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राहुल के खानदान के सरेंडर से कैलेंडर भरे हैं- गांधी परिवार पर बीजेपी का जोरदार हमला, बताया कांग्रेस ने कब-कब किया सरेंडर

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बीजेपी ने लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी के ‘सरेंडर’ बयान को लेकर कांग्रेस और गांधी परिवार पर तीखा हमला बोला है। पार्टी ने इसे सेना और देश का अपमान बताते हुए राहुल गांधी पर पाकिस्तान और चीन के प्रोपेगेंडा को बढ़ावा देने का आरोप लगाया है। राहुल गांधी ने एक कार्यक्रम के दौरान कहा था कि पाकिस्तान के खिलाफ संघर्ष के बीच अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के फोन आते ही प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने जंग रोक दी थी, और यह बीजेपी-आरएसएस का ‘सरेंडर वाला’ चरित्र है। पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी के बेटे राहुल गांधी के इस बयान पर बीजेपी प्रवक्ता सुधांशु त्रिवेदी ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस कर उन्हें आड़े हाथों लिया। सुधांशु त्रिवेदी ने कहा कि यह बयान न केवल भारतीय सेना का अपमान है, बल्कि देश की संप्रभुता और सुरक्षा के लिए भी दुर्भाग्यपूर्ण है। त्रिवेदी ने कांग्रेस के इतिहास का उल्लेख करते हुए कहा कि ‘सरेंडर’ की संस्कृति गांधी परिवार की विरासत रही है। उन्होंने कहा कि राहुल के खानदान के सरेंडर से कैलेंडर भरे हैं। उन्होंने 1947, 1962 और 1971 के संदर्भ में कांग्रेस की नीतियों और फैसलों पर सवाल उठाए और कहा कि जब-जब देश को मजबूती दिखाने की जरूरत थी, कांग्रेस ने समझौता या समर्पण का रास्ता चुना।

सुधांशु त्रिवेदी ने कहा कि, ‘राहुल गांधी जी केवल 2 साल पहले आप विदेश में गए थे और आपने कहा था व्हाई द डिफेंडर्स ऑफ डेमोक्रेसी अमेरिका एंड यूरोप आर साइलेंट एंड नॉट डिस इंटरफेयरिंग इन इंडिया। यह था सरेंडर। 15 जुलाई 2011 को आपने कहा इट्स इंपॉसिबल टू टोटली कंट्रोल टेररिज्म। यह था आतंक के आगे सरेंडर। 26/11 के हमले के बाद आपकी सरकार ने शर्म अल शेख में कहा कि कंपोजिट डायलॉग प्रभावित नहीं होगा आतंकी घटनाओं के साथ। यह था आतंकी मानसिकता के साथ सरेंडर। 1995 में नरसिम्हा राव सरकार के समय एक फोन आया और भारत ने अपना एटॉमिक एक्सप्लोजन रोक दिया। यह था सरेंडर। 1971 में 93,000 प्रिजर्व ऑफ वॉर थे। फिर भी पीओके क्यों सरेंडर कर दिया? छंब का 160 किमी का एरिया जीता हुआ क्यों सरेंडर कर दिया? 13,000 किमी पाकिस्तान के पंजाब और सिंध का जीता हुआ क्यों सरेंडर कर दिया? 54 हमारे सैनिकों को वापस नहीं लिया। उन्हें क्यों सरेंडर कर दिया? 1965 में जीता हुआ हाजीपीर का दर्रा सरेंडर कर दिया। लाहौर से 20 किमी दूर तक सेना पहुंच गई थी। वह सरेंडर कर दिया। 62 में तो क्या-क्या सरेंडर कर दिया। 19 नवंबर 1962 को जवाहरलाल नेहरू का हम कनेडी को लिखा गया लेटर है जिसमें उन्होंने सीधे कहा है कि अमेरिका आकर अमेरिकन पायलट्स हमारी एयरफोर्स को संभाले, जो 2010 में डी क्लासिफाइड हुआ है कनेडी लाइब्रेरी के द्वारा 1960 में सिंधु का 80 प्रतिशत पानी सरेंडर कर दिया। 1948 में आपने कश्मीर का एक हिस्सा सरेंडर कर दिया। 1947 में मुस्लिम लीग के आगे 1/3 सरेंडर कर दिया तो राहुल गांधी जी आप आपकी की पार्टी और आपके खानदान के कारनामे आजाद हिंदुस्तान के कैलेंडरों में सरेंडर से भरे पड़े हैं।

इसके साथ ही उन्होंने राहुल गांधी को ‘राजनीतिक रूप से अपरिपक्व’ बताया और कहा कि वह गंभीर राष्ट्रीय मुद्दों को भी राजनीति का साधन बनाते हैं। त्रिवेदी ने कहा कि ‘एक तरफ भारत के द्वारा भेजे गए संयुक्त संसदीय दल के में तमाम विपक्षी दलों के सांसद जिसमें कांग्रेस के सांसद भी हैं। वह दुनिया के भिन्न-भिन्न देशों में भारत के पक्ष को गंभीरता के साथ और पूरे राष्ट्र की एकजुटता के साथ रखकर वापस आ रहे हैं। और दूसरी तरफ कांग्रेस के स्वषित स्वनामधन्य सर्वकालीन सर्वोच्च नेता और नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी जी निहायत ही ओछी स्तरहीन बातें कर कर यह विश्व को बता रहे हैं कि नेता प्रतिपक्ष का पद पाने के बाद भी उनके अंदर गंभीरता और नेता प्रतिपक्ष की परिपक्वता का घोर अभाव है। यह विषय सिर्फ उनकी अपरिपक्वता का नहीं है। विषय उससे कहीं गंभीर है। राहुल गांधी जी ने जिस प्रकार से हमारी सेना के द्वारा दिखाए गए अप्रतिम शौर्य और सेना के अधिकारियों द्वारा जिसमें डायरेक्टर जनरल मिलिट्री ऑपरेशन, डायरेक्टर जनरल एयर ऑपरेशन, डायरेक्टर जनरल नेवी ऑपरेशंस थे। उन्होंने जिस तरीके से ऑपरेशन सिंदूर की सफलता का विवरण दिया है, उसको सरेंडर से तुलना करना यह दर्शाता है कि यह मानसिकता कितनी रोगी और कितनी खतरनाक हो चुकी है। अभी तक कांग्रेस के नेता पाकिस्तानी मीडिया में सुर्खियां बटोरने में लगे हुए थे। पाकिस्तानी संसद में उनके बयान कोट किए जा रहे थे। राहुल गांधी जी का नाम तो और बयान तो भारत के विरुद्ध पाकिस्तान अपने डोजियर में यूज कर चुका है। परंतु पहली बार राहुल गांधी जी ने ऐसा बयान दिया है जो पाकिस्तान के सेना प्रमुख ने भी नहीं बोला। पाकिस्तान के किसी आतंकी संगठन ने भी नहीं बोला। मौलाना मसूद अहर ने भी नहीं बोला और हाफिज सईद ने भी नहीं बोला। इसमें से किसी ने यह शब्द नहीं बोला है कि भारत ने सरेंडर किया है बल्कि उन लोगों ने अपनीपनी तकलीफों का इजहार गाहे बगाहे किया है। अगर इसके बाद यह बोल रहे हैं तो मैं पूछना चाहता हूं क्या आप उन नेताओं से एक कदम आगे जाना चाह रहे हैं? यानी अभी तक तो आप पाकिस्तान के लोगों को पाकिस्तानी सेना और पाकिस्तान के आतंकी संगठनों को कवर फायर देते थे। अब उनके सिरमौर भरने की कोशिश कर रहे हैं।’

सुधांशु त्रिवेदी ने राहुल गांधी पर निशाना साधते हुए कहा कि ‘एक हिंदी में कहावत होती है नया मुल्ला प्याज ज्यादा खाता है। मगर यहां गैर मुल्ला इस कदर प्याज खाने में लगा हुआ है कि उसे लग ही नहीं रहा है कि यह देश के स्वाभिमान और सेना के शौर्य और सेना का कितना भीषण अपमान कर रहा है। वैसे राहुल गांधी जी की बुद्धिमत्ता और विवेकशीलता पर आप सभी लोग परिचित हैं। मात्र एक वर्ष पहले की बात है। आज 4 जून है। 4 जून को चुनाव परिणाम आए थे। तीसरे अटेमप्ट में तीन अंक ना पाने को जिसको अद्भुत सफलता नजर आ रही हो और पटाखे फोड़ने शुरू कर दिए हो और तीसरी बार प्रधानमंत्री बनने पर जिसको पराजय नजर आ रही हो, उसकी कितनी समझ है और उसका कितना विवेक है, यह भली-भांति समझा जा सकता है। राहुल गांधी जी का यह कहना सेना का सरासर अपमान है। मैं कांग्रेस पार्टी से पूछना चाहता हूं। ऑपरेशन सिंदूर की सफलता की घोषणा सेना ने की है। भारत सरकार ने नहीं की है। भारतीय जनता पार्टी के किसी प्रवक्ता ने नहीं की है। मैं पूछना चाहता हूं आपने सरेंडर शब्द यूज करके सेना का अपमान किया है या नहीं? क्योंकि सीधे-सीधे जब आपने सेना के बयान को सरेंडर से तुलना किया है। इसका मतलब भारत और भारत की सेना का सर झुकाने का वो काम और इसके लिए वो शब्द जो पाकिस्तान की सेना पाकिस्तान के आतंकवादी संगठन और यूएन सिक्योरिटी काउंसिल के द्वारा डेजिग्नेटेड आतंकवादी जैसे मौलाना मसूद अजर और हाफिज सईद भी नहीं बन कर पाए हैं। तो आप क्यों उनके मुहाफिज बनने की कोशिश कर रहे हैं?

बीजेपी प्रवक्ता ने पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी के पोते राहुल गांधी पर आरोप लगाया कि उनके बयान से सेना का मनोबल गिरता है और यह अंतरराष्ट्रीय मंचों पर भारत की छवि को नुकसान पहुंचाता है। त्रिवेदी ने कहा कि सेना के शौर्य और बलिदान को कांग्रेस बार-बार नजरअंदाज करती रही है। बीजेपी नेता त्रिवेदी ने कहा कि कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी के बयान अक्सर पाकिस्तान और चीन की भाषा से मेल खाते हैं, जिससे लगता है कि कांग्रेस विदेशी ताकतों के इशारे पर देशविरोधी एजेंडा चला रही है। देखिए पूरा बयान-

इसके पहले बीजेपी नेता संबित पात्रा ने कहा कि राहुल गांधी ने न केवल ऑपरेशन सिंदूर, बल्कि भारतीय सेना और पूरे भारतवर्ष का घोर अपमान किया है। जिस प्रकार से, जिस लहजे से ऑपरेशन सिंदूर के विषय में राहुल गांधी ने बात की, वह किसी भी सभ्य राजनेता को न केवल शोभा नहीं देता, अपितु वो राजनेता फिट ही नहीं हो सकता है जो अपने देश के लिए, जो अपनी मातृभूमि के लिए सरेंडर जैसे शब्द का प्रयोग करता है।

कांग्रेस की पूर्व अध्यक्ष सोनिया गांधी के बेटे राहुल गांधी भले ही पाकिस्तान के सामने सरेंडर की बात करें लेकिन भारत के हमले से पाकिस्तान को हुई भारी तबाही का सबूत यह है कि पाक सेना ने अपने सैन्य हवाई अड्डों को हुए नुकसान की मरम्मत के लिए निविदाएं आमंत्रित की हैं।

ऐसे में सोशल मीडिया पर आम लोग भी कांग्रेस सांसद राहुल गांधी को लताड़ लगा रहे हैं…

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