठा है। बीरभूम जिले में रामपुरहाट नरसंहार की आग अभी ठंडी भी नहीं हुई थी कि एक बड़ी हिंसा की तैयारी के खुलासे ने सबको चौका दिया है। राज्य के खेत बम उगल रहे हैं। पिछले दो दिनों की पुलिस छापेमारी में बंगाल की अलग-अलग जगहों से 350 से ज्यादा क्रूड बम मिले हैं।
सबसे ज्यादा बम बीरभूम के मारग्राम इलाके से 200 बम बरामद किए गए हैं। इसी क्रम में मुर्शिदाबाद के दो थाना क्षेत्र से 41 जिंदा बम, हथियार और गोला-बारूद बरामद किए गए हैं। बीरभूम के मारग्राम इलाके से बरामद बमों को चार बाल्टियों में रखा गया था। मारग्राम से हिंसा वाले बागटुई गांव की दूरी करीब 40 किमी है। जिले के एसपी नागेंद्र त्रिपाठी ने बताया कि क्रूड बम बरामदगी को लेकर लगातार छापेमारी की जा रही है।
रेजिनगर थाना क्षेत्र के एकदला मधुदला में एक खेती की जमीन से 3 ड्रम बम बरामद होने से पुलिस महकमे में खलबली मच गई। इसके बाद पुलिस पूरे इलाके में तलाशी अभियान चलाया गया। वहीं बम निरोधक दस्ते को भी सूचना दी गई। बम स्क्वॉड की एक टीम ने मौके पर पहुंचकर बमों को डिफ्यूज किया। रानीनगर थाना क्षेत्र के नजराना में केले के खेत से 10 जिंदा सॉकेट बम बरामद हुए। रानीनगर थाना क्षेत्र के हरुदंगा से तीन बम, एक शटर पाइप गन और चार कारतूस भी बरामद किए गए।
रामपुरहाट नरसंहार और बम मिलने की खबरों पर राज्यपाल जगदीप धनखड़ ने भी चिंता जाहिर की है। उन्होंने राज्य की कानून-व्यवस्था की स्थिति को लेकर सवाल उठाया है। गौरतलब है कि बंगाल में बम हमले की चपेट में मंत्री से लेकर सांसद और विधायक तक आ चुके हैं। 2021 चुनाव प्रचार करने मुर्शिदाबाद गए तत्कालीन मंत्री जाकिर हुसैन बम हमले में गंभीर रूप से घायल हो गए थे। पिछले दिनों कोलकाता के पास बीजेपी सांसद जगनाथ सरकार की कार पर बम से हमला किया गया था। वे इस हमले में बाल-बाल बच गए थे।
आइए देखते हैं ममता बनर्जी के गुंडाराज में किस तरह पश्चिम बंगाल हिंसा की आग में जल रहा है…
टीएमसी के गुंडों ने 10 लोगों को जिंदा जलाकर मार डाला
21 मार्च, 2022 को बंगाल के बीरभूम जिले के रामपुरहाट में 10 लोगों को जिंदा जलाकर मार डाला गया। बारशल ग्राम पंचायत के उप-प्रधान और टीएमसी नेता भादू शेख की हत्या के बाद टीएमसी के समर्थकों की हिंसक भीड़ ने 10 से 12 घरों में आग लगा कर बाहर से ताला लगा दिया, जिससे लोग जिंदा जलकर मर गए। टीएमसी के गुंडे इतने जालिम हो गए हैं कि उन्होंने जलते हुए लोगों को बचाने की कोशिश को भी नाकाम कर दिया। फायर ब्रिगेड के एक कर्मचारी ने नाम उजागर न करने की शर्त पर बताया कि उन्होंने कम से कम 10 घरों को आग से बर्बाद पाया। उन्होंने कहा, ‘हमें कुछ स्थानीय लोगों ने आग बुझाने से भी रोका। अब तक हमें एक घर से 7 शव मिल चुके हैं। वह इतनी बुरी तरह से जले हैं कि यह भी नहीं पहचान हो पाई कि मरने वाले पुरुष थे, महिला थे या फिर नाबालिग हैं।’
निकाय चुनाव में टीएमसी के गुंडों द्वारा हिंसा व धांधली
पूरे देश के लोगों ने फरवरी 2022 में पश्चिम बंगाल के निकाय चुनाव में सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) की गु़ंडागर्दी व आतंक को देखा। निकाय चुनावों में हिंसा और बूथ लूट को कवर करने के दौरान विभिन्न मीडिया हाउस के कम से कम नौ पत्रकारों को पीटा गया। कोन्नगर के वार्ड 10 के बीजेपी प्रत्याशी और पूर्व प्रदेश उपाध्यक्ष कृष्णा भट्टाचार्य पर हमला किया गया। बीजेपी का आरोप है कि उम्मीदवार को सड़क पर पीटा गया, जिससे उनके पैर में गंभीर चोट आई है। उन्हें गंभीर हालत में अस्पताल में भर्ती कराया गया।
UP is polling today and so is Bengal, to elect municipal councillors. But unprecedented political violence has gripped Bengal. Last night, TMC goons attacked Krishna Bhattacharya, BJP’s former state Vice President, contesting from Konnagar Ward 10, against outgoing TMC chairman. pic.twitter.com/JiH6dbEal0
— Amit Malviya (@amitmalviya) February 27, 2022
जाधवपुर में 40 से अधिक घर जला दिए गए
बंगाल विधानसभा चुनाव के नतीजे आने के बाद जिस तरह आगजनी, पत्थरबाजी, बलात्कार और हत्या की घटनाएं हुई, उनकी हकीकत जानकर रोंगटे खड़े हो जाते हैं। जाधवपुर में 40 से अधिक बीजेपी कार्यकर्ताओं और दलितों के घर जला दिए गए। जब कोलकाता हाईकोर्ट के आदेश के बाद ‘राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग (NHRC)’ द्वारा गठित एक टीम इन घटनाओं की जांच करने गई तो इस टीम को भी नहीं बख्शा गया। टीएमसी के गुंडों ने जांच टीम को चारों तरफ से घेर लिया, धमकाया और पत्थरबाजी का भी प्रयास किया। यहां तक कि सीआईएसएफ के जवानों पर भी हमला किया।
वेस्ट बंगाल के जाधवपुर मे दलित समाज के जले हुए टूटे हुए घरों की तस्वीरें इन घरों के लोग यहाँ से दो महीने से पलायन कर चुके हैँ गुनाह सिर्फ इतना अपनी मर्ज़ी से वोट देना हम सच जानने गए तो हम पर भी हमला किया गया यह लोग हमें मारने को चढ़ रहे हैँ तो वह ग़रीब,दलित का क्या हाल किया होगा! pic.twitter.com/6RAR1IRAM6
— Atif Rasheed (@AtifRasheed80) June 29, 2021
बीजेपी महिला मोर्चा उपाध्यक्ष रेखा मैती पर फिर जानलेवा हमला
जून 2021 में बेखौफ टीएमसी के गुंडों ने पूर्वी मिदनापुर के पताशपुर में बीजेपी महिला मोर्चा की उपाध्यक्ष रेखा मैती पर निर्मम तरीके से हमला किया था। मैती गंभीर हालत में अस्पताल में भर्ती कराया गया। बीजेपी कार्यकर्ता देवदत्त माजी ने रेखा मैती की हमले के बाद की तस्वीरें शेयर करते हुए लिखा, “ईस्ट मिदनापुर के पताशपुर में ये रेखा मैती हैं। टीएमसी की हिंसा की पीड़िता। 2018 से इन्हें नरक भोगना पड़ रहा है। उस समय ये 6 माह गर्भवती थीं, तब इन्हें इतनी बेरहमी से पीटा गया था कि इनका मिसकैरिज हो गया था। अब ये और इनका परिवार फिर से बीजेपी का साथ देने का खामियाजा भुगत रहा है। मैं इनके परिवार की मदद करने की कोशिश में लगा हूं।”
She is Rekha Maiti, Pataspur, EastMidnapore, VICTIM of TMC Violence
From 2018 she is going through HELL.
She was kicked so hard that she had a MISCARRIAGE when she was 6 mnth PREGNANT.
Now again she & her family paying the price for doing BJP.
I am trying to support the Family. pic.twitter.com/K2Wyk3QQgk— Devdutta Maji (President of SinghaBahini) (@MajiDevDutta) June 20, 2021
भाजपा सांसद डॉ. जयन्त कुमार रॉय पर हमला
जून 2021 में पश्चिम बंगाल के जलपाईगुड़ी में भाजपा सांसद डॉ. जयन्त कुमार रॉय पर हमला हुआ। उन्हें घायल अवस्था में अस्पताल में भर्ती कराया गया। घटना के समय वे भाजपा कार्यकर्ताओं से मिलकर लौट रह थे। जयन्त रॉय के मुताबिक, “करीब 5 बजे TMC के गुंडों ने मुझ पर हमला किया। उन्होंने मुझ पर बांस और डंडे से हमला किया। मेरे हाथ में और सर में चोट लगी है। मेरे साथ अन्य कार्यकर्ताओं पर भी हमला हुआ है। पश्चिम बंगाल में कोई कानून-व्यवस्था नहीं बची है।” भाजपा सांसद के सिर और पेट में चोट लगी थी।
Siliguri | Around 5pm today, I was attacked by TMC goons. They attacked me with bamboo sticks on my head & arms. Few others who were with me were also attacked. There is no rule of law in West Bengal: Dr. Jayanta Kumar Roy, MP Jalpaiguri#WestBengal pic.twitter.com/QOEXVa09uF
— ANI (@ANI) June 11, 2021
केंद्रीय मंत्री के काफिले पर टीएमसी के गुंडों का हमला
6 मई, 2021 को केंद्रीय मंत्री वी मुरलीधरन के काफिले पर टीएमसी के गुंडों ने हमला कर दिया। पश्चिम मेदिनीपुर जिले के पंचखुंडी गांव में हुए हमले में हालांकि केंद्रीय मंत्री को चोट नहीं आई, लेकिन उनकी कार को नुकसान पहुंचने के साथ ड्राइवर सहित काफिले में शामिल अन्य लोगों को चोटें आईं। केंद्रीय मंत्री वी मुरलीधरन ने भी अपने ट्विटर हैंडल पर एक वीडियो शेयर किया।
TMC goons attacked my convoy in West Midnapore, broken windows, attacked personal staff. Cutting short my trip. #BengalBurning @BJP4Bengal @BJP4India @narendramodi @JPNadda @AmitShah @DilipGhoshBJP @RahulSinhaBJP pic.twitter.com/b0HKhhx0L1
— V Muraleedharan / വി മുരളീധരൻ (@VMBJP) May 6, 2021
विधानसभा चुनाव में टीएमसी की जीत का खूनी जश्न
बंगाल विधानसभा चुनाव में टीएमसी की जीत के बाद हिंसा का दौर जारी रहा। टीएमसी के गुंडों ने जीत का खूनी जश्न मनाया। बीजेपी के महासिचव कैलाश विजयवर्गीय ने ट्वीट कर एक वीडियो शेयर किया , जिसमें लाठियों और हथियारों से लैश टीएमसी के गुंडों को बीजेपी कार्यकर्ताओं के घरों में तोड़फोड़ और आगजनी करते देखा जा सकता हैं। विजयवर्गीय ने ट्वीट में लिखा, ‘देखिए कैसे बंगाल के बहुसंख्यक समाज के गांव में इस तरह से ये गुंडे आतंक मचा रहे है। पूरे बंगाल में ऐसा ही मौहोल है।’
देखिए कैसे बंगाल के बहुसंख्यक समाज के गाँव में इस तरह से ये गुंडे आतंक मचा रहे है । पूरे बंगाल में ऐसा ही मौहोल है । #Bengalviolence pic.twitter.com/8f3x1DmnPP
— Kailash Vijayvargiya (@KailashOnline) May 5, 2021
নন্দীগ্রামের #কেন্দামাড়ি গ্রামে @BJP4Bengal বিজেপি মহিলা কর্মীদের ওপর বর্বরোচিত হামলা চালায় @AITCofficial তৃণমূল দুষ্কৃতীরা।
মহিলাদের সুরক্ষা নিশ্চিত করার বদলে তাদের উপর এভাবে নৃশংস অত্যাচার চালাচ্ছে তৃণমূল।
পশ্চিমবঙ্গের #আসল_পরিবর্তন না করে এটাই কি সাধারণ মানুষের পাওনা? pic.twitter.com/VeBf7AJ1OH
— Suvendu Adhikari • শুভেন্দু অধিকারী (@SuvenduWB) May 3, 2021
What kind of democracy is there in West Bengal ? What kind of political tolerance by the Ruling Party?
Targeted attacks on @BJP4Bengal karyakartas and their families have been totally unacceptable. I condemn it in strongest term . pic.twitter.com/S82jttmhAy— Pratap Sarangi (@pcsarangi) May 4, 2021
@BJP4Bengal Karyakartas murdered in broad daylight by #tmcgoons, shops looted and women raped. Savagery and lawlessness are the order of the day in Bengal. This was the “Khela” that Didi was talking about. #TMCTerror pic.twitter.com/trTzxo1jHn
— Dr. Jayanta Kumar Roy (@JayantaRoyJPG) May 4, 2021
This is the celebration of TMC goons in Bengal. Hinduism is at threat in Bengal nowadays. Congratulations to New government of Bengal. Urgent intervention of MHA and @jdhankhar1ji is required.#bengalvoilence#Bengal pic.twitter.com/ReoxsLBBQ1
— Nisith Pramanik (@NisithPramanik) May 4, 2021
ममता जी की जीत के बाद उनके कार्यकर्ता जश्न मना रहे है और भाजपा कार्यकर्ताओं के घर तोड़ रहे है ।
अब तक 9 से ज़्यादा भाजपा कार्यकर्ताओं की हत्या हो चुकी है । pic.twitter.com/sMDpX4qu61— Kailash Vijayvargiya (@KailashOnline) May 3, 2021
बंगाल में जीत मिलते ही बीजेपी के बूथ एजेंट के घर को टीएमसी समर्थकों ने जलाया। बिष्णुपुर की घटना। नतीजे आते ही हिंसा की चपेट में बंगाल
House of BJP booth agent set on fire in Bishnupur. pic.twitter.com/zTurVyusPl
— Navneet Mishra (@navneetmishra99) May 2, 2021
बंगाल में हिंसा नहीं रूक रही है, उत्तर दिनाजपुर में बीजेपी कार्यकर्ता के घर को जलाया गया, अभी तक 9 लोगों की हत्या, बीजेपी के 7 समर्थकों की हत्या,टीएमसी और आईएसएफ के 1-1 समर्थकों की हत्या #Bengal #Bengalisburning #BengalViolence pic.twitter.com/3MswQmxKkg
— dharmendra Singh (@dharmendra135) May 4, 2021
दो मिनट का मौन ऊन हरामखोरो के लिए भी जिनको बंगाल में चुनावी रैली दिखी, कोरोना दिखा किन्तु अब हिंसा, लूट, अग्निकांड और बलात्कार नहीं दिख रहा।
#ईसाईमिशनरी_धर्मांतरण_बंदकरो pic.twitter.com/xuAtTxmugB
— भगवाधारी #Team_KRT ( ?% फ़ॉलो बैक ) (@Team_KRT1) May 5, 2021
आइए देखते हैं पश्चिम बंगाल में किस तरह ममता बनर्जी की तानाशाही चलती है और वो अपनेको संविधान से ऊपर समझती हैं….
ममता मिटाना चाहती है विपक्षी दलों का नामो निशान
पिछले कई वर्षों से ऐसा साफ नजर आ रहा है कि ममता बनर्जी ने राज्य में विपक्ष को खत्म करने की योजना बना रखी है। उनकी पार्टी तृणमूल कांग्रेस के गुंडे कई सालों से बीजेपी और सीपीएम के कार्यकर्ताओं के पीछे पड़े हुए हैं। यहां तक कि उनकी हत्या करवा रहे हैं। पश्चिम बंगाल में डायमंड हार्बर जाते समय बीजेपी अध्यक्ष जेपी नड्डा के काफिले पर टीएमसी के गुंडों ने हमला किया। टीएमसी के गुंडों ने बीजेपी नेता कैलाश विजयवर्गीय और मुकुल रॉय की गाड़ी में भी तोड़फोड़ की। कई लोग घायल भी हो गए। इसके पहले पंचायत चुनाव में जो कुछ हुआ वह सबके सामने है। एक महिला को ममता की पार्टी के गुंडों ने निर्वस्त्र तक कर दिया। मतदान केंद्र पर जाने से उन्हें रोका गया। बूथों पर कब्जा कर लिया गया। क्या यह सब राज्य की मुखिया की इजाज़त के बिना हो सकता है?कोरोना पर केंद्रीय टीम को इजाजत देने से किया इनकार
पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी कोरोना संकट काल में भी राजनीति करने से बाज नहीं आई। ममता सरकार पर कोरोना से मरने वालों का आंकड़ा छिपाने और कोरोना गाइडलाइन का सख्ती से पालन नहीं करने का आरोप लगने के बाद केंद्र सरकार ने राज्य में आईएमसीटी (इंटर मिनिस्ट्रीयल सेंट्रल टीम) भेजने का फैसला किया। लेकिन ममता बनर्जी ने केंद्रीय टीम को इजाजत देने से इनकार कर दिया। ममता ने साफ कहा है कि वह केंद्रीय टीम की इजाजत नहीं देंगी। हालांकि केंद्रीय टीम पश्चिम बंगाल के अलावा महाराष्ट्र, राजस्थान और मध्य प्रदेश भी गई, लेकिन विरोध सिर्फ ममता बनर्जी ने किया।
नागरिकता संशोधन कानून लागू करने से इनकार
संसद से पास नागरिकता संशोधन कानून में पाकिस्तान, बांग्लादेश और अफगानिस्तान के धार्मिक अल्पसंख्यकों को भारतीय नागरिकता देने का प्रावधान किया गया है। लेकिन सीएम ममता बनर्जी ने इसे मानन से इनकार कर दिया। ममता बनर्जी ने साफ कहा कि नागरिकता संशोधन कानून को वो पश्चिम बंगाल में कभी भी लागू नहीं करेंगी। उन्होंने कहा कि वो इस देश के किसी वैध नागरिक को बाहर नहीं फेंक सकती हैं और न ही उसे शरणार्थी बना सकते हैं। हाल मे ही उन्होंने एनआरसी के मुद्दे पर कहा था, ”बांग्लादेशी घुसपैठियों को देश से निकालने की कोई कोशिश होगी तो ‘गृह युद्ध’ हो जाएगा।”मोदी सरकार के विरोध में किसान विरोधी बन गईं ममता बनर्जी!
ममता बनर्जी ने अपनी सनक और केंद्र सरकार से विरोध में प्रदेशवासियों के कल्याण को ताक पर रख दिया है। देशभर में किसानों को मोदी सरकार की तरफ से प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि दी जा रही है, लेकिन पश्चिम बंगाल के लाखों किसान इससे वंचित हैं, क्योंकि ममता बनर्जी को केंद्र सरकार की योजनाओं से नफरत है। ममता बनर्जी ने ऐसा कर के किसानों को मिलने वाले बड़े लाभ से वंचित कर दिया है।
पीएम-किसान सम्मान निधि में एक किसान परिवार को सालाना 6,000 रुपये सीधे हस्तांतरित किया जाता है। तीन किस्तों में इस राशि का भुगतान किया जाता है और प्रत्येक किस्त की राशि 2,000 रुपये होती है। लेकिन मुख्यमंत्री ममता बनर्जी की हठधर्मिता के कारण पश्चिम बंगाल के किसान अब तक लाभ पाने से वंचित रह गए हैं। यह राशि किसानों को कृषि कार्य में मदद के लिए दी जाती है, जिसका इस्तेमाल वे बीज व उर्वरक खरीदने व अन्य आवश्यकतों को पूरा करने में करते हैं।
पश्चिम बंगाल में बंद मोदी सरकार की ‘आयुष्मान भारत’ योजना
प्रधानमंत्री मोदी के विरोध में अंधी हो चुकी ममता बनर्जी ने मोदी सरकार की महात्वाकांक्षी आयुष्मान भारत योजना को पश्चिम बंगाल में बंद करने का ऐलान किया। इस योजना के तहत मोदी सरकार गरीब परिवारों के लोगों को पांच लाख रुपये का सालाना चिकित्सा बीमा उपलब्ध कराती है। योजना लॉन्च होने के बाद से देशभर में लाखों लोग इसका लाभ ले चुके हैं। लेकिन ममता बनर्जी को गरीबों के स्वास्थ्य की कोई चिंता नहीं है। पश्चिम बंगाल को अपनी जागीर समझने वाली सीएम ममता बनर्जी ने केंद्र सरकार के इस महत्वपूर्ण योजना के लाभ से प्रदेश के लोगों को वंचित कर दिया है।CAG ऑडिट से इनकार
ममता बनर्जी सरकार ने साल 2018 में राज्य की कानून-व्यवस्था संबंधित खर्च और अन्य चीजों का ऑडिट करने से कैग (CAG) को मना कर दिया था। हालांकि कैग ने इस पर कड़ा ऐतराज जताते हुए राज्य सचिवालय कहा था कि पश्चिम बंगाल सरकार संविधान के दायरे से बाहर नहीं हैं। कैग ने साफ किया कि पश्चिम बंगाल की ढाई हजार किलोमीटर अंतरराष्ट्रीय सीमा है। ऐसे में यहां कानून-व्यवस्था का पालन किस हिसाब से किया जा रहा है, इसकी जांच बेहद जरूरी है। जनसत्ता और दैनिक जागरण में छपी खबर के अनुसार पश्चिम बंगाल गृह विभाग की ओर से कहा गया कि राज्य की कानून-व्यवस्था में कैग को किसी हाल में नहीं घुसने दिया जाएगा। हालांकि कैग ने कहा कि देश के परमाणु कार्यक्रमों एवं सेना के जहाजों की खरीद-बिक्री संबंधी बड़े मामलों का भी ऑडिट करता है तो क्या पश्चिम बंगाल सरकार की कानून- व्यवस्था उससे भी ऊंची चीज है?
आपको बता दें कि संविधान के तहत हर तरह की सरकारी संस्थाओं के खर्च का ऑडिट कैग कर सकता है। किसी भी तरह की ऐसी संस्था जिसे सरकारी तौर पर सहायता राशि दी जाती है, कैग के दायरे में आती है। कानून- व्यवस्था भले ही राज्य सरकार की जिम्मेदारी है, लेकिन यह पूरी तरह से राज्य सरकार की ही नहीं है। पुलिस के आधुनिकीकरण के लिए केंद्र सरकार धनराशि देती है। राज्य में आइपीएस अधिकारियों की तैनाती राष्ट्रपति के द्वारा होती है।
ब्लू बुक का फॉलो नहीं
ममता ने संविधान और सिस्टम को तब भी ठेंगा दिखाया जब 17 जुलाई, 2018 को मिदनापुर में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने रैली की थी। राज्य सरकार ने ‘ब्लू बुक’ फॉलो नहीं किया। पीएम की सुरक्षा के लिए SPG को संसाधन नहीं दिए गए और रैली स्थल से पांच किलोमीटर तक स्थानीय पुलिस की तैनाती नहीं की गई।ममता ने बदले केंद्रीय योजनाओं के नाम
ममता सरकार ने ‘दीन दयाल उपाध्याय अंत्योदय योजना’ का नाम ‘आनंदाधारा’, ‘स्वच्छ भारत अभियान’ का ‘मिशन निर्मल बांग्ला’, ‘दीनदयाल उपाध्याय ग्राम ज्योति योजना’ का ‘सबर घरे आलो’,‘राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन’ को ‘राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन’, ‘प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना’ को ‘बांग्लार ग्राम सड़क योजना’ और ‘प्रधानमंत्री ग्रामीण आवास योजना’ का नाम बदलकर ‘बांग्लार गृह प्रकल्प योजना’ कर दिया है।स्वच्छ भारत सर्वेक्षण से परेशान ममता
प्रधानमंत्री मोदी ने देश में स्वच्छता अभियान के प्रति और जागरुकता पैदा करने और उसमें लोगों की भागीदारी सुनिश्चित करने के लिए एक स्वच्छता सर्वेक्षण करवाने का निर्णय किया। केंद्रीय शहरी विकास मंत्रालय ने देश के 500 शहरों में ये सर्वेक्षण कराने का फैसला लिया, लेकिन ममता बनर्जी ने पश्चिम बंगाल के 60 शहरों को इस सर्वेक्षण से बाहर कर लिया।
‘स्मार्ट सिटी मिशन’ से पीछे हट गईं ममता
प्रधानमंत्री मोदी ने जून 2015 में 100 स्मार्ट शहरों के विकास की योजना का शुभारंभ किया। शुरुआत में पश्चिम बंगाल ने चार शहरों कोलकाता, विधान नगर, न्यू टाउन और हल्दिया को इस योजना के लिए नामांकित किया। लेकिन, बाद में न्यूटाउन जो 100 शहरों में से एक शहर चुना गया था उसे ममता बनर्जी ने स्मार्ट सिटी योजना से हटा लिया।RERA कानून भी नहीं बनने दिया
RERA कानून के तहत नियमों को नहीं बनाने वाले कुछ राज्यों में पश्चिम बंगाल भी शामिल है। मई 2016 में संसद ने घर खरीदने वालों के अधिकारों को सुरक्षित रखने के लिए इस कानून को पारित किया था। तब राज्यों को केन्द्र के कानून के आधार पर नियमों को अधिसूचित करने के लिए 27 नवंबर 2016 तक का समय दिया गया था।नदियों को जोड़ने की परियोजना के लिए तैयार नहीं
केंद्र की मोदी सरकार ‘सबका साथ, सबका विकास’ के ध्येय को पूरा करने के उद्देश्य से मानस-संकोष-तिस्ता-गंगा नदियों को जोड़ने की परियोजना शुरू करना चाहती है। इससे असम, पश्चिम बंगाल और बिहार में बाढ़ की समस्या पर नियंत्रण पाया जा सकेगा और पेयजल और सिंचाई के लिए पानी की व्यवस्था भी हो सकेगा। लेकिन ममता बनर्जी की पश्चिम बंगाल की सरकार इस योजना में शामिल होने के लिए तैयार नहीं है।वंदे मातरम पर प्रतिबंध
बंकिंम चंद्र चटर्जी ने वन्दे मातरम गीत लिखा तो उन्हें कभी यह अंदेशा नहीं रहा होगा कि उनके ही प्रदेश में इसपर पाबंदी लग जाएगी। ममता बनर्जी के पश्चिम बंगाल के बहुतेरे इलाकों में आप वंदे मातरम गुनगुना भी नहीं सकते। ये ममता का सेक्युरिज्म का मॉडल है जहां आप अपना राष्ट्र गीत तक नहीं गा सकते हैं।
संयुक्त इंजीनियरिंग प्रवेश परीक्षा (JEE)का विरोध
देश के सभी इंजीनियरिंग कालेजों में प्रवेश के लिए एकल संयुक्त परीक्षा के मोदी सरकार की पहल का ममता बनर्जी ने जमकर विरोध किया। पश्चिम बंगाल के शिक्षा मंत्री पार्था चटर्जी ने केंद्रीय मानव संसाधन मंत्री प्रकाश जावड़ेकर को पत्र लिखकर कहा, कि राज्य की इंजीनियरिंग प्रवेश परीक्षा को रद्द करके एकल संयुक्त परीक्षा राज्यों के अधिकार क्षेत्र पर केंद्र का अतिक्रमण है।शाही इमाम को क्यों दी मनमानी की छूट ?
कोलकाता की टीपू सुल्तान मस्जिद के शाही इमाम को कानून को ताक पर रखकर लाल बत्ती वाली गाड़ी में घूमने की इजाजत ममता बनर्जी ने दी थी। जब पत्रकारों ने इमाम से पूछा कि आप ऐसा क्यों कर रहे हैं, ये तो अब गैर-कानूनी है, तो उन्होंने जवाब दिया, ”ममता बनर्जी बोली आप जला के रखें, खूब जलाएं, आप घूमते रहें, हम हैं।” गौरतलब है कि मोदी सरकार ने एक मई, 2017 से लाल बत्ती की गाड़ियों पर पूरी तरह से प्रतिबंध लगा दिया है। सिर्फ इमरजेंसी वाहनों को आवश्यकतानुसार लाल-नीली बत्ती के इस्तेमाल का अधिकार दिया गया है।