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अमरिंदर सिंह ने खालिस्तान समर्थक AAP विधायक सुखपाल सिंह खैरा को कांग्रेस में किया शामिल, कभी कहा था- समाज को बांटने वाली ताकतों के साथ खड़े हैं खैरा

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पंजाब कांग्रेस में इस समय घमासान मचा हुआ है। मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह को नवजोत सिंह सिद्धू के अलावा पार्टी के अन्य नेताओं से कड़ी चुनौती मिल रही है। ऐसे में अमरिंदर सिंह कांग्रेस आलाकमान की नजरों में अपना कद बनाये रखने और पार्टी के अंदर अपनी स्थिति मजबूत करने के लिए सियासी दांव-पेंच लगा रहे हैं। इसी के तहत अमरिंदर ने आम आदमी पार्टी के तीन विधायकों को कांग्रेस में शामिल किया। इनमें खालिस्तान समर्थक सुखपाल सिंह खैरा के अलावा पिरमल सिंह और जगदेव सिंह कमालू शामिल है। 

सुखपाल सिंह खैरा फ़िलहाल कपूरथला के भोलाथ से विधायक हैं। जनवरी 2018 में अलग खालिस्तानी मुल्क की सिख कट्टरपंथियों की मांग का समर्थन करते हुए खैरा ने कहा था कि सिख 1984 के कत्लेआम के बाद आहत हुए हैं और उन्हें अधिकार है कि वह जिस मुल्क में हैं, वहां से रेफेरेंडम-2020 जैसी मुहिम चला सकते हैं। खैरा के इस बयान से AAP में ही कई लोग उनके खिलाफ हो गए थे।

तब कैप्टन अमरिंदर सिंह ने खैरा पर सीधा निशाना साधते हुए कहा था कि वह समाज को बांटने वाली ताकतों के साथ खड़े हैं। कैप्टन ने ट्वीट करते हुए दिल्ली के मुख्यमंत्री और आम आदमी पार्टी के राष्ट्रीय संयोजक अरविन्द केजरीवाल से पूछा कि वह इस मुद्दे पर क्या सोचते हैं ? साफ़ साफ़ ज़ाहिर करें।

AAP ने खैरा को पार्टी विरोधी गतिविधियों में सलिप्त रहने के कारण बाहर का रास्ता दिखा दिया था। फिर उन्होंने अपनी अलग ‘पंजाब एकता पार्टी’ का गठन किया था। उस समय खैरा पंजाब में नेता प्रतिपक्ष थे। अब कैप्टेन अमरिंदर उनका स्वागत कर रहे हैं। सीएम अमरिंदर ने कहा कि पार्टी की राष्ट्रीय अध्यक्ष सोनिया गांधी की अनुमति से इन तीनों विधायकों को पार्टी में लाया गया है और प्रदेश अध्यक्ष व प्रभारी का ‘आशीर्वाद’ भी कुछ दिनों में लिया जाएगा, क्योंकि वो अभी व्यस्त हैं।

गौरतलब है कि 1994 में रामगढ़ के पंचायत सदस्य के रूप में राजनीति शुरू करने वाले खैरा पंजाब यूथ कांग्रेस के उपाध्यक्ष, पंजाब कांग्रेस के सचिव, कपूरथला में कांग्रेस के जिलाध्यक्ष और पंजाब कांग्रेस के प्रवक्ता जैसे संगठन के अहम पदों पर रह चुके हैं। दिसंबर 2015 में वो AAP में शामिल हो गए थे। उन पर हेरोइन तस्कर गुरदेव सिंह को संरक्षण देने का आरोप लग चुका है। इस मामले में उनके खिलाफ 17 मामले दर्ज किए गए थे, लेकिन एक सरकारी पैनल ने सभी को गलत करार दिया। 

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