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ऑपरेशन सिंदूर के बाद गिड़गिड़ाने लगे पाक पीएम, दूसरी बार मिमियाए- चाहते हैं भारत से समझौता, उधर रामभद्राचार्य ने गुरु दक्षिणा में मांगा PoK

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एक ओर भारत के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी बार-बार दोहरा रहे हैं कि ऑपरेशन सिंदूर अभी खत्म नहीं हुआ है। दूसरी ओर ऑपरेशन सिंदूर से घबराए पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ दुनियाभर में घूम-घूमकर गिड़गिड़ाने में लगे हुए हैं कि हम भारत से समझौता चाहते हैं। हम भारत के साथ बातचीत करने के लिए तैयार हैं। दोनों पक्षों को बैठकर कश्मीर, जल संकट और आतंकवाद जैसे मुद्दों का समाधान निकालना चाहिए। भारत ने पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ की बातचीत की इस पेशकश पर दो टूक जवाब दे दिया है। भारत के विदेश मंत्रालय ने साफ-साफ शब्दों में कहा है कि आतंकवादियों को सौंपे बिना और PoK खाली किए बिना बातचीत संभव नहीं है। भारत ने यह भी स्पष्ट किया है कि तब तक सिंधु जल संधि भी निलंबित रहेगी। इस तीखी प्रतिक्रिया के पीछे हाल ही में शहबाज शरीफ का ईरान दौरे पर दिया गया वह बयान है जिसमें उन्होंने भारत से “पुराने मुद्दों” पर बात करने की इच्छा जताई। लेकिन भारत की तरफ से यह स्पष्ट कर दिया गया है कि सिर्फ बातें करने से कुछ नहीं होगा, जमीनी बदलाव जरूरी है। वह पीओके का भूगोल बदले बिना संभव नहीं है। इस बीच रामभद्राचार्य महाराज ने गुरु दक्षिणा में पीओके ही मांग लिया है।

ऑपरेशन सिंदूर ने पाक को ऐसा तबाह किया कि थर-थर कांपने लगा
पहलगाम आतंकी हमले के खिलाफ भारत ने ऑपरेशन सिंदूर से जो रौद्र रूप अपनाया उसकी पाकिस्तान को कल्पना तक नहीं थी। भारतीय जल, थल और नभ तीनों सेनाओं के रणबांकुरों ने युद्ध में जो पराक्रम दिखाया, उससे पाकिस्तान इतना नुकसान हुआ कि वो थर-थर कांपने लगा। मिसाइल स्ट्राइक में भारत सेना ने ना सिर्फ पाकिस्तान और पीओके में आतंकियों के नौ बड़े अड्डों को तबाह किया, बल्कि 100 से ज्यादा आतंकी भी मार गिराए। इसके बाद चीन और तुर्की के जिन हथियारों के दम पर पाकिस्तान ने जंग में उतरने का फैसला लिया, वो हथियार भारतीय शूरवीरों और सुदर्शन चक्र के आगे बेहद बौने और फेल साबित हुए। भारतीय सेना के इन तेज हमलों को देख रहे पाकिस्तान का खौफ तब बहुत ज्यादा बढ़ गया, जबकि भारतीय हमले की जद में पाकिस्तान का परमाणु जखीरा भी आ गया। जिन परमाणु बम पर पाकिस्तान को नाज था और भारत को बार-बार गीदड़ भभकी देता था, वह भारतीय मिसाइलों की जद में आ गया था। इससे घबराया पाकिस्तान अमेरिका शरण में जाकर सीजफायर करवाने की गुहार लगाने लगा। अमेरिकी मदद से भले ही पाक सीजफायर कराने में सफल रहा हो, लेकिन उसके लिए आगे की राह आसान नहीं है।

अजरबैजान : हम बातचीत को तैयार, ताकि जरूरी मुद्दों पर समाधान हो
भारतीय सेना का पराक्रम और आक्रमण ने पाकिस्तान को इतना नुकसान पहुंचाया है कि वो सालों पीछे पहुंच चुका है। सीजफायर के बाद भी भारत की ओर से सिंधु जल समझौते को निलंबित करने से लेकर लंबे समय तक कूटनीतिक और आर्थिक नाकेबंदी पाकिस्तान के लिए घातक साबित हो रही है। यही वजह है कि अब पाकिस्तान के पीएम शहबाज शरीफ और सेना प्रमुख मुनीर कई देशों में घूम-घूम कर समझौते के लिए मिमिया रहे हैं। पाक प्रधानमंत्री शहबाज ने अजरबैजान के लाचिन में आयोजित पाकिस्तान-तुर्की-अजरबैजान त्रिपक्षीय शिखर सम्मेलन में कहा कि पाकिस्तान हर सूरत में भारत से समझौता वार्ता करने को तैयार है। उन्होंने कहा है कि हमें क्षेत्र में शांति चाहिए और इसके लिए जरूरी है कि उन मुद्दों पर बातचीत हो जो तत्काल समाधान के लिए महत्वपूर्ण हैं जैसे कि कश्मीर का मुद्दा, जो संयुक्त राष्ट्र और सुरक्षा परिषद के प्रस्तावों के अनुसार और कश्मीर के लोगों की इच्छाओं के अनुसार हल होना चाहिए।

सैयद खामनेई का रूखा सा जवाब सुन शहबाज का मुंह लटका
पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ और सेना प्रमुख जनरल आसिम मुनीर ईरान के दौरे पर हैं, जहां उन्होंने तेहरान में ईरानी नेतृत्व से मुलाकात की है। पाकिस्तान का राजनीतिक और सैन्य नेतृत्व का ये दौरा भारत के ऑपरेशन सिंदूर के बाद हुई पिटाई के बाद हो रहा है, जिसका उद्देश्य भारत के खिलाफ समर्थन जुटाना है। हालांकि, इस मामले में ईरान में पाकिस्तान को मायूसी हाथ लगी है। शहबाज शरीफ ने ईरान दौर पर भारत के साथ अपने हालिया संघर्ष और कश्मीर का मुद्दा उठाया, लेकिन ईरान ने इस पर बेहद ठंडी प्रतिक्रिया दी है। शहबाज शरीफ ने ईरान के सर्वोच्च नेता अयातुल्ला सैयद अली खामेनेई के साथ मुलाकात की। इस दौरान भारत के साथ सैन्य टकराव को कश्मीर के मुद्दे का जिक्र किया, लेकिन खामेनेई की टिप्पणी ने बता दिया है कि पाकिस्तान के प्रधानमंत्री की बात को उन्होंने कितनी तवज्जो दी है। खामेनेई की तरफ से आई सार्वजनिक टिप्पणी में केवल इतना कहा गया कि ईरान को उम्मीद है कि भारत और पाकिस्तान के बीच विवाद सुलझ जाएगा।

तेहरान: इस क्षेत्र में शांति की खातिर हम बातचीत को तैयार – शहबाज
शहबाज शरीफ ने एक सप्ताह यह दूसरी बार मिमियाकर कहा है कि वह चाहते हैं कि भारत और पाकिस्तान के बीच वार्ता होनी चाहिए। इससे पहले सोमवार को तेहरान में दिए गए बयान में उन्होंने कहा था कि सभी विवादों को सुलझाने के लिए वे भारत के साथ बात करने के लिए तैयार हैं। भारत की तरफ से स्पष्ट किया जा चुका है कि बात होगी तो सिर्फ पाकिस्तान के कब्जे वाले जम्मू-कश्मीर पर होगी। तुर्किए से ईरान की राजधानी तेहरान पहुंचने के बाद शहबाज ने राष्ट्रपति मसूद पेजेश्कियन ने मुलाकात की। बाद में संयुक्त संवाददाता सम्मेलन में शहबाज ने कहा कि वह शांति की खातिर भारत के साथ बातचीत को तैयार हैं। हालांकि शांति की बात करते-करते ही वे असलियत पर उतर आए। एक सवाल के जवाब में शहबाज इस धमकी पर भी उतर आए कि भारत द्वारा युद्ध का रास्ता चुनने पर जवाबी कार्रवाई अमल में लाई जाएगी।

आतंक और वार्ता एक साथ नहीं चल सकते, बात पीओके पर होगी- भारत
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में दो टूक लहजे में कहा कि आतंकवाद और वार्ता एक साथ किसी भी सूरत में नहीं चल सकते। भारत का रुख शुरू से ही साफ और एक जैसा रहा है। पीएम मोदी ने भी कहा है कि खून और पानी एक साथ नहीं बह सकते। पाकिस्तान को पहले उन आतंकवादियों को सौंपना होगा जिनकी सूची हमने वर्षों पहले सौंपी थी। उन्होंने आगे कहा कि यदि कश्मीर पर कोई बातचीत होनी है तो वह सिर्फ इस मुद्दे पर होगी कि पाकिस्तान कब और कैसे PoK को खाली करेगा। भारत ने साफ कर दिया है कि सिंधु जल संधि भी फिलहाल निलंबित रहेगी। जायसवाल ने कहा कि जब तक पाकिस्तान सीमा पार आतंकवाद का समर्थन विश्वसनीय और अपरिवर्तनीय रूप से बंद नहीं करता तब तक सिंधु जल संधि पर कोई प्रगति नहीं होगी। प्रधानमंत्री मोदी के पुराने कथन को दोहराते हुए उन्होंने कहा, आतंक और बातचीत साथ नहीं चल सकते। आतंक और व्यापार साथ नहीं चल सकते। और पानी और खून साथ नहीं बह सकते।

रामभद्राचार्य ने गुरु दक्षिणा में सेना प्रमुख जनरल उपेंद्र मांगा पीओके
इधर एक दिलचस्प घटनाक्रम में पीओके को दक्षिणा में मांग लिया गया। दरअसल, जिस तरह महाभारत में एकलव्य ने द्रोणाचार्य को गुरु दक्षिणा में अपने दाएं हाथ का अंगूठा दिया था। उसी तर्ज पर जगद्‌गुरु रामभद्राचार्य ने सेना प्रमुख जनरल उपेंद्र द्विवेदी से गुरु दक्षिणा में पाक अधिकृत कश्मीर (पोओके) की मांग की है। सेना प्रमुख ने चित्रकूट में जगद्‌गुरु से गुरु दीक्षा ग्रहण की। जगद्‌गुरु ने गुरुवार को इसका खुलासा करते हुए कहा, मैंने सेना प्रमुख को गुरु मंत्र दिया। उसकी दक्षिणा के तौर पर उनके सामने पीओके की मांग रखी है। जगद्‌गुरु ने कहा, सेना प्रमुख ने उन्हें पीओके देने का आश्वासन दिया है।

उसी मंत्र की दीक्षा, जो सीता ने हनुमान को लंका विजय के लिए दिया
उन्होंने कहा कि विजयी सेना प्रमुख का सम्मान करने में मुझे बहुत गौरव की अनुभूति हुई। उन्होंने मुझसे उसी मंत्र की दीक्षा ली, जो सीता जी ने हनुमान जी को लंका विजय के लिए दिया था। मैंने उनसे पीओके की दक्षिणा मांगी तो उन्होंने कहा कि निश्चित ही आपको दक्षिणा मिलेगी। सेना प्रमुख पत्नी के साथ चित्रकूट पहुंचे थे। उन्होंने तुलसी पीठ में जगद्‌गुरु से मुलाकात की। पद्म विभूषण से सम्मानित जगद्‌गुरु रामभद्राचार्य ने कहा, माता सीता का मंत्र लेने के बाद हनुमान ने लंका दहन किया था। मैं भी चाहता हूं कि हमारी सेना पाक अधिकृत कश्मीर को भारत के कब्जे में लेकर आए। अगर पाकिस्तान दोबारा भारत पर हमला करता है तो उसे दुनिया के नक्शे से मिटा दिया जाए। उन्होंने कहा, मुझे पाकिस्तान को कोई संदेश नहीं देना है, क्योंकि श्वान की दुम कभी सीधी नहीं होती।

 

 

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