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पेटेंट फाइलिंग में भारत की वृद्धि दर दुनिया में सबसे ज्यादा! 2022 में 77 हजार पेटेंट आवेदन, इनोवेशन का पावरहाउस बनने की ओर अग्रसर देश

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प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के विकसित भारत विजन के तहत केंद्र सरकार जिस तरह से रिसर्च और नई खोज के लिए लगातार बेहतर माहौल बना रही है उसके परिणाम भी सामने आने लगे हैं। भारत में जिस तरह से पेटेंट फाइलिंग बढ़ रही है, उससे पता चलता है कि देश नवाचार का पावरहाउस बनने की राह पर है। भारत में पेटेंट फाइलिंग जोरदार तरीके से बढ़ रही है और यह वृ्द्धि दुनिया में सबसे ज्यादा है। विश्व बौद्धिक संपदा संगठन (डब्ल्यूआईपीओ) के ताजा आंकड़े बताते हैं कि साल 2022 में भारतीयों ने रिकॉर्ड 77 हजार पेटेंट आवेदन फाइल किए। ये पिछले साल के मुकाबले 31.6% ज्यादा हैं। ये बढ़त दुनिया में सबसे ज्यादा है। भारत में पेटेंट आवेदनों में बहुत तेजी से वृद्धि हो रही है। इसको लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी खुशी जताई है। उन्होंने कहा कि यह युवाओं के बढ़ते नवोन्मेषी उत्साह को दर्शाती है और आने वाले समय के लिए यह बहुत सकारात्मक संकेत है।

2022 में भारतीयों ने रिकॉर्ड 77 हजार पेटेंट आवेदन फाइल किए
भारतीयों का रुझान रिसर्च की ओर तेजी से बढ़ रहा है। विश्व बौद्धिक संपदा संगठन (डब्ल्यूआईपीओ) के ताजा आंकड़े बताते हैं कि साल 2022 में भारतीयों ने रिकॉर्ड 77 हजार पेटेंट आवेदन फाइल किए। ये पिछले साल के मुकाबले 31.6% ज्यादा हैं। ये बढ़त दुनिया में सबसे ज्यादा है। दूसरी तरफ दुनया के कुल पेटेंट आवेदनों में आधे आज भी चीन के हैं। इसके बावजूद उसके आवेदनों की संख्या सिर्फ 3.1 फीसदी ही बढ़ी है।

भारत ने बनाया 11 साल का रिकार्ड, पीछे छूटा चीन
वर्ल्ड इंटलेक्चुअल प्रॉपर्टी ऑर्गनाइजेशन (WIPO) की ये रिपोर्ट कहती है कि 2022 में दुनियाभर में रिकॉर्ड संख्या में पेंटेंट रजिस्टर हुए हैं। इनकी संख्या 3.46 करोड़ है. ये लगातार तीसरा साल है जब पेटेंट एप्लीकेशन में ग्रोथ देखने को मिली है। रिपोर्ट के मुताबिक 2022 में भारत में रहने वाले लोगों द्वारा दाखिल पेटेंट एप्लीकेशन में रिकॉर्ड 31.6% की ग्रोथ दर्ज की गई है। ये लगातार 11वां साल है जब भारत ने इसमें ग्रोथ दर्ज की है। वहीं दुनिया के टॉप-10 देशों में भारत इकलौता ऐसा देश के जिसने पेटेंट एप्लीकेशन फाइल करने में इतनी बड़ी ग्रोथ दर्ज की है।

घरेलू पेटेंट फाइलिंग की हिस्सेदारी बढ़कर 44 प्रतिशत हुई
वहीं अप्रैल 2023 में टेक्नोलॉजी के क्षेत्र में काम करने वाली एक एनजीओ नैसकॉम (NASSCOM) की रिपोर्ट ‘अनपैकिंग इंडियाज़ आईपी इकोसिस्टम फॉर एन इनोवेशन लेड फ्यूचर’ है। रिपोर्ट में कहा गया है कि वित्त वर्ष 2021 में 41.6% की तुलना में 2022 में घरेलू पेटेंट फाइलिंग की हिस्सेदारी बढ़कर 44.4 प्रतिशत हो गई है। इससे पता चलता है कि उभरती प्रौद्योगिकियों में पेटेंट फाइलिंग भारत में गति प्राप्त कर रहा है।

AI, IoT, Big Data में सबसे ज्यादा पेटेंट फाइलिंग
नैसकॉम के मुताबिक वित्तीय वर्ष 2010 और 2022 के बीच 5,84,000 पेटेंट फाइलिंग हुई। इनमें से 2,66,000 पेटेंट फाइलिंग प्रौद्योगिकी डोमेन से थे। इन प्रौद्योगिकी डोमेन से जुड़े मामलों में 1,60,000 उभरती प्रौद्योगिकी जैसे आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस(AI), IoT, Big Data, साइबर सिक्योरिटी और ब्लॉकचेन से जुड़े थे। अगर टेलीकम्युनिकेशन सेक्टर की बात करें तो दूरसंचार क्षेत्र में दाखिल किए गए कुल पेटेंट में से करीब 2.4 प्रतिशत 5G और 6G जैसे उभरते क्षेत्रों से संबंधित थे।

AI और IoT में भारत के पेटेंट फाइलिंग में हिस्सेदारी 50 प्रतिशत
नैसकॉम की रिपोर्ट से ये भी पता चलता है कि 2010 से 2022 के बीच बिल्डिंग ऑटोमेशन, स्मार्ट वियरेबल्स जैसे उभरते तकनीक के लिए AI और IoT (Internet of things) से संबंधित भारत के पेटेंट फाइलिंग में हिस्सेदारी 50 प्रतिशत से ज्यादा रही है। पेटेंट फाइलिंग में इस रुझान पर नैसकॉम के अध्यक्ष देबजानी घोष का कहना है कि भारत द्वारा उभरती प्रौद्योगिकियों को अपनाने से नवाचार (innovation) में वृद्धि हुई है।

चीन का ग्रोथ रेट गिरा, 6.8 से गिरकर 3.1 प्रतिशत हुई
रिपोर्ट के आंकड़ों के हिसाब से चीन के पेटेंट दाखिल करने की ग्रोथ रेट गिर रही है। ये गिरावट का लागातार दूसरा साल है। साल 2021 में चीन की पेटेंट एप्लीकेशन फाइल करने की ग्रोथ रेट 6.8 प्रतिशत थी। 2022 में घटकर ये 3.1 प्रतिशत रह गई है। हालांकि दुनियाभर से आई कुल पेटेंट एप्लीकेशन में से करीब आधी सिर्फ चीन से आई हैं।

ग्लोबल इनोवेशन इंडेक्स में सुधरता रैंकिंग, 81 से 40 पर पहुंचा
वित्त वर्ष 2015-16 में ग्लोबल इनोवेशन इंडेक्स में भारत 81वें पायदान पर था, जो 2023 में सुधरकर 40वें स्थान पर पहुंच गया। ये रैंकिग दिखाता है कि पिछले 7-8 साल में भारत में इनोवेशन को बढ़ाने और नए रिसर्च को लेकर बहुत ज्यादा ध्यान दिया गया है और इन सबका ही नतीजा है कि देश में पेटेंट फाइल करने की संख्या में भी तेजी से वृद्धि हो रही है।

मोदी सरकार की पहल से पेटेंट फाइलिंग में जबरदस्त उछाल
अगर भारत में पेटेंट फाइलिंग में हाल के वर्षों में तेजी से बढ़ोतरी हो रही है, तो इसका साफ मतलब है कि यहां रिसर्च और नई खोज को बढ़ावा मिल रहा है। इसके लिए संस्थागत के साथ ही वित्तीय मदद भी बढ़ाई जा रही है। मोदी सरकार के नौ साल के कार्यकाल में देश में रिसर्च और नई खोज को बढ़ावा दिया है जिससे इसमें काम खूब हो रहा है। यही वजह है कि 2022 में पेटेंट आवेदन में सबसे ज्यादा तेजी आई है। यह स्पष्ट है कि जिस देश में पेटेंट की फाइलिंग ज्यादा होती है, उसमें इनोवेशन और नए-नए विचारों पर रिसर्च जाता होता है।

नेशनल आईपीआर अवेयरनेस मिशन का मिल रहा फायदा
भारत में पेटेंट फाइलिंग के मामले को बढ़ाने में नेशनल आईपीआर अवेयरनेस मिशन का अहम योगदान रहा है। पीएम मोदी के पहल से National Intellectual Property Awareness Mission (NIPAM) 8 दिसंबर 2021 को शुरू किया गया था। इसका मकसद साल भर के भीतर देश के 10 लाख छात्रों में बौद्धिक संपदा यानी intellectual property और उसके अधिकारों को लेकर जागरूकता लाना था। इसका उद्देश्य उच्च शिक्षा (कक्षा 8 से 12) के छात्रों में रचनात्मकता और नवाचार की भावना पैदा करना है। साथ ही कॉलेज/विश्वविद्यालयों के छात्रों को नवाचार करने और उनके इनोवेशन की रक्षा करने के लिए प्रेरित करना है। इस मिशन के जरिए भारत सरकार चाहती है कि देश में बौद्धिक संपदा अधिकारों (IPR) को लेकर एक मजबूत इकोसिस्टम बने। इस मिशन से पेटेंट के महत्व को लेकर लोगों में रुचि बढ़ी है और इससे संबंधित सभी स्टेकहोल्डर को फायदा पहुंचा है।

पेटेंट फाइलिंग को बढ़ावा देने के लिए IP चेयर्स की घोषणा
मोदी सरकार लगातार कोशिश कर रही है कि देश में पेटेंट फाइलिंग को लेकर लोग जागरूक हों और अपने-अपने आइडिया और इनोवेशन को पेटेंट कराने के लिए आवेदन करें। इसके लिए सरकार ने 26 अप्रैल को वर्ल्ड इंटेलेक्चुअल प्रॉपर्टी डे के मौके पर 19 नए IP चेयर्स की घोषणा की है। इससे अब इनकी संख्या 14 से बढ़कर 33 हो गई है। निजी तौर से और संस्थागत स्तर पर भी बौद्धिक संपदा अधिकारों की रक्षा हो, इसके लिए सरकार की ओर से 22 नए टेक्नोलॉजी एंड इनोवेशन सपोर्ट सेंटर (TISC) की घोषणा की गई है। इससे व्यक्तिगत पेटेंट फाइलर, एसएमई और स्टार्टअप को पेटेंट फाइलिंग में मदद मिलेगी। केंद्र सरकार ने 12 मई 2016 में राष्ट्रीय बौद्धिक संपदा अधिकार (IPR) नीति को अपनाई थी। उसके बाद से देश में पेटेंट फाइलिंग को लेकर जागरूकता बढ़ी है। इस नीति का मकसद देश में बौद्धिक संपदा अधिकारों का संरक्षण करना और पेटेंट फाइलिंग की संख्या में इजाफा करना है। यह सब पीएम मोदी की पहल से संभव हो रहा है। पहले की कांग्रेस सरकारों ने तो इस क्षेत्र को उपेक्षित ही छोड़ दिया था।

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