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राहुल गांधी के ‘मिलने ना देने’ के एक और ‘झूठ’ का पर्दाफाश- देखिए LoP बनने के बाद विदेशी नेताओं से मुलाकात की लिस्ट

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सभी फोटो- सोशल मीडिया

लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष बनने के बाद कांग्रेस नेता राहुल गांधी को शायद लगा कि उनका कद इतना बड़ा हो गया है कि अब हर विदेशी मेहमान को उन्हें ‘सलाम’ ठोकना चाहिए। और जब कुछ विदेशी राष्ट्राध्यक्षों ने उनसे मुलाकात नहीं की, तो उन्होंने सीधे मोदी सरकार पर ‘मिलने ना देने’ का आरोप लगा दिया। रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के भारत पहुंचने से ठीक पहले राहुल गांधी ने मोदी सरकार पर एक गंभीर और बड़ा आरोप लगाते हुए कहा कि केंद्र सरकार विदेश से आने वाले राष्ट्राध्यक्षों और प्रतिनिधिमंडलों को नेता प्रतिपक्ष से न मिलने की ‘सलाह’ देती है। राहुल गांधी ने कहा कि यह एक पुरानी परंपरा है कि विदेशी मेहमान विपक्ष के नेता से मिलते हैं, लेकिन मोदी सरकार इस परंपरा को तोड़ रही है और चाहती है कि विपक्ष को अंतरराष्ट्रीय मंच पर नजरअंदाज किया जाए।

उन्होंने अटल बिहारी वाजपेयी और मनमोहन सिंह की सरकारों का उदाहरण देते हुए कहा कि तब ऐसा कभी नहीं हुआ। राहुल गांधी की बहन और कांग्रेस सांसद प्रियंका गांधी वाड्रा ने भी बयान का सपोर्ट करते हुए कहा कि सरकार प्रोटोकॉल फॉलो नहीं कर रही।

राहुल गांधी और प्रियंका गांधी वाड्रा के दावा से ऐसा लगता है जैसे विदेश मंत्रालय बाहर से आने वाले डेलिगेट्स के कान में फुसफुसा कर कहता है कि देखो, उस LoP से मत मिलना! यह इल्जाम किसी राजनीतिक नौसिखिए की तरह था, लेकिन जब सरकारी सूत्र और बीजेपी ने हकीकत सामने रखी, तो राहुल गांधी का सारा ड्रामा और ज्ञान धड़ाम हो गया। सरकारी सूत्रों के अनुसार विदेशी डेलिगेशन अक्सर व्यस्त एजेंडे के साथ भारत आते हैं। वे किससे मिलना चाहते हैं और किसे नजरअंदाज करते हैं, यह उनका निजी फैसला होता है। ऐसे में बीजेपी प्रवक्ता ने जो तंज कसा है, वह राहुल गांधी के राजनीतिक कद पर सीधा वार है कि “अगर कोई विदेशी मेहमान राहुल गांधी से नहीं मिलना चाहता, तो इसमें सरकार क्या कर सकती है?”

चर्चा में बने रहने और अपनी वैल्यू बढ़ाने के लिए राहुल गांधी अक्सर सरकार पर झूठा इल्जाम लगाते रहते हैं। लेकिन उनके दावों पर एक नजर डाली जाए तो एक अलग ही तस्वीर नजर आती है। हकीकत एकदम उलट है और राहुल का रोना-धोना बिल्कुल बेबुनियाद है। मजे की बात यह कि LOP बनने के बाद खुद राहुल गांधी से कई बड़े विदेशी नेता मिल चुके हैं. फिर भी कहते घूम रहे हैं कि ‘मिलने नहीं देते’।

आप भी देखिए उन विदेशी नेताओं की लिस्ट, जो ‘रोके जाने’ के बावजूद राहुल गांधी से खुशी-खुशी मिल चुके हैं!

बांग्लादेश की पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना ने 10 जून 2024 को राहुल गांधी के साथ सोनिया गांधी और प्रियंका गांधी वाड्रा से मुलाकात की।

वियतनाम के प्रधानमंत्री फाम मिन्ह चिंग ने 1 अगस्त, 2024 को उनकी माात सोनिया गांधी और पार्टी अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे से भेंट की।

मलेशिया के प्रधानमंत्री अनवर इब्राहिम ने 21 अगस्त, 2024 को उनसे मुलाकात की।

न्यूज़ीलैंड के पीएम क्रिस्टोफर लक्सन ने 8 मार्च 2025 को राहुल गांधी से मुलाकात की।

मॉरिशस के प्रधानमंत्री नवीनचंद्र रामगुलाम भी 16 सितंबर, 2025 को सोनिया गांधी के साथ उनसे मुलाकात की।

इतना ही नहीं नॉर्वे के विदेश मंत्री एस्पेन बार्थ ईडे ने भी 19 मार्च 2025 को उनसे मुलाकात की।

अब विपक्ष के नेता राहुल गांधी से ही सवाल है: अगर सरकार सच में रोक रही होती, तो ये सभी हाई-प्रोफाइल मुलाकातें कैसे हुईं? क्या ये सारे विदेशी मेहमान ‘बैन’ तोड़कर उनके घर छुप-छुपकर ‘चाय’ पीने गए थे? आप खुद सोचिए!

कांग्रेस के ‘युवराज’ राहुल गांधी झूठों के सरताज, देखिए झूठ की लंबी होती जा रही फेहरिस्त
भारत और मोदी सरकार को बदनाम करने के लिए विदेशी ताकतें तरह-तरह के नैरेटिव बनाती हैं। बिना किसी तर्क के ऐसे नैरेटिव्स को आगे बढ़ाने में काम कांग्रेस के युवराज और सांसद राहुल गांधी करते हैं। इसलिए उनके झूठ की फेहरिस्त इतनी लंबी है कि यदि वे खुद इसे देख लें तो शर्मसार हो जाएं। गांधी परिवार में झूठों के सरदार राहुल गांधी तो झूठ बोलने में नित-नए रिकॉर्ड बना रहे हैं। यहां तक कि अपने झूठ और गलतबयानी के लिए राहुल गांधी को कोर्ट तक से माफी मांगनी पड़ी है। लेकिन झूठ बोलने की आदत है कि जाती ही नहीं। किसी शायर ने क्या खूब कहा है कि झूठ दर झूठ बोले हैं तुमने सनम, सोचोगे तो दिल भी दहल जाएगा…राहुल गांधी के झूठ के कारोबार पर यह पंक्तियां एकदम सटीक बैठती हैं। क्योंकि वे एक के बाद एक कितने झूठ बोल रहे हैं कि इसका अंदाजा खुद उन्हें भी नहीं हैं। राहुल गांधी ने तो चीन से लेकर पाकिस्तान तक, सेना से लेकर राफेल तक और ईवीएम से लेकर वोट चोरी तक इतने झूठ बोले हैं कि खुद झूठ को ही अपने-आपसे शर्म आ रही है।

आइए, जानते हैं कि नेता प्रतिपक्ष के अहम पद पर रहते हुए और उससे पहले राहुल गांधी के झूठ पर झूठ की पोल कैसे खुलती गई…

झूठ नंबर 29
विदेशी नेताओं से न मिलने देने का आरोप निकला झूठ
04.12.2025
लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी ने मोदी सरकार पर विदेशी राष्ट्राध्यक्षों को विपक्ष से न मिलने देने का गंभीर आरोप लगाया, लेकिन सच्चाई इसके विपरीत निकला। LOP बनने के बाद भी राहुल गांधी कई बड़े विदेशी नेताओं से मिल चुके हैं, जो उनके दावे को पूरी तरह खारिज करता है। बांग्लादेश की पूर्व पीएम शेख हसीना, मलेशिया के पीएम अनवर इब्राहिम, और न्यूजीलैंड के पीएम क्रिस्टोफर लक्सन जैसी हस्तियों की उनसे हुई मुलाकातें साबित करती हैं कि उनका यह आरोप बेबुनियाद और केवल राजनीतिक बयानबाजी है।

झूठ नंबर 28.
अमन कुमार ने खोली राहुल गांधी के झूठ की पोल
20.08.2025 

राहुल गांधी ने अपनी वोट अधिकार यात्रा में निर्दोष मतदाताओं को झूठ बोलने के लिए मजबूर करने का नया चलन अपनाया है। कांग्रेस और आजेडी के कार्यकर्ता पहले झूठ बोलने के लिए भोले-भाले लोगों को फंसाते हैं और फिर राहुल गांधी उस झूठ पर अपने नाम की मुहर लगाकर झूठ के कारोबार को आगे बढ़ाते हैं। बिहार के अमन कुमार भी ऐसे ही राहुल गांधी के झांसे में आ गए। राहुल गांधी ने आरोप लगाया कि अमन कुमार का वोट जानबूझकर काट दिया गया है। गरीबों से वोट का अधिकार छीना जा रहा है। लेकिन अमन कुमार ने राहुल के झूठ की पोल खोलकर रख दी। उसने बताया कि नई मतदाता सूची में उसका नाम मौजूद है।

झूठ नंबर 27.
बिहार के सुबोध पर राहुल का ट्वीट निकला झूठा

19.08.2025
विपक्ष के नेता राहुल गांधी ने ऐसा ही झूठ बिहार के सुबोध कुमार को लेकर बोला। राहुल गांधी ने एक वीडियो में सुबोध कुमार से दावा कराया कि उनका नाम वोटर लिस्ट से काट दिया गया है। राहुल गांधी ने बिहार से एक वीडियो सोशल मीडिया पर शेयर करते हुए कहा, “जो सुबोध कुमार जी के साथ हुआ, वही लाखों लोगों के साथ बिहार में हो रहा है। वोट चोरी भारत माता पर आक्रमण है, बिहार की जनता ये होने नहीं देगी।” बाद में चुनाव आयोग ने फैक्ट चेक करके बताया कि सुबोध RJD का बूथ एजेंट है। उसका नाम SIR-2025 से पहले भी वोटर लिस्ट में नहीं था तो एकदम आरोप झूठा है।

झूठ नंबर 26.
राहुल के झूठ का रंजू देवी ने किया पर्दाफाश!

18.08.2025
बिहार की वोटर अधिकार यात्रा में राहुल ने वोट चोरी का झूठ बार-बार फैलाने की असफल कोशिश की। राहुल ने बिहार के नौहटा प्रखंड की भोली-भाली रंजू देवी के जरिए झूठ बोला कि उनके परिवार के छह लोगों का नाम वोटर लिस्ट से कट गया है। लेकिन बीएलओ की मतदाता सूची ने राहुल के झूठ की पोल खोल दी। इसके बाद रंजू देवी ने बताया कि उनको ऐसा कहने के लिए राहुल और तेजस्वी यादव के आदमियों ने ही बोला था और कहा था उनके सामने कहोगी तो राहुल गांधी वोटर लिस्ट में नाम जुड़वा देंगे। लेकिन असलियत यह है कि नई वोटर लिस्ट में रंजू देवी समेत सभी छह परिजनों के नाम दर्ज हैं।

झूठ नंबर 25.
राहुल ने शकुन के दो बार वोट देने का झूठ बोला

10.08.2025
कांग्रेस सांसद राहुल गांधी ने चुनाव आयोग की कार्यवाही पर बार-बार सवाल खड़े कर रहे हैं। उन्होंने कर्नाटक चुनाव में वोट चोरी और फर्जी वोटर आईडी के आरोप लगाए। 7 अगस्त को राहुल गांधी ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर आरोप लगाया था कि शकुन रानी नामक महिला ने दो बार मतदान किया। कर्नाटक के मुख्य निर्वाचन अधिकारी का कहना है कि उनके कार्यालय ने इन आरोपों की शुरुआती तौर पर जांच की है। पता चला है कि राहुल गांधी की ओर से प्रेजेंटेशन में दिखाए गए टिक मार्क ईसी के ऑफिसियल डॉक्युमेंट नहीं है। वहीं, शकुन रानी ने भी बयान दिया है कि उन्होंने केवल एक बार ही मतदान किया है न कि दो बार। इसके बाद 9 अगस्त को चुनाव आयोग ने कांग्रेस सांसद राहुल गांधी को एक बार फिर चेतावनी दी है कि मतदाता सूचियों के संबंध में लगाए गए आरोपों के समर्थन में वे शपथ पत्र दें या झूठे आरोपों के लिए देश से माफी मांगें।

झूठ नंबर 24.
CSDS के झूठे डेटा ने वोट चोरी मुद्दे की हवा निकाली

17.08.2025
कांग्रेस सांसद राहुल गांधी दिल्ली स्थित एक प्रमुख सर्वेक्षण एजेंसी – सेंटर फार स्टडी आफ डेवेलपिंग सोसायटीज (सीएसडीएस) के ‘झूठे आंकड़ों’ को आधार बनाकर महाराष्ट्र की मतदाता सूची में वोट चोरी का आरोप लगाते हुए भाजपा और चुनाव आयोग पर हमलावर हुए थे। राहुल गांधी ने जिस CSDS के डेटा के आधार पर आरोप लगाए, उसी के प्रमुख संजय कुमार ने अपनी बड़ी गलती के लिए माफी मांगते हुई अपना ट्वीट डिलीट कर दिया। ऐसे में झूठ पर झूठ बोले जा रहे राहुल का बम फिर से फुस्स हो गया। राहुल गांधी के वोट चोरी मुद्दे की भी हवा निकल गई।

झूठ नंबर 23.
कमला हैरिस से फोन की बात निकली झूठी

13.07.2024
कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने इस बार झूठ बोलकर अपनी इंटरनेशनल बेइज्जती कराई है। राहुल के कहने पर कांग्रेसी पक्षकारों ने दुनिया भर में एक खबर फैलाई कि अमेरिका की तत्कालीन उपराष्ट्रपति कमला हैरिस ने 11 जुलाई 2024 को राहुल गांधी से फोन पर बात की है। तब नवंबर में अमेरिका में राष्ट्रपति चुनाव होने वाला था और राष्ट्रपति जो बाइडन के हेल्थ इश्यू के कारण कमला हैरिस के राष्ट्रपति उम्मीदवार बनने की चर्चा जोरों पर थी। राहुल गांधी के साथ उनकी फोन पर बात होने की खबर देश-दुनिया में सुर्खियों में आ गई। कांग्रेसी नेता इसे जोर-शोर से प्रचारित-प्रसारित करने लगे। लेकिन जल्द ही इसका पर्दाफाश हो गया कि कमला हैरिस ने राहुल गांधी से कोई बात नहीं की है। अमेरिका में पीटीआई के पत्रकार ललित के झा ने साफ किया कि उपराष्ट्रपति कार्यालय ने इस बात से इनकार किया है कि कमला हैरिस की भारत के विपक्ष के नेता राहुल गांधी के साथ फोन पर कोई बात हुई है।

झूठ नंबर 22.
EVM पर झूठ फैलाने के लिए राहुल-राठी साथ-साथ

11.07.2024
राहुल गांधी ने ध्रुव राठी के साथ मिलकर एक नैरेटिव बनाया गया कि ईवीएम को हैक किया जा सकता है। लोकसभा चुनाव के रिजल्ट आने के 11 दिन बाद कांग्रेस ने ईवीएम को लेकर यह झूठ फैलाया। यहां तक कि बिजनेसमैन एलन मस्क ने 15 जून को लिखा- EVM को खत्म कर देना चाहिए। इसके एक दिन बाद 16 जून, 2024 को मिड डे ने एक सनसनीखेज रिपोर्ट प्रकाशित की कि ईवीएम को हैक किया जा सकता है, जिसने राजनीतिक हलकों और आम जनता में विवाद खड़ा कर दिया। चुनाव अधिकारी ने मिड-डे की रिपोर्ट को ‘झूठी खबर’ कहकर खारिज कर दिया। अधिकारी ने पब्लिकेशन को मानहानि का नोटिस जारी किया। नोटिस मिलते ही मिड डे ने माफीनामा प्रकाशित कर दिया, लेकिन इंडी अलायंस के नेता राहुल गांधी, उद्धव ठाकरे समेत विपक्षी नेता इस मुद्दे पर सरकार को घेरने की नाकाम कोशिश करते रहे। उधर ध्रुव राठी और अन्य लेफ्ट लिबरल एजेंडा चलाने वालों ने इसे जोर-शोर से उठाकर मोदी सरकार को बदनाम करने की कोशिश की।

झूठ नंबर 21.
अग्निवीर पर राहुल गांधी ने फिर फैलाया झूठ

03.07.2024
राहुल गांधी ने 1 जुलाई को संसद में बोलने के बाद 3 जुलाई को ट्विटर पर एक वीडियो पोस्ट कर अग्निवीर पर फिर से झूठ फैलाने का काम किया। उन्होंने ट्वीट करते हुए लिखा- ”सत्य की रक्षा हर धर्म का आधार है! लेकिन रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने शहीद अग्निवीर के परिवार को सहायता मिलने के बारे में संसद में झूठ बोला। उनके झूठ पर शहीद अग्निवीर अजय सिंह के पिता जी ने खुद सच्चाई बताई। परिवार ने भी कहा कि उसे मुआवजा मिल चुका है। इसके साथ ही सेना ने सामने आकर राहुल के झूठ का पर्दाफाश किया। सेना ने कहा कि परिवार को 98.39 लाख रुपये दिया जा चुका है। सेना ने स्पष्टीकरण में कहा कि कुल राशि लगभग 1.65 करोड़ रुपये दी जाएगी। इसके बाद भी राहुल गांधी द्वारा लगातार इस मुद्दे पर झूठ बोलना कायदे से यह देशद्रोह की श्रेणी में आना चाहिए। यहां सवाल यह भी उठता है कि क्या वो देश के अग्निवीरों में विद्रोह पैदा कराना चाहते हैं ?

 

झूठ नंबर 20.
राहुल गांधी ने बोला झूठ, मुसलमान डरे हुए हैं

02.07.2024
राहुल गांधी ने कहा कि पिछले 10 वर्षों में अल्पसंख्यकों पर अन्याय और हमले बहुत तेज़ी से बढ़े हैं। राहुल गांधी ऐसा कहकर डर फैला रहे हैं। ये भारत के विकास के लिए खतरनाक हो सकता है। अगर भारत में मुसलमानों पर अत्याचार हो रहा है। अगर वे सचमुच डरे हुए हैं, तो विश्व इतिहास की ये पहली घटना होगी जब एक पीड़ित, भयभीत समुदाय अपनी आबादी को सबसे ज्यादा तेजी से बढ़ा रहा है। 1951 में जो समुदाय 10 प्रतिशत से कम था, वह अब के प्रोजेक्शन के हिसाब से 15 प्रतिशत से ज्यादा है। बाकी सब घटे हैं। हिंदू सबसे ज्यादा घटे हैं। हिंदू जाति पर वोट करता है। मुसलमान एकजुट होकर धर्म के आधार पर। इसलिए वोट के नतीजों को प्रभावित करने की मुसलमानों की ताकत अधिक है। वे कतई डरे नहीं हैं। देश के कुछ सबसे बड़े बिजनेसमैन मुसलमान हैं। वे आराम से अपना काम करते हुए विकास में योगदान कर रहे हैं। अगर तथ्यों पर गौर करें तो राहुल के झूठ की चिंदियां उड़ जाएंगी। देश में मुसलमान पूरी तरह सुरक्षित है।

 

झूठ नंबर 19.
इजराइल से अडानी को कांट्रेक्ट पर बोला झूठ
07.02.2023
राहुल गांधी ने एक और झूठा आरोप लगाया कि प्रधानमंत्री इजराइल जाते हैं और उसके एकदम बाद अडानी को ड्रोन बनाने, डिफेंस इलेक्ट्रानिक बनाने का कांट्रेक्ट मिल जाता है। राहुल गांधी का यह दावा अपने-आप में ही बिल्कुल खोखला है। पीएम मोदी अपने पहले कार्यकाल में 5 जुलाई 2017 को इजराइल दौरे पर गए थे। जबकि अडानी समूह की डिफेंस सिस्टम एंड टेक्नोलॉजी ने जनरल एयरोनॉटिक्स नाम की ड्रोन बनाने वाली कंपनी में 50 प्रतिशत हिस्सेदारी खरीदने के लिए डील 2022 में की है। राहुल जिस एलबिट कंपनी की बात कर रहे हैं, उसके साथ ही 2020 के डिफेंस एस्सपो में पहली बार पूर्ण सैन्य ड्रोन बनाकर विदेश भेजने का करार हुआ था। राहुल गांधी अपने हवा-हवाई झूठे आरोपों में पीएम के इजराइल दौरे को अडानी की डील से जोड़ने की असफल कोशिश करते रहे।

झूठ नंबर 18.
अडानी को मुंबई एयरपोर्ट देने के झूठ की खुली पोल
07.02.2023
लोकसभा में राष्ट्रपति के अभिभाषण पर चर्चा के दौरान राहुल गांधी ने झूठ का पिटारा खोल दिया। राहुल गांधी ने अपने 45 मिनट के भाषण ने आरोप लगाया था कि सरकार द्वारा नियमों में बदलाव कर अडानी को छह हवाई अड्डे दिए गए। भारत के सबसे रणनीतिक और लाभदायक मुंबई हवाई अड्डे को सीबीआई और ईडी जैसी एजेंसियों का उपयोग करके जीवीके से छीन लिया गया। भारत सरकार द्वारा अडानी को दे दिया गया। हालांकि राहुल गांधी के झूठ की पोल GVK समूह प्रबंधन ने तत्काल ही खोल दी। जीवीके समूह के उपाध्यक्ष जीवी संजय रेड्डी ने राहुल गांधी के झूठ की पोल खोलते हुए कहा कि मुंबई एयरपोर्ट को बेचने के लिए अडानी समूह या किसी और की तरफ से कोई दबाव नहीं था। संजय रेड्डी ने कहा कि उनकी मुलाकात गौतम अडानी से हुई। इस दौरान गौतम अडानी ने कहा कि उनका मुंबई एयरपोर्ट में काफी इंटरेस्ट है। उन्होंने इतना कहा कि वे एक महीने में पैसा दे सकेंगे। यह हमारे लिए बहुत इंपोर्टेंट था। संजय रेड्डी ने राहुल गांधी के आरोपों को खारिज करते हुए कहा कि न तो सीबीआई और न ईडी ने हम पर कोई दबाव डाला। कंपनी को कर्ज देने के लिए पैसों की जरूरत थी, इस लिए हमने यह डील की।

झूठ नंबर 17.
लोगों को गरीबी से निकालने के आंकड़ों में झूठ
06.09.2022
कांग्रेस नेता राहुल गांधी भी झूठ फैलाने में जुटे हुए हैं। दरअसल कांग्रेस को यह समझ में नहीं आ रहा है कि पीएम मोदी के मजबूत नेतृत्व का मुकाबला कैसे करें। पीएम मोदी ने तो अपनी दूरदर्शिता और नीतियों से 25 करोड़ से ज्यादा लोगों को गरीबी से निकाल दिया है। अब राहुल गांधी को जब घेरने के लिए कोई मुद्दा नहीं मिलता है तो वे झूठ का सहारा लेने लगते हैं। राहुल गांधी को ही देखिए। कांग्रेस ने कितने लोगों को गरीबी से बाहर निकाला इस पर उन्होंने पहले कहा 14 करोड़, फिर कहा 15 करोड़, उसके बाद कहा 23 करोड़ और फिर कहा 27 करोड़। यानी उनकी अपनी बातों में ही विरोधाभास है।

झूठ नंबर 16.
चीनी हमले और कब्जे के झूठ पर एससी से मिली फटकार
20.11.2021
कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी चीनी हमले पर लगातार झूठ बोल रहे हैं कि चीन ने भारतीय जमीन पर कब्जा किया, जबकि सरकार के साथ सेना भी इनकार कर चुकी है। झूठ को सच साबित करने के लिए राहुल ने कई एडिटेड वीडियो भी शेयर किए लेकिन लोगों ने उसमें कई खामियां निकाल दी। फिर राहुल ने ट्वीट कर कहा कि अब चीन के कब्जे के सच मान लेना चाहिए। सच्चाई यह है कि मोदी सरकार की सख्त नीति के कारण चीन को एलएसी से काफी पीछे हटने के लिए मजबूर होना पड़ा। अब तो सुप्रीम कोर्ट ने भी राहुल गांधी को फटकार लगाते हुए पूछा है कि आपको कैसे पता चला कि चीन ने जमीन पर कब्जा किया है तो राहुल गांधी के झूठ की बोलती बंद हो गई।

झूठ नंबर 15.
मासूम रेप पीड़िता की पहचान उजागर करने का झूठ
17.08.2021
दिल्ली में नौ साल की बच्ची के साथ रेप पर राजनीति करने वाले कांग्रेस नेता राहुल गांधी के झूठ का पर्दाफाश हुआ। राहुल गांधी ने 4 अगस्त को दिल्ली के नांगल गांव में नौ साल की कथित रेप पीड़ित बच्ची के बाद माता-पिता से मुलाकात की। इसके बाद राहुल गांधी ने मुलाकात की तस्वीर ट्विटर पर शेयर कर दी। कांग्रेस सांसद के रेप पीड़िता बच्ची के माता-पिता की पहचान सार्वजनिक करते ही उनके खिलाफ कार्रवाई की मांग उठी। इसके बाद कार्रवाई करते हुए NCPCR ने नोटिस जारी कर दिया। ऐसे में राहुल गांधी ने झूठ बोलते हुए कहा था कि तस्वीर शेयर करने के लिए परिवार से सहमति ले ली थी। लेकिन इसके बाद टाइम्स नाउ से बातचीत में पीड़िता की मां ने बताया कि राहुल गांधी ने फोटो शेयर करने से पहले उनसे कोई इजाजत नहीं ली थी।

झूठ नंबर 14.
वन डिस्ट्रिक्ट वन प्रोडक्ट पर बोला राहुल ने झूठ
25.07.2020
राहुल गांधी ने ट्रिब्यून वेबसाइट में प्रकाशित वन डिस्ट्रिक्ट वन प्रोडक्ट की खबर का लिंक शेयर करते हुए कहा है कि यह एक अच्छा विचार है और कुछ समय पहले मैंने इसका सुझाव दिया था। जबकि गुजरात की मुख्यमंत्री रहते आनंदीबेन पटेल ने 2016 में वन विलेज वन प्रोजेक्ट अभियान शुरू किया था। इसके साथ ही उत्तर प्रदेश बीजेपी के 2017 विधानसभा चुनाव के घोषणा पत्र में हर जिले के स्थानीय उत्पाद को बढ़ावा देने की बात कही गयी थी। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ एक जनपद एक उत्पाद की नीति राज्य में 2017 से ही लागू किए हुए हैं।

झूठ नंबर 13.
चौकीदार चोर है पर राहुल ने सुप्रीम कोर्ट से मांगी माफी
09.05.2019
राहुल गांधी ने अपने झूठ में सुप्रीम कोर्ट तक को नहीं छोड़ा। राहुल ने झूठ बोला की शीर्ष अदालत ने कहा है कि चौकीदार ने भ्रष्टाचार किया है। इस पर राहुल की कांग्रेस ने चौकीदार चोर के का नारा भी गढ़ लिया। बाद में राहुल गांधी के खिलाफ अवमानना का मामला दायर किया गया। अवमानना ​​का मामला तब दायर किया गया था जब राहुल ने दावा किया था कि शीर्ष अदालत के 10 अप्रैल के फैसले का अर्थ है कि “सर्वोच्च न्यायालय ने स्वीकार किया है कि चौकीदार ने भ्रष्टाचार में मदद की है।” न्यायाधीश रंजन गोगोई, न्यायमूर्ति दीपक गुप्ता और न्यायमूर्ति संजीव खन्ना की पीठ ने राहुल गांधी को गलत ठहराया और गांधी से अपना रुख स्पष्ट करने को कहा था। कांग्रेस नेता ने बिना शर्त माफ़ी मांगते हुए हलफ़नामा दायर किया है। राहुल गांधी के हलफनामे में कहा गया, “अभिसाक्षी माननीय न्यायालय से गलत आरोप लगाने के लिए बिना शर्त माफी मांगता है। अभिसाक्षी आगे कहता है कि ऐसा कोई भी आरोप पूरी तरह से अनजाने में, गैर इरादतन और असावधानी से लगाया गया था।”

झूठ नंबर 12.
राफेल को लेकर राहुल ने झूठ बोलने का रिकॉर्ड बनाया
12.10.2018
राहुल गांधी और कांग्रेस ने राफेल को लेकर लगातार झूठ पर झूठ बोले। राहुल ने झूठ की इतनी इंतेहा कर दी कि खुद फ्रांस के पूर्व राष्ट्रपति को राहुल के वक्तव्य का खंडन करना पड़ा। आज तक की रिपोर्ट के मुताबिक राहुल के इन झूठों की पोल तत्कालीन केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल ने खोली। उन्होंने एक-एक कर नौ झूठ गिनाए, देखिए…

  1. डिफेंस मिनिस्ट्री के एक अधिकारी के बारे में राहुल ने बोला कि उसका ट्रांसफर कर दिया गया है, उसे छुट्टी पर भेज दिया गया है। जबकि वह ट्रेनिंग के लिए गया था।
  2. फ्रांस के पूर्व राष्ट्रपति के नाम से एक झूठ फैलाने की कोशिश की गई, जिसका खुलासा खुद पूर्व राष्ट्रपति ओलांद ने ही कर दिया।
  3. फ्रेंच मीडिया हाउस की रिपोर्ट को ट्विस्ट किया। दसॉ के सीईओ ने इसे खारिज किया था।
  4. सुप्रीम कोर्ट के फैसले को ट्विस्ट किया। सुप्रीम कोर्ट ने साफ तौर पर कहा था कि राफेल की कीमत नहीं जाननी।
  5. राहुल गांधी ने कहा कि ओलांद ने पीएम मोदी के बारे में अनाप-शनाप शब्दों के इस्तेमाल किए। इसका बाद में खुद ओलांद ने खंडन किया।
  6. संसद में कहा गया कि वह व्यक्तिगत रूप से फ्रेंच प्रेजिडेंट से मिले थे और उन्होंने कहा था कि ऐसा कोई सिक्रेसी क्लॉज नहीं है। इससे भारत को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर शर्मिंदगी का सामना करना पड़ा। फ्रांस की सरकार को खुद खंडन करना पड़ा। भारत के लिए आगे के लिए भी एक मुसीबत छोड़कर जा रहे हैं कांग्रेस अध्यक्ष। कांग्रेस अध्यक्ष विश्व में भारत की छवि खराब करने की कोशिश कर रहे हैं।
  7. अलग-अलग दाम बताए जा रहे हैं राफेल के। राफेल विमान के दाम की फुली लोडेड राफेल के साथ तुलना की जा रही है। यह कुछ ऐसे ही है जैसे किसी बीज की तुलना किसी बगीचे से की जाए।
  8. कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा कि डील को लेकर कैबिनेट कमिटी ऑन डिफेंस को लूप में नहीं लिया गया। जबकि यह पूरी तरह गलत है। कांग्रेस अध्यक्ष सिलसिलेवार ढंग से झूठ बोल रहे हैं। अब उन्हें झूठ फैलाना बंद कर देना चाहिए।
  9. राफेल मामले पर राहुल गांधी ने मृत्यु शैया पर लेटे मनोहर पर्रिकर से मिलने के बाद झूठी कहानी बनाई। पर्रिकर ने उनके दावे को झूठा बताकर खारिज कर दिया।

झूठ नंबर 11.
Statue of Unity को Made in China बताया
28.09.2018
राहुल गांधी ने गुजरात में पाटीदारों को कहा कि मोदी सरकार के लिए शर्मनाक है कि नर्मदा नदी पर बनने वाला Statue of Unity सरदार पटेल की प्रतिमा made in China होगी। राहुल गांधी एक बार फिर अपनी राजनीतिक महत्वाकांक्षा के चक्कर में सरदार पटेल के नाम पर झूठ बोला। जबकि सच्चाई ये है कि प्रतिमा के निर्माण का कार्यभार एक भारतीय कंपनी को दिया गया है। यह पूरी तरह भारतीय तकनीक, भारतीय मटीरियल, भारतीय इंजिनियरों, भारतीय लेबर और भारतीय चीज़ों द्वारा बनाई जा रही है। यह विशुद्ध रूप से भारतीय प्रतिमा होगी जिसके निर्माण में लगने वाला 90 प्रतिशत से अधिक चीजें भारत की हैं।

झूठ नंबर 10.
राहुल ने दो करोड़ रोजगार देने का बोला झूठ
20.07.2018
लोकसभा में अविश्वास प्रस्ताव पर चर्चा के दौरान राहुल गांधी ने आरोप लगाया था कि प्रधानमंत्री मोदी ने 2014 के चुनाव प्रचार के दौरान हर वर्ष युवाओं को 2 करोड़ रोजगार देने का वादा किया था। राहुल गांधी का ये आरोप सच्चाई से कोसों दूर है। एबीपी न्यूज चैनल ने अपने कार्यक्रम वायरल सच में राहुल गांधी के इस आरोप की गहनता से पड़ताल की है। इसके अनुसार प्रधानमंत्री मोदी ने कभी भी देशवासियों से सरकार बनने पर प्रति वर्ष दो करोड़ रोजगार देने का वादा नहीं किया था। इतना ही नहीं भाजपा के चुनावी घोषणा पत्र में भी इसका कहीं जिक्र नहीं किया गया था। यानि दो करोड़ रोजगार देने का आरोप झूठ के सिवा और कुछ नहीं है। इस कार्यक्रम में बताया गया है कि 21 नवंबर, 2013 को एक रैली में श्री मोदी ने कांग्रेस सरकार द्वारा हर वर्ष एक करोड़ रोजगार देने के वादे का जिक्र जरूर किया था। मतलब साफ है कि कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने संसद में प्रधानमंत्री मोदी पर झूठा और मनगढ़ंत आरोप लगाया है।

झूठ नंबर 9.
महाभारत काल पर झूठ से राहुल अज्ञानी साबित
20.03.2018
राहुल गांधी की हरकतें बतातीं हैं कि वे झूठे प्रचार के जरिए और निराधार खबरें फैला कर सत्ता के शीर्ष पर पहुंचने को आतुर हैं। इसी क्रम में वे झूठ बोलते हुए कई बार खुद के ‘अज्ञानी’ होने का भी सबूत दे देते हैं। दरअसल राहुल ने अपने ट्वीट में महाभारत काल का उदाहरण देते हुए इसे 1000 साल पहले की घटना बता दिया। साफ है कि इस ट्वीट से एक बात साबित हो जाती है कि राहुल गांधी न सिर्फ झूठ फैलाते हैं बल्कि वे अज्ञानी भी हैं। कौरव-पांडव की बात करने वाले राहुल को ये भी नहीं पता है कि महाभारत काल पांच हजार वर्ष से अभी अधिक पुराना है। इस ट्वीट से ये भी पता लग जाता है कि लोग उन्हें गंभीरता से क्यों नहीं लेते हैं?

झूठ नंबर 8.
नोटबंदी के विचार पर संघ परिवार को लेकर बोला झूठ
14.02.2018
राहुल गांधी ने कहा कि संघ परिवार के एक विचारक ने प्रधानमंत्री मोदी को नोटबंदी का विचार दिया था। राहुल गांधी का यह बयान सरासर झूठा है। सच्चाई यह है कि देश को भ्रष्टाचार से मुक्त करने और कालाधन पर लगाम लगाने के लिए मोदी सरकार ने काफी गहन विचार-विमर्श के बाद नोटबंदी का ऐलान किया था। रिजर्व बैंक के पूर्व डिप्टी गवर्नर आर गांधी भी कह चुके हैं कि नोटबंदी का पहला विचार फरवरी 2016 में आया था और सरकार ने विमुद्रीकरण के बारे में रिजर्व बैंक की राय मांगी थी। आरबीआई के तत्कालीन गवर्नर रघुराम राजन ने पहले तो सरकार को मौखिक रूप से इस पर राय दी। बाद में एक विस्तृत नोट बनाकर सरकार को भेजा गया जिसमें स्पष्ट तौर पर बताया गया कि नोटबंदी की खामियां और खूबियां क्या-क्या हैं। इसके बाद पूरी तैयारी के साथ 8 नवंबर, 2016 को नोटबंदी का ऐलान किया गया था।

 

झूठ नंबर 7.
रायबरेली से भेदभाव करने पर बोला झूठ
08.12.2017
राहुल गांधी कहते रहे हैं कि मोदी सरकार आने के बाद से रायबरेली के साथ भेदभाव किया जाता रहा है, लेकिन सच्चाई यह है कि यूपीए के जमाने में राजीव गांधी के नाम पर रायबरेली में जो पेट्रोलियम यूनिवर्सिटी स्थापित की गई थी उसे पांच वर्षों के दौरान यूपीए सरकार ने महज 1 करोड़ रुपये दिए थे। जबकि मोदी सरकार ने पहले दो वर्षों में इस यूनीवर्सिटी के लिए 360 रुपये देकर इसे एक संस्थान के रूप में विकसित किया। इतना ही नहीं रायबरेली में स्थित इंडियन टेलीकॉम इंडस्ट्रीज नाम का संस्थान बंद होने के कगार पर था और वहां अफसरों को वेतन तक नहीं मिल पा रहा था। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सरकार ने इस संस्थान को 500 करोड़ आवंटित कर जीवनदान दिया और 1100 करोड़ रुपये का आर्डर भी दिलाया।

झूठ नंबर 6.
राहुल गांधी के झूठ को ‘महंगाई’ मार गई 
05.12.2017
राहुल ने पिछले वर्ष गुजरात विधानसभा चुनाव के दौरान ट्विटर पर लिखा “जुमलों की बेवफाई मार गई, नोटबंदी की लुटाई मार गई, GST सारी कमाई मार गई बाकी कुछ बचा तो – महंगाई मार गई… बढ़ते दामों से जीना दुश्वार, बस अमीरों की होगी भाजपा सरकार?” राहुल गांधी ने इस सवाल के साथ एक इन्फोग्राफिक्स भी पोस्ट किया है। इसमें उन्होंने गैस सिलिंडर, प्याज, दाल, टमाटर, दूध और डीजल के दामों का हवाला देकर 2014 और 2017 के दामों की तुलना में सभी चीजों के दामों में वास्तविक दामों से सौ प्रतिशत अधिक की झूठी बढ़ोतरी दिखा दी। जैसे ही राहुल गांधी ने ये ट्वीट किया, लोगों ने इस झूठ को पकड़ लिया और फिर शुरू हो गई राहुल की खिंचाई।

झूठ नंबर 5.
45,000 करोड़ एकड़ जमीन पर बोला महाझूठ
04.12.2017
गुजरात चुनाव में प्रचार के दौरान ही राहुल गांधी ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी पर हमला बोलने के क्रम में ऐसा झूठ बोल दिया था जो कि असंभव है। राहुल ने आरोप लगाया कि पीएम मोदी ने अपने उद्योगपति दोस्तों को 45,000 करोड़ एकड़ जमीन दे दी। प्रधानमंत्री मोदी ने दिल्ली की एक रैली में इसका जवाब देते हुए कहा, एक नेता ने अपने भाषण में जितनी जमीन देने का आरोप लगाया है और वह जिस क्षेत्रफल की बात कर रहे हैं वह इस धरती पर उपलब्ध जमीन के आकार का करीब तीन गुना है। मैं नहीं जानता कि इस पर मैं क्या करूं… हंसूं या रोऊं। दरअसल, 45000 करोड़ एकड़ जमीन इस धरती से भी तीन गुना ज्यादा है। आपको बता दें कि पूरी धरती ही लगभग 13,000 करोड़ एकड़ की है।

झूठ नंबर 4.
महिला साक्षरता के आंकड़े पर बोला झूठ
03.12.2017
राहुल गांधी ने गुजरात विधानसभा चुनाव प्रचार के दौरान 3 दिसंबर को “22 सालों का हिसाब, गुजरात मांगे जवाब” अभियान के तहत प्रधानमंत्री मोदी से महिला सुरक्षा, पोषण और महिला साक्षरता से जुड़ा सवाल पूछा था, लेकिन इस सवाल के साथ राहुल ने जो इन्फोग्राफिक्स पोस्ट किया था उसमें गुजरात की महिला साक्षरता के उल्टे आंकड़े दिखाए थे। इन आंकड़ों में दिखाया गया था कि 2001 से 2011 के बीच गुजरात में महिला साक्षरता दर में 70.73 से गिरकर 57.8 फीसदी हो गई है। राहुल गांधी ने जो आंकड़े दिखाए थे वे सरासर गलत थे। गुजरात में महिला साक्षरता की सच्चाई इसके उलट है। सही आंकड़ों के मुताबिक गुजरात में 2001 से 2011 के बीच महिला साक्षरता में 12.9 फीसदी की बढ़ोतरी हुई है। यह वृद्धि 1991 से 2001 के बीच हुई 8.9 फीसदी बढ़ोतरी से काफी ज्यादा है। इतना ही नहीं इस दौरान राष्ट्रीय स्तर पर हुई साक्षरता वृद्धि से भी ये काफी ज्यादा है।

झूठ नंबर 3.
जीएसटी को लेकर राहुल गांधी ने देश से बोला झूठ
11.11.2017
यूपीए के दस वर्षों के शासन में कांग्रेस पार्टी जीएसटी को लेकर तमाम राज्यों के बीच आम राय नहीं बना पाई थी, क्योंकि उसका जीएसटी को लेकर कोई साफ रुख नहीं था। 2014 में जब प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में केंद्र सरकार बनी तो उसने नए सिरे से जीएसटी को लेकर कवायद शुरू की और सभी राज्य सरकारों के बीच इसे लेकर सहमति बनाई। हालांकि राहुल गांधी ने कहा कि उन्होंने सहमति नहीं दी थी, लेकिन हकीकत ये है कि कांग्रेस की सभी राज्य सरकारों ने जीएसटी का समर्थन किया और संसद के दोनों ही सदनों में कांग्रेस ने जीएसटी पास करवाने के लिए पक्ष में वोटिंग भी की थी।

झूठ नंबर 2.
लोकसभा सदस्यों की संख्या पर बोला झूठ
12.09.2017
वर्ष 2017 के सितंबर में राहुल गांधी जब अमेरिका की एक यूनिवर्सिटी में छात्रों को संबोधित कर रहे थे, तो उन्होंने लोकसभा में कुल सदस्यों की संख्या के बारे में ही झूठ बोल दिया। उन्होंने कहा कि भारत में 546 लोकसभा सदस्यों को जनता चुनती है। जबकि सच्चाई यह है कि लोकसभा में कुल सदस्यों की संख्या 545 है। इनमें से भी 543 को जनता चुनती है और दो सदस्य (ऐंग्लो-इंडियन) मनोनित किए जाते हैं। आप ही बताइए जो शख्स इतने वर्षों से लोकसभा का सदस्य है, उसे लोकसभा के सदस्यों की संख्या तक नहीं पता है।

झूठ नंबर 1.
उत्तर प्रदेश के शिक्षा बजट का किया झूठा प्रचार
12.07.2017
उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ की सरकार ने पहला बजट पेश किया था। इस बजट में शिक्षा के लिए आवंटित धन में कमी दिखाकर सोशल मीडिया पर शेयर किया किया गया, जबकि शिक्षा का बजट वास्तव में बढ़ाया गया था। राहुल गांधी को तो विरोध का कोई मौका चाहिए था, उसने तुरंत सोशल मीडिया पर हमला बोल दिया। इसके बाद लोगों ने इसे शेयर करना शुरू कर दिया और कांग्रेसी पत्रकारों ने इस पर खबर भी बना डाली। जबकि सच्चाई यह थी कि बजट के कागजों को ठीक ढंग से पढ़कर खबर बनाई गयी होती तो पता चलता कि योगी सरकार ने शिक्षा के लिए बजट में कमी नहीं की, बल्कि 34 प्रतिशत की बढ़ोत्तरी की थी। अखिलेश यादव की सरकार ने 2016-17 में जहां 46,442 करोड़ रुपये शिक्षा के लिए दिये थे वही 2017-18 में योगी आदित्यनाथकी सरकार ने 62, 351 करोड़ रुपये दिए हैं।

 

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