रूस के यूक्रेन पर हमले के बाद भारत अपने छात्रों और नागरिकों के रेस्क्यू के लिए ‘ऑपरेशन गंगा’ चला रहा है। 18 हजार से अधिक भारतीयों को युद्धग्रस्त यूक्रेन से निकाला जा चुका है। वहीं यूक्रेन पढ़ने गए पाकिस्तानी छात्रों का बुरा हाल हो गया है। छात्रों के पास खाने के लिए पैसा नहीं बचे हैं।कई छात्रों की तबीयत खराब हो चुकी है। उन्हें मदद के लिए इधर-उधर भटकना पड़ रहा हैं। लेकिन पाकिस्तानी सरकार और दूतावास की तरफ से सिर्फ आश्वासन मिल रहा है।
यूक्रेन में मर जाते तो अच्छा होता – पाकिस्तानी छात्र
पाकिस्तानी छात्रों को असहाय छोड़ने पर पाकिस्तान की मीडिया में इमरान सरकार की खूब किरकिरी हो रही है। पाकिस्तानी मीडिया के मुताबिक पोलैंड की सीमा पर पाकिस्तानी छात्रों को बुलाकर बेसहारा छोड़ दिया गया है। छात्रोंं का रो-रोकर बुरा हाल है। छात्र कह रहे हैं कि पाकिस्तानी अधिकारियों से संपर्क नहीं हो रहा है। इससे अच्छा तो हम लोग मर जाते।वहीं पाकिस्तान के विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी छात्रों को सिर्फ हौसला बनाये रखने की दिलासा दे रहे हैं। कुछ छात्र कह रहे हैं कि इंडियंस को निकालने के लिए बसें आ रही हैं हमारे के लिए कुछ भी नहीं हो रहा है।
पाकिस्तान और टर्की के छात्रों ने किया तिरंगे का इस्तेमाल
भारत सरकार की कोशिश से ना सिर्फ भारतीय बल्कि पाकिस्तान और टर्की के छात्रों को भी मदद मिली। यूक्रेन से जंग के हालात में सुरक्षित निकलने के लिए पाकिस्तान और टर्की के छात्रों ने भी तिरंगे का इस्तेमाल किया। दरअसल भारतीय नागरिक तिरंगा झंडा हाथ में लेकर यूक्रेन से लगी सीमाओं पर सुरक्षित तरीके से पहुंच रहे हैं। इस दौरान कुछ पाकिस्तानी और टर्की के छात्र भी तिरंगा लेकर सुरक्षित तरीके से यूक्रेन से बाहर आने में कामयाब रहे।
#WATCH | “We were easily given clearance due to the Indian flag; made the flag using a curtain & colour spray…Both Indian flag & Indians were of great help to the Pakistani, Turkish students,” said Indians students after their arrival in Bucharest, Romania#UkraineCrisis pic.twitter.com/vag59CcPVf
— ANI (@ANI) March 2, 2022
यूक्रेन में फंसे छात्रों के लिए तिरंगा बना कवच
यूक्रेन से रोमानिया पहुंचे एक इंडियन स्टूडेंट ने बताया कि भारतीय ध्वज तिरंगे की मदद से हम और कुछ पाकिस्तानी व टर्की के छात्र भी सुरक्षित तरीके से हमारे साथ यहां आए। न्यूज एजेंसी एएनआई से बात करते हुए साउथ यूक्रेन के ओडेशा से आने वाले मेडिकल स्टूडेंट ने कहा कि भारतीय नागरिक होने पर और हाथ में तिरंगा लेकर चलने पर हमें किसी तरह की कोई परेशानी का सामना नहीं करना पड़ा।