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परीक्षा केंद्रों पर सोशल डिस्टेंसिंग की पर्याप्त व्यवस्था, JEE-NEET अभ्यर्थियों को डरने की जरूरत नहीं

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राजनीतिक फायदे के लिए कांग्रेस और विरोधी पार्टियां भले ही JEE-NEET परीक्षा का विरोध कर रही हैं लेकिन कोरोना के मद्देजनर नेशनल टेस्टिंग एजेंसी द्वारा परीक्षा केंद्रों पर सोशल डिस्टेंसिग का खासा ध्यान रखा गया है और अभ्यर्थियों को डरने की जरूरत नहीं है। नेशनल टेस्टिंग एजेंसी के डीजी विनीत जोशी के अनुसार कोरोना संकट के मद्देजनर परीक्षा केंद्रों पर व्यापक तैयारी की गई है। 

कोरोना से सुरक्षा के मद्देनजर नेशनल टेस्टिंग एजेंसी ने जेईई मेन और नीट दोनों के लिए देशभर में परीक्षा केंद्रों की संख्या में बढ़ोतरी की है। जेईई के परीक्षा केंद्र 570 से बढ़ाकर 660 किए गए हैं,जबकि नीट के केंद्र 2546 से बढ़ाकर 3843 किए गए हैं। इसके बाद जेईई में हर केंद्र पर अभ्यर्थियों की संख्या घटकर 120 की गई है जबकि जनवरी की परीक्षा में यह 234 थी। इसी प्रकार नीट में हर एक केंद्र पर अभ्यर्थियों की संख्या 416 की गई जो 2019 में 597 थी।

नेशनल टेस्टिंग एजेंसी के डीजी विनीत जोशी के अनुसार परीक्षा केंद्रों पर भीड़ न जुटे इसके लिए छात्रों को अलग-अलग रिपोर्टिंग टाइम दिया गया है। अभ्यर्थियों को अलग-अलग ग्रुप में बांटा गया है। हर ग्रुप के रिपोर्टिंग टाइम में 30 से 40 मिनट का अंतर है। 

विनीत जोशी के अनुसार एंट्री गेट पर क्यू मैनेजर्स होंगे। स्टूडेंट्स को परीक्षा केंद्र पर छोड़ने आए अभिभावकों को वहां आस-पास भी रुकने की अनुमति नहीं होगी। यहां तक कि गाड़ियां भी पार्क नहीं करनी हैं। 

परीक्षा केंद्रोें पर व्यवस्था :

  • केंद्रों पर परीक्षा के पहले और बाद में भीड़ प्रबंध करने की पूरी तैयारी
  • किसी भी समय रजिस्ट्रेशन डेस्क पर सिर्फ 15 स्टूडेंट्स ही होंगे मौजूद
  • एक क्लासरूम में इस साल 25 के मुकाबले सिर्फ 12 छात्र ही बैठेंगे
  • पिछले साल 2546 के मुकाबले इस साल 3842 सेंटर्स की व्यवस्था
  • कोरोना संकट के मद्देजनर विजिलेटर्स की संख्या में भारी बढ़ोतरी
  • भीड़ को नियंत्रित करने के लिए केंद्रों पर पुलिस की पर्याप्त व्यवस्था

शिक्षाविदों ने लिखा पीएम मोदी को पत्र

देश-विदेश के जाने माने शिक्षाविदों ने JEE-NEET परीक्षा के संबंध में  प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को पत्र लिखा है। इन शिक्षाविदों के अनुसार मेडिकल और इंजीनियरिंग प्रवेश परीक्षा में यदि और देरी हुई तो छात्रों का भविष्य प्रभावित होगा। कुछ लोग अपने राजनीतिक एजेंडे को आगे बढ़ाने के लिए छात्रों के भविष्य के साथ खेलने की कोशिश कर रहे हैं। इस लेटर पर साइन करने वालों में दिल्ली विश्वविद्यालय, इग्नू, लखनऊ विश्वविद्यालय, जेएनयू, बीएचयू, आईआईटी दिल्ली, लंदन विश्वविद्यालय, कैलिफोर्निया विश्वविद्यालय, हिब्रू यूनिवर्सिटी ऑफ यरुशलम और इजराइल के बेन गुरियन विश्वविद्यालय के भारतीय प्रोफेसर्स शामिल हैं। गौरतलब है कि JEE परीक्षा 1 से 6 सितंबर और NEET परीक्षा 13 सितंबर को आयोजित की जाएगी।

 

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