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आजादी के बाद निर्मला सीतारमण लगातार पांच आम बजट पेश करने वाली पहली महिला वित्त मंत्री बनीं, हर बार लीक से हटकर जन-कल्याणकारी बजट किया पेश, जानिए पांचों बजट के रोचक तथ्य

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देशवासियों के लिए आम बजट पेश करने का दिन बेहद खास होता है। बजट से देश की दशा और दिशा तय होती है। विविध आशाओं और योजनाओं के बीच इससे हर वर्ग के सपनों को भी पंख मिलते हैं। वित्त मंत्री के लिए तो यह दिन बड़ी जिम्मेदारी वाला होता ही है। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बुधवार को साल 2023 का आम बजट किया। यह उनका पांचवां बजट है। पिछले 75 सालों में सबसे ज्यादा 10 बार भारत में वित्त मंत्री के तौर पर मोरारजी देसाई ने बजट पेश किया है। आजाद भारत के इतिहास में सिर्फ दो महिला वित्त मंत्रियों- इंदिरा गांधी और निर्मला सीतारमण ने अबतक आम बजट पेश किया है। इसमें भी सीतारमण ही पूर्णकालिक वित्त मंत्री हैं। यदि सीतारमण द्वारा पेश किए गए पांचों बजट का रिव्यू किया जाए तो पता चलता है कि उन्होंने पुरानी घिसी-पिटी परंपराओं को तोड़कर, लीक से हटकर जनता कल्याण के बजट पेश किए हैं। उनके हर बजट में कुछ न कुछ खास रहा है, जो उन्हें दूसरे वित्तमंत्रियों से अलग बनाता है।2019: ब्रीफकेस बजट की जगह बहीखाता, दशक के लिए दस प्वाइंट की परिकल्पना
केन्‍द्रीय वित्‍त और कॉरपोरेट कार्य मंत्री श्रीमती निर्मला सीतारमण ने अपना पहला बजट 2019 में पेश किया। उन्होंने अपने पहले बजट के साथ ही पुरानी और अनावश्यक परंपराओं को तोड़ना शुरू किया। 2019 में ब्रीफकेस बजट की जगह लाल कपड़े में बजट दस्तावेज लेकर पहुंचीं। बजट यानी बहीखाता। इससे पहले वित्त मंत्री ब्रीफकेस में बजट लेकर जाते रहे हैं। सीतारमण ने तब रिकॉर्ड 2 घंटे 17 मिनट तक भाषण दिया। इससे पहले सबसे लंबा बजट भाषण जसवंत सिंह ने 2003 में 2 घंटे 15 मिनट का दिया था। तब उन्होंने बजट में आने वाले दशक के लिए दस बिन्‍दु की परिकल्‍पना प्रस्तुत की थी।

  • जन भागीदारी से टीम इंडिया का निर्माण : न्‍यूनतम सरकार अधिकतम शासन।
  • हरी-भरी पृथ्‍वी और नीले आकाश के साथ प्रदूषण मुक्‍त भारत बनाना।
  • डिजिटल इंडिया को अर्थव्‍यवस्‍था के प्रत्‍येक क्षेत्र तक पहुंचाना।
    गगनयान, चन्‍द्रयान, अन्‍य अंतरिक्ष और उपग्रह कार्यक्रमों की शुरूआत।
  • वास्‍तविक और सामाजिक बुनियादी ढांचे का निर्माण। नागरिकों की सुरक्षा।
  • खाद्यान्‍नों, दालों, तिलहनों, फलों और सब्जियों में आत्‍मनिर्भरता और निर्यात।
  • आयुष्‍मान भारत, पोषणयुक्‍त मां और बच्‍चा के जरिए स्‍वस्‍थ समाज की स्‍थापना।
  • एमएसएमई, मेक इन इंडिया के अंतर्गत स्‍टार्ट-अप्‍स और रक्षा निर्माण को प्रोत्साहन।
  • इलेक्‍ट्रॉनिक्‍स, मोटर वाहनों, वस्‍त्रों और बैटरियों तथा चिकित्‍सा उपकरणों पर जोर।
  • पांच ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्‍यवस्‍था की ओर फोकस।

2020: सबसे लंबा बजट भाषण, भ्रष्टाचार मुक्त और आकांक्षी भारत का निर्माण
वित्त मंत्री सीतारमण का दूसरा बजट भाषण भारतीय इतिहास का सबसे लंबा बजट भाषण था। उन्होंने 2 घंटे 42 मिनट तक भाषण दिया। इस बजट में उन्होंने भ्रष्टाचार मुक्त और आकांक्षी भारत, जिसमें समाज के सभी वर्गों को जीवनयापन का बेहतर स्टैंडर्ड मिले, स्वास्थ्य, शिक्षा और बेहतर रोजगार तक सबकी पहुंच हो, इस पर पूरी तरह फोकस किया। इस बजट के खास उद्देश्य यह रहे-

  • सभी का आर्थिक विकास, जिसका संकेत प्रधानमंत्री के ‘सबका साथ, सबका विकास, सबका विश्वास’ मंत्र में दिया गया है।
  • डिजिटल गवर्नेंस के जरिए सेवाओं की आसान डिलीवरी
  • भ्रष्टाचार मुक्त और आकांक्षी भारत के सपनों को सच करना
  • राष्ट्रीय बुनियादी ढांचा पाइपलाइन के जरिए जीवन की भौतिक गुणवत्ता में सुधार लाना
  • आपदा रोधक के जरिए जोखिम को कम करना
  • पेंशन और बीमा प्रवेश के जरिए सामाजिक सुरक्षा
  • जिम्मेदार समाज का निर्माण, जो मानवीय और करुणामय हो।

2021: पहली बार पेपरलेस बजट, नवाचार और नव अनुसंधान पर फोकस 
वित्त मंत्री सीतारमण ने ही ब्रीफकेस बजट को बहीखाता बजट में बदला था। इस बार सीतारमण ने लाल रंग के टैबलेट में बजट लेकर पहुंचीं। आजादी के बाद इतिहास बना कि देश का पहला आम बजट पेपरलेस पेश किया गया। वैसे इससे पहले तीन राज्यों हिमाचल (2015), ओडिशा (2020) और हरियाणा (2020) में पहले ही पेपरलेस बजट पेश किया जा चुका था। इस बजट में वित्त मंत्री ने इन विषयों पर फोकस किया…

  • हर भारतीय के स्‍वास्‍थ्‍य और खुशहाली पर जोर
  • भौतिक एवं वित्‍तीय पूंजी, और अवसंरचना
  • आकांक्षी भारत के लिए समावेशी विकास
  • मानव पूंजी को फिर से ऊर्जावान बनाना
  • नवाचार और अनुसंधान व विकास
  • न्‍यूनतम सरकार और अधिकतम शासन

2022 : हलवा रस्म नहीं हुई, सबसे छोटे भाषण में अमृतकाल के लक्ष्य तय
वित्त मंत्री सीतारमण ने इस बार अपना सबसे छोटा बजट भाषण दिया। 1 घंटे 30 मिनट का। कोरोना के चलते प्रिंटिंग से पहले होने वाली हलवा सेरेमनी भी नहीं हुई। अधिकारियों को मिठाई बांटी गई। हालांकि इस बार के बजट में ये रस्म वापस आ गई। सीतारमण ने अधिकारियों को हलवा बांटा। ये लॉक इन प्रॉसेस की शुरुआत होती है। यानी ये अफसर बजट जारी होने तक बाहरी दुनिया से कट जाते हैं। ऐसा गोपनीयता के चलते किया जाता है। इस बजट में इन पर फोकस किया गया…

  • विकास दर: वर्ष 2021-22 में भारत की आर्थिक वृद्धि सकल घरेलू उत्पाद का 9.2% , जो सभी बड़ी अर्थव्यवस्थाओं में सबसे अधिक है।
  • अमृत काल: भारत ने अमृत काल में प्रवेश किया है, जो भारत@100 की 25 वर्ष लंबी लीडअप योजना है। अमृत काल के दौरान सरकार का उद्देश्य विकसित राष्ट्र बनाना है।
  • सूक्ष्म-आर्थिक स्तर की सभी समावेशी कल्याण नीतियों के साथ ‘मैक्रो-इकोनॉमिक लेवल ग्रोथ फोकस’ को लागू करना।
  • डिजिटल अर्थव्यवस्था और फिनटेक, प्रौद्योगिकी सक्षम विकास, ऊर्जा संक्रमण एवं जलवायु कार्रवाई को बढ़ावा देना।
  • सार्वजनिक पूंजी निवेश के साथ निजी निवेश को बढ़ावा देना।
  • चार प्राथमिकताएँ: पीएम गतिशक्ति, समावेशी विकास, निवेश का वित्तपोषण और उत्पादकता वृद्धि, उदीयमान अवसर, ऊर्जा संक्रमण।
  • प्रोडक्टिविटी लिंक्ड इंसेंटिव: प्रोडक्टिविटी लिंक्ड इंसेंटिव स्कीम के तहत 14 क्षेत्रों में 60 लाख नए रोज़गार सृजित होंगे।

2023: इतिहास में पहली बार दो लाख बढ़ी आयकर की सीमा
वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण ने बुधवार को पांचवीं बार बजट पेश किया। वित्तमंत्री ने अपने बजट में कई अहम घोषणाएं कीं। बजट में आयकर की सीमा को 5 लाख से बढ़ाकर 7 लाख कर दिया गया। वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण देश की पहली पूर्णकालिक महिला वित्तमंत्री हैं। इसके पहले इंदिरा गांधी ने प्रधानमंत्री के साथ वित्तमंत्री का पद संभाला था। निर्मला सीतारमण के नाम कई रिकॉर्ड दर्ज हैं…

  • पर्सनल इनकम टैक्स : वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण ने अपने बजट भाषण में नई कर व्यवस्था में 7 लाख रुपये तक की आय पर छूट दी गई है।
  • पीएम विश्वकर्मा कौशल सम्मान -परंपरागत कारीगरों और शिल्पकारों के लिए सहायता के पैकेज की घोषणा, जो उन्हें एमएसएमई मूल्य श्रृंखला के साथ एकीकृत करते हुए ट्रेनिंग, टेक्नोलॉजी, क्रेडिट और मार्केट सपोर्ट की व्यवस्था करेगा।
  • रेलवे: रेलवे के लिए 2.40 लाख करोड़ रुपये के पूंजीगत परिव्यय का प्रावधान। अब तक का यह सर्वाधिक परिव्यय। वित्त वर्ष 2013-14 में किए परिव्यय का लगभग नौ गुना है।
  • एकलव्य मॉडल आवासीय विद्यालय: अगले 3 वर्षों में केंद्र 3.5 लाख आदिवासी छात्रों की सेवा करने वाले 740 स्कूलों के लिए 38,800 शिक्षकों और सहायक कर्मचारियों की भर्ती करेगा।
  • नेशनल डिजिटल लाइब्रेरी: बच्चों और किशोरों के लिए एक नेशनल डिजिटल लाइब्रेरी की स्थापना की जाएगी, ताकि भौगोलिक, भाषाओं, शैलियों और स्तरों पर गुणवत्तापूर्ण पुस्तकों की उपलब्धता को सुगम बनाया जा सके।
  • डोमेस्टिक एंड इंटरनेशनल टूरिज्म: घरेलू और अंतरराष्ट्रीय पर्यटन के लिए संपूर्ण पैकेज के रूप में विकसित किए जाने के लिए चैलेंज मोड के माध्यम से 50 पर्यटन स्थलों का चयन किया जाएगा।
  • एमएसएमई के लिए क्रेडिट गारंटी: कॉरपस (Corpus) में 9000 करोड़ रुपये का निवेश किया जायेगा, जो 2 लाख करोड़ रुपये के Additional collateral-free credit की अनुमति देगा।
  • अखिल भारतीय राष्ट्रीय शिक्षुता योजना: 3 वर्षों में 47 लाख युवाओं को सहायता प्रदान करने के लिए Pan India national apprenticeship scheme की शुरुआत।
  • ऐप डेवलपमेंट के लिए 100 लैबों की स्थापना: इंजीनियरिंग संस्थानों में 5G सेवाओं का उपयोग कर ऐप विकसित करने के लिए 100 प्रयोगशालाएं स्थापित की जाएंगी।
  • एग्रीकल्चरल क्रेडिट टारगेट: पशुपालन, डेयरी और मत्स्य पालन पर ध्यान देने के साथ कृषि ऋण लक्ष्य को बढ़ाकर 20 लाख करोड़ रुपये किया जाएगा।

आइए आम बजट और वित्त मंत्रियों से जुड़े ऐसे ही कुछ रोचक तथ्यों को जानते हैं…

  • वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण के नाम सबसे लंबी बजट स्पीच देने का रिकॉर्ड दर्ज है।
  • सबसे लंबा बजट भाषण देने की लिस्ट में पहला और दूसरा स्थान वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण का ही है। उन्होंने जहां 2022 में 2 घंटे, 41 मिनट का स्पीच दी थी, जबकि इसके पहले 2019 में 2 घंटे, 17 मिनट तक स्पीच दी थी।
  • निर्मला सीतारमण के नाम सबसे छोटा बजट भाषण 2022 में रहा। तब उन्होंने केवल 1 घंटा, 30 मिनट तक यानी 90 मिनट तक भाषण दिया था।
  • दो घंटे से ज्यादा भाषण देने वाले वित्तमंत्रियों की लिस्ट में निर्मला सीतारमण, जसवंत सिंह के अलावा वित्त मंत्री अरुण जेटली का नाम भी शामिल है। अरुण जेटली ने 2014 में बतौर वित्त मंत्री 2 घंटे, 10 मिनट का लंबा भाषण दिया था।
  • पीएम मोदी सरकार में 2017 में पहली बार रेल बजट को आम बजट में मिलाया गया था। तब वित्तमंत्री अरुण जेटली थे। इसके पहले रेल बजट अलग से पेश हुआ करता था।
  • अब तक सबसे ज्यादा बार बजट मोरारजी देसाई ने पेश किया है। मोरारजी देसाई ने कुल 10 बार बजट पेश किए हैं।

 

 

 

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