राजस्थान में कांग्रेस सरकार का हिंदू विरोधी चेहरा एक बार फिर सामने आया है। अशोक गहलोत सरकार ने नवरात्रि के पावन अवसर पर जोधपुर संभाग के बाड़मेर जिले में स्थित हिंगलाज माता के मंदिर में धार्मिक अनुष्ठान पर रोक लगाने का फरमान जारी कर दिया। नवरात्रि के दौरान माता मंदिर में धार्मिक गतिविधियों का विशेष महत्व होता है, लेकिन राजस्थान के बाड़मेर जिले में पुलिस ने नवरात्रि के दौरान इस मंदिर में किसी भी तरह के धार्मिक अनुष्ठान पर प्रतिबंध लगा दिया है। फरमान के अनुसार, नवरात्रि के दौरान मंदिर में किसी भी तरह के धार्मिक आयोजन के लिए मनाही की गई है साथ ही आयोजन करने से पहले अनुमति लेने के लिए कहा गया है। नवरात्र के दौरान पूजा पर लगाई गई रोक को लेकर विवाद बढ़ गया है और श्रद्धालुओं में रोष है। मुस्लिम तुष्टिकरण की कांग्रेस की नीति कोई नहीं है। राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत का हिंदू विरोधी चेहरा इससे पहले भी कई बार सामने आ चुका है।
गहलोत सरकार की कुटिल चाल देखिए कि धार्मिक आयोजन पर प्रतिबंध का कारण खत्री समाज की आपसी गुटबाजी को बता दिया। नवरात्रि से ठीक पहले बाड़मेर की कोतवाली थाना पुलिस ने हिंगलाज माता मंदिर के प्रशासन को नोटिस थमाया है जिसमे पूर्व अनुमति के मंदिर के भीतर किसी प्रकार की धार्मिक गतिविधियों पर प्रतिबंध का जिक्र किया गया है। इसके पीछे पुलिस महकमे ने खत्री समाज की आपसी गुटबाजी को वजह बताई है। पुलिस ने अंदेशा व्यक्त किया है कि मंदिर में आपसी गुटबाजी को लेकर विवाद है, जो कभी भी उग्र हो सकता है और शांति भंग हो सकती है। ऐसी स्थिति में जब तक विवाद पूरा खत्म नहीं होता तब तक मंदिर में कोई धार्मिक कार्य न हो।
नवरात्रों में मंदिर जाने व भजन कीर्तन पर पाबंदी. अब और क्या बाक़ी है ?
‘जो Pakistanसे नहीं हुआ वो गहलोत ने कर दिया’ : राजस्थान में हिंगलाज माता के मंदिर में नवरात्रि से पहले धार्मिक आयोजनों पर प्रतिबंध, पुलिस ने जारी किया नोटिस https://t.co/KNLbhbVfQY via @OpIndia_in— Tarun Vijay தருண் விஜய் भारत के वीर सैनिकों की जय (@Tarunvijay) September 25, 2022
Can admin /police issue a notice on any pretext to a Church banning Christmas celebration or to a mosque prohibiting Eid celeb without govt’s approval ? Here in Barmer (Raj) police bans Navratra programmes in a Hinglaj Mata temple . Where hv all the brave Hindus gone ?Help pl pic.twitter.com/o50cCIl6Ps
— Tarun Vijay தருண் விஜய் भारत के वीर सैनिकों की जय (@Tarunvijay) September 25, 2022
जो काम पाकिस्तान ने नहीं किया उसे गहलोत सरकार ने कियाः तरुण विजय
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के विचारक और भाजपा नेता तरुण विजय ने इस मामले में राजस्थान की गहलोत सरकार पर निशाना साधा है। तरुण विजय का कहना है जो काम बलूचिस्तान और पाकिस्तान की सरकार नहीं कर सकी उसे राजस्थान की गहलोत सरकार ने किया। हिंदुओं के लिए काला दिन बताते हुए तरुण विजय ने कहा कि जो बवेजा और शाहबाज सरकार नहीं कर पाई, वह राजस्थान की गहलोत सरकार ने कर दिया। उन्होंने इस प्रतिबंध को लेकर कड़े विरोध का आह्वान किया। तरुण विजय ने सवाल किया कि क्या प्रशासन/पुलिस किसी चर्च द्वारा क्रिसमस के उत्सव या ईद मनाने पर बिना सरकार की अनुमति के प्रतिबंध लगा सकता है? इधर बाड़मेर (राजस्थान) में पुलिस ने हिंगलाज माता मंदिर में नवरात्र के कार्यक्रमों पर रोक लगा दी है। सभी बहादुर हिंदू कहां गए? मदद के लिए आगे आएं।
पाकिस्तान की सीमा पर राजस्थान के बाड़मेर क्षेत्र में स्थित इस मंदिर में जो ज्योति जलाई जाती है, वह वही ज्योति है जो पाकिस्तान के बलूचिस्तान में हिंगलाज शक्तिपीठ में जलाई जाती है। इस मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा के वक़्त इसे विशेष रूप से पाकिस्तान के बलूचिस्तान में स्थित हिंगलाज शक्तिपीठ से बाड़मेर लाया गया था। हिंगलाज माता शक्तिपीठ पाकिस्तान के बलूचिस्तान में स्थित है और इस शक्तिपीठ में हर साल हजारों लोग आते हैं। खासकर खत्री समुदाय के लोग अपने जीवन में एक बार इस मंदिर के दर्शन करना चाहते हैं। ऐसे में जब पाकिस्तान की सीमा से लगे राजस्थान के बाड़मेर जिले में हिंगलाज माता मंदिर की स्थापना की गई तो उस समय पाकिस्तान के बलूचिस्तान स्थित हिंगलाज शक्तिपीठ से इस मंदिर में जीवन की प्रतिष्ठा के लिए ज्योति जलाने का फैसला किया गया। 2006 में, पूर्व केंद्रीय मंत्री और भाजपा नेता जसवंत सिंह जसोल ने पाकिस्तान में खोखरापार के रास्ते मुनाबाओ से बाड़मेर तक हिंगलाज दर्शन के लिए बलूचिस्तान का दौरा किया। करीब चार दशक बाद दोनों देशों के बीच यह पहला मौका था जब सड़क मार्ग से कोई यात्रा की गई हो।
आमजन से अपील है कि सोशल मीडिया पर पुलिस द्वारा पूजा अर्चना रोकने की खबर बेबुनियाद व झूठी फैलाई जा रही हैं। इन अफवाहों पर ध्यान नहीं दें। pic.twitter.com/ybQBEh8nVT
— Barmer Police (@Barmer_Police) September 25, 2022
विवाद बढ़ने के बाद बाड़मेर पुलिस ने किया डैमेज कंट्रोल
इस पत्र के वायरल होने के साथ ही अब सोशल मीडिया पर बयानबाजी का दौर जारी है लोग इसे धार्मिक भावनाओं से जोड़कर देख रहे हैं। इस मुद्दे पर हिंदुओं के विरोध जताने, उनकी एकता देखने और प्रशासन पर दबाव बढ़ने के बाद अब बाड़मेर पुलिस ने डैमेज कंट्रोल करते हुए स्पष्टीकरण जारी किया है और आमजन से अपील है कि सोशल मीडिया पर पुलिस द्वारा पूजा अर्चना रोकने की खबर बेबुनियाद व झूठी फैलाई जा रही हैं। इन अफवाहों पर ध्यान नहीं दें।
अशोक गहलोत के मंदिरों के ध्वस्त करने और हिंदू विरोधी कार्यों पर एक नजर
राजस्थान सरकार की लापरवाही से खाटू श्याम मंदिर में भगदड़
इसी साल अगस्त में राजस्थान सरकार की लापरवाह कार्यशैली से सीकर के खाटूश्याम मंदिर में श्रद्धालुओं में भगदड़ मच गई थी। हिंदू धार्मिक स्थलों की अनदेखी के चलते मंदिर में यह हादसा हुआ जिसमें तीन श्रद्धालुओं की असमय मौत हो गई और कई घायल हो गए। हादसे में बड़ी लापरवाही सामने आई और भीड़ प्रबंधन के लिए पुलिस तैनाती भी पर्याप्त मात्र में नहीं की गई थी। है। यहां हर एकादशी को खाटू श्याम के दर्शन के लिए लाखों लोग आते हैं और पवित्र सावन माह की एकादशी में भारी भीड़ को कंट्रोल करने के लिए पुलिस अमला तक तैनात नहीं किया गया था।
राजस्थान के अलवर जिले में अतिक्रमण हटाने के नाम पर की गई कार्रवाई में इसी साल अप्रैल में राजगढ़ में तीन मंदिरों पर बुलडोजर चलवा दिया गया। इनमें से एक मंदिर तो 300 साल पुराना है। मंदिर में स्थापित शिव लिंग को कटर से काटा गया, जिससे उसका कुछ हिस्सा टूट गया। यही नहीं, अन्य मूर्तियों की भी बेकद्री करते हुए कचरे में डाल दिया गया। अतिक्रमण हटाने पहुंचे सरकारी कर्मचारियों ने जूते पहनकर मंदिर में तोड़फोड़ की। करीब दस साल पहले बने मास्टरप्लान के नाम पर नगर पालिका के अफसरों ने बिना नोटिस दिए तोड़फोड़ कर दी।
राजस्थान सरकार द्वारा राम दरवार को रात के अंधेरे में चोरी छिपे गिराये जाने की जितनी भर्त्सना की जाये कम है। रामलला के प्रति खानग्रेसीऔं के मन में कितनी घृणा है यह इस बात से पता चलता है कि द्वार को तोड़ते वक्त रामलला के मुर्ति को श्रद्धा सहित उतारना भी जरूरी नहीं समझा। धिक्कार है। pic.twitter.com/SCEGa3CBum
— Ranjan Choudhury (@Ranjan_Mumbai) March 20, 2022
चूरू जिले में राम दरबार के भव्य प्रवेश द्वार को रात के अंधेरे में ढहाया
इसी साल मार्च में चूरू जिले में देश प्रसिद्ध सालासर बालाजी के पास सुजानगढ़-सालासर मुख्य मार्ग पर स्थित राम दरबार की मूर्तियों वाले पत्थर के भव्य प्रवेश द्वार रात के अंधेरे में ढहा दिया गया। राम दरबार लगी मूर्तियों वाला यह प्रवेश द्वार जेसीबी और बुलडोजर से तुड़वाने का वीडियो अब सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है। वीडियो वायरल होने के बाद बीजेपी और हिन्दू संगठनों में आक्रोश फैल गया था।
राजस्थान में एक मात्र किन्नरों के मंदिर पर चला बुलडोजर
अतिक्रमण हटाने और गौरव पथ निर्माण के दौरान जिन मंदिरों पर बुलडोजर चला, उन मंदिरो में एक मंदिर किन्नरों के मंदिर के नाम से जाना जाता है. स्थानीय बुजुर्गो ने मंदिर के बारे में जानकारी देते हुए बताया कि राजस्थान में एकमात्र मंदिर है जो किन्नरों का है. इस मंदिर में सीता-राम और राधा-कृष्ण की जुगल मूर्ति स्थापित थी. मंदिर का निर्माण जयपुर रियासत काल में कराया गया था. राजगढ़ कस्बा बसने से पूर्व इस मंदिर के पास सराय थी. जहां उस काल में लोगों के ठहरने का एकमात्र स्थान था.
चोपड़ा कमेटी की रिपोर्ट को दबाए बैठी है गहलोत सरकार
करीब 14 साल पहले 30 सितंबर 2008 को जोधपुर के मेहरानगढ़ स्थित चामुंडा मंदिर में भगदड़ की घटना हुई थी। इसमें करीब 216 युवा श्रद्धालुओं की मौत हो गई थी। जिसके बाद इन हादसों को रोकने के लिए मंदिरों में पर्याप्त इंतजाम करने के दावे किए गए। मेहरानगढ़ हादसे की जांच के लिए जस्टिस जसराज चोपड़ा की अध्यक्षता में आयोग का गठन किया गया। उन्होंने मंदिरों की यात्रा में ऐसे हादसे दुबारा नहीं हो इसके लिए सिफारिशें भी की और अपनी रिपोर्ट सरकार को सौंपी। लेकिन आज तक रिपोर्ट का खुलासा नहीं हुआ।
कांग्रेस का हिंदुओं के साथ खुलकर भेदभाव, कांग्रेस शासित राज्यों में हिंदू दोयम दर्जे के नागरिक
कांग्रेस शासित राज्यों में धर्म के आधार पर हिन्दुओं के साथ किस तरह खुलकर भेदभाव किया जाता है, इसका एक और प्रमाण राजस्थान के जोधपुर और श्रीगंगानगर में मिला है। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने एक ही जैसी दो घटनाओं पर ढाई घंटे में दो अलग-अलग ट्वीट्स कर जो संवेदना व्यक्त की, उससे पता चलता है कि कांग्रेस मौत के मालमों को भी हिन्दू और मुस्लिम के नजरिए से देखती है। जहां एक ट्वीट में पीड़ित मुस्लिम परिवार को सम्मान के साथ मुआवजे देकर संवेदना व्यक्त की गई है, वहीं दूसरे ट्वीट में पीड़ित हिन्दू परिवार को सिर्फ संवेदना व्यक्त कर खानापूर्ति कर दी गई है। इससे कांग्रेस की हिन्दू विरोधी मानसिकता फिर सामने आई है।
इस ट्वीट के ठीक ढाई घंटे के बाद शाम 6 बजकर 16 मिनट पर मुख्यमंत्री गहलोत ने अपने ट्विटर हैंडल से दो ट्वीट किया था। इसमें मुख्यमंत्री के गृह क्षेत्र जोधपुर के फलोदी के बेंदती कला गांव की घटना का ज़िक्र किया गया था। ये घटना भी तालाब में डूबने से दो युवकों की मृत्यु की रही। हालांकि इस ट्वीट में मृतकों को सम्मान स्वरुप ‘श्री’ का तमगा दिया गया और मुआवज़े का ऐलान भी किया गया।
कांग्रेस शासित राज्यों में हिन्दू होना गुनाह बन गया है। हिन्दुओं को न तो सुरक्षा मिल रही है और न ही सुविधाएं। हिन्दुओं के साथ धर्म के आधार पर खुलकर भेदभाव किया जा रहा है। जहां हिन्दुओं पर तमाम तरह की पाबंदियां लगाई जाती हैं, वहीं मुस्लिमों को खुश करने के लिए नियमों की खुलेआम धज्जियां उड़ाई जाती हैं। इसका प्रमाण इसी साल जुलाई में राजस्थान में रीट एग्जाम के दौरान देखने को मिला। एग्जाम के दौरान आई तस्वीरों से पता चलता है कि कांग्रेस शासित राज्यों में अघोषित रूप से दो विधान लागू है।
गहलोत सरकार ने नकल रोकने की आड़ में जिस तरह हिन्दू महिलाओं के साथ भेदभावकारी और अपमानजनक बर्ताव किया, वो हिन्दुओं से नफरत को दर्शाता है। परीक्षा के दौरान जितनी चीजों पर रोक लगाई गई थी, सबके सब हिंदुओं से जुड़ी थी, जबकि हिजाब पर न कोई रोक और न कोई टोक था। प्रशासन की नजर में दुपट्टा से नकल को बढ़ावा मिल सकता है, जबकि हिजाब नकल रोकने में मददगार साबित हो सकता है। इसलिए हिजाब को मुस्लिम परीक्षार्थियों को साथ में ले जाने की छूट दी गई।
राजस्थान में कोटा पुलिस ने गणेश चतुर्थी और दुर्गा पूजा के लिए मूर्तियां बनाने वाले मूर्तिकारों को कुछ प्रतिबंधों के साथ तुगलकी फरमान जारी किेए। इनमें प्रतिमाओं की ऊंचाई 3 फीट से अधिक नहीं होने की बात भी कही गई है। 4 अगस्त, 2022 को भेजी गई नोटिस में कहा गया कि इन आदेशों का पालन नहीं करने वालों की मूर्तियां जब्त कर ली जाएंगी।
हिन्दुओं के साथ किस तरह भेदभाव किया जाता है, इसका सबूत पुलिस के इस नोटिस में मिला है। जिसमें लिखा गया कि गणेश चतुर्थी, दुर्गा पूजा और अनंत चतुर्दशी में बनी प्रतिमाओं का विसर्जन चंबल नदी और किशोर सागर तालाब में किया जाता है। इससे जल प्रदूषण होता है और जलीय जंतुओं को खतरा पैदा होता है। अगर कोई प्लास्टर ऑफ़ पेरिस की मूर्ति बनाता पाया गया तो उसकी मूर्ति जब्त कर ली जाएगी।”
जहां बकरीद के समय पुलिस पशु हत्या पर मूकदर्शक बन जाती है, वहीं हिन्दू धर्म पर उसे पर्यावरण और जलीय जंतुओं की चिंता सताने लगती है। प्रदूषण को होने वाले नुकसान का बहाना बनाकर नोटिस जारी करती है। इस नोटिस का मकसद सिर्फ हिन्दुओं को परेशान करना और मूर्तिकारों को नुकसान पहुंचाना है। सुजीत नाम के एक ट्विटर यूजर ने पुलिस के इस तुगलकी फरमान पर लिखा, “मुगल शासन भी ऐसा ही होगा। गजानन 3 फुट से ज्यादा के न हों। जल प्रदूषित होता है। सिर्फ हिंदू त्योहार से ही जल, वायु, अग्नि, ध्वनि, भूमि, प्रदूषण होता है क्या?”