राजस्थान विधानसभा चुनाव में एक ओर सीएम गहलोत अकेले पड़ते दिख रहे हैं तो दूसरी ओर कांग्रेस प्रत्याशी हार के डर से ओछी बयानबाजी पर उतर आए हैं। पीएम मोदी की राजस्थान में सभाओं और बीजेपी थिकं टैंक की रणनीति का पॉजिटिव असर राजस्थान की जनता पर दिख रहा है और वो तीन दशक से चले आ रहे बदलाव के रिवाज की ओर बढ़ रही है। इस बीच तारानगर से कांग्रेस प्रत्याशी बुड़ानिया ने मर्यादा की सारी हदें लांघते हुए बयान दे डाला है। बीजेपी के नेता प्रतिपक्ष राजेन्द्र सिंह राठौड़ के खिलाफ चुनाव लड़ रहे बुड़ानिया ने एक सभा में अपने समर्थकों से कह डाला है कि चुनाव जीतने के लिए किसी को भी मार डालो। कुछ भी करो हमें हर हाल में चुनाव जीतना है। बीजेपी ऐसी बयानबाजी की निर्वाचन आयोग से शिकायत करने का मन बना रही है।
‘चुनाव में किसी को मारना भी पड़े तो मार डालो, चुनाव हर हाल में जीतना है’
विधानसभा चुनाव में तारानगर सीट से कांग्रेस प्रत्याशी नरेंद्र बुडानिया का एक वीडियो तेजी से वायरल हो रहा है। इस वीडियो के वायरल होने के बाद ही लोगों को पता चल रहा है कि कांग्रेस प्रत्याशी किस स्तर भी भाषणबाजी का इस्तेमाल कर रहे हैं। वे किस हद तक गिरकर लोगों को उकसाने के लिए नैतिकता की सारी सीमाएं लांघ रहे हैं। दरअसल, वायरल वीडियो के साथ यह दावा किया जा रहा है कि कांग्रेस प्रत्याशी बुडानिया अपने भाषण में कह रहे हैं- ‘चुनाव में किसी को मारना भी पड़े तो मार डालो, चुनाव तो हर हाल में जीतना है।’
जनसंपर्क और प्रचार अभियान का बुडानिया का वीडियो वायरल
इस तेजी से वायरल हो रहे वीडियो में जमीन पर बैठे लोग और मंच से नरेंद्र बुडानिया संबोधित करते दिख रहे हैं। ऐसे में साफ है कि ये जनसंपर्क और प्रचार अभियान के दौरान का ही वीडियो है। वीडियो के साथ कैप्शन दिया गया है- ‘हार के डर से नरेंद्र बुडानिया ने अपने कार्यकर्ताओं को लोगों को मारने के लिए उकसाया।’ दरअसल, बुडानिया ने चुनाव जीतने के लिए किसी को मारने की बात कही है।
सोशल मीडिया पर ट्रौल- हार की बौखलाहट इतनी भी ठीक नहीं है
कांग्रेस प्रत्याशी के आपत्तिजनक वीडियो को सोशल मीडिया पर वायरल करते हुए यूजर्स ने अपने अलग-अलग रिएक्शन भी दे रहे हैं। सोशल प्लेटफॉर्म X पर एक यूजर ने लिखा कि -‘तारानगर के कांग्रेस प्रत्याशी नरेंद्र बुडानिया जी एक नया फतवा जारी कर रहे हैं ! सुनिए…! हार की बौखलाहट इतनी भी ठीक नहीं है।’ एक अन्य यूजर ने लिखा- ‘कांग्रेस प्रत्याशी जाट समाज के नरेंद्र बुडानिया का अपने समर्थकों को संदेश?’ वीडियो वायरल होने के बाद बुडानिया बौखला गए। इसके बाद कांग्रेस प्रत्याशी बुडानिया के अपने फेसबुक पेज पर अपने ही वीडियो को कांट-छांट वाला बता दिया। ऐसी घटिया राजनीति तारानगर में कभी स्वीकार नहीं की गई है।
पहले बोले थे- मुख्यमंत्री नहीं हूं, लेकिन मुख्यमंत्री से कम भी नहीं हूं..
यह पहला मौका नहीं है जबकि कांग्रेस नेता नरेन्द्र बुडानिया का वीडियो विवादों में आया हो। कुछ साल पहले भी उन्होंने अपनी ही सरकार के खिलाफ बयान दिया था, जो वायरल हो गया था। तब राजस्थान की महिला और बाल विकास राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) ममता भूपेश के बाद कांग्रेस के ही विधायक नरेन्द्र बुडानिया का एक वीडियो वायरल हुआ था, जिसमें वो कह रहे थे कि मैं मुख्यमंत्री तो नहीं हूं, लेकिन मुख्यमंत्री से कम भी बिल्कुल नहीं हूं। विधायक बुडानिया के चूरू बाईपास पर कहा कि जिन मुद्दों पर चुनाव लड़ा वे मंत्री नहीं बनने से कमजोर नहीं हुए। वो ही प्राथमिकताएं हैं। गहलोत ने मंत्री नहीं बनाया तो वे कमजोर हो गए, ये नहीं हो सकता। उन्होंने कहा कि वे इतना विश्वास दिलाना चाहेंगे कि वे अगर मुख्यमंत्री तो नहीं हैं, तो मुख्यमंत्री से किसी भी तरह कम भी नहीं हैं।
कांग्रेस दिग्गजों को घर में ही घेरने की भाजपा थिंक टैंक की रणनीति
राजस्थान विधानसभा चुनाव में भाजपा थिंक टैंक की रणनीति कांग्रेस दिग्गजों को घर में ही घेरने की है। ताकि मुख्यमंत्री अशोक गहलोत समेत ये नेता अपनी सीटों को बचाने में ही उलझे रहें और उन्हें प्रदेश भर में चुनाव प्रचार का ज्यादा मौका ही न मिले। इसके चलते भाजपा ने कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा, स्पीकर सीपी जोशी, पूर्व डिप्टी सीएम सचिन पायलट आदि के सामने अपने बड़े सूमराओं को उतारा है। इसके लिए बीजेपी ने कांग्रेस के दिग्गज नेताओं के लिए खास प्लान तैयार किया है, ताकि चुनावी समर में वोट बैंक की राजनीति के साथ-साथ उन्हें चौतरफा घेरा जा सके।
बीजेपी ने चुनाव में सांसदों को उतारकर कांग्रेस की सांसे फुलाईं
राजस्थान में विधानसभा चुनाव को लेकर बीजेपी चुनावी अभियान में जुटी हुई है। इधर, बीजेपी कांग्रेस को घेरने की तैयारी कर रही हैं। इसके लिए बीजेपी ने कांग्रेस के दिग्गज नेताओं के लिए खास प्लान तैयार किया है। जिसके माध्यम से बीजेपी इन नेताओं की उनके निर्वाचन क्षेत्रों में घेराबंदी करेगी। ताकि ये नेता अपने क्षेत्र से बाहर नहीं निकल सके। इसके लिए बीजेपी विशेष रणनीति पर काम कर रही हैं। बीजेपी ने कुछ मुकाबले की सीटों पर अपने सांसदों को उतारकर कांग्रेस की सांसे फुला दी हैं। बीजेपी की इस चाल के बाद कांग्रेस काफी समय तक तो इन सीटों पर उम्मीदवार ही घोषित नहीं कर पाई थी। इसके साथ ही बड़े नेताओं को घेरने की खास रणनीति के तहत बीजेपी का प्रयास रहेगा कि यह नेता अपने निर्वाचन क्षेत्र से बाहर नहीं निकल पाए। बीजेपी चुनाव प्रबंधन समिति के संयोजक नारायण पंचारिया ने दावा किया कि इस विधानसभा चुनाव में बीजेपी 2013 का रिकॉर्ड तोड़ते हुए बड़े अंतर से जीत हासिल करेगी।
महिला वोट बैंक को आकर्षित करने के लिए बीजेपी लगाएगी महिला चौपाल
बीजेपी की विशेष रणनीति के तहत राजस्थान में महिला चौपाल भी आयोजित करेगी। इसमें कांग्रेस विधायकों और मंत्रियों के भ्रष्टाचार को लेकर लोगों को बताया जाएगा। पंचारिया ने कहा कि महिला चौपाल के माध्यम से बताया जाएगा कि सीएम अशोक गहलोत अपनी सरकार बचाने के लिए विधायकों का समर्थन करते रहे। उन्होंने उनके खिलाफ कोई निर्णय नहीं लिया। इस दौरान प्रधानमंत्री मोदी की ओर से महिला आरक्षण अधिनियम अधिनियम की उपलब्धियां को भी बताया जाएगा। विधानसभा चुनाव को लेकर भाजपा की खास रणनीति है। इसमें महिला सशक्तिकरण को बढ़ावा देने और सनातन धर्म के अपमान को लेकर को बीजेपी अपना ध्यान केंद्रित कर रही है। इसको लेकर पद पर चुनाव प्रबंधन समिति के संयोजक नारायण पंचारिया ने बताया कि बीजेपी चौपाल और नुक्कड़ सभाओं के माध्यम से समाज के विभिन्न लोगों तक पहुंचने की योजना बना रही है। उसके माध्यम से बीजेपी चौपाल कर लोगों को गहलोत सरकार की विफलताओं से अवगत कराएगी।
अशोक गहलोत: सरदारपुरा में राजपूत वोटों को साधेंगे महेंद्र राठौड़
मुख्यमंत्री अशोक गहलोत अपने गृह जिले जोधपुर की सरदारपुरा विधानसभा सीट से एक बार फिर मैदान में उतरे हैं। भारतीय जनता पार्टी ने सरदारपुरा सीट से दिग्गज नेता महेंद्र सिंह राठौड़ को अपना उम्मीदवार बनाया है। इससे वोटों के जातीय ध्रुवीकरण में मुकाबला कांटे का हो गया है। महेंद्र सिंह राठौड़ जोधपुर विकास प्राधिकरण (जेडीए) के अध्यक्ष रह चुके हैं। उन्होंने कर्जदार जेडीए को 40 करोड़ के मुनाफे में पहुंचा दिया। उनकी न सिर्फ क्षेत्र में अच्छी पकड़ है, बल्कि भाजपा की राठौड़ को उतारने के पीछे की रणनीति राजपूत वोटों को साधना है।गोविंद सिंह डोटासरा: बीजेपी ने सेर को सवा सेर की रणनीति में फंसाया
कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा का शिक्षा मंत्री के तौर पर कार्यकाल वैसे ही विवादों में रहा है। दो बार एमएलए रह चुके डोटासरा तीसरी बार लक्ष्मणगढ़ ने चुनाव मैदान में हैं। लेकिन इस बार बीजेपी ने सेर को सवा सेर की रणनीति के तहत डोटासरा को फंसा दिया है। उनके मुकाबले सीकर से तीन बार सांसद रहे दिग्गज जाट नेता सुभाष महारिया को उतार दिया है। बता दें कि महारिया पहले कांग्रेस में थे, इसलिए उनकी कांग्रेस वोट बैंक में भी अच्छी पकड़ है। अब बीजेपी का साथ मिलने से उनकी ताकत और बढ़ गए है। डोटासरा पिछला चुनाव मात्र 22 हजार वोटों से जीते थे। ऐसे में 2-3 प्रतिशत का वोट स्विंग भी उनके लिए मुश्किलें खड़ी कर सकता है। ऐसे में प्रदेशभर में प्रदेश अध्यक्ष के नाते चुनाव प्रचार करने के बजाए डोटासरा घर में घिर गए हैं।
सचिन पायलट: टोंक में गुर्जर वर्सेज गुर्जर की लड़ाई में चौतरफा घिरे
विधानसभा चुनाव में पूर्व डिप्टी सीएम सचिन पायलट को तो दोहरी घेराबंदी का सामना करना पड़ेगा। सीएम गहलोत से छत्तीस के आंकड़े के चलते पार्टी में ही उनकी कारसेवा करने वाले कई सिपहसालार हैं। दूसरी ओर टोंक से पायलट के सामने बीजेपी ने तीन बार विधायक अजीत मेहता को उतारकर गुर्जर वर्सेज गुर्जर की दिलचस्प लड़ाई छेड़ दी है। टोंक विधानसभा क्षेत्र के गुर्जर बहुल होने के चलते इस बार गुर्जर मतों का बंटना तय है। वैसे भी गुर्जर कांग्रेस से इसलिए नाराज हैं कि उन्होंने पांच साल में पायलट को वादे के मुताबिक सीएम नहीं बनाया। बीजेपी ने इसके अलावा वरिष्ठ नेता रमेश विधूड़ी को भी यहां लगा रखा है। ऐसे में पायलट चौतरफा घिर गए हैं।
सीपी जोशी: पूर्व राज परिवार के विश्वराज सिंह ने दी बड़ी चुनौती
विधानसभा स्पीकर सीपी जोशी के नाम एक वोट से हारने के रिकॉर्ड रहा है। पांच बार विधायक रहे जोशी नाथद्वारा से चुनाव मैदान में हैं। बीजेपी ने उसके सामने उदयपुर के पूर्व राज परिवार से विश्वराज सिंह को चुनाव मैदान में उतार दिया है। मेवाड़ में वैसे भी राज परिवारों की तूती बोलती रही है। ऐसे में जोशी को इस बार बीजेपी की रणनीति के चलते कड़ी टक्कर मिलेगी। गुरुवार को उदयपुर आए पीएम मोदी ने भी नाथद्वारा से प्रत्याशी विश्वराज सिंह को मंच पर विशेष तवज्जो दी थी।