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बंगाल में चुनाव बाद हो रही हिंसा पर पीएम मोदी ने राज्यपाल को फोन कर जताई चिंता, अब तक 11 लोगों की हत्या, तोड़ी गई देवी-देवताओं की प्रतिमा

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पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव में तृणमूल कांग्रेस की प्रचंड जीत के बाद हिंसा की घटनाएं जारी हैं। बीजेपी ने दावा किया है कि टीएमसी कार्यकर्ताओं की हिंसा के कारण उसके 9 कार्यकर्ता मारे गए हैं। गृह मंत्रालय ने राज्य सरकार से इस मामले में रिपोर्ट मांगी हैं। आज बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा बंगाल पहुंचकर पीड़ित कार्यकर्ताओं से मुलाकात की। इस बीच प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने भी बंगाल में चुनाव बाद हो रही हिंसा पर चिंता जाहिर की है। उन्होंने बंगाल के राज्यपाल जगदीप धनखड़ को फोन कर कानून-व्यवस्था की जानकारी ली।

पश्चिम बंगाल के राज्यपाल जगदीप धनखड़ ने मंगलवार दोपहर ट्वीट करके प्रधानमंत्री मोदी की चिंता के बारे में जानकारी दी। राज्यपाल ने ट्वीट कर कहा, ‘प्रधानमंत्री ने फोन किया और गंभीर रूप से चिंताजनक कानून और व्यवस्था की स्थिति पर अपनी गंभीर पीड़ा और चिंता व्यक्त की। मुख्यमंत्री ममता बनर्जी से मैं गंभीर चिंताओं को साझा करता हूं। राज्य में हिंसा बर्बरता, आगजनी, लूट और हत्याएं बेरोकटोक जारी हैं। इस पर नियंत्रण बहुत ही जरूरी है।’

इसके पहले राज्यपाल ने मंगलवार को पुलिस महानिदेशक पी नीरजनयन और कोलकाता पुलिस कमिश्नर सोमेन मित्रा से तत्काल रिपोर्ट तलब किया। मंगलवार को डीजी और सीपी ने राज्यपाल से मुलाकात कर कार्रवाई का आश्वासन दिया था। उसके बावजूद भी हिंसा थमने का नाम नहीं ले रही है।

बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष दिलीप घोष ने आरोप लगाया है कि नतीजों के बाद उनकी पार्टी के करीब 100 दफ्तरों और कार्यकर्ताओं के घरों को तबाह कर दिया गया और कुछ को आग के हवाले कर दिया गया है। कई बीजेपी कार्यकर्ताओं की हत्या की खबरें आ रही है। बीजेपी ने अपनी 2 महिला पोल एजेंट के साथ गैंगरेप का भी दावा किया है। ‘अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद’ ने भी अपने दफ्तरों और कार्यकर्ताओं को निशाना बनाने के आरोप टीएमसी के गुंडों पर लगाए हैं।

राजधानी कोलकाता में स्थित एबीवीपी के दफ्तर में टीएमसी के गुंडे घुस गए और उन्होंने वहां जम कर तोड़फोड़ मचाई। साथ ही वहां मौजूद कार्यकर्ताओं के साथ मारपीट की। टीएमसी के गुंडे यही तक नहीं रूके। उन्होंने देवी-देवातओं को भी नहीं छोड़ा। जान-बूझकर मां काली और भगवान हनुमान की प्रतिमाओं के साथ तोड़फोड़ की। प्रतिमाओं को नीचे गिरा कर उन्हें पैरों तले रौंदा भी गया। दफ्तर में मौजूद श्यामा प्रसाद मुखर्जी, सुभाष चंद्र बोस और रवीन्द्रनाथ टैगोर की तस्वीरों को भी तोड़ डाला। एबीवीपी की महामंत्री निधि त्रिपाठी ने कहा कि जिन्होंने भी ममता बनर्जी के खिलाफ बोला, उनको निशाना बनाया जा रहा है। 

शुभेंदु अधिकारी के विधानसभा क्षेत्र नंदीग्राम के केन्डमारी गांव में टीएमसी के कार्यकर्ताओं ने बीजेपी की महिला कार्यकर्ताओं को जमीन पर पटक-पटक कर पीटा, जिसका वीडियो वायरल होने के बाद लोग राज्य में महिला सुरक्षा पर भी सवाल उठा रहे हैं। पश्चिम बंगाल में बीजेपी के प्रभारी कैलाश विजयवर्गीय ने आरोप लगाया कि महिलाओं को पीटने वाले ‘टीएमसी के मुस्लिम गुंडे’ हैं। अब तक करीब एक दर्जन लोगों की हत्या की बात कही जा रही है।

बीजेपी कार्यकर्ता अभिजीत सरकार ने फेसबुक पर लाइव आकर तृणमूल की गुंडागर्दी के बारे में बताया था। इसके कुछ ही घंटों बाद उनकी हत्या कर दी गई। ननूर से बीजेपी की दो पोलिंग एजेंट्स के साथ गैंगरेप की खबर सामने आई है। ‘दैनिक जागरण’ की खबर के अनुसार, 9 बीजेपी, 1 ISF और एक तृणमूल के कार्यकर्ता हिंसा की भेंट चढ़ गए हैं। नंदीग्राम में कई दुकानों में घुस कर लूटपाट व तोड़फोड़ हुई। कोलकाता के उल्टाडांगा में एक बीजेपी कार्यकर्ता को पीट-पीट कर मार डाला गया। 

टीएमसी के गुंडों के हौसले इतने बुलंद है कि वो न सिर्फ बीजेपी, बल्कि वाम दोलों के कार्यालयों में भी आगजनी कर रहे हैं। जेएनयू छात्र संघ की अध्यक्ष आइशी घोष ने कहा कि टीएमसी को जनादेश स्वीकार करना चाहिए और ये जनादेश लोगों के लिए काम करने के लिए मिला है, हिंसा के लिए नहीं। उन्होंने कहा कि ममता बनर्जी के कार्यकर्ता विपक्षी दलों के कार्यकर्ताओं के घरों पर हमले कर रहे हैं, जिसे बर्दाश्त नहीं किया जा सकता।

सीपीआई (एम) के वरिष्ठ नेता सीताराम येचुरी ने भी कहा कि टीएमसी जिस तरह हिंसा कर अपनी जीत का जश्न मना रही है, वो निंदनीय है। उन्होंने कहा कि ऐसी हिंसा का प्रतिकार किया जाएगा, ये स्वीकार्य नहीं है। येचुरी ने आरोप लगाया कि कोविड-19 महामारी से निपटने की बजाए ममता बनर्जी अराजकता फैलाने में लगी हैं।

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