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मोदी जी 19 सालों तक विषपान करते रहे, मैंने उन्हें दर्द झेलते देखा है- गुजरात दंगों पर अमित शाह

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गुजरात दंगों पर सुप्रीम कोर्ट के फैसलों को लेकर न्यूज एजेंसी ANI के साथ एक इंटरव्यू में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कहा है कि मैंने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को झूठे आरोपों के कारण 19 सालों तक दर्द झेलते देखा है। उन्होंने कहा कि 18-19 साल की लड़ाई, देश का इतना बड़ा नेता एक शब्द बोले बगैर सभी दुखों को भगवान शंकर के विषपान की तरह गले में उतारकर सहनकर कर लड़ता रहा। मैंने बहुत नजदीक से मोदी जी को इस दर्द को झेलते हुए देखा है, फिर भी एक शब्द नहीं बोले। क्योंकि ये सब कोई बहुत मजबूत मन का आदमी ही कर सकता है।

 

 

 

 

सुप्रीम कोर्ट ने एक दिन पहले ही 24 जून को 2002 गुजरात दंगा मामले में जाकिया जाफरी की याचिका खारिज करते हुए जमकर फटकार लगाई। सुप्रीम कोर्ट ने जहां SIT के कामकाज की तारीफ की, वहीं इस मामले को जानबूझकर लंबा खींचने की बात कहकर फटकार लगाई। कोर्ट ने कहा कि कुछ लोगों ने न्यायिक प्रक्रिया का दुरुपयोग करने का प्रयास किया, ताकि मामला चर्चा में बना रहे। इस केस में हर उस व्यक्ति की ईमानदारी पर सवाल उठाए गए, जो मामले को उलझाए रखने वाले लोगों के आड़े आ रहा था। कोर्ट ने यहां तक कहा कि अपने निहित स्वार्थ के लिए न्यायिक प्रक्रिया का दुरुपयोग करने वालों के खिलाफ उचित कानूनी कार्रवाई होनी चाहिए। इस फैसले को लेकर ANI के साथ बातचीत में अमित शाह ने कहा कि मैंने 16 दिन की बच्ची को उसकी मां की गोद में बैठे हुए जिंदा जलते हुए देखा है और अपने हाथ से अंतिम संस्कार किया है। उन्होंने कहा कि जिस तरह से ट्रेन में 60 लोगों को जिंदा जला दिया था उसका समाज में आक्रोश था। ट्रेन में आग लगने के बाद की घटनाएं पूर्व नियोजित नहीं बल्कि स्वप्रेरित थी। अमित शाह ने कहा कि पीएम मोदी ने उस वक्त दंगे न भड़के इसके लिए काफी कुछ किया था। लेकिन जो हालात बन गए थे, उसे संभालने में थोड़ा वक्त लग गया था। सुप्रीम कोर्ट के फैसले ने ये सिद्ध कर दिया है कि सभी आरोप राजनीतिक रूप से प्रेरित थे।

 

 

 

 

इंटरव्यू में गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने सभी आरोपों को खारिज किया है। इस मामले में बीजेपी विरोधी राजनीतिक पार्टियां, कुछ विचारधारा के लिए राजनीति में आए पत्रकार और कुछ एनजीओ ने मिलकर आरोपों का इतना प्रचार किया और इसका इकोसिस्टम इतना मजबूत था कि धीरे-धीरे लोग इनके झूठ को ही सत्य मानने लगे।

 

 

 

 

एएनआई के साथ बातचीत में अमित शाह ने एक तरह से कांग्रेस नेता राहुल गांधी पर तंज कसते हुए कहा कि गुजरात दंगों को लेकर मोदी जी एसआईटी के सामने कोई नाटक करते हुए नहीं गए थे कि मेरे समर्थन में आओ, गांव-गांव से आओ, एमएल को बुला लो एमपी को बुलालो और धरना दो। हमारा मानना ​​​​था कि हमें कानूनी प्रक्रिया में सहयोग करना चाहिए। अगर एसआईटी सीएम से सवाल पूछना चाहती है तो सीएम खुद सहयोग करने को तैयार है तो फिर आंदोलन किस चीज का?

 

 

 

 

 

 

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