महाराष्ट्र में कांग्रेस और एनसीपी के समर्थन से बनी उद्धव ठाकरे की शिवसेना सरकार हिंदू विरोधी है। उद्धव राज में राज्य के हिंदू खुद को सुरक्षित महसूस नहीं कर रहे हैं। पालघर लिंचिंग मामले के पांच महीने हो जाने के बाद भी शिवसेना सरकार कुछ खास नहीं कर पाई है। लिंचिंग केस में मृतकों के परिजनों ने सीबीआई जांच की मांग की है। उन्होंने आरोप लगाया कि महाराष्ट्र सरकार ने इस मामले में कुछ नहीं किया। दो साधुओं में से एक की मां ने महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे को पत्र लिखकर मामले की सीबीआई जांच की मांग की है। पिछले महीने, महाराष्ट्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में एक हलफनामा दायर कर दावा किया था कि केस में सीबीआई जांच की कोई जरूरत नहीं है और मुंबई पुलिस की सीआईडी इस मामले की जांच कर रही है।
#CBIForPalghar | We want a CBI inquiry, we don’t believe in the investigation by Maharashtra CID team: Sapna Mishra, victim’s family tells TIMES NOW. pic.twitter.com/JlcWIxqzYH
— TIMES NOW (@TimesNow) September 4, 2020
इधर टाइम्स नाउ की खबर के अनुसार महाराष्ट्र सरकार ने सबूत के साथ छेड़छाड़ की है और सही से गवाही दर्ज नहीं की गई है। खबर में यह भी कहा गया है कि साधुओं की हत्या के समय घटनास्थल पर एनसीपी का एक कार्यकर्ता काशीनाथ चौधरी भी मौजूद था। एनसीपी राज्य की शिवसेना सरकार में शामिल है। टाइम्स नाउ के अनुसार राजनीतिक दखल के कारण जांच सही दिशा में नहीं चल रही है।
#CBIForPalghar | Palghar lynching case: One of the members of the fact-finding committee alleges that an NCP leader was also seen among the mob that attacked the sadhus.
Take a look at the top reactions.
Kajal Iyer & Mohit Bhatt with details. pic.twitter.com/Rbhsl4YTSg
— TIMES NOW (@TimesNow) September 4, 2020
महाराष्ट्र में सरकार बदलते ही हिन्दू विरोधियों के हौसले बुलंद हो गए हैं। उन्हें ना तो कानून का डर है ना पुलिस का। राज्य में हिन्दुओं पर लगातार हमले हो रहे हैं, लेकिन कुर्सी बचाने के चक्कर में उद्धव ठाकरे की सरकार तुष्टिकरण में जुटी हुई है। पालघर में जिस तरह पुलिस की मौजूदगी में दो साधुओं और उनके ड्राइवर की मॉब लिंचिंग की गई, उससे राज्य के हिंदुओं में दहशत का माहौल है।
पालघर में साधुओं की मॉब लिंचिग: 16 अप्रैल, 2020
पालघर में पुलिस के सामने जूना अखाड़ा के दो साधुओं कल्पवृक्ष गिरि महाराज और सुशील गिरी महाराज को पीट-पीटकर मार दिया गया। जूना अखाड़े के दोनों साधु अपने ड्राइवर के साथ मुंबई से गुजरात के सूरत में अपने साथी गुरुभाई के अंतिम संस्कार के लिए जा रहे थे। दोनो साधुओं को ही उनका अंतिम संस्कार करना था, लेकिन जब इनकी गाड़ी महाराष्ट्र-गुजरात बॉर्डर के पास पालघर इलाके में पहुंची तो पुलिस ने उन्हें रोक लिया। इसके कुछ देर बाद आदिवासी बहुल इस इलाके में एक खास समुदाय के सैकड़ों लोगों की भीड़ ने लाठी-डंडे और इंट-पत्थरों से इनपर हमला कर दिया। हैरानी की बात यह है कि महाराष्ट्र पुलिस मूकदर्शक बन सारा तमाशा देखती रही। साधु पुलिस के सामने गिड़गिड़ाते रहे, लेकिन पुलिसवालों ने उन्हें भीड़ के हवाले कर दिया।
#महाराष्ट्र में:-
2 संतो की लिंचिंग ,पुलिस के सामने
पीट पीट कर मार डाला…!
बहुत ही दर्दनाक…कड़ा एक्शन
लीजिए
2 Saints mob #Lynched to death in front of @DGPMaharashtra in #Maharashtra Pls act @OfficeofUT @Dev_Fadnavis @AmitShah @narendramodi @swati_gspic.twitter.com/wyW5DyHeBR— Debashish Sarkar (@DebashishHiTs) April 19, 2020
नांदेड़ में साधु-सेवक की बेरहमी से हत्या: 23 मई, 2020
नांदेड़ के आश्रम में 23 मई की रात रुद्र पशुपति महाराज और उनके सेवक की हत्या कर दी गई। साधु का शव आश्रम में मिला, जबकि उनकी सेवा करने वाले सेवादार का शव आश्रम से कुछ दूर पर पड़ा मिला। सुबह जब शिष्यों ने उन्हें आश्रम में मृत देखा तो तुरंत पुलिस को सूचना दी।
A sadhu’s body was found at his Ashram in Nanded’s Umri late last night: Vijaykumar Magar, Superintendent Of Police, Nanded. More details awaited. #Maharashtra
— ANI (@ANI) May 24, 2020

शिवसेना अब मुस्लिमों की पार्टी बन चुकी है। उद्धव ठाकरे और आदित्य ठाकरे अब हिन्दू विरोध की राजनीति कर रहे हैं। जो घटनाएं सामने आ रही हैं, उससे यही बात साबित होती है कि शिवसेना इस्लामिक पार्टी बन चुकी है। आप भी देखिए-
*मुंबई में फ्री कश्मीर का समर्थन- 5 जनवरी 2019 को गेटवे ऑफ इंडिया पर टुकड़े-टुकड़े गैंग के लोग जेएनयू के समर्थन में बैठे थे और फ्री कश्मीर का पोस्टर-बैनर लहरा रहे थे। खास बात यह रही कि शिवसेना सांसद संजय राउत ने इसका समर्थन किया।
*जेएनयू हिंसा की तुलना 26/11 से– हिंदुत्व का चोला उतार चुके महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने जेएनयू हिंसा की तुलना कांग्रेस राज में देश में हुए सबसे बड़े आतंकी हमले 26/11 से की।
* जमाते इस्लामी की पिछलग्गू बनी शिवसेना- शिवसेना प्रमुख रहे बाला ठाकरे जिस मुस्लिम तुष्टिकरण के खिलाफ हमेशा हुंकार भरते थे अब शिवसेना सत्ता के लिए उसी के गोद में जाकर बैठी हुई है। उसी पार्टी के सांसद संजय राउत अब जमात-ए-इस्लामी के कार्यक्रम में शामिल होकर बाल ठाकरे का नया नारा गढ़ रहे हैं।
* हिंदू अल्पसंख्यकों का विरोध- शिवसेना ने नागरिकता संशोधन कानून का विरोध कर हिंदू विरोधी चेहरा दिखाया।
* वीर सावरकर के अपमान पर चुप्पी- वीर सावरकर के नाम पर वोट मांगने वाली शिवसेना ने राहुल गांधी के सावरकर विरोध वाले बयान पर चुप्पी साध ली।
* वंदे मातरम कराया बंद- विधानसभा सत्र के शुरुआत में वंदे मातरम पर लगाई रोक