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माफिया की यार बन गई बिहार सरकार, गश्ती पर निकले दारोगा को रौंदा, इस साल पुलिस पर 10 हमले, नीतीश के मंत्री का शर्मनाक बयान

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बिहार की नीतीश सरकार माफिया की यार बन गई है। बालू माफियाओं का मनोबल कितना ऊंचा है इसकी बानगी 14 नवंबर 2023 को एक बार फिर से देखने को मिला। जमुई जिले के गरही थाना इलाके में बालू माफियाओं ने दुःसाहस दिखाते हुए पुलिस को ही निशाना बनाया। सूचना मिली थी कि मोहली टांड नदी से बालू माफिया अवैध रूप से बालू खनन कर रहे हैं। इसके बाद पुलिस गश्त पर निकल गई। पुलिस टीम ने वाहन चेकिंग लगाई। तभी वहां बालू से लदा एक ट्रैक्टर आया। पुलिस ने जब ट्रैक्टर को रोकने की कोशिश की तो ड्राइवर ने सब-इंस्पेक्टर को कुचल दिया। ट्रैक्टर दोनों पुलिसवाले को टक्कर मारते हुए आगे निकल गया। इस हादसे में गरही थाना में तैनात सब इंस्पेक्टर प्रभात रंजन की मौके पर ही मौत हो गई, जबकि पुलिस का जवान राजेश कुमार साह घायल हो गया। इससे अंदाजा लगाया जा सकता है कि राज्य में माफिया के हौसले किस कदर बुलंद हैं।

बिहार के मंत्री का शर्मनाक बयान- ऐसे अपराध नई बात नहीं हैं
बिहार के जमुई में एक तरफ बालू माफिया ने खूनी खेल खेला वहीं इस घटना को लेकर नीतीश सरकार के शिक्षा मंत्री चंद्रशेखर ने शर्मनाक बयान दिया है। चंद्रशेखर ने कहा कि ऐसी घटनाएं होती रहती हैं। मध्य प्रदेश और उत्तर प्रदेश में भी होती हैं। शिक्षा मंत्री ने आगे कहा कि अपराधी है तो ऐसी घटना होती रहेगी ना। समय-समय पर होती है और अपराधियों को मुंहतोड़ जवाब दिया जाता है। अपराधी ज्यादा देर नहीं बच पाते, 24 से 48 घंटे में अपराधी जेल में होते हैं। चंद्रशेखर ने फिर दोहराया कि ऐसे अपराध नई बात नहीं है। इससे साफ पता चलता है कि मंत्री अपराधियों को शह दे रहे हैं।

पुलिस टीम पर बालू माफिया इस साल कर चुके 10 हमले
जमुई में बालू माफिया से जुड़ा ये कोई पहला मामला नहीं है। जमुई ही नहीं बल्कि बिहार के कई जिलों से बालू के अवैध खनन से जुड़े मामले आते रहे हैं।

♦ 14 नवंबर 2023 को जमुई में बालू लदे ट्रैक्टर को रोकने की कोशिश की तो ड्राइवर ने सब-इंस्पेक्टर को कुचल दिया।
♦ 18 अक्टूबर 2023 को जमुई में ही पुलिस की जांच टीम पर बालू माफियाओं ने हमला कर दिया था।
♦ 12 अक्टूबर को गया में बालू माफियाओं के हमले में दारोगा समेत दो जवान घायल हो गए थे।
♦ 1 अक्टूबर 2023 को पटना के मनेर में बालू माफिया ने पुलिस टीम पर फायरिंग कर दी थी।
♦ 14 सितंबर 2023 को नवादा में कादिरगंज में खनन टीम पर हमला कर बालू माफियाओं ने खनन निरीक्षक और सैप जवान को घायल कर दिया था।
♦ 20 अगस्त 2023 को गया में ट्रैक्टर पकड़ने गई पुलिस टीम पर बालू माफिया में हमला कर दिया था जिसमें एसएचओ समेत चार पुलिसकर्मी घायल हो गए थे।
♦ 26 जुलाई 2023 को नवादा में अवैध खनन रोकने गए दरोगा पर ट्रैक्टर चढ़ा दिया गया था।
♦ 21 जुलाई 2030 को बांका में छापेमारी करने गई पुलिस टीम पर बालू माफिया ने हमला बोल दिया था।
♦ 18 अप्रैल 2023 को पटना के बिहटा में खनन माफिया के हमले में एक महिला खनन निरीक्षक समेत तीन अधिकारी घायल हो गए थे।
♦ 23 फरवरी 2023 को छपरा में खनन निरीक्षक पर बालू माफियाओं ने हमला कर दिया था।

लालू यादव के बालू माफिया से पुराने संबंध
आखिर नीतीश की सरकार बालू माफिया हितैषी क्यों बन गई है। इसकी तह में जाएं तो पता चलता है कि लालू यादव के बालू माफिया से पुराने संबंध रहे हैं। एक रिपोर्ट्स के अनुसार बिहार के डिप्टी सीएम रहे सुशील कुमार मोदी ने आरोप लगाया कि बालू माफियाओं से लालू यादव के बेहद नजदीकी संबंध रहे हैं। यही वजह है कि बालू माफियाओं ने पूर्व सीएम और लालू की पत्नी राबड़ी देवी के तीन फ्लैट खरीद लिए हैं। उनके अनुसार ये सारा खेल बेनामी संपत्तियों की आड़ में किया गया है। उनके मुताबिक बालू माफिया सुभाष यादव ने अलग-अलग बालू कंपनियों के माध्यम से 18 फ्लैट्स की मालकिन राबड़ी देवी की मां मरछिया देवी कॉम्पलेक्स में 3 फ्लैट खरीद लिये। इसके लिये 1.72 करोड़ रुपये भुगतान की बात कही गई है। आरोपों के अनुसार आयकर विभाग की ओर से जब्ती के डर से ये तीनों फ्लैट एक ही दिन यानी 13 जून, 2017 को बालू माफियाओं के द्वारा खरीदा हुआ दिखाया गया है। मोदी के अनुसार सुभाष यादव, लालू का दाहिना हाथ है और ऐसे ही बालू माफियाओं की मदद से राबड़ी देवी बिना कुछ पूंजी लगाये करोड़ रुपये के 18 फ्लैट्स की मालकिन बन गईं।

बिहार में गुंडाराज, आनंद मोहन के साथ ही 27 लोग जेल से रिहा
जब से नीतीश कुमार ने लालू यादव की पार्टी राजद से हाथ मिलाया है, तब से बिहार में गुंडाराज आ गया है। चुनावी लाभ के लिए गुंडों को संरक्षण दिया जा रहा है। बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने अप्रैल 2023 में आनंद मोहन के साथ ही 27 वैसे लोगों को जेल से रिहा कर दिया जो कुख्यात अपराधी थे। इससे स्पष्ट होता है कि सरकार ने गुंडों और माफिया को संरक्षण देने के लिए कानून बदल दिया। नीतीश कुमार कभी लालू यादव के शासनकाल को जंगलराज कहा करते थे और आज वह खुद गुंडाराज को बढ़ावा दे रहे हैं। गोपालगंज के तत्कालीन डीएम जी कृष्णैया हत्याकांड में आजीवन कारावास की सजा काट रहे पूर्व सांसद आनंद मोहन को जेल से स्थायी तौर पर रिहा कर दिया गया। आनंद मोहन के साथ दर्जन भर जेलों में बंद 27 बंदियों को मुक्त करने का आदेश दिया गया। नेता से लेकर अधिकारी तक ने नीतीश सरकार के इस फैसले का विरोध किया था। सेंट्रल IAS एसोसिएशन ने बिहार सरकार द्वारा आनंद मोहन की रिहाई को लेकर नोटिफिकेशन जारी करने का विरोध जताया। यूपी की पूर्व मुख्यमंत्री मायावती ने आनंद मोहन की रिहाई का विरोध किया। यहां तक कि महागठबंधन में शामिल कांग्रेस और भाकपा माले ने भी इस फैसले का विरोध किया था।

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