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AAP के नेता पद और सत्ता के लिए किसी भी हद तक जाने को तैयार, किसी ने पिता-पुत्री के पवित्र रिश्ते को किया शर्मसार, तो किसी ने तोड़ी बच्चों की कसम

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आम आदमी पार्टी के नेताओं की विश्वसनीयता अब पूरी तरह खत्म हो चुकी है। आज उनकी हालत ऐसी हो गई है कि वो जो भी बयान देते हैं, उस पर कोई भरोसा नहीं करता है। पिछले नौ सालों में आम आदमी पार्टी के सर्वोच्च नेता से लेकर जमीनी स्तर के छोटे नेता तक सभी पद और सत्ता के भूखे हो चुके हैं। इसके लिए वे किसी भी हद तक जाने को तैयार है। सत्ता के लिए पहले अन्ना हजारे जैसे समाजसेवी की बेदाग छवि का फायदा उठाकर जनता का भरोसा जीता। लेकिन दिल्ली की सत्ता पर काबिज होते ही उनके आदर्शों की तिलांजलि दे दी। इसके बाद आप नेता अपने बच्चों की झूठी कसम खाने और पिता-पुत्री के पवित्र रिश्ते को शर्मसार करना से भी पीछे नहीं हटते हैं। आम आदमी पार्टी की नेता और दिल्ली महिला आयोग की अध्यक्ष स्वाति मालीवाल ने पद और सत्ता के लिए अपने दिवंगत पिता को भी नहीं छोड़ा। उन्होंने अपने पिता पर गंभीर आरोप लगाकर विक्टिम कार्ड खेलने की कोशिश की है।

स्वाति मालीवाल ने पिता पर लगाया यौन शोषण का आरोप

दरअसल शनिवार (11 मार्च, 2023) को इंडिया हैबिटेट सेंटर में दिल्ली महिला आयोग द्वारा आयोजित एक कार्यक्रम में स्वाति मालीवाल ने खुलासा किया कि उनके पिता ने उनका यौन शोषण किया था। स्वाति मालीवाल ने कहा, “जब मैं छोटी थी तो मेरे पिता मेरा यौन शोषण करते थे। वह मुझे बहुत मारते थे। जब वह घर आते थे तो मैं डर जाती थी और अक्सर बिस्तर के नीचे छिप जाती थी। और पूरी रात प्लानिंग करती थी कि किस तरीके से महिलाओं को उनका हक दिलाऊंगी। इस तरीके के आदमी जो महिलाओं और बच्चियों का शोषण करते हैं, उन्हें सबक सिखाऊंगी। मुझे अब भी याद है कि जब वो मारने पर आते थे तो मेरी चोटी पकड़ कर दीवार पर जोर से पटक देते थे। खून बहता रहता था। बहुत तड़प होती थी। लेकिन मेरा मानना है कि एक इंसान जब बहुत अत्याचार सहता है तभी दूसरों का दर्द समझ पाता है।”

पूर्व पति ने फिल्म के जरिए कसा तंज – “तू महाझूठी मैं महामक्कार”

स्वाति मालीवाल ने जिस तरह अपने पिता पर यौन शोषण का आरोप लगाया, उसने सबको हैरान कर दिया। उनके बयान समाने आते ही सवाल भी उठने लगे। सवाल उठाने वालों में उनके पूर्व पति नवीन जयहिंद भी शामिल है। उन्होंने स्वाति मालीवाल पर झूठ बोलने का आरोप लगाते हुए नार्को टेस्ट करने की मांग की। उन्होंने इस मामले में ट्वीट किया, “फ़िल्म का नया नाम होना चाहिए था “तू महाझूठी मैं महामक्कार” जब आदमी मक्कार, मौक़ामार और मुर्दा हो जाता है तो वो मुर्दों पर ही वार करता है। आदमी में हरामीपन आ जाता है। लोभ लालच तन मन पर छा जाता है तो वो ज़िंदा लोगों के कुकर्मों पर नहीं बोल पाता है। मुर्दों पर बोलके मर्द नहीं बनते घटिया🫢।”

पहले पिता पर गर्व और अब यौन शोषक बना दिया

अब सोशल मीडिया पर स्वाति मालीवाल के पुराने बयान वायरल हो रहे हैं। लोग उन्हें याद दिला रहे हैं कि किस तरह वो 2016 से पहले अपने पिता पर गर्व करती थी। स्वाति मालीवाल ने कहा था कि मैं फौजी की बेटी हूं। फौज में पली बढ़ी हूं। देश के लिए काम करना, देश के लिए जान देना सीखा है। मुझे दुनिया की कोई ताकत डरा नहीं सकती। अब सवाल पूछा जा रहा है कि कौन सा बयान झूठा है। प्रखर श्रीवास्तव नाम के एक ट्विटर यूजर्स ने सवाल किया है, ” ये कौन से पिता थे जिन पर आप 2016 तक गर्व कर रही थीं? मुझे ये विश्वास है कि कोई भी बेटी पिता के बारे में झूठ नहीं बोलती। फिर वो झूठ कौन सा है? आज वाला या 2016 वाला? जवाब देना होगा, क्योंकि आपने दुनिया के सबसे पवित्र रिश्ते को कठघरे में खड़ा किया है।”

जो पिता का नहींं हो सकी, वो दूसरी महिलाओं की क्या भला करेगी ?

स्वाति मालीवाल ने विक्टिम कार्ड खेलने के चक्कर में जिस तरह अपने पिता को ही मोहरा बना दिया। उससे अब सवाल उठ रहे हैं कि जिसने पैदा किया उसकी नहीं हो सकी तो बाकी माहिलाओं क्या भला करेगी? सोशल मीडिया में दावा किया जा रहा है कि स्वाति मालीवाल के पिता अशोक मालीवाल भारतीय वायुसेना में स्क्वाडर्न लीडर थे जो काफी बड़ा पद होता है। मालीवाल की मां भी काफी पढ़ी-लिखी और गाजियाबाद के डिग्री कॉलेज में केमिस्ट्री की लेक्चरर थी। ऐसे परिवार में इस तरह के अत्याचार की कहानी पर किसी को भरोसा नहीं हो रहा है। स्वाति के बयान से उनकी मां पर भी सवाल उठ रहे हैं कि क्या एक पढ़ी-लिखी मां अपने बच्चों के खिलाफ हो रहे अत्याचार पर आवाज नहीं उठा सकती थी ? क्या मां ने बच्चों के प्रति अपना धर्म नहीं निभाया ? क्या आर्थिक रूप से आत्मनिर्भर और सक्षम एक महिला अपने पति के अत्याचारों पर मौन रह सकती है ?

गुरु और चेलों में लगी बच्चों और अभिभावकों को अपमानित करने की होड़

आम आदमी पार्टी में झूठ बोलने की प्रतियोगिता चल रही है। जब गुरु ही झूठ बोलने में उस्ताद हो, तो उसके चेलों से ऐसी अपेक्षा की जा सकती है। दिल्ली के सीएम केजरीवाल ने सत्ता के लिए अपने बच्चों की झूठी कसमें खायी थीं। केजरीवाल की शिष्या अपने गुरु के बताये रास्ते पर चलते हुए अपने पिता के ऊपर ही घटिया आरोप लगा दिया। लोगों का कहना है कि ये भी केजरीवाल का ही पाठ पढ़ाया हुआ है। इतनी घटिया मानसिकता तो केजरीवाल की ही है। अन्यथा कोई बेटी इतना घटिया और झूठा आरोप अपने पिता पर नहीं लगा सकती।

केजरीवाल ने सत्ता के लिए बच्चों की कसम तोड़ी

गौरतलब है कि केजरीवाल ने अपने बच्चों की कसम खाई थी कि कांग्रेस से किसी भी हालात में गठबंधन नहीं होगा क्योंकि गठबंधन भ्रष्टाचार को जन्म देता है। केजरीवाल उसी पार्टी के साथ गठबंधन के लिए कभी राहुल गांधी के सामने तो कभी शीला दीक्षित के सामने गिड़गिड़ाते रहे। कजरीवाल ने कहा था कि संदीप दीक्षित से मेरा दूर दूर का कोई लेना-देना नहीं है। और बच्चों की कसम है, ना बीजेपी से गठबंधन करेंगे, ना कांग्रेस से गठबंधन करेंगे। बाद में केजरीवाल ने सियासी फायदे के लिए बच्चों की कसम भी तोड़ दी। उन्होंने ना सिर्फ कांग्रेस से गठबंधन कर दिल्ली में सरकार बनाई, बल्कि लोकसभा चुनाव में कांग्रेस से गठबंधन के लिए गुहार लगाते रहे। उन्होंने सार्वजनिक सभा में कहा था कि अगर कांग्रेस से गठबंधन हो जाए, तो बीजेपी दिल्ली में लोकसभा की सातों की सातों सीटें हार जाएंगी। 

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