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राजस्थान के ‘हत्यारे’ मंत्री: महेश जोशी के बाद अब शांति धारीवाल बने ‘कातिल’ … चुनाव से पहले कोटा में घंटा लगाने के दबाव ने ले ली दो इंजीनियरों की जान, बीजेपी बोली हत्या का केस हो

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राजस्थान में मंत्री ही मासूम जनता के `हत्यारे’ बन रहे हैं। पहले जल संसाधन मंत्री महेश जोशी ने एक व्यक्ति को इतना प्रताड़ित किया कि उसने घबराकर जान ही दे दी। अब नगरीय विकास, आवासन एवं स्वायत्त शासन मंत्री शांति धारीवाल दो इंजीनियरों की मौत के बाद सवालों के घेरे में। आरोप है कि विधानसभा चुनाव से पहले ही कोटा में दुनिया का सबसे बड़ा घंटा लगाने के लिए उन्होंने और यूआईटी अध्यक्ष ने इंजीनियरों पर दबाब बनाया। चुनाव आचार संहिता लगी होने के बावजूद इस काम को तत्काल कराने के पीछे राजनीतिक मंशा विधानसभा चुनाव में फायदा लेने की थी। लेकिन स्वार्थ भरी इस राजनीति, दबाव और घंटा लगाने की जल्दबाजी ने दो लोगों की जान ही ले ली। बीजेपी ने कहा है कि इस मामले में जिम्मेदारों पर हत्या का केस दर्ज किया जाए, ताकि उन्हें लोगों की जान लेने की सजा मिल सके।

चुनाव के चलते मंत्री-अधिकारी की जिद ने इंजीनियर पर बनाया दबाव
बहुचर्चित कोचिंग सिटी कोटा के चंबल रिवर फ्रंट पर विश्व का सबसे बड़ा घंटा लगा है। इसका वजन लगभग 79000 किलो है और इसे विशेष तकनीक से लंबी मेहनत के बाद तैयार किया गया। घंटा को पिछले कुछ समय से मोल्ड बॉक्स के अंदर पैक रखा गया था। करोड़ों की लागत से बनाए गए चंबल रिवर फ्रंट का पिछले दिनों ही सीएम अशोक गहलोत ने लोकार्पण किया था। इस दौरान गहलोत सरकार की करीब-करीब पूरी कैबिनेट कोटा पहुंची थी। इसी रिवर फ्रंट पर लगे घंटा का तत्काल खोलने का दबाव नगर विकास मंत्री शांति धारीवाल, जिला कलेक्टर महावीर प्रसाद मीणा बना रहे थे। उन्होंने इंजीनियर देवेंद्र आर्य पर घंटा को विधानसभा चुनाव से पहले खोलने का दबाव बनाया, जबकि आर्य ने कहा था घंटा के बाक्स को धीरे-धीरे खोला जाएगा। लेकिन मंत्री और अधिकारी की जिद ने चंबल रिवर फ्रंट पर घंटा लगाने की जल्दबाजी इंजीनियर आर्य और धौलपुर निवासी सहायक इंजीनियर रामकेश की जान ले ली।

 

पिता ने चेताया था कि जल्दबाजी में घंटा टूट सकता है, लेकिन मंत्री नहीं माने
इंजीनियर देवेंद्र आर्य के बेटे का आरोप है कि उसके पिताजी को धारीवाल, अनूप बरतरिया और जिला कलेक्टर उन्हें घंटा जल्दी खोलने के लिए धमका रहे थे। जबकि उन्होंने कहा था कि इस घंटे को चुनाव के बाद तकनीकी प्रोसेस के साथ खोलेंगे। जल्दबाजी में यह घंटा टूट सकता है। लेकिन, वे नहीं माने और वही हुआ, जल्दबाजी ने उसके पिता की जान ले ली। इनके खिलाफ गैर इरादतन हत्या की एफआईआर दर्ज होनी चाहिए। जनता की गाढ़ी कमाई को खर्च कर करीब 1500 करोड़ रुपये का यह चंबल रिवर फ्रंट प्रोजेक्ट पहले दिन से ही विवादों में है। क्योंकि इसे चंबल नदी की चौड़ाई सीमा में घड़ियाल सेंचुरी सीमा के पास बनाया गया है। कोटा बैराज के डाउन स्ट्रीम में होने के साथ-साथ वन्यजीव अधिनियम, पर्यावरणीय कानूनों का उल्लंघन होने के कारण नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (एनजीटी) पहले ही इस पर कोटा यूआईटी, राजस्थान सरकार को नोटिस जारी कर चुका है। अब दो लोगों की मौत ने इसे और भी भयावह बना दिया है।चीफ आर्किटेक्ट और बेल प्रोजेक्ट इंजीनियर देवेंद्र आर्य की पहले भी हुई हॉट-टॉक
यहां बता दें कि दुनिया की सबसे बड़े इस घंटा के सांचे का खोलने को लेकर चीफ आर्किटेक्ट अनूप बरतरिया और बेल प्रोजेक्ट इंजीनियर देवेंद्र आर्य की पहले भी हॉट-टॉक हो चुकी है। बरतरिया की घंटा को सांचे से बाहर निकालने में जल्दबाजी के कारण देवेंद्र आर्य ने पहले कहा भी था कि वे इस वर्ल्ड क्लास प्रोजेक्ट में कोई समझौता नहीं करेंगे। देवेंद्र आर्य ने 28 अगस्त, 2023 को जिला कलेक्टर और नगर विकास न्यास (यूआईटी) अध्यक्ष को पत्र लिखकर सूचित किया था कि यह वर्ल्ड क्लास घंटा जिसका मूल मैटल का वजन 79 टन है। इसको बॉक्सेज में कवर करने के बाद सिलिका मिट्टी के कारण इसका वजन बढ़कर 2500 मैट्रिक टन हो गया था। इसलिए इसे तकनीकी तौर पर एक निश्चित प्रक्रिया के तहत ही खोला जाएगा।

27 बॉक्स में बंद घंटा निश्चित प्रोसेस के तहत खोला जाना था, लेकिन…
लेकिन नगर विकास मंत्री शांति धारीवाल चुनावी फायदे के लालच में मतदान से पहले इसे खोलने पर अड़े हुए थे। उनका साथ अनूप बरतरिया ने दिया। इन दोनों की जल्दबाजी के कारण यह हादसा हो गया। इधऱ, जोधपुर निवासी इंजीनियर के पुत्र ने कोटा में मीडिया को दिए बयान में कहा कि उसके पिता यह घंटा बना रहे थे। जिसमें उन्हें कई वर्ल्ड रिकॉर्ड मिलने थे। वे डायबिटीज के रोगी थे और हार्ट की बाइपास सर्जरी हो चुकी थी। उन्होंने बरतरिया और धारीवाल एवं प्रोजेक्ट इंजीनियर को बता दिया था कि 27 बॉक्स में बंद यह घंटा निश्चित प्रोसेस के तहत ही खोली जा सकती है। इसमें जल्दबाजी नहीं हो सकती। लेकिन, विधानसभा चुनाव के कारण धारीवाल, बरतरिया और जिला कलेक्टर उनके पिता पर इन बॉक्सेज को जल्दी खोलने के लिए दबाव डालकर इस काम पर लगा दिया।

गृह जिले के होने के बावजूद गहलोत नहीं कर रहे हैं कोई सुनवाई
इंजीनियर देवेंद्र आर्य के बेटे का आरोप है कि उनके पिता के पास धारीवाल, बरतरिया, कलेक्टर और बड़े लोगों के फोन आते थे। वे कहते थे कि इसे जल्दी खोलो वरना….इतना कहकर फोन काट देते थे। उसका कहना है कि धारीवाल मतदान से पहले इसे खुलवाकर श्रेय लेना चाहते थे। क्योंकि उन्हें लगता था कि इससे उन्हें वोटों में फायदा मिल सकता है। पता नहीं 80-85 साल की उम्र में ये सदन में जाकर क्या कर चाहते हैं। उसका कहना है कि इसमें इन्हें करोड़ों रुपये बच रहे थे। आर्य के पुत्र का यह भी कहना है कि मुख्यमंत्री अशोक गहलोत खुद जोधपुर के हैं, इसके बावजूद उसकी कोई सुनवाई नहीं हो रही है।

मौतों के लिए जिम्मेदार नेता और अधिकारियों पर हत्या का केस हो- बीजेपी
दूसरी ओर कोटा के नागरिकों का कहना कि इस चंबल रिवर फ्रंट के प्रोजेक्ट से कोटा के नागरिकों को कोई फायदा नहीं हुआ है। यहां अब पर्यटक भी नहीं आ रहे हैं। ऊपर से हादसे हो रहे हैं। नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल की तलवार लटकी हुई है सो अलग। कोटा के लोगों की गाढ़ी कमाई के 1500 करोड़ रुपए बर्बाद होने से यहां के लोग खुद को ठगा सा महसूस कर रहे हैं। बीजेपी नेता और पूर्व विधायक प्रहलाद गुंजल ने कहा कि दो काबिल इंजीनियर जिद और अनियोजित विकास की भेंट चढ़ गए। उन्होंने कहा कि इन मौतों के लिए जिम्मेदार नेताओं और अधिकारियों पर हत्या का केस दर्ज होना चाहिए। मंत्री और यूआईटी एक-दूसरे को जिम्मेवार ठहरा रहे हैं, जो गलत है।

राजस्थान के जलदाय मंत्री महेश जोशी भी बने “मृत्युदाय” मंत्री

राजस्थान की कांग्रेस सरकार में मंत्री और मुख्यमंत्री गहलोत के चहेते वाटर सप्लाई मिनिस्टर महेश जोशी एक बार फिर विवादों के घेरे में हैं। पहले उनके बेटे पर एक महिला ने दुष्कर्म का केस दर्ज कराया था। इस बार खुद जलदाय मंत्री जोशी ही ‘मृत्युदाय मंत्री’ बन गए हैं। जोशी पर आरोप है कि उन्होंने कुछ लोगों के साथ मिलकर एक युवक को इतना परेशान किया कि इससे घबराकर उसने जान ही दे दी। फंदा लगाकर खुदकुशी करने से पहले युवक ने एक वीडियो भी बनाया और बेटे-बेटी को भेज दिया। जयपुर के सुभाष चौक इलाके के युवक ने वीडियो में जलदाय मंत्री महेश जोशी समेत कुछ लोगों पर परेशान करने का आरोप लगाया है। पहले पुलिस जलदाय मंत्री के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज करने में आनाकानी कर रही थी, लेकिन लोगों के दबाव और धरना-प्रदर्शन के बाद मंत्री के खिलाफ मामला दर्ज कर लिया गया। पीड़ित आरोपियों की गिरफ्तारी की मांग कर रहे हैं। गहलोत सरकार के और भी मंत्री विवादों में रह चुके हैं। राजस्थान में यह कांग्रेस नेताओं और उनके सुपुत्रों की काली करतूत का पहला कारनामा नहीं है। रेपिस्तान बने राजस्थान में इससे पहले भी  कांग्रेस विधायक जौहरी लाल मीणा के पुत्र ने भी नाबालिग से रेप का कारनामा किया था। तब दौसा में एक 15 साल की नाबालिग ने विधायक पुत्र पर दोस्तों के साथ मिलकर गैंगरेप करने का केस दर्ज कराया था।

जमीन के पट्टे के बाद भी मंत्री बोले- मंदिर के पास रहने का अधिकार नहीं
वरिष्ठ कांग्रेस नेता और कैबिनेट मंत्री महेश जोशी समेत 8 लोगों के खिलाफ आत्महत्या के लिए उकसाने का केस दर्ज हुआ है। एफआईआर मृतक राम प्रसाद मीणा (43) के भाई महावीर मीणा की शिकायत पर दर्ज की गई है। महावीर ने पुलिस को बताया कि मंत्री जोशी और उनके 6-7 सहयोगी लगातार उनके भाई और परिवार के लोगों को जमीन के लिए परेशान कर रहे थे। इन लोगों ने मेरे परिवार के लोगों को जाति सूचक गाली भी दी। कहा- तुम्हारा मंदिर के पास में रहने का कोई अधिकार नहीं है, जबकि हमने इस जमीन का पट्टा 2017 में नगर निगम से लिया हुआ है। इसके बावजूद हमारी जमीन पर मकान का निर्माण करने पर नगर निगम का गार्ड आ जाता है। कभी नगर निगम की गाड़ी आ जाती है। कई बार बात करने के बावजूद हमें परेशान कर रहे हैं।हवामहल विधायक व कैबिनेट मंत्री जोशी की धमकी से डरकर किया सुसाइड
डीसीपी नॉर्थ शशि डोगरा ने कहा कि मृतक के भाई महावीर ने बताया कि उसके भाई ने मरने से पहले उसे बताया था कि मंदिर संचालक देवेन्द्र शर्मा, ललीत शर्मा, राकेश टांक, मुंजी टाक व उनका साथी देव अवस्थी, लालचन्द देवनानी, हिमांशु देवनानी और हवामहल विधायक व कैबिनेट मंत्री महेश जोशी उसे लगातार परेशान कर रहे हैं। अपनी ही जमीन पर मकान बनाने के लिए जान से मारने की धमकी दे रहे हैं। बोल रहे हैं- तुम इस जमीन को खाली कर दो। वरना, हमारे से बुरा कोई नहीं होगा। रोज-रोज की धमकियों और परेशानी से तंग आकर उसके भाई ने कमरे में फंदा लगाकर सुसाइड कर लिया। सुसाइड करने के पहले उसने इसके लिए मंत्री और उसके साथियों को जिम्मेदार ठहराते हुए वीडियो बनाया, जिसे अपने बेटे-बेटी को भेज दिया। वीडियो देखकर परिजन जब तक राम प्रसाद के पास पहुंच पाते, तब तक वह फंदे पर झूल चुका था।

विजिलेंस अधिकारी नील कमल मीणा बोला- मुझपर मंत्री जोशी का है दबाव
सुसाइड करने वाला राम प्रसाद (43) चांदी की टकसाल काले हनुमान मंदिर के पास रहता था। यहां से 200 मीटर दूर ही उसकी जमीन है। इस जमीन को लेकर विवाद चल रहा है। घरवालों ने बताया कि सुबह राम प्रसाद जल्दी ही घर से निकल गया। घर से 200 मीटर दूर टी शॉप के पास एक ट्रांसपोर्ट कंपनी के ऑफिस में पहुंचा। सुबह 5 बजे चौकीदार ऑफिस खोलने के बाद निकल गया था। ऑफिस में ही राम प्रसाद ने फंदा लगा लिया। सुबह 6 बजे उधर से निकल रहे एक ऑटो ड्राइवर ने शव लटका हुआ देखा। ऑटो ड्राइवर ने पुलिस को सूचना दी गई। पुलिस को दी शिकायत में महावीर ने कहा कि हम लोग नगर निगम अधिकारी नील कमल मीणा के पास गए थे। उन्हें दस्तावेज दिखाए तो उन्होंने कहा कि मेरे ऊपर महेश जोशी मंत्री का दबाव है। इसका काम रोका जाए। इसके बाद हमारा पूरा परिवार 13 अप्रैल को सिविल लाईंस स्थित महेश जोशी के घर गया। महेश जोशी मंत्री ने वहां पर भी हमें धमकाया।

सुसाइड से पहले वीडियो बनाकर बताया कि क्या है पूरा मामला?
सुसाइड करने वाला राम प्रसाद चांदी की टकसाल, काले हनुमान मंदिर के पास रहता था। यहां से 200 मीटर दूर ही उसकी जमीन है। इस जमीन को लेकर विवाद चल रहा है। मृतक खुद की जमीन पर मकान बनाना चाहता था। आरोप है कि महेश जोशी सहित कई लोग उन्हें मकान बनाने के लिए बार-बार रोकते थे। जमीन के सभी डॉक्युमेंट होने के बाद भी उसके घर के बाहर गार्ड लगा दिए थे ताकि काम नहीं करा सके। इसे लेकर राम प्रसाद की दादी महेश जोशी से मिली, लेकिन उन्होंने कोई मदद नहीं की।

मंत्री के खिलाफ एफआईआर जांच के लिए सीआईडी (सीबी) को भिजवाई जाएगी
मृतक ने वीडियो में कहा कि इन लोगों की वजह से मेरी मां गुलाबी देवी और पत्नी सुमन मीणा बीमार रहती है। हर जगह शिकायत देने के बाद भी कोई सुनवाई नहीं हुई। इससे परेशान होकर राम प्रसाद ने फांसी लगाकर सुसाइड कर लिया। मृतक के परिजनों ने उस कमरे को ताला लगा रखा है, जिसमें राम प्रसाद ने सुसाइड किया। वे फिलहाल वहीं धरने पर बैठे हैं। वहीं, आरोपियों पर जल्द से जल्द कार्रवाई की मांग कर रहे हैं। सुभाष चौक थाना सीआई रामफूल ने बताया- देर रात परिवार की ओर से दी गई शिकायत पर एफआईआर दर्ज की है। एफआईआर में 8 लोग नामजद हैं। चूंकि रिपोर्ट में राज्य सरकार से मंत्री का नाम है इसलिए पीएचक्यू व उच्चाधिकारियों की जांच के लिए सीआईडी (सीबी) को भिजवाई जावेगी।

मंत्री के पुत्र रोहित जोशी ने किया था रेप, तब पीड़िता ने की थी सुसाइड की कोशिश
दरअसल, राजस्थान की अशोक गहलोत सरकार और विवाद एक-दूसरे के पर्यायवाची बन गए हैं। सरकार नित नए विवाद में फंसती नजर आती है। अब जिन जलदाय मंत्री महेश जोशी पर सुसाइड के लिए उकसाने का मामला दर्ज हुआ है, उन्हीं के बेटे रोहित जोशी के खिलाफ जयपुर की 23 साल की युवती ने दिल्ली में रेप का केस दर्ज करा चुकी है। रोहित जोशी ने उसे नशीला पदार्थ पिलाकर कई बार रेप किया। मांग में सिंदूर भरकर शादी का झांसा दिया। शादी तो नहीं की, लेकिन उसे जबरन हनीमून पर ले गया। पीड़िता प्रेग्नेंट हुई तो अबॉर्शन करा दिया। परेशान होकर पीड़िता ने खुदकुशी की कोशिश की। इससे बची तो रोहित मारपीट पर उतारू हो गया। आखिरकार पीड़िता ने नॉर्थ दिल्ली के सदर थाने में मामला दर्ज करवाया।

पीड़िता बोली- बोलता है भंवरी जैसा हाल करेंगे, भंवरी केस में कांग्रेसियों को हुई थी जेल
जलदाय मंत्री डॉ. महेश जोशी के बेटे रोहित जोशी के खिलाफ रेप की शिकायत को नॉर्थ दिल्ली पुलिस ने जीरो एफआईआर दर्ज कर सवाई माधोपुर एसपी को भेज दिया है। पीड़िता ने शिकायत में बताया है कि रोहित जोशी से उसकी फेसबुक पर दोस्ती हुई थी। दोनों की बात होने लगी। मिलने-जुलने लगे। इसके बाद रोहित 8 जनवरी 2021 को उसे अपने दोस्त के घर सवाई माधोपुर ले गया। जहां पर रोहित ने उसे नशीला पदार्थ पिलाकर रेप किया। रोहित ने पीड़िता के बेसुध होने पर उसके न्यूड वीडियो बनाए और फोटो खींच लिए। दुष्कर्म पीड़िता के मुताबिक रोहित जोशी अपने पिता के मंत्री होने की धमकी देता है। बताता है कि बदमाश और माफियाओं के साथ उनके सम्पर्क है। वह पुलिस से नहीं डरते। यदि उसने रोहित की मनमानी के खिलाफ आवाज उठाई तो वह उसका हाल भंवरी देवी जैसा भी कर सकते हैं। कोई उनका कुछ नहीं बिगाड़ सकेगा। गजब संयोग है कि देश भर में चर्चित भंवरी देवी के केस में भी कांग्रेस में मंत्री और विधायकों को ही जेल हुई थी।

मांग में सिंदूर भरकर शादी का झांसा, गर्भवती हुई तो जबरन अबॉर्शन करा दिया
पीड़िता ने शिकायत में बताया है कि 20 अप्रैल 2021 को आरोपी पीड़िता को दोस्त के फार्म हाउस पर ले गया। जहां उसकी मांग में सिंदूर भर दिया। कहा- वह उसकी पत्नी बन चुकी है। जल्द शादी का रिसेप्शन करने वाला हूं। 26 जून 2021 को आरोपी पीड़िता को मनाली ले गया। बोला- यह हमारा हनीमून है। 11 अगस्त 2021 को पीड़िता प्रेग्नेंट हो गई। इसकी जानकारी उसने रोहित को दी तो दोनों के बीच झगड़ा हो गया। अब उसने पुलिस से मदद की गुहार लगाई है। पीड़िता ने दिल्ली में अपने साथ हुए रेप और अननैचुरल सेक्स (कुकर्म) का दर्द बयां किया। उसने बताया कि किस तरह रोहित उससे जबरन संबंध बनाता था। इनकार करने पर बिस्तर से बांध देता था, फिर रेप और अननैचुरल सेक्स करता था। होटल और सार्वजनिक जगहों पर उसे मारता- पीटता रहा। विरोध करती तो पिता के रसूख की धौंस देता।

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