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नोटबंदी का पंचम उत्सव : PM नरेंद्र मोदी ने बेईमानों के खिलाफ किया था ‘सर्जिकल स्ट्राइक’ का शंखनाद, बनी ईमानदार और दमदार प्रधानमंत्री की इमेज

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दुनिया को दिखलाया कि देश अब किसी के समक्ष झुकने वाला नहीं
विश्व के इतिहास में साल 2016 स्वर्णाक्षरों में लिखा जाएगा। इसी साल प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने विश्व को दिखलाया कि उनका देश अब किसी के समक्ष झुकने वाला नहीं है और देश की आन-बान और शान के लिए बड़े के बड़े और कड़े फैसले लेने में समर्थ है। इसी साल कुछ ही महीनों के फासले पर पीएम मोदी ने एक साथ दो-दो सर्जिकल स्ट्राइक कीं।भारत के इतिहास में पहली बार तीन माह में दो ‘सर्जिकल स्ट्राइक’
पहली सर्जिकल स्ट्राइक में पाक-परस्त देश के दुश्मन आतंकियों को पाकिस्तान में घुसकर मारा। भारत माता की रक्षा करने वाले वीर जवानों के खून का बदला आतंकियों और देश के दुश्मनों के खून के लिया गया। भारत के इतिहास में पहली बार किसी प्रधानमंत्री ने देश के स्वाभिमान के लिए इतनी बड़ी सर्जिकल स्ट्राइक की कि आतंकी अब तक थर-थर कांपते हैं। 2016 में ही 8 नवंबर को दूसरी सर्जिकल स्ट्राइक देश में रहकर देश को खोखला करने वाले भ्रष्टाचारियों, बेईमानों के खिलाफ की।आइये, आज जश्न मनाने का दिन है…
भारत जैसे विशाल देश में नोटबंदी जैसा निर्णय कोई आसान नहीं था, लेकिन प्रधानमंत्री ने अदम्य साहस दिखाया और देश की जनता ने उनका साथ दिया। पीएम मोदी के इस कड़े फैसले से जहां बेईमानों की ताकत घटी, वहीं ईमानदारों की ताकत बढ़ गई। इसके साथ ही भारत की अर्थव्यवस्था को नई शक्ति के साथ तेज गति मिली। 08 नवंबर 2016 को ऐतिहासिक नोटबंदी लागू किए हुए आज पांच साल पूरे हो गए हैं। नोटबंदी के अनेक फायदे सामने आए हैं। इसलिए आज जश्न मनाने का दिन है…नोटबंदी क्लीन इकोनॉमी बनाने में भी मददगार साबित
नोटबंदी के बाद भारतीय अर्थव्यवस्था लेस कैश सोसाइटी की ओर अग्रसर है। कैशलेस लेनदेन लोगों के जीवन को आसान बनाने के साथ-साथ हर लेनदेन से काले धन को हटाते हुए क्लीन इकोनॉमी बनाने में भी मददगार साबित हुआ है। नवंबर 2016 में जहां यूपीआई आधारित ट्रांजेक्शन सिर्फ 90 करोड़ रुपए का था अक्तूबर 2018 में बढ़कर 74978 करोड़ रुपए पर पहुंच गया है। अब अक्टूबर-2021 में जेट स्पीड के बढ़कर 6.5 लाख करोड़ हो गया है। इस दौरान 3.65 बिलियन यूपीआई ट्रांजेक्शन हुए।ब्याज दरों में दो प्रतिशत की कमी रियल एस्टेट के लिए वरदान
आज की तारीख में सभी कर्जों पर ब्याज की दरें काफी कम हो गयी हैं और मकान ऋण पर सरकार द्वारा भारी सब्सिडी भी अलग से दी जा रही है। नोटबंदी से पहले 1 अक्टूबर, 2016 धन की सीमांत लागत आधारित ब्याज दर (एमसीएलआर) एक माह के लिए 8.95 प्रतिशत और साल के लिए 9.05 थी। अब 15 सितंबर 2021 यह क्रमश: 6.65 प्रतिशत और 7.0 प्रतिशत ही रह गई है। बैंको के पास कैश का प्रचुर भण्डार है, जिससे उन्हें लोन बांटने और ब्याज दरें सीमित रखने में काफी सहूलियत हो गयी है। रियल एस्टेट क्षेत्र कालेधन के ट्रांजेक्शन्स के लिए बेहद ही आसान जरिया बन गया था। लेकिन नोटबंदी के निर्णय के बाद आम लोगों के लिए घर खरीदना बहुत सस्ता हो गया। नोटबंदी के कारण रियल एस्टेट सेक्टर अब अधिक पारदर्शी, संगठित, भरोसेमंद और खरीददारों के लिए अनुकूल साबित हो रहा है।नोटबंदी सुरक्षा की दृष्टि से भी कारगर साबित
नोटबंदी सुरक्षा की दृष्टि से भी कारगर साबित हुई है। आज पत्थरबाजी और नक्सली घटनाओं में जबरदस्त कमी आई है। बैंकिंग लेन-देन में ट्रांसपेरैंसी बढ़ने से संदिग्ध खातों पर नजर रखना और ट्रैक करना आसान हो गया है। इससे देश विरोधी गतिविधियों के लिए विदेशों से हो रही फंडिंग पर भी रोक लगी है। सेल कंपनियों और फर्जी एनजीओ के खिलाफ कार्रवाई इसका प्रमाण है। पहले जहां 86 प्रतिशत बड़े नोट(500 और 1000 रु) सर्कुलेशन में थे, वहीं वर्तमान समय में सिर्फ 18 प्रतिशत बड़े नोट सर्कुलेशन में हैं। इससे फेक करेंसी पर रोक लगी है। इन्हीं सब कदमों का परिणाम है कि बीते पांच वर्षों में देश में भ्रष्टाचार पर लगाम लगी है। इससे राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर मोदी सरकार की विश्वसनीयता बढ़ी है।सफल रही इस सर्जिकल स्ट्राइक के बड़े-बड़े फायदे

  • ITR दाखिल करने वालों की संख्या में हर साल हो रही है बढ़ोतरी।
  • नोटबंदी से असंगठित क्षेत्र के औपचारीकरण की प्रक्रिया तेज हुई है।
  • अब ट्रेस आउट हो रहा है कालाधन और बेईमान हो रहे हैं बेनकाब।
  • इकोनॉमी में अनौपचारिक क्षेत्र की हिस्सेदारी 52% से घटकर 20% हुई।
  • नोटबंदी की वजह से डिजिटल लेने-देन में अप्रत्याशित बढ़ोतरी हुई है।
  • इकोनॉमी सिस्टम में आ रही है स्वच्छता, फॉर्मल हो रही इकोनॉमी।
  • भविष्य में नोट छापने और उनके मेंटेनेंस का खर्चा काफी कम होगा।
  • इकोनॉमी के डिजिटाइजेशन से लेन-देन में काफी पारदर्शिता आई है।
  • किसानों के खातों में सीधे एमएसपी और 2000 रुपये पहुंच रहे हैं।
  • बैंकों के पास कैश भंडार होने से कम ब्याज दर पर लोन मिल रहे हैं।
  • डिजिटल इकोनॉमी के कारण विदेशों से भारी मात्रा में FDI आ रही है।
  • बैंकों में पैसा आने से बड़ी योजनाओं के लिए धन जुटाना आसान हुआ।
  • नगर निकाय और स्थानीय निकायों की आमदनी में भारी वृद्धि हुई है।
  • हर दिन रेड हो रहे हैं और बेनामी संपत्ति को जब्त किया जा रहा है।
  • भारतीय मुद्रा का स्वदेशीकरण होने से फेक करेंसी पर रोक लगी है।
  • बड़े नोटों का प्रचलन कम होने से फेक करेंसी पर लगाम लगी है।
  • अब तक करोड़ों की बेनामी संपत्ति जब्त, अघोषित आय का भी खुलासा।
  • नोटबंदी से 2.38 लाख से ज्यादा शैल (फर्जी) कम्पनियां पकड़ी गयीं।
  • पत्थरबाज़ी, टेररिज्म, नक्सलवाद, हवाला कारोबार पर लगाम लगी।ईमानदार सरकार और दमदार पीएम की इमेज बनी

इन सब बड़े फायदों के साथ कई और भी फायदे हुए हैं। मोदी सरकार की इमेज जनता में ईमानदार सरकार की बनी है। इसके साथ ही पीएम के रूप में नरेंद्र मोदी की इमेज और मजबूत होकर उभरी है। जनता ने नोटबंदी के फैसले को हाथोंहाथ लिया और नोटबंदी के बाद का हर चुनाव बीजेपी ने जीता है। जनता ने पहली बार विपक्षी नेताओं को इतना परेशान देखा। कुछ विपक्षी नेता तो बिलकुल ही अनाप-शनाप बयानबाजी कर रहे थे. राहुल, केजरीवाल, मायावती, अखिलेश और ममता बनर्जी तो इस फैसले के मुखर विरोधी थे. मायावती, अखिलेश और राहुल गांधी को तो जनता ने करारा जवाब दिया है।

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