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PM MODI की वाणी सच साबित, उड़ीसा में पहली बार बीजेपी का मुख्यमंत्री, मोहन चरण का चौकीदार के बेटे से सीएम तक का सफर, आंध्र प्रदेश में भी NDA सरकार

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पहले प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के लोकसभा चुनाव के दौरान दिए एक भाषण की ये लाइनें पढ़िए… “चौबीस के चुनाव में ओडिशा की मेरी ये अंतिम सभा है। ये सुखद है कि महाप्रभु जगन्नाथ, भगवान बलदेवज्यू और माता सुभद्रा के आशीर्वाद के साथ ये पड़ाव खत्म हो रहा है। मैं इसको पड़ाव इसलिए कह रहा हूं…क्योंकि 4 जून के बाद ओडिशा, विकास के एक नए सफर पर निकलने वाला है। जून में ही भाजपा का पहला मुख्यमंत्री शपथ लेगा। मैं आपका आशीर्वाद लेने तो आया ही हूं, साथ ही साथ आपको ओडिशा में भाजपा के पहले मुख्यमंत्री के शपथ ग्रहण समारोह का निमंत्रण देने भी आया हूं।” पीएम मोदी का अदम्य विश्वास और उनकी वाणी की सचाई पर बुधवार को बीजेपी के चार बार के विधायक और कद्दावर आदिवासी नेता मोहन चरण माझी के मुख्यमंत्री पद की शपथ लेते ही मुहर लग गई। पीएम ने कहा था कि अगली बार ओडिशा का ही बेटा या बेटी यहां का सीएम बनेगा। वे खुद ओडिशा के बेटे माझी और आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री एन. चंद्रबाबू नायडू के शपथ ग्रहण समारोहों में मौजूद रहे।ओडिशा ने 24 सालों से सत्ता पर काबिज बीजेडी को बेदखल कर बीजेपी को चुना
बीजेपी ने ओडिशा में पिछले 24 सालों से सत्ता पर काबिज नवीन पटनायक की बीजेडी को सत्ता से बेदखल कर सरकार बनाई है। भारत के चुनाव आयोग के मुताबिक 147 सदस्यीय ओडिशा विधानसभा में भाजपा ने 78 सीटें जीती हैं, जो स्पष्ट बहुमत से भी ज्यादा हैं। बीजेडी ने 51 सीटें जीतीं, जबकि कांग्रेस ने केवल 14 सीटें जीत पाई। माकपा ने एक और निर्दलीय उम्मीदवारों ने तीन सीटें जीतीं। इतिहास की बात करें तो 2019 के विधानसभा चुनाव में बीजद ने 113 सीटें, भाजपा ने 23 सीटें और कांग्रेस ने 9 सीटें जीती थीं। भाजपा-बीजद गठबंधन 2000 में ओडिशा में सत्ता में आया था और नवीन पटनायक मुख्यमंत्री बने थे। 2009 में सीट बंटवारे पर बातचीत विफल होने के बाद बीजद ने अपने 11 साल पुराने रिश्ते को तोड़ दिया था।

ओडिशा में बीजेपी सरकार के अब खेवनहार मोहन माझी, दो डिप्टी सीएम भी बने
बीजेपी में ओडिशा में पहली बार सरकार बना रही हैं। पीएम मोदी के स्थानीय नेता को सीएम बनाने के वादे के अनुरूप मोहन चरण माझी को राज्य में बीजेपी का पहले मख्यमंत्री बनने का गौरव हासिल हुआ है। ओडिशा की 147 सदस्यों वाली विधानसभा में बहुमत का आंकड़ा 74 सदस्यों का है। बीजेपी के पास इससे भी चार विधायक ज्यादा हैं। मोहन चंद्र माझी की शपथ ग्रहण के लिए बुधवार की शाम को मुख्यमंत्री पद की शपथ ली। मोहन चरण माझी आदिवासी समुदाय से आते हैं। वह मुख्यमंत्री पद की दौड़ में शामिल तमाम दावेदारों में सबसे कम उम्र के हैं। माझी की उम्र 53 साल है। उनके साथ पूर्व मंत्री केवी सिंह देव और बीजेपी विधायक प्रभाती परिदा को भी उप मुख्यमंत्री बनाया गया है।चौकीदार के बेटे से माझी के मुख्यमंत्री बनने का सफर हर किसी के लिए मिसाल
ओडिशा के नए सीएम माझी के जीवन का संघर्ष हर किसी के लिए मिसाल है। वे एक चौकीदार के बेटे हैं। उन्होंने आरएसएस संचालित विद्या मंदिर में अध्यापन किया। गांव के सरपंच और फिर विधायक बनने के बाद अब मुख्यमंत्री बने हैं। वर्ष 2000 में माझी क्योंझर विधानसभा क्षेत्र से भाजपा प्रत्याशी चुने गए और जीत हासिल की। इसके बाद वर्ष 2009 में भाजपा ने फिर से मोहन चरण माझी पर भरोसा जताया। वे क्योंझर विधानसभा सीट से चुनाव लड़े और जीते। 2019 में एक बार फिर से क्योंझर विधानसभा सीट से मांझी ने भाजपा के टिकट पर जीत हासिल की। इसी सीट से उन्होंने चौथी बार जीत हासिल की। इस बार चुनाव में मोहन चरण माझी को कुल 87815 वोट मिले और उन्होंने अपनी निकटतम प्रतिद्वंदी बीजू जनता दल की मीना माझी को 11577 वोटों के बड़े अंतर से मात दी।प्रधानमंत्री मोदी ने आंध्र प्रदेश के सीएम नायडू को गले लगाकर बधाई दी
उधर आंध्र प्रदेश में भी बुधवार को ही एनडीए सरकार बनी। पीएम नरेन्द्र मोदी की मौजूदगी में तेलगु देशम पार्टी (TDP) सुप्रीमो चंद्रबाबू नायडू ने राज्य के 24वें मुख्यमंत्री के तौर पर शपथ ली। चंद्रबाबू ने राज्य की चौथी बार कमान संभाली। इसके साथ ही उन्होंने आंध्र में सबसे ज्यादा बार मुख्यमंत्री बनने का रिकॉर्ड अपने नाम कर लिया। नायडू के अलावा जनसेना प्रमुख और एक्टर पवन कल्याण ने डिप्टी सीएम पद की शपथ ली। उन्होंने शपथ लेने के बाद नायडू के पैर छुए। तीसरे नंबर पर नायडू के बेटे नारा लोकेश ने शपथ ली। नई सरकार में टीडीपी के 20, जनसेना के 3 और भाजपा के एक मंत्री शामिल हैं। एक पद खाली रखा गया है। राज्यपाल अब्दुल नजीर ने विजयवाड़ा में केसरपल्ली IT पार्क में CM और मंत्रियों को शपथ दिलाई। कार्यक्रम में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, अमित शाह समेत NDA के मंत्री और अन्य राज्यों के मुख्यमंत्री भी शामिल हुए। शपथ के बाद प्रधानमंत्री मोदी ने नायडू को गले लगाकर बधाई दी। आंध्र प्रदेश में एनडीए गठबंधन में सीट शेयरिंग के तहत विधानसभा की 175 सीटों में से TDP ने 144, जन सेना पार्टी ने 21 और भाजपा ने 10 सीटों पर अपने प्रत्याशी उतारे थे। इसमें नायडू की TDP को 135, पवन कल्याण की जनसेना को 21 और भाजपा को 8 सीटें, यानी कुल 164 सीटें मिलीं। जगन मोहन रेड्डी की YSRCP को केवल 11 सीटों मिलीं। कांग्रेस तो राज्य में अपना खाता भी नहीं खोल सकी।अब भाजपा और सहयोगी पार्टियों के गठबंधन की 19 राज्यों में सरकार
हाल ही में आए विधानसभा चुनाव परिणामों में एनडीए की प्रचंड जीत के बाद अब इस गठबंधन की 19 राज्यों में सरकार है। एनडीए शासित राज्यों में उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, राजस्थान, उत्तराखंड, गुजरात, नागालैंड, असम, मणिपुर, अरुणाचल प्रदेश, ओडिशा, आंध्र प्रदेश, हरियाणा, महाराष्ट्र, मेघालय, त्रिपुरा, छत्तीसगढ़, बिहार और सिक्किम शामिल हैं। बीजेपी थिंक टैंक की खासियत है कि वो राज्यों में सीएम बनाते समय सभी समीकरणों पर पूरा फोकस करता है। इसमें लोकप्रियता से लेकर जन-निष्ठा तक और राजनीतिक समीकरणों से लेकर जातीय समीकरणों का पूरा ध्यान रखा जाता है। एनडीए शासित राज्यों में राजस्थान में भजन लाल शर्मा ब्राह्मण, उत्तराखंड में पुष्कर सिंह धामी क्षत्रिय, उत्तर प्रदेश में योगी आदित्यनाथ क्षत्रिय, मध्य प्रदेश में डॉ. मोहन यादव ओबीसी, बिहार में नीतीश कुमार ओबीसी, गुजरात में भूपेंद्र पटेल ओबीसी, छत्तीसगढ़ में विष्णु देव साय आदिवासी, ओडिशा में मोहन चरण मांझी आदिवासी, हरियाणा में नायब सिंह सैनी ओबीसी समुदाय, महाराष्ट्र में एकनाथ शिंदे मराठा और गोवा में प्रमोद सावंत क्षत्रिय मराठा समुदाय से आते हैं।

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