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मोदी सरकार के डिजिटल इंडिया अभियान की बड़ी सफलता, पकड़े गए 44 लाख फर्जी राशन कार्ड, पीडीएस सिस्टम में धोखाधड़ी पर लगी रोक

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प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने योग्य लाभार्थियों को उनका पूरा हक दिलाने और फर्जी लाभार्थियों को पकड़ने के लिए डिजिटल इंडिया अभियान की शुरुआत की थी। गरीब लोगों के जनधन खाते खोले गए। विभिन्न योजनाओं को आधार से जोड़ा गया। डीबीटी के जरिए लाभार्थियों के खाते में सब्सिडी की रकम भेजी जा रही है, जिससे मोदी सरकार को फर्जिवाड़े पर रोक लगाने में बड़ी सफलता मिली है। सरकार ने पब्लिक डिस्ट्रीब्युशन सिस्टम (पीडीएस) के तहत 43 लाख 90 हजार फर्जी और अवैध राशन कार्ड को रद्द कर दिया है।

मोदी सरकार की तरफ से यह कदम उठाया गया है ताकि योग्य लाभार्थियों को राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम के तहत सब्सिडी वाला अनाज वितरित किए जा सकें। खाद्य मंत्रालय के एक अधिकारी का कहना है कि फर्जी राशन कार्ड की पहचान करना जरूरी है। साल 2013 से पहले बड़ी संख्या में फर्जी और डुप्लीकेट राशन कार्ड थे। बीते छह साल में मोदी सरकार ने इस धोखाधड़ी को रोकने पर ध्यान केंद्रित किया,जिसमें उसे अप्रत्याशित सफलता मिली है और हजारों करोड़ रुपये गलत हाथों में जाने से बच गया।

अधिकारी के मुताबिक राशन कार्डों के डिजिटलीकरण अभियान से सार्वजनिक वितरण प्रणाली को पारदर्शी बनाने और दक्षता में सुधार लाने में मदद मिली है। उन्होंने कहा कि अयोग्य राशन कार्डों को हटाते समय, हम प्रत्येक राज्य और केंद्र शासित प्रदेशों के लिए परिभाषिति कवरेज के भीतर नये लाभार्थियों को जोड़ते रहते हैं।

मोदी सरकार ‘एक राष्ट्र, एक राशन कार्ड’ योजना पर भी तेजी से काम कर रही है। इसके तहत देश के किसी भी हिस्से में योग्य व्यक्ति को सरकारी ​सब्सिडी दर पर राशन मिल सकेगा। अब तक, सरकार को नेशनल पोर्टेबिलिटी क्लस्टर के तहत 28 राज्यों व केंद्रशासित प्रदेशों को इस योजना के लिए एक साथ लाने में सफलता मिली है। इस योजना से प्रवासी मजदूरों को भी लाभ मिलेगा। 

गौरतलब है कि राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम के तहत करीब 81.35 करोड़ लोगों को राशन मिलता है। यह देश की आबादी का लगभग दो-तिहाई हिस्सा है। फिलहाल करीब 80 करोड़ लोगों को प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्र योजना के तहत हर महीने 5 किलो मुफ्त अनाज मिल रहा है। इस योजना को मार्च 2020 में कोरोना वायरस महामारी से उत्पन्न स्थिति से लड़ने के लिए शुरू किया गया था।

इस अधिनियम के तहत सब्सिडी दर पर 4.2 करोड़ टन अनाज वि​तरित किया जाता है। गेहूं को 2 रुपये प्रति किलोग्राम और चावल 3 रुपये प्रति किलोग्राम के भाव से यह वितरित किया जाता है। इसके अलावा प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्र योजना के तहत हर महीने 3.2 करोड़ टन मुफ्त अनाज का वितरण किया जा रहा है।

 

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