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प्रधानमंत्री मोदी की G7 समिट में कई नेताओं से मुलाकात: आपसी सहयोग, रणनीतिक साझेदारी और वैश्विक मुद्दों पर चर्चा

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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कनाडा के कनानास्किस में चल रहे 51वें G7 शिखर सम्मेलन के दौरान यूके, इटली, जापान, मैक्सिको, दक्षिण कोरिया, ऑस्ट्रेलिया, दक्षिण अफ्रीका, फ्रांस और कनाडा के शीर्ष नेताओं से मुलाकात की है। इन नेताओं के साथ आपसी बैठक का मकसद भारत के वैश्विक सहयोग को मजबूत करना और प्रमुख अंतरराष्ट्रीय मुद्दों पर साझा रणनीतियों पर चर्चा करना रहा।

यूके के प्रधानमंत्री कीर स्टार्मर से मुलाकात
प्रधानमंत्री मोदी ने G7 समिट के दौरान ब्रिटेन के प्रधानमंत्री कीर स्टार्मर से मुलाकात की। दोनों नेताओं ने द्विपक्षीय संबंधों को और मजबूत करने पर चर्चा की। पीएम मोदी ने सोशल मीडिया पर कहा कि भारत-यूके के संबंध मजबूत हो रहे हैं, खासकर व्यापार और वाणिज्य के क्षेत्रों में। उन्होंने कहा कि दोनों देश इस दोस्ती को और गति देने के लिए मिलकर काम करेंगे।

इटली की प्रधानमंत्री मेलोनी से गर्मजोशी भरी बातचीत
पीएम मोदी और इटली की प्रधानमंत्री जियोर्जिया मेलोनी के बीच अनौपचारिक लेकिन मैत्रीपूर्ण बातचीत हुई। दोनों नेताओं ने भारत-इटली के बढ़ते सहयोग और दोस्ती पर जोर दिया। मेलोनी ने सोशल मीडिया पर मोदी के साथ अपनी तस्वीर साझा करते हुए लिखा, “इटली और भारत महान मित्र हैं,” जबकि पीएम मोदी ने इस दोस्ती को और मजबूत करने का आश्वासन दिया।

जापान के प्रधानमंत्री से विचार-विमर्श
पीएम मोदी ने जापान के प्रधानमंत्री शिगेरु इशिबा के साथ द्विपक्षीय संबंधों को गहरा करने पर चर्चा की और विभिन्न क्षेत्रों में सहयोग बढ़ाने की प्रतिबद्धता जताई।

दक्षिण कोरिया के राष्ट्रपति ली जे-मयोंग से चर्चा
पीएम मोदी और दक्षिण कोरिया के राष्ट्रपति ली जे-मयोंग ने व्यापार, अर्थव्यवस्था, ग्रीन हाइड्रोजन, शिपबिल्डिंग, सांस्कृतिक आदान-प्रदान और उभरती तकनीकों जैसे क्षेत्रों में सहयोग बढ़ाने पर सहमति जताई। साथ ही, वैश्विक और क्षेत्रीय चुनौतियों पर भी विचार-विमर्श किया।

मैक्सिको की राष्ट्रपति क्लाउडिया शिनबाम से पहली मुलाकात
प्रधानमंत्री मोदी ने मैक्सिको की राष्ट्रपति को उनकी ऐतिहासिक चुनावी जीत पर बधाई दी और भारत-मैक्सिको संबंधों को कृषि, फार्मा, डिजिटल इनोवेशन, अर्धचालक, स्वास्थ्य और महत्वपूर्ण खनिजों के क्षेत्र में बढ़ावा देने के अवसरों पर चर्चा की। उन्होंने राष्ट्रपति शिनबाम को भारत आने का निमंत्रण भी दिया।

ऑस्ट्रेलिया के प्रधानमंत्री से रणनीतिक साझेदारी पर चर्चा
पीएम मोदी ने ऑस्ट्रेलिया के प्रधानमंत्री एंथनी अल्बानीज के साथ भारत-ऑस्ट्रेलिया रणनीतिक साझेदारी को मजबूत करने पर बातचीत की। प्रधानमंत्री मोदी ने इस मुलाकात को “अच्छी” बताते हुए सोशल मीडिया पर साझा किया।

कनाडा के प्रधानमंत्री कार्नी से द्विपक्षीय संबंधों को नई दिशा
प्रधानमंत्री मोदी ने कनाडा के प्रधानमंत्री मार्क कार्नी से मुलाकात की, जो पिछले दस वर्षों में उनकी कनाडा की पहली यात्रा थी। दोनों नेताओं ने भारत-कनाडा संबंधों को पुनर्जीवित करने और सहयोग को बढ़ावा देने पर चर्चा की। उन्होंने क्लीन एनर्जी, डिजिटल ट्रांसफॉर्मेशन, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, खाद्य सुरक्षा, उच्च शिक्षा और आपूर्ति श्रृंखला जैसे क्षेत्रों में सहयोग के अवसरों पर सहमति जताई। दोनों पक्षों ने उच्चायुक्तों के जल्द वापसी सहित द्विपक्षीय संवाद को पुनः शुरू करने पर भी सहमति व्यक्त की।

दक्षिण अफ्रीका के राष्ट्रपति से बात
पीएम मोदी ने दक्षिण अफ्रीका के राष्ट्रपति सिरिल रामाफोसा से आपसी सहयोग बढ़ाने और वैश्विक मुद्दों पर विचार साझा किए।

फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों से मुलाकात
फ्रांस के राष्ट्रपति मैक्रों के साथ ‘पुल-असाइड’ बैठक में दोनों नेताओं ने द्विपक्षीय हितों और वैश्विक घटनाओं पर चर्चा की। पीएम मोदी ने कहा कि भारत और फ्रांस मिलकर ग्रह के बेहतर भविष्य के लिए काम करते रहेंगे।

जर्मनी के चांसलर फ्रेडरिक मर्ज से वार्ता
प्रधानमंत्री मोदी ने जर्मनी के चांसलर फ्रेडरिक मर्ज से भी मुलाकात की और व्यापार, निवेश, रक्षा, हरित ऊर्जा और तकनीक जैसे क्षेत्रों में सहयोग बढ़ाने पर चर्चा की। मोदी ने आतंकवाद के खिलाफ जर्मनी के समर्थन के लिए धन्यवाद भी दिया।

वैश्विक मंच पर भारत की भूमिका और ‘Global South’ की प्राथमिकताएं
प्रधानमंत्री मोदी ने G7 सम्मेलन में वैश्विक मुद्दों पर भारत की राय साझा की और विकासशील देशों (Global South) की प्राथमिकताओं को प्रमुखता देने पर जोर दिया। उन्होंने ‘Deep Fake’ जैसी नई तकनीकों से उत्पन्न चुनौतियों पर चिंता जताई और इसके लिए उचित नियमों की आवश्यकता पर बल दिया।

प्रधानमंत्री मोदी की यह यात्रा साइप्रस, कनाडा और क्रोएशिया के दौरे का हिस्सा है। G7 सम्मेलन में भारत की यह 12वीं और पीएम मोदी की लगातार 6वीं भागीदारी है। इस दौरान मोदी ने कई देशों के नेताओं से द्विपक्षीय सहयोग को मजबूत करने और वैश्विक चुनौतियों का सामना करने के लिए साझा रणनीतियों पर चर्चा की, जिससे भारत की वैश्विक भूमिका और प्रभाव बढ़ेगा।

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