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यूपी में भाजपा की आंधी और डबल इंजन की सरकार से घबराए अरविंद केजरीवाल रणनीति बदलने को मजबूर,  जयंत के साथ कर सकते हैं साइकिल की सवारी

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उत्तर प्रदेश में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ द्वारा लगातार कराए जा रहे विकास कार्यों के लोकार्पण और शिलान्यास कार्यक्रमों की आंधी से आप संयोजक केजरीवाल चकरघिन्नी हो गए हैं। पीएम मोदी और सीएम योदी की डबल इंजन की सरकार से डरे केजरीवाल उत्तर प्रदेश में अपनी रणनीति बदलने को मजबूर हो गए हैं। पहले आम आदमी पार्टी ने यूपी में अकेले चुनाव लड़ने की घोषणा की थी। कुछ सीटों पर अपने प्रत्याशी तक घोषित कर दिए थे, लेकिन योगी की आक्रामक शैली और धुंआधार विकास कार्यों के चलते अब आप यूपी में कोई सहारा तलाश रही है।विपक्षी दलों को बीजेपी के खिलाफ नहीं मिल रहे मुद्दे
आम आदमी पार्टी के संयोजक केजरीवाल और उत्तर प्रदेश प्रभारी संजय सिंह ने कुछ माह पहले यूपी में अपने दम पर चुनाव लड़ने के लिए ताल ठोंकी थी। छोटी-मोटी जनसभाएं करने के अलावा सितंबर में 170 संभावित प्रत्याशियों की सूची भी जारी कर दी। लेकिन अकेले चुनाव लड़ने की घोषणा करने के बाद पार्टी नेताओं को समझ में आया कि देश के सबसे बड़े प्रदेश में उनकी दाल गलने वाली नहीं है। जिस तरह भाजपा विकास कार्यों कि आंधी चला रही है, उसके चलते विपक्षी दलों को बीजेपी के खिलाफ मुद्दे तक तलाशने में मशक्कत करनी पड़ रही है।डबल इंजन की सरकार ने विपक्षी दलों की नींद उड़ाई
दरअसल, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा उत्तर प्रदेश में फोकस करने से सीएम योदी की शक्ति कई गुणा बढ़ गई है। पिछले कुछ समय में ही उत्तर प्रदेश में विकास कार्यों के लोकार्पण और शिलान्यास की झड़ी लगी हुई है। पीएम मोदी के विजन को योगी मेहनत से साकार करने में लगे हुए हैं। इसी के चलते कोरोना की दो लहरों के बावजूद उत्तर प्रदेश में विकास कार्य मिशन मोड में पूरे कराए जा रहे हैं। इन विकास कार्यों ने विपक्षी दलों की नींद उड़ाकर रख दी है।अकेले लड़ने में अक्षम तो गुटबंदी की कोशिशों में जुटे
अपने दम पर अकेले लड़ने में खुद को अक्षम मानकर विपक्षी दलों ने गुटबंदी की कोशिशें शुरू कर दी हैं। अकेले चुनाव लड़ने से घबरा रहे यूपी के लड़के अखिलेश यादव और आरएलडी नेता जयंत चौधरी में साथ चुनाव लड़ने पर लगभग सहमति हो चुकी है। इसी साल मार्च में मथुरा में जयंत चौधरी और अखिलेश यादव ने कहा था कि वे 2022 का विधानसभा चुनाव साथ मिलकर लड़ेंगे। लेकिन उस घोषणा के बाद कोई सुगबुगाहट नहीं दिखी। इसके बाद अक्टू बर में प्रियंका गांधी और जयंत की मुलाकात के बाद भी काफी चर्चा हुई। अब सपा और आएलडी में बस घोषणा की औपचारिकता भर है।अखिलेश-जयंत और केजरीवाल यूपी में कर सकते हैं गठबंधन
यूपी में बीजेपी के दमखम को देखकर अब आम आदमी पार्टी भी उत्तर प्रदेश में होने वाले विधानसभा चुनाव में समाजवादी पार्टी के साथ गठबंधन की तैयारी में जुट गई है। संजय सिंह और अखिलेश यादव की बुधवार को लखनऊ में हुई मुलाकात के बाद अटकलों का बाजार गर्म हो गया है। आम आदमी पार्टी के राज्यसभा सदस्य और यूपी प्रभारी संजय सिंह और समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव में हुई मुलाकात के बाद इसकी संभावना प्रबल हो गई है।आप ने 170 प्रत्याशियों की सूची जारी करने के बाद कदम खींचे
हालांकि, आम आदमी पार्टी ने सितंबर में 170 संभावित प्रत्याशियों की सूची जारी कर अकेले चुनाव लड़ने की घोषणा की थी, लेकिन अचानक पार्टी ने अपनी रणनीति में बदलाव करते हुए समाजवादी पार्टी के साथ चुनावी समर में उतरने का मन बना लिया है। पिछले दिनों आम आदमी पार्टी ने घरेलू उपभोक्ताओं को 300 यूनिट मुफ्त बिजली, किसानों को मुफ्त बिजली और बकाया बिल माफ करने की घोषणा को लेकर इन 170 विधान सभा क्षेत्रों में उसने बिजली गारंटी पर जन जागरण अभियान भी चलाया। मगर, अब दो महीने बाद वह जनाधार बढ़ाने के लिए साइकिल की सवारी करने को तैयार है।उत्तर प्रदेश मेंविपक्षी दल योगी सरकार को घेरने में विफल
आम आदमी पार्टी उत्तर प्रदेश में पहली बार विधानसभा चुनाव लड़ने की तैयारी कर रही है। पार्टी के प्रदेश प्रभारी संजय सिंह लगातार उत्तर प्रदेश में योगी सरकार को घेरने की कोशिश करते हैं। आप यह भी जानती है कि आगामी चुनाव में भाजपा को यदि कोई पार्टी थोड़ी-बहुत चुनौती दे सकती है तो वह सपा ही है। इसलिए उसकी कोशिश सपा के साथ गठबंधन की है। संजय सिंह जुलाई में भी अखिलेश से मिले थे। इस मुलाकात को उस समय भी खूब हवा दी गई थी।आप प्रभारी संजय और अखिलेश यादव की मुलाकात
आम आदमी पार्टी उत्तर प्रदेश में पैर जमाने के लिए समाजवादी पार्टी का साथ चाह रही है। हालांकि, अभी तक सीटों की संख्या तय नहीं है। अखिलेश यादव से मुलाकात के बाद संजय सिंह ने कहा कि भाजपा के शासन से उत्तर प्रदेश को मुक्त कराने के लिए समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव से सार्थक मुलाकात हुई। हम दोनों के बीच समान मुद्दों पर रणनीतिक चर्चा हुई है।लखनऊ में 28 को होने वाली केजरीवाल की रैली स्थगित
बीजेपी के डर से आप ने 28 नवंबर को राजधानी लखनऊ में आयोजित होने वाली अरविंद केजरीवाल की रोजगार गारंटी रैली को स्थगित कर दिया है। दरअसल पीएम मोदी-योगी की जनसभाओं में लाखों की भीड़ उमड़ रही है। आप के लिए अपने बूते पर इतनी भीड़ जुटाना मुश्किल है, इसलिए इसे गठबंधन होने तक के लिए टाल दिया गया है। हालांकि, आप के यूपी प्रभारी संजय सिंह ने दलील दी है कि इस दिन अध्यापक पात्रता परीक्षा (टीईटी) की परीक्षा है और लाखों युवा इसमें शामिल होंगे। ऐसे में प्रशासन ने रैली आयोजित करने की अनुमति नहीं दी।

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