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मोदी सरकार की नीतियों का असर, मुख्यधारा से जुड़ रहे पूर्वोत्तर के उग्रवादी, अरुणाचल प्रदेश में 15 उग्रवादियों ने किया आत्मसमर्पण

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प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने देश की बागडोर संभालने के बाद पूर्वोत्तर में शांति और तेज विकास पर ध्यान दिया। उन्होंने पूर्वोत्तर के दूर दराज के इलाकों और मुख्यधारा से कटे लोगों तक विकास को पहुंचाकर उनका दिल जीत लिया है। जो पूर्वोत्तर पहले दिल्ली से दूर माना जाता था, आज प्रधानमंत्री मोदी के प्रयास से काफी करीब हो गया है। पूर्वोत्तर के लगातार दौरे और वहां के लोगों से जुड़ाव का असर है कि हाल ही में हुए तीन राज्यों के विधानसभा चुनाव में बीजेपी ने अच्छा प्रदर्शन किया। वहीं भारत के खिलाफ हथियार उठाकर देश की एकता और अखंडता को चुनौती देने वाले उग्रवादी और अलगाववादी भी हथियार छोड़कर अब देश की मुख्यधारा से जुड़ रहे हैं।

दरअसल रविवार (12 मार्च, 2023) का दिन पूर्वोत्तर में शांति की दृष्टि से काफी महत्वपूर्ण साबित हुआ। इस्टर्न नगा नेशनल गवर्नमेंट (ईएनएनजी) के 15 उग्रवादियों ने पुलिस मुख्यालय में आयोजित ‘घर वापसी’ समारोह में अरुणाचल के मुख्यमंत्री पेमा खांडू के सामने आत्मसमर्पण कर दिया। इस दौरान  राज्य के गृह मंत्री बामांग फेलिक्स, उप मुख्यमंत्री चोना मीन, असम राइफल्स के अधिकारी भी मौजूद थे। पुलिस अधीक्षक रोहित राजबीर सिंह के मुताबिक उग्रवादियों ने संगठन प्रमुख तोशाम मोसांग के नेतृत्व में भारी मात्रा में गोलाबारुद के साथ आत्मसमर्पण किया। उग्रवादियो ने पुलिस को जिन हथियारों को सौंपा उनमें दो एके-47 राइफल, चीन निर्मित नौ एमक्यू श्रृंखला के हथियार, एक पिस्तौल, 19 मैगजीन, चार चीनी हथगोले और अन्य गोलाबारूद शामिल है। 

मुख्यमंत्री खांडू ने उग्रवादियों के आत्मसमर्पण को ऐतिहासिक करार दिया। साथ ही कहा कि यह सब राज्य पुलिस और असम राइफल्स के संयुक्त रूप से चलाए गए अभियान का परिणाम है। जिसमें सख्ती के साथ बातचीत का रास्ता भी अपनाया गया। मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी का लक्ष्य पूर्वोत्तर में शांति बहाल करना है। इसके लिए उग्रवादियों को हथियार छोड़ने और शांतिवार्ता शुरू करने के लिए प्रेरित किया जा रहा है। इसकी वजह से पहले भी कई उग्रवादियों ने शांति के मार्ग पर चलने का फैसला किया और मुख्यधारा से जुड़े।

ईएनएनजी के प्रमुख और 14 उग्रवादियों के आत्मसमर्पण करने से इस संगठन का अस्तित्व लगभग खत्म हो चुका है। इससे उत्साहित मुख्यमंत्री खांडू ने उम्मीद जताई कि आने वाले समय में अन्य संगठनों के उग्रवादी भी इसका अनुसरण करते हुए आत्मसमर्पण करेंगे। उन्होंने आत्मसमर्पण करने वाले उग्रवादियों को सरकार की तरफ से हरसंभव मदद और पुनर्वास का भरोसा दिया। उन्होंने कहा कि बंदूक की संस्कृति किसी भी समस्या का समाधान नहीं हो सकती है।

गौरतलब है कि पूर्वोत्तर का दौरा करने के मामले में प्रधानमंत्री मोदी ने अपने पूर्ववर्ती प्रधानमंत्रियों को पीछे छोड़ दिया है। 2014 में पहली बार देश का प्रधानमंत्री बनने के बाद से अब तक वह 51 बार पूर्वोत्तर का दौरा कर चुके हैं। प्रधानमंत्री मोदी ने सुनिश्चित किया है कि केंद्र का एक मंंत्री हर 15 दिन पर पूर्वोत्तर के राज्यों का दौरा करें और वहां चल रहे विकास कार्यों का जायजा लें। प्रधानमंत्री मोदी पूर्वोत्तर के विकास के लिए एक्ट ईस्ट पॉलिसी अपनाई है। इस पॉलिसी की वजह से पूर्वोत्तर में तेजी से बदलाव आ रहा है और इसका लाभ आम लोगों को भी मिल रहा है।

 

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