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मोदी विरोधियों देख लो: मोदी सरकार के नोटबंदी के फायदों का धुआंधार शतक

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नोटबंदी को 5 साल पूरे हो चुके हैं। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के इस ईमानदार फैसले ने देश की अर्थव्यवस्था को ऐसा संबल प्रदान किया, जिसकी छाप कोरोना काल में भी साफ-साफ नजर आई। महामारी के वक्त जब लॉकडाउन लगा, तो नोटबंदी के बाद मजबूत हुए डिजिटल पेमेंट के सिस्टम से लोगों को बड़ी राहत मिली। आज जब हम पीछे मुड़ कर देखते हैं तो पाते हैं कि भारत की डिजिटल इकोनॉमी दुनिया में पहले पायदन पर है। देश में कालाधन और करप्शन कम हुआ है। महामारी के बाद भी देश की अर्थव्यवस्था तेजी से आगे बढ़ रही है, साथ पारदर्शिता की वजह से विदेशी निवेश अपने उच्चत स्तर पर है। देखिए नोटबंदी से देश को हुए फायदों का धुआंधार शतक। 

मोदी सरकार के नोटबंदी के फैसले के 101 फायदे

01 डिजिटल इकोनॉमी आज पूरी दुनिया में हावी, नोटबंदी के फैसले से भारत इस मामले में दुनिया के टॉप देशों में शुमार

02 डिजिटल इकोनामी की वजह से दुनिया भर के निवेशक कर रहे भारत में निवेश, एफडीआई में हो रहा तेज इजाफा

03  करेंसी नोट कम होने से करप्शन पर लगाम, डिजिटल इकोनॉमी से लेन-देन में ट्रांसपेरैंसी बढ़ी

04 कालाधन कम होने से बैंकों के पास पैसा बढ़ा, कम ब्याज दर पर बैंकों से लोन 

05 डिजिटल ट्रांजेक्शन से लेन-देन को ट्रैक करना आसान, वित्तीय गड़बड़ियों पर नजर रखने में आसानी

06 नोटबंदी के बाद सरकार का बेनामी संपत्तियों पर एक्शन, देश में कई जगह रेड के बाद हो रही जब्ती

07 नोटबंदी से पहले 86 प्रतिशत बड़े नोट (500 और 1000 रु) सर्कुलेशन में थे, देश में बड़े नोटों का चलन कम हुआ  

08 अभी देश में 50-55 प्रतिशत 500 रुपये के नोट सर्कुलेशन में हैं, 200 रुपये के नोट करीब 14-15 फीसदी 

09 मोदी सरकार के नोटबंदी के फैसले से भारत में डिजिटल इकोनॉमी बढ़ी

10 कोरोना के बाद देश में तेज आर्थिक विकास के पीछे नोटबंदी के बाद तेजी से डिजिटल इकोनामी में इजाफा

11 नोटबंदी के बाद डिजिटल इकोनॉमी की वजह से 80% गरीबों को घर बैठे मुफ्त मिल रहा खाना 

12 डिजिटल इकोनॉमी की वजह से देश में रिकॉर्ड 100 करोड़ लोगों का वैक्सीनेशन

13 डिजिटल इकोनॉमी की वजह से किसानों के खाते में पहुंच रहे 2000 रुपये

14 नोटबंदी न हुई होती तो लोगों को सरकार की योजनाओं का 1 फीसदी लाभ भी नहीं मिलता

15 अक्टूबर 2021 में करीब 7.71  लाख करोड़ रुपये का डिजिटल लेनदेन

16 2025 तक भारत में डिजिटल भुगतान में तीन गुना इजाफा हो सकता है

17 रियल टाइम पेमेंट लेन-देन के मामले में भारत दुनिया में नंबर 1

18 भारत ने रियल टाइम पेमेंट के मामले में अमेरिका, चीन और जापान को भी पछाड़ा

19 नोटबंदी से देश में पैन कार्ड धारकों की संख्या बढ़ी, आज देशभर में 50.95 करोड़ से ज्यादा पैन कार्ड रखने वाले लोग।  

20 नोटबंदी के बाद पहली बार 31.71 करोड़ से ज्यादा पैन कार्ड आधार कार्ड से लिंक हुए हैं 

21 देश में 7 साल में अक्टूबर 2021 तक जनधन बैंक खातों की संख्या बढ़कर 44 करोड़ हो गई है

22 देश के जनधन खातों  में लोगों के करीब 1.5 लाख करोड़ रुपए जमा

23 नोटबंदी के फ़ैसले के बाद देश में टैक्स कलेक्शन तेजी से बढ़ा

24 वित्त वर्ष 2021-22 के लिए 22 सितंबर तक डायरेक्ट टैक्स कलेक्शन के रुप में 5,70,568 करोड़ रुपये जमा 

25 वित्त वर्ष 2021-22 में 22 सितंबर तक नेट कलेक्शन में वित्त वर्ष 2019-20 की तुलना में 27 प्रतिशत इजाफा

26 नोटबंदी के बाद सरकार ने 2,10,000 से ज्यादा फर्जी कंपनियों के खिलाफ एक्शन लिया।

27 नोटबंदी से आतंक और देश विरोधी हरकतों पर मोदी सरकार का तगड़ा वार

28 नोटबंदी के बाद डिजिटल इकोनॉमी बढ़ने से कागज के नोटों की जरूरत कम हुई 

29 नोटबंदी से 16.6 खरब नोट सिस्टम में वापस आ गए। 16 हजार करोड़ रुपये को छोड़कर सभी कैश बैंक में जमा हो जाने से बिना हिसाब वाले पैसों का पता चला।

30 कैश के बैंकिंग सिस्टम में आने से इस पैसे को कानूनी दर्जा मिला और अवैध धन रखने वालों के खिलाफ एक्शन का रास्ता खुला

31 नोटबंदी के बाद 17.73 लाख संदिग्‍ध मामलों की पहचान की गई, जिनमें 3.68 लाख करोड़ रुपये की हेरा-फेरी हुई थी।

32 आयकर विभाग द्वारा 9 नवंबर 2016 से लेकर मार्च 2017 के बीच चलाए गए करीब 900 सर्च अभियान में 900 करोड़ रुपये की संपत्ति सीज की गई।

33 नोटबंदी के 1 लाख 48,165 लोगों ने ही लगभग 4 लाख 92,207 करोड़ रुपये जमा किए। यानी भारत की 0.00011% जनसंख्या ने ही देश में उपलब्ध कुल कैश का लगभग 33 प्रतिशत जमा किया।

34 नोटबंदी के बाद 961 करोड़ रुपये की ऐसी प्रॉपर्टी का पता चला है जिसका कभी खुलासा ही नहीं किया गया था।

35 नोटबंदी के दौरान 35 हजार संदिग्ध फर्जी कंपनियों ने 17 हजार करोड़ डिपॉजिट किए, जो सरकार की नजर में आ गए।

36 बैंकों ने 35 हजार कंपनियों और 58 हजार बैंक खातों की जानकारी वित्त मंत्रालय को दी, जिसके बाद इन पर एक्शन लिया गया।

37 नोटबंदी के बाद एक कंपनी के 2,134 बैंक खातों के बारे में पता चला। इन कंपनियों के खातों में 10,200 करोड़ रुपये जमा किए गए थे, जो पकड़े गए।

38 नोटबंदी के बाद फर्जी कंपनियों के डायरेक्टर्स का भी पता लगा। इसके तहत पिछले तीन वित्तीय वर्षों से वित्तीय विवरण न भरने वाले 3.09 लाख कंपनी बोर्ड डायरेक्टर्स को अयोग्य घोषित कर दिया गया।

39 नोटबंदी के बाद पता लगा कि 3000 डायरेक्टर्स 20 से ज्यादा कंपनियों के बोर्ड डायरेक्टर थे, जो कानूनी सीमा से ज्यादा है।

40 नोटबंदी के बाद तीन लाख करोड़ से अधिक रकम बैंकों में जमा कराई गई।

41 नोटबंदी के बाद 23.22 लाख बैंक खातों में लगभग 3.68 लाख करोड़ रुपये के संदिग्ध कैश जमा हुए, जिसका पता सरकार को लग गया।

42 17.73 लाख संदिग्ध पैन कार्ड धारकों का पता चला।

43 बैंकों और वित्तीय संस्थानों ने 4.7 लाख से अधिक संदिग्ध लेन-देन की जानकारी इकट्ठा की।

44 जांच, जब्ती और छापों में 29,213 करोड़ रुपये की अघोषित आय का पता चला।

45 नोटबंदी के बाद से सोने की स्मगलिंग में बड़ी गिरावट आई, क्योंकि मार्केट में कम पूंजी थी और निगरानी सख्त हुई।

46 कैशलेस लेन-देन लोगों के जीवन को आसान बनाने के साथ-साथ हर लेन-देन से काले धन को हटाते हुए क्लीन इकोनॉमी बनाने में भी मददगार साबित हुआ है।

47 कैशलेस व्यवस्था से वस्तु एवं सेवाएं तो सस्ती हुई ही, साथ ही साथ आवास, शिक्षा, चिकित्सा उपचार आदि की लागत भी कम हुई है।

48 नोटबंदी से पहले भारत में पहले कुल 15.11 लाख पीओएस मशीनें थीं, लेकिन नोटबंदी के बाद पीओएस मशीनों से लेनदेन में तेज इजाफा हुआ। 

49 मोबाइल वॉलेट से भुगतान प्रक्रिया भी पकड़ रही गति

52 जिन इलाकों में इंटरनेट सेवा बेहतर वहां ई करेंसी चलन में

50 देश में रुपे कार्ड का चलन तेजी से बढ़ा

51 रुपे कार्ड से ट्रांजैक्शन को और ज्यादा सुरक्षित बनाने के लिए टोकन सिस्टम लाया गया

53 छोटे नोटों का चलन बढ़ने से नकली नोटों पर बड़ी चोट, देश में फेक करेंसी का चलन कम हो रहा

54 नोटबंदी के चलते आतंकवादियों और नक्सलवादियों की कमर टूट गई

55 नोटबंदी से देश को नुकसान पहुंचाने वाली इन घटनाओं में कमी  

56 पत्थरबाजों को पैसे देने के लिए अलगाववादियों के पास धन की कमी हो गई

57 कश्मीर में पत्थरबाजी की घटनाएं पिछले कई वषों की तुलना में नाममात्र की रह गईं 

58 साल 2016 में 2653 पत्थरबाजी की घटनाएं हुई थीं

59 साल 2017 में पत्थरबाजी की 1,412 घटनाएं सामने आईं 

60 कश्मीर में 370 निरस्त होने के बाद पत्थरबाजी के मामलों में 90 फीसदी की कमी

61 सरकार ने डिजिटल पेमेंट को बढ़ावा देने के लिए बाकायदा डिजिटल इंडिया कैम्पेन चलाया

62 नोटबंदी के बाद से EPFO, ESIC के सब्सक्राइबर्स की संख्या तेजी से बढ़ी

63 जो लोग अबतक कहीं नहीं थे, अब ऐसे लोग फॉर्मल इकोनॉमी से जुड़े

64 ईएसआईसी योजना से जुलाई 2021 में 13.21 लाख नए मेंबर्स जुड़े

65 ईएसआईसी योजना से अप्रैल 2021 में 10.72 लाख, मई में 8.87 लाख और जून में 10.58 लाख नए मेंबर्स जुड़े 

66 2020-21 में ईएसआईसी से जुड़ने वाले नए मेंबर्स की कुल संख्या 1.15 करोड़ रही

67 नोटबंदी के बाद CBDT की ओर से ऑपरेशन क्लीन मनी चलाया गया

68 इसमें उन लोगों की पहचान की गई जिनकी कमाई तो मोटी थी, लेकिन टैक्स नहीं भर रहे थे

69 2013-14 के मुकाबले 2018-19 में टैक्सपेयर रिटर्न में 35 परसेंट की बढ़ोतरी हुई

70 नोटबंदी से कॉर्पोरेट टैक्स कंप्लायंस में तेज इजाफा हुआ

71 वित्त वर्ष 2018-19 में कॉर्पोरेट टैक्सपेयर्स ने 9.64 करोड़ टैक्स रिटर्न भरे हैं

72 वित्त वर्ष 2021 में कॉर्पोरेट टैक्स कलेक्शन 4.57 लाख करोड़ रुपये रहा

73 नोटबंदी के बाद पूर्वोत्तर के राज्यों में आयकर संग्रह में रिकॉर्ड वृद्धि हुई है

74 नोटबंदी के कारण ‘कैश बब्बल’ यानी नकदी के ढेर से भारत बच गया

75 नोटबंदी के निर्णय ने भारत को अमेरिका की 2008 जैसी महामंदी से बचाया

76 चलनिधि यानी Liquidity की कमी से उत्पन्न हुई समस्या से मुक्ति मिली

77 नोटबंदी के बाद अधिक से अधिक क्षेत्रों को संगठित किया जाना संभव हुआ। 

78 संगठित किए जाने की वजह से गरीबों के लिए नौकरी के ज्यादा अवसर पैदा हुए

79 नौकरियों के संगठित होने से देश ने स्वच्छ अर्थव्यवस्था की तरफ कदम बढ़ाया

80 नोटबंदी के बाद मजदूरों के कई सारे अधिकार मिलने लगे हैं, सामाजिक सुरक्षा से जुड़ी सुविधाएं भी मिलनी शुरू हो गई है

81 श्रमिकों को अधिकार और सामाजिक सुरक्षा के साथ-साथ स्वास्थ्य सुविधाएं भी मिलनी शुरू हो गई हैं

82 नोटबंदी से बिचौलियों का अंत हुआ और श्रमिकों को सीधा भुगतान होने लगा

83 भुगतान सुनिश्चित करने के लिए वेतन भुगतान कानून (पेमेंट ऑफ वेजेज एक्ट) में ऐतिहासिक संशोधन किया गया

84 टैक्स कंप्लायंस में भारी वृद्धि हुई जिससे देश की जनकल्याणकारी योजनाओं पर खर्च करने की क्षमता में बढ़ोतरी हुई

85 सरकार का राजस्व बढ़ा और जन कल्याण एवं इन्फ्रास्ट्रक्चर पर अधिक से अधिक खर्च किया जा रहा है

86 सागरमाला और भारतमाला जैसी परियोजनाओं को नोटबंदी के बाद अधिक धन मुहैया कराया जा सका है।

87 नोटबंदी के बाद सीमावर्ती क्षेत्रों में सामरिक क्षमताओं के विकास में तेजी आ पायी है।

88 नोटबंदी के वक्त सेंसेक्स करीब 25 हजार के आस-पास था। अब सेंसेक्स 60 हजार के करीब पहुंच चुका है

89 नोटबंदी के वक्त निफ्टी करीब आठ हजार अंकों के करीब थी, जो अब 18,000 के करीब पहुंच चुका है

90 नोटबंदी के बाद निवेशकों का भरोसा बढ़ा है और बिकवाली घटी है। यानी भारतीय अर्थव्यवस्था में एक स्थायित्व का भाव है।

91 नोटबंदी से वित्तीय साधनों में बचत बढ़ने से लेकर शहरी निकायों के राजस्व में वृद्धि हुई

92 नोटबंदी के बाद देश भर के शहरी स्थानीय निकायों का राजस्व लगभग कई गुना बढ़ा है

93 नोटबंदी से रियल स्टेट जैसे क्षेत्रों में कालाधन पर शिकंजा

94 घर खरीदाराें को कीमताें में स्थिरता का लाभ भी मिल रहा है

95 नोटबंदी के बाद रियल स्टेट सेक्टर में लेन देन में पारदर्शिता आई

96 नोटबंदी से खरीदारों का रियल एस्टेट सेक्टर पर भरोसा लौटा 

97 नोटबंदी के बाद देश की अर्थव्यवस्था में मजबूतीअक्टूबर में जीएसटी कलेक्शन 1.3 लाख करोड़ रुपये के पार

98 देश में इनफॉर्मल इकॉनमी सिकुड़कर अब जीडीपी (GDP) का 20 फीसदी रह गई है 

99 कुछ साल पहले तक देश में इनफॉर्मल इकॉनमी का हिस्सा 50 फीसदी था

100 2021-22 में देश की जीडीपी ग्रोथ 9.5 फीसदी रहेने का अनुमान लगाया जा रहा है, जो दुनिया के दूसरे देशों के मुकाबले भारत की बढ़ती क्षमता को दिखाता है। 

101 IMF सहित दुनिया भर की तमाम रेटिंग एजेंसियों ने भारत की बड़ी अर्थव्‍यवस्‍था का स्थान बरकरार रखा, मोदी सरकार के फैसलों से देश की  अर्थव्यवस्था में ऊंची छलांग।  

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